बाल गंगाधर तिलक को जेल क्यों हुई? - baal gangaadhar tilak ko jel kyon huee?

विषयसूची

  • 1 बाल गंगाधर तिलक को लोकमान्य की उपाधि क्यों दी गई?
  • 2 बाल गंगाधर तिलक का नारा क्या था?
  • 3 स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है किसका नारा है?
  • 4 बाल गंगाधर तिलक का राजनीतिक गुरु कौन थे?
  • 5 राजनीतिक सुधारों के बारे में तिलक के क्या विचार थे?

बाल गंगाधर तिलक को लोकमान्य की उपाधि क्यों दी गई?

इसे सुनेंरोकेंबाल गंगाधर तिलक बचपन से ही एक मेधावी छात्र थे। अंग्रेज सरकार की नीतियों के विरोध के चलते एक समय उन्हें मुकदमे और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। साल 1897 में पहली बार तिलक पर राजद्रोह का मुकदमा चला और उन्हें जेल भेज दिया गया। इस मुकदमे और सजा के चलते उन्हें लोकमान्य की उपाधि मिली।

बाल गंगाधर तिलक के पिता का क्या नाम था?

श्री गंगाधर तिलक
बाल गंगाधर तिलक/पिता

बाल गंगाधर तिलक का नारा क्या था?

इसे सुनेंरोकेंलोकमान्य बाल गंगाधर तिलक वही महान शख्सियत हैं, जिन्होंने ‘स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा’ का नारा दिया था। अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई में इस नारे का काफी प्रचलन था। एक अगस्त 1920 को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का मुंबई में देहांत हो गया था।

बाल गंगाधर तिलक को महात्मा गांधी ने कौन सी उपाधि दी?

इसे सुनेंरोकें1896-97 ई. में इन्होंने संपूर्ण महाराष्ट्र में कर न देने का आंदोलन चलाया। इसी दौरान जनता ने इन्हें ‘लोकमान्य’ की उपाधि दी।

स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है किसका नारा है?

इसे सुनेंरोकें”स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, और हम इसे लेकर रहेंगे”. यह नारा दिया था स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने. तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के एक गांव चिखली में हुआ था. जन्म के समय उनका नाम केशव गंगाधर तिलक रखा गया था.

बाल गंगाधर तिलक जी का जन्म कब हुआ?

23 जुलाई 1856
बाल गंगाधर तिलक/जन्म तारीख

बाल गंगाधर तिलक का राजनीतिक गुरु कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंगांधी गोपालकृष्ण गोखले को अपना गुरू बताते थे लेकिन उन्हें पॉलिटिकल एक्शन सिखाने में बाल गंगाधर तिलक का भी बड़ा योगदान है.

1960 में बाल गंगाधर तिलक को कितने वर्ष की जेल हुई थी?

इसे सुनेंरोकेंउन्‍हें 6 साल के लिए बर्मा के मंडले जेल भेज दिया गया और साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जेल में रहने के दौरान भारतीय राष्‍ट्रवादी आंदोलन को लेकर उनके विचारों ने आकार लिया और साथ ही उन्‍होंने 400 पन्‍नों की किताब गीता रहस्‍य भी लिख डाली.

राजनीतिक सुधारों के बारे में तिलक के क्या विचार थे?

इसे सुनेंरोकेंउदारवादी नेताओं के विपरीत तिलक राजनीतिक अधिकारी व सुधार के लिए सरकार पर दबाव डालना चाहते थे। इसके लिए वे बलिदान, त्याग के लिए भी तैयार थे। उनका मत था कि यदि स्वराज्य संवैधानिक साधनों से प्राप्त नहीं होता है, तो हिंसात्मक साधनों को महण करने में कोई बुराई नहीं है।

तिलक का धैर्य

| Updated: Sep 27, 2016, 9:09 AM

स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नायक बाल गंगाधर तिलक का व्यक्तित्व अनेक विशेषताओं का संगम था...

बाल गंगाधर तिलक को जेल क्यों हुई? - baal gangaadhar tilak ko jel kyon huee?
तिलक का धैर्य

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स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नायक बाल गंगाधर तिलक का व्यक्तित्व अनेक विशेषताओं का संगम था। वह राजनीति के महापंडित तो थे ही, अपने देश की आजादी के लिए अंग्रेज सरकार के लिए सबसे बड़ी समस्या भी थे। उनको हम तत्व चिंतक, धर्म प्रवर्तक भी कह सकते हैं। जब उन्होंने आजादी की लड़ाई में अंग्रेज सरकार के सामने समस्याएं खड़ी करनी शुरू कीं तो अंग्रेज सरकार ने उन्हें छह वर्ष के लिए मंडाले के कारागृह में भेज दिया। वहां तिलक ने न केवल राजनीतिक स्थितियों का गहन विश्लेषण करना शुरू किया बल्कि जीवन की गहराई पर भी गंभीर चिंतन किया। गीता पर आधारित गीता रहस्य उन्होंने उसी कारागृह में लिखी। लेकिन जेल की सजा तो जेल की सजा ही होती है। वहां उनके शरीर को व्याधियों ने घेर लिया। उनकी मुश्किलें तब और बढ़ गयीं जब उन्हें अपनी पत्नी की मौत की खबर मिली। बहुत धैर्य से उन्होंने इस वज्रपात को सहन किया।

उन्होंने अपने घर एक खत लिखकर कहा कहा, 'मेरे मन को धक्का तो जरूर लगा है। मैंने संकटों का सामना हमेशा धैर्य के साथ किया है, लेकिन इस खबर ने मुझे भी विचलित कर दिया है। हम हिंदू लोग मानते हैं कि पति से पहले पत्नी की मृत्यु होती है, तो वह भाग्यवान है। उसके साथ भी ऐसा ही हुआ है। उसकी मृत्यु के समय मैं उसके करीब नहीं था, इसका मुझे बहुत अफसोस है। परंतु मैं अपने दुख भरे विचार सुना कर आप सबको और दुखी नहीं करना चाहता। मेरी गैरमौजूदगी में बच्चों को ज्यादा दुख होना स्वाभाविक है। उन्हें मेरा संदेशा पहुंचा दीजिए कि जो होना था, वह हो चुका है।' तिलक के लिए पत्नी के निधन का संवाद एक कठिन परीक्षा के समान था। किंतु उन्होंने अपना धीरज न खोते हुए परिवारवालों का धैर्य बंधाया और उस मुश्किल को सफलतापूर्वक पार किया।

संकलन: ललित गर्ग

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तिलक को जेल में क्यों डाला गया?

1908 में लोकमान्य तिलक ने क्रान्तिकारी प्रफुल्ल चाकी और क्रान्तिकारी खुदीराम बोस के बम हमले का समर्थन किया जिसकी वजह से उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) स्थित मांडले की जेल भेज दिया गया

1908 में बाल गंगाधर तिलक को कितने वर्ष की जेल हुई?

3 जुलाई, 1908 को बाल गंगाधर तिलक को अंग्रेजों ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। बर्मा के मांडले में 1908 से 1914 तक तिलक को छह साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

बाल गंगाधर तिलक पहली बार जेल कब गए थे?

अंग्रेज सरकार की नीतियों के विरोध के चलते एक समय उन्हें मुकदमे और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। साल 1897 में पहली बार तिलक पर राजद्रोह का मुकदमा चला और उन्हें जेल भेज दिया गया। इस मुकदमे और सजा के चलते उन्हें लोकमान्य की उपाधि मिली।

बाल गंगाधर तिलक क्या चाहते थे?

तिलक भिखारीपन में स्वतंत्रता प्राप्त नहीं करना चाहते थे, बल्कि उनका उद्देश्य 'सरकार का निष्क्रिय विरोध' था। हालांकि, उन्होंने स्वराज की उपलब्धि के लिए हिंसक साधनों पर विश्वास नहीं किया। उनके निष्क्रिय विरोध का अर्थ यह था कि ऐसा कोई काम नहीं किया जाना चाहिए जो अंग्रेजी के लिए सहायक हो।