मार्च महीने में भाई दूज क्यों मनाई जाती है? - maarch maheene mein bhaee dooj kyon manaee jaatee hai?

हिंदी न्यूज़ धर्मHolika Dahan : 17 मार्च की अर्धरात्रि के बाद होलिका दहन, जानें होली के बाद क्यों मनाया जाता है भाई दूज का पर्व

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होली 18 मार्च को मनाई जाएगी जबकि होलिका दहन 17 मार्च की अर्धरात्रि के बाद होगा। प्रतिपदा के बाद भाई दूज का पर्व भी कई जगहों पर मनाया जाता है। इसको लेकर घरों में गुझिया, चिप्स, पापड़, मिष्ठान...

मार्च महीने में भाई दूज क्यों मनाई जाती है? - maarch maheene mein bhaee dooj kyon manaee jaatee hai?

Yogesh Joshiहिन्दुस्तान टीम,सीतापुरThu, 17 Mar 2022 05:17 AM

होली 18 मार्च को मनाई जाएगी जबकि होलिका दहन 17 मार्च की अर्धरात्रि के बाद होगा। प्रतिपदा के बाद भाई दूज का पर्व भी कई जगहों पर मनाया जाता है। इसको लेकर घरों में गुझिया, चिप्स, पापड़, मिष्ठान आदि तैयार हो रहे हैं। हिन्दू धर्म में प्रत्येक वर्ष होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व पर बच्चों से लेकर बूढ़े तक एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर खुशियां मनाते हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व में सभी एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर गले मिलते हैं। वहीं एक-दूसरे के घर जाकर पकवानों का आनन्द उठाते हैं।

होली के बाद भाई दूज मनाने का रिवाज:

मान्यता है एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी। जिसके एक बेटा था। होली पर बेटे ने मां से कहा कि हम बहन के घर तिलक कराने जाएंगे। मां ने इजाजत दे दी, बेटा बहन के घर चल दिया। रास्ते में एक नदी पड़ी, जिसने कहा हम तुम्हारी जान ले लेंगे। इस पर लड़के ने कहा कि हम अपने बहन के घर होकर तिलक करा आएं फिर ऐसा करना। भाई ने अपनी बहन के घर पहुंच कर सारी बात बताई। इसके बाद बहन उसके साथ घर वापस लौट गई और सभी संकटों का निदान भी किया। तभी से होली के बाद द्वितीय तिथि को कहीं-कहीं भाई दूज मनाने का रिवाज है। खत्री समाज और इटावा आदि जगहों पर लोग होली के बाद भाई दूज मनाते हैं।

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होलिका दहन शुभ मुहूर्त:

पंडित विवेक द्विवेदी बताते हैं कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च की रात 12.58 बजे से 2.10 बजे तक है। इसी समय अंतराल में होलिका दहन करना चाहिए। होलिका दहन में किसी वृक्ष की शाखा को जमीन में गाड़ कर उसे चारों तरफ से लकड़ी, कंडे व उपले से घेर कर निश्चित मुहूर्त में जलाना चाहिए। भारतीय नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पहली तिथि को शुरू होता है। इसके आगमन के पूर्व पुराने संवत्सर को विदाई देने और इसकी नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए होलिका दहन किया जाता है। इसको संवत जलाना भी कहते हैं।

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चैतन्य महाप्रभु की उपासना अत्यन्त शुभ फलदाई:

फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन चैतन्य महाप्रभु का जन्म हुआ था। उनको श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है। इस दिन चैतन्य महाप्रभु की पूजा उपासना भी अत्यंत शुभ फलदाई होती है। इस दिन मन की तमाम समस्याओं का निवारण हो सकता है। रोग, बीमारी, विरोधियों की समस्या से निजात मिल सकती है। आर्थिक बाधा से भी राहत मिल सकती है, अगर आप ईश्वर की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। अलग-अलग चीजों को अग्नि में डालकर अपनी-अपनी बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं।

होलिका की अग्नि में यह करें समर्पित:

अच्छे स्वास्थ्य के लिए काले तिल के दाने, बीमारी से मुक्ति के लिए हरी इलायची व कपूर, धन लाभ के लिए चंदन की लकड़ी, रोजगार के लिए पीली सरसों, विवाह व वैवाहिक समस्याओं के लिए हवन सामग्री, नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए काला सरसों का अर्पण होलिका की अग्नि में करें।

मार्च महीने में भाई दूज क्यों मनाई जाती है? - maarch maheene mein bhaee dooj kyon manaee jaatee hai?

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17 मार्च की अर्धरात्रि के बाद होलिका दहन

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भाई दूज का शुभ मुहूर्त कब है 2022?

कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त - 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक।

होली के बाद भाई दूज क्यों?

भाई ने अपनी बहन के घर पहुंच कर सारी बात बताई। इसके बाद बहन उसके साथ घर वापस लौट गई और सभी संकटों का निदान भी किया। तभी से होली के बाद द्वितीय तिथि को कहीं-कहीं भाई दूज मनाने का रिवाज है। खत्री समाज और इटावा आदि जगहों पर लोग होली के बाद भाई दूज मनाते हैं।

भाई दूज की कहानी क्या है?

श्री कृष्ण जब नरकासुर का वध करके लौटे तो उनकी बहन सुभद्रा ने पूरे विधि-विधान के साथ पुष्प वर्षा आदि से अपने भाई श्री कृष्ण और भाभी सत्यभामा का स्वागत किया। उनके लंबी आयु की रक्षा करने के लिए ईश्वर को धन्यवाद किया,इस कारण भाई दूज का त्यौहार प्रचलन में आया।

दूज कब है 2022 मार्च?

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की द्वितीया तिथि को होली भाई दूज का पर्व मनाया जाता है, इस बार होली भाई दूज 20 मार्च 2022, रविवार को है। द्वितीया तिथि 19 मार्च को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 20 मार्च को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी।