संविधान के निर्माताओ ने संविधान के महत्व को सामाजिक-राजनीतिक उद्देश्यों के स्तर पर समझाने के लिए एक प्रस्तावना/उद्देशिका (Preamble) का निर्माण किया, जिसके रूप में भारत के संविधान की मसौदा समिति कल्याणकारी राज्य और समतामूलक समाज की स्थापना करना चाहती थी | यह संविधान का परिचय है जिसे संविधान में सबसे पढ़ा जाता है और संविधानिक ढाँचे के रूप में जाना जाता है | Show जिस प्रकार किसी किताब को पूरा पढ़े बिना आप उसकी प्रस्तावना के माध्यम से जान सकते है कि किताब के अंदर क्या है ठीक उसी प्रकार संविधान की प्रस्तावना भी काम करती है और संविधान को पूरा पढ़े बिना ही हमे संविधान के बारे में उसकी उद्देशिका से ही बहुत कुछ संक्षेप में प्राप्त हो जाता है | सबसे पहले देश के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहर ने भारत के संविधान की प्रस्तावना (Preamble), 13 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा में पेश किया जिसे उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Resolution) कहा गया, बाद में इसे 22 जनवरी, 1947 मेंअपना लिया गया तथा 26 जनवरी 1950 को इसे पूर्ण रूप से भारत में लागू कर दिया गया | इसलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है | संविधान प्रस्तावना को हमारे संविधान की आत्मा कहा जाता है ऐसा इसलिए है क्योंकि संविधान को इससे अच्छी तरह से संक्षेप रूप में प्रस्तुत किया गया है | गोलक नाथ बनाम पंजाब राज्य AIR 1967 SC 1643 के मामले में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश, सुब्बा राव ने यह कहा था कि “एक अधिनियम की प्रस्तावना, उसके उन मुख्य उद्देश्यों को निर्धारित करती है, जिसे प्राप्त करने का इरादा कानून रखता है” भारतीय संविधान क्या है ?
‘’हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में, व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ईस्वी (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।,, नोट: आपातकाल के दौरान लागू वर्ष 1976 के 42वें संविधान संशोधन द्वारा, “समाजवादी” और “पंथनिरपेक्ष” शब्द भी प्रस्तावना में जोड़े गए | संविधान के मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य क्या है उद्देशिका या प्रस्तावना का अर्थ (Meaning of Preamble)हमे संविधान के प्रयोग हुए शब्दार्थ के साथ-साथ इसके भावार्थ भी समझने होंगे ताकि संविधान के अनुरूप हम उसकी प्रस्तावना भली प्रकार से समझ सके:- संप्रभुता (Sovereignty)संप्रभुता का सीधा अर्थ अपने फैसले स्वयं लेने से है अर्थात भारत अपने देश के लिए लोकहित में फैसले स्वयं लेगा और किसी भी अन्य देश का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा | समाजवादी (Socialist)1976 के 42वें संविधान संशोधन के द्वारा समाजवादी जोड़ा गया है और इसका मतलब समाज में सभी व्यक्ति समान है और ऐसा न होने पर राज्य की जिम्मेदारी है वह अपनी नीतियों से समाज में समाजवाद की स्थापना करे | केंद्र शासित प्रदेश (UNION TERRITORY) क्या है धर्मनिरपेक्ष (Secular)1976 के 42वें संविधान संशोधन के द्वारा यह शब्द जोड़ा गया था | इसका मतलब है कि राज्य का कोई धर्म नहीं होगा अर्थात राज्य सभी धर्मो को समान भाव से देखेगा और समान रूप से सभी धर्मो के लोगो का संरक्षण करेगा | यहाँ धर्मनिरपेक्ष के स्थान पर कही-कही पंथनिरपेक्ष का प्रयोग किया गया है जिसका मतलब है धर्म मात्र एक पूजा पदत्ति नहीं है अपितु यह जीवन आधारित मूल्य है | लोकतांत्रिक (Democratic)डेमोक्रेटिक या लोकतंत्र का मतलब देश में शासन की जवाबदेह जनता के प्रति होगी जिसे जनता द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से चुना जाएगा | इसके विषय में संसद, राष्ट्रपतिऔर केंद्र – राज्य सरकार के विषय में पहले ही चर्चा की जा चुकी है | संसद क्या है गणतंत्र (The republic)यहाँ गणतन्त्र से मतलब है कि राज्य के प्रमुख व राज्य निर्माण में सहयोग देने के लिए विधायिका के सदस्य जनता द्वारा चुने हुए होते है, यहाँ तक की देश का सर्वोचय पद राष्ट्रपति का भी चुनाव होता है जैसे भारत और अमेरिका |
स्वतंत्रता (Freedom)संविधान में आजादी का स्वतंत्रता का अर्थ अपने अनुसार बिना रोक-टोक के कार्य करना है जिसमे पूजा का अधिकार, विचारो की अभिव्यक्ति आदि के रूप में मौलिक अधिकार है | समता (Equality)इससे आशय देश के किसी भी नागरिक को किसी भी अवसर से वंचित व अन्य लोगो से भेद भाव नहीं किया जाएगा तथा राज्य सुनिश्चित करे कि सभी नागरिक, राजनैतिक व आर्थिक रूप से बिना भेद भाव के समान अवसर मिले | बंधुत्व (Fraternity)संविधान में देश में भाईचारा के माहौल को प्रोत्साहित किया गया है और व्यक्ति का सम्मान और देश की एकता, अखंडता दोनों को साथ लेकर देश हित में सद्भाव कायम किया गयाहै | केंद्र सरकार और राज्य सरकार क्या होती है संविधान की प्रस्तावना का महत्व (Importance of Preamble)
भारत में राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य हमे उम्मीद है कि हमारे पाठको को अब भारत के संविधान की उद्देशिका या प्रस्तावना क्या है, उसकी मूल भूत संरचना, अर्थ व इसका महत्व क्या है | पसंद आने पर लेख को आगे शेयर करे | दल बदल कानून क्या है |