भारत ने रूस से कौन से हथियार खरीदे? - bhaarat ne roos se kaun se hathiyaar khareede?

निष्कर्ष: पूर्व में सोवियत संघ और वर्तमान में रूस के साथ मज़बूत एवं प्रगाढ़ संबध भारत की विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ रहा है। भारत-रूस के बीच कई क्षेत्रों में व्यापक सहयोग हुआ है और आपसी संबंधों को विस्तार मिला है। दोनों देश तेज़ी से विकसित हो रहे विश्व भू-राजनीतिक परिदृश्य में यथार्थवादी आधार पर मिलकर कार्य करने पर सहमत हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों में रूस और भारत बराबर सहयोगी हैं और बहुध्रुवीय लोकतांत्रिक प्रणाली का समर्थन करते हैं, जिसमें कानून के सिद्धांतों का कड़ाई से पालन हो और संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका हो।

दोनों देश 21वीं सदी की चुनौतियों और खतरों का मिलकर मुकाबला करने और वैश्विक तथा क्षेत्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में योगदान करने पर भी एकमत हैं। फिलहाल दोनों देशों के संबंध, वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों में हुए परिवर्तनों के बावजूद स्थिर बने हुए हैं। इतिहास गवाह रहा है कि संकट का समय रहा हो या सुविधा का कालखंड, यदि कोई एक देश बिना लाग-लपेट हमारे साथ खड़ा रहा तो वह रूस ही है। भारत के साथ सदा-सर्वदा एक शक्ति के रूप में रूस खड़ा रहा है और यह शक्ति दोनों देशों की मित्रता की शक्ति है।

पिछले 20 सालों में, भारत ने कई देशों से 80,000 से अधिक ऐसे हथियार खरीदे हैं जिनमें रूस के अलावा इजराइल, अमेरिका, फ्रांस, यूक्रेन और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं. इनमें से 85 फीसदी से ज्यादा हथियार रूस से आए हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के हथियार व्यापार (Weapon-Trade) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि भारत को हथियारों का निर्यात करने में रूस (Russia) का हिस्सा पिछले पांच सालों में गिर गया है. हालांकि गिरावट के बावजूद डिफेंस थिंक-टैंक के मुताबिक रूस भारत के लिए सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक बना हुआ है, जिसके बाद अमेरिका का स्थान आता है. (News9) ने सन 1962 से हथियारों की आपूर्ति के लिए भारत द्वारा विभिन्न देशों को दिए गए ऑर्डर का विश्लेषण किया. SIPRI के आंकड़ों से पता चलता है कि रूस हमेशा से भारत के लिए हथियारों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है. इसके बाद अमेरिका और इजराइल आते हैं, जिन्होंने 21वीं सदी के पहले दशक से हथियारों की एक बड़ी हिस्सेदारी की आपूर्ति की है.

20 सालों में कुछ हिस्सा अमेरिका और इजराइल को मिल गया

सन 1962 से 1990 तक, भारत को हथियारों की आपूर्ति करने वालों में यूक्रेन, रूस, फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड प्रमुख रूप से शामिल थे. ये देश हवाई, नौसैनिक और सतही हथियारों सहित सभी प्रकार के गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहे थे. लेकिन 20वीं सदी के अंतिम दशक की शुरुआत में यह ट्रेंड बदलने लगा. 1991 और 1995 के बीच, आधे से अधिक ऑर्डर रूस को दिए गए. इजराइल भी उस दौरान प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक के रूप में उभरा, जिसे उन पांच सालों में 20 प्रतिशत ऑर्डर दिया गया था. खरीद में खास तौर से डीजल इंजन, नौसैनिक बंदूकें, टॉरपीडो और एंटी-शिप मिसाइलें शामिल थीं. भारत को इस तरह के हथियारों की आपूर्ति करने वालों में फ्रांस और इटली भी प्रमुख रूप से शामिल थे. सन 2000 तक रूस भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना रहा.


इजराइल के बढ़ते हथियारों के उत्पादन के साथ-साथ व्यापार में इसके बढ़ते दबदबे ने 2000 के दशक के बाद के सिनेरियो (परिदृश्य) को बदल दिया. पहले पांच सालों (2001 से 2005) में, इजराइल ने भारत से हथियारों के कुल ऑर्डर का लगभग 20 प्रतिशत हथिया लिया, जबकि रूस 51.1 प्रतिशत पर बना रहा. भारत को आपूर्ति करने वाले बाकी देश फ्रांस, यूक्रेन, यूएसए, यूके और नीदरलैंड थे. इन देशों को मिलाकर कुल आयात का एक तिहाई से अधिक का ऑर्डर मिला. अगले पांच सालों में इजराइल ने कुल ऑर्डर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 30 प्रतिशत से अधिक की कर ली, जबकि रूस का हिस्सा घटकर 37 प्रतिशत रह गया.


2005 के बाद रूस भारत को जितना हथियार निर्यात करता था उसका आधा हिस्सा अमेरिका और इजराइल ने हथिया लिया. SIPRI के आंकड़ों के मुताबिक, इन दोनों देशों के आयात का हिस्सा मिलाकर 45.2 प्रतिशत हो गया जो रूस के 24.7 प्रतिशत से बड़ा था. अगले 15 सालों में भी इजराइल और अमेरिका ने रूस पर अपना दबदबा बनाए रखा. नए आंकड़ों के मुताबिक, रूस (14.3 प्रतिशत) भारत को हथियार मुहैया कराने वाला तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. वहीं अमेरिका 21.4 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर और इजराइल 14.3 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाए हुए हैं.

एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर या मिसाइल में रूस है नंबर वन

भारत ने साल 1962 से अपने एक तिहाई से अधिक विमान (एयरक्राफ्ट) और संबंधित हथियार रूस से आयात किए हैं. SIPRI के आंकड़ों के अनुसार, 936 हथियारों में से 398 हथियारों का आयात रूस से किया गया था. इसके बाद बारी आती है फ्रांस की जिसने भारत को राफेल जेट बेचे. इजराइल और फ्रांस ने उस दौरान भारत को सौ से अधिक विमानों का निर्यात किया था.


हवाई युद्ध से संबंधित दूसरे प्रमुख आयात में हेलीकॉप्टर शामिल हैं जिन्हें भारत ने कई देशों से खरीदा. साल 2000 से अब तक देश ने कुल 491 हेलीकॉप्टरों का आयात किया है. जिसमें रूस का हिस्सा 75 प्रतिशत ( 370 हेलीकॉप्टर) है जबकि दूसरे बड़े आपूर्तिकर्ता (सप्लायर) में अमेरिका शामिल है जिसने 73 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की. वहीं फ्रांस ने 48 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की है.


जब मिसाइलों और निर्देशित बमों या गोले खरीद की बात आती है, तो भारत कई आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर है. हालांकि, इस कैटेगरी में भी रूस ने पहले स्थान पर अपनी जगह बनाए रखी है. पिछले 20 सालों में, भारत ने कई देशों से 80,000 से अधिक ऐसे हथियार खरीदे हैं जिनमें रूस के अलावा इजराइल, अमेरिका, फ्रांस, यूक्रेन और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं. इनमें से 85 फीसदी से ज्यादा हथियार रूस से आए हैं.

रडार और सोनार के मामले में रूस पीछे

रडार (रेडियो डिटेक्शन एंड रेंजिंग) और सोनार (साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग) हथियार (या निगरानी) की एकमात्र ऐसी कैटेगरी है जिसमें रूस का दबदबा नहीं है. 2000 के दशक की शुरुआत से, भारत ने सात देशों को इन श्रेणियों (कैटेगरी) के हथियारों के 337 ऑर्डर दिए हैं. इजराइल कुल 337 ऑर्डर में से 206 की आपूर्ति करके भारत को इस तरह के उपकरणों की आपूर्ति करते वाला सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है. SIPRI के अनुसार लिस्ट में शामिल दूसरे बड़े बड़े आपूर्तिकर्ताओं में फ्रांस (43), डेनमार्क (31) और यूएसए (24) शामिल हैं. भारत के लिए रडार और सोनार की आपूर्ति करने वाले बाकी देशो में जर्मनी, इटली और नीदरलैंड शामिल हैं.

भारत रूस से कौन कौन से हथियार खरीदता है?

भारत, रूस से कौन-से रक्षा उपकरण खरीदता है?.
पनडुब्बियाँ: भारत को अपनी पहली पनडुब्बी भी सोवियत संघ से ही प्राप्त हुई थी। ... .
फ्रिगेट और गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर: नौसेना के 10 गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक में से चार रूसी काशीन श्रेणी के हैं और इसके 17 युद्धपोतों में से छह रूसी तलवार श्रेणी के हैं।.

यूक्रेन को हथियार कौन दे रहा है?

ब्रिटेन ने यूक्रेन को मेडिकल इक्विपमेंट, टैक्टिकल गियर, नाइट विजन इक्विपमेंट और जीपीएस नेविगेटर प्रदान किए हैं। इनकी कीमत यूके से 4.5 मिलियन डॉलर से अधिक है। 2022 में, लंदन ने यूक्रेन को लाइट एंटी टैंक मिसाइलों की बड़ी खेप सौंपी थी।

रूस ने भारत को कौन सा हथियार दिया?

मॉस्को: यूक्रेन से जारी युद्ध (Russia Ukraine Latest News) के बीच रूस ने भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Missile System) की दूसरी रेजीमेंट भेज दी है। जिसके बाद यह सुनिश्चित हो गया है कि यूक्रेन युद्ध का असर रूसी हथियारों की सप्लाई (Rusian Arms Export 2022) पर नहीं पड़ा है।

भारत ने रूस से क्या खरीदा?

आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल के बाद से भारत ने रूस से 50 गुना ज्यादा कच्चा तेल (Crude Oil Import From Russia) खरीदा है. अब भारत के टोटल क्रूड ऑयल इम्पोर्ट (India Crude Oil Import) में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 10 फीसदी पर पहुंच गई है. भारत-रूस व्यापार से जुड़े ये आंकड़े गुरुवार को एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया.