First Published: December 28, 2020 Show भारत में औद्योगिक युग की शुरुआत के साथ विशाल मशीनों को चलाने के लिए ऊर्जा के स्रोतों को प्रमुखता मिली। लकड़ी का ईंधन केवल घरेलू उपयोग तक ही सीमित था और वह भी ग्रामीण क्षेत्रों में था। कोयला जो पहले से ही उपयोग में था, वह अत्यधिक मूल्य वाली वस्तु बन गया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, ऊर्जा का एक और स्रोत जोड़ा गया था। यह परमाणु ऊर्जा थी। ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय स्रोतों के संभावित विलोपन ने भारत में ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग का जोरदार समर्थन किया। आधुनिक दुनिया पानी, हवा और सूरज जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय या प्राकृतिक स्रोतों से अच्छी तरह वाकिफ है। इस प्रकार, जलविद्युत के उपयोग को उन क्षेत्रों में महत्व प्राप्त हुआ जहाँ पानी चलाने और आवश्यक तकनीक आसानी से उपलब्ध थी। पवन ऊर्जा का उत्पादन करने की भारत की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन उद्योग भी बढ़ रहा है। विज्ञापन Recent Current Affairsविज्ञापन राजधानी स्थित किट (कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के परिसर में भारतीय सौर ऊर्जा संघ व किट के संयुक्त तत्वावधान में गांवों के विकास के लिए वैकल्पिक ऊर्जा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आई-कोर 2013 का उद्घाटन किया गया। 29 नवबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में गांवों में ऊर्जा के स्रोत की वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के बीच समन्वय कायम करने पर बल दिया जाएगा। पूर्वी भारत में पहली बार किट में आयोजित सम्मेलन में जापान, जर्मनी तथा भारत के विभिन्न शहरों के 500 प्रतिनिधि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस प्लांट आदि के उपयोग से वैकल्पिक ऊर्जा के उत्पादन पर विभिन्न अधिवेशन में चर्चा करेंगे। साथ ही गावों तथा दूर-दराज के इलाकों में मौजूद कारखानों समेत कृषि के विकास, आम लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने तथा रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए आधारभूमि तलाशी जाएगी। सम्मेलन में पहले दिन बताया गया कि उद्योग, रेल, कृषि, निजी क्षेद्द के विद्युत उपभोग को छोड़ दिया जाए, तो साल में एक आदमी 1000 किलोवाट बिजली खर्च करता है। देश में 40 प्रतिशत परिवार बिजली उपयोग नहीं कर पाते हैं। डिसेंट्रलाइज सोलर पीवी प्लांट, बायोमास गैस प्लांट तथा वायोगैस प्लांट जैसे आधुनिक ऊर्जा उत्पादन स्रोत के जरिए ग्रामीण इलाकों में भोजन बनाने और प्रकाश व्यवस्था जैसी जरूरी आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य फोटो, वोलटाइक, सोलर थर्मल, पवन, बायोमास, छोटे जल परियोजना क्षेद्द में भारत तथा दक्षिण एशिया में इस व्यवस्था को लोगों के बीच लाना है। इससे लोग केवल विद्युत ऊर्जा के प्रयोग पर निर्भर न रहकर वैकल्पिक ऊर्जा का प्रयोग कर पाएंगे। किट के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन में सेसीर के अध्यक्ष आरके सत्पथी, पी. पाठक, सीइआरसी के सदस्य वीएस वर्मा और किट के कुलपति डॉ. पीपी माथुर आदि उपस्थित थे। भारतीय गांव में ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या है?सूर्य ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है । ये दिन में हमारे घरों में रोशनी प्रदान करता है कपड़े और कृषि उत्पादों को सुखाता है हमें गर्म रखता है इसकी क्षमता इसके आकार से बहुत ज्यादा है ।
भारत में ऊर्जा के कौन कौन से स्रोत हैं?Solution : (i) पेट्रोलियम तथा इसके उत्पाद, (ii) कोयला, (iii) जल शक्ति, (iv) नाभिकीय ऊर्जा, (v) प्राकृतिक गैस, (vi) पवन ऊर्जा।
भारत में ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत क्या है?भारत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत कोयला (Coal) है। भारत में कोयला से 54% बिजली प्राप्त होता है। भारत में 63% ऊर्जा तापीय ऊर्जा से प्राप्त होता है।
ऊर्जा के दो मुख्य स्रोत क्या है?ऊर्जा स्रोत दो प्रकार के होते हैं- नवीकरणीय या रिन्यूएबल और अ-नवीकरणीय या नॉन रिन्यूएबल। ऊर्जा के कभी खत्म नहीं होने वाले स्रोतों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं। पानी, हवा, सूर्य की किरणें और बायोमास इसके कुछ उदाहरण हैं। जबकि दूसरे प्रकार के ऊर्जा स्रोत सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हैं।
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