These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 3 अंबा और भीष्म are prepared by our highly skilled subject
experts. Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 3 पाठाधारित प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न
2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 3 सत्यवती के बड़े पुत्र चित्रांगद गंधर्वो के द्वारा युद्ध में मारे जाने के उपरांत विचित्र वीर्य हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठे। उस समय उनकी आयु काफ़ी कम थी। अतः हस्तिनापुर का राज-काज भी भीष्म को ही संभालना पड़ा। विचित्र वीर्य के विवाह योग्य होने पर भीष्म को उनके विवाह की चिंता हुई। उन्हें पता चला कि काशीराज की पुत्री का स्वयंवर होने वाला है। भीष्म भी स्वयंवर में पहुँच गए। भीष्म को देखकर सभी राजाओं के बीच चर्चा होने लगी कि इन्होंने जीवनभर ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा की थी। क्या वह झूठी थी, यह जानकर काशीराज की पुत्रियों ने भी भीष्म की अवहेलना की। भीष्म इस अवहेलना को सहन नहीं कर पाए। वे बलपूर्वक काशीराज की तीनों पुत्रियों को रथ पर बैठाकर हस्तिनापुर चल पड़े। इसके बाद शल्य ने भीष्म का पीछा करके उसे रोकने का काफ़ी प्रयास किया। भीष्म और शल्य के बीच भयंकर युद्ध हुआ। भीष्म ने शल्य को हरा दिया लेकिन काशीराज की पुत्रियों के अनुरोध पर शल्य को जीवित छोड़ दिया। हस्तिनापुर पहुँचकर जब भीष्म विचित्रवीर्य के साथ विवाह के लिए काशीराज की पुत्रियों को विवाह मंडप पर ले जाने लगे तो काशीराज की बड़ी पुत्री अंबा ने भीष्म को एकांत में बुलाकर कहा कि मैं राजा शल्य से प्रेम करती हूँ। मैंने उन्हें अपना पति मान लिया है। भीष्म ने अंबा को शल्य के पास भेज दिया लेकिन शल्य ने यह कहकर लौटा दिया कि भीष्म ने सभी राजाओं के सामने उसे हरा दिया और तुम्हें हरण कर ले गया है, इसलिए अब मैं तुम्हें स्वीकार नहीं कर सकता। इसके बाद अंबा पुनः हस्तिनापुर लौट गई। विचित्रवीर्य भी अंबा से विवाह के लिए तैयार नहीं हुए। अंबा ने भीष्म से कहा अब आप ही मेरे साथ विवाह करें लेकिन भीष्म ने अपनी प्रतिज्ञा के बारे में बताया कि वह किसी के साथ शादी नहीं कर सकते। अंबा इस प्रकार हस्तिनापुर और सौम्य देश के बीच भटकती रही। उसके मन में आक्रोश की आग जलने लगी। भीष्म से बदला लेने के लिए वह अनेक राजाओं के पास गई लेकिन कोई राजा भीष्म के साथ युद्ध करने के लिए तैयार नहीं हुआ। अंबा ने अपनी व्यथा परशुराम को सुनाई। परशुराम ने भीष्म के साथ युद्ध किया लेकिन उनकी पराजय हुई। उसके बाद अंबा वन में गई और वहाँ तपस्या करने लगी। तप के प्रभाव से वह स्त्री से पुरुष बन गई। पुरुष बनने के बाद उसने अपना नाम शिखंडी रखा। कौरवों और पांडवों के मध्य हुआ तो शिखंडी ने अर्जुन का सारथी बनकर भीष्म से अपना प्रतिशोध लिया। भीष्म ने शिखंडी पर बाण चलाना अपनी वीरोचित प्रतिष्ठा के खिलाफ़ समझा। इसी बीच अर्जुन ने भीष्म पर बाणों से प्रहार करके विजय प्राप्त की। शब्दार्थ: पृष्ठ संख्या-7 पृष्ठ संख्या-8 भीष्म और शाल्व के बीच युद्ध क्यों हुआ?सौभदेश का राजा शाल्व बड़ा वीर था । काशिराज की सबसे बड़ी कन्या अंबा उस पर अनुरुक्त थी और उसको मन-ही-मन अपना पति मान चुकी थी । शाल्व ने भीष्म के रथ का पीछा किया और उसको रोकने का प्रयत्न किया। इस पर भीष्म और शाल्व के बीच घोर युद्ध छिड़ गया ।
शर शैया पर पड़े भीष्म ने कर्ण से क्या कहा?उत्तर: शर-शय्या पर पड़े भीष्म ने कर्ण से कहा- बेटा, तुम राधा के पुत्र नहीं, कुंती के पुत्र हो सूर्यपुत्र। वीरता में तुम कृष्ण और अर्जुन के बराबरी हो। तुम पांडवों के बड़े भाई हो।
5 महाभारत के युद्ध में कौन से दो राजा तटस्थ रहे?महाभारत युद्ध के समय सारे भारतवर्ष में, सिर्फ दो ही राजा युद्ध में शामिल नहीं हुए थे एक बलराम और दूसरे भोजकट के राजा रुक्मी। रुक्मी की छोटी बहन रुक्मिणी श्रीकृष्ण की पत्नी थीं।
भीष्म ने शरीर का त्याग कब किया?माघ माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पितामह भीष्म ने अपने शरीर का त्याग किया था। यह दिन उनका निर्वाण दिवस है। महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद जब भगवान सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण हुए तब पितामह भीष्म ने अपना शरीर त्यागा।
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