भारत में प्रथम आर्थिक जनगणना कब हुई थी? - bhaarat mein pratham aarthik janaganana kab huee thee?

Free

10 Questions 10 Marks 7 Mins

Last updated on Sep 21, 2022

RRB NTPC Result, Cut Off for Pay Level 5 declared for RRB Chandigarh. For other RRBs, the results will be released soon.  Earlier, the RRB had  released the tentative schedule for the upcoming DV &Medical Examination for various posts..  The RRB NTPC exam is conducted to fill up a total number of 35281 vacant posts. Candidates who are qualified for the Computer Based Aptitude Test will be eligible for the next round, which will be Document Verification & Medical Exam. The candidates with successful selection under RRB NTPC will get a salary range between Rs. 19,900 to Rs. 35,400. here.

भारत में प्रथम आर्थिक जनगणना कब हुई थी? - bhaarat mein pratham aarthik janaganana kab huee thee?

Abhishek Mishra

4 months ago

सही उत्तर 1977 है। 1976 में, भारत सरकार ने आर्थिक जनगणना और सर्वेक्षण नामक एक योजना शुरू की। 1977 में केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय (डीईएस) के सहयोग से पहली आर्थिक जनगणना की थी।

आर्थिक जनगणना प्रथम बार कब हुई थी?...


चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

भारत में सन 1977 में पहली बार आर्थिक जनगणना हुई थी

Romanized Version

भारत में प्रथम आर्थिक जनगणना कब हुई थी? - bhaarat mein pratham aarthik janaganana kab huee thee?

1 जवाब

Related Searches:

first arthik janganana ;

This Question Also Answers:

  • भारत के प्रथम आधारित जनगणना कब हुई थी - bharat ke pratham aadharit janganana kab hui thi

Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!

  • 06 Jun 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

7वीं आर्थिक जनगणना (Seventh Economic Census-7th EC) की तैयारियाँ प्रगति पर है। गौरतलब है कि आर्थिक जनगणना के तहत छोटे और घरेलू स्तर पर होने वाली आर्थिक गतिविधियों के साथ ही सभी आर्थिक इकाईयो/प्रतिष्ठानों की गणना की जाएगी।

  • देश भर में गणनाकारों द्वारा शुरू किये जाने वाले प्रक्षेत्र कार्य (Field Work) की तैयारी के लिये सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) द्वारा कई कार्यकलापों की योजना तैयार की गई है।

आर्थिक जनगणना के बारे में

  • आर्थिक जनगणना भारत की भौगोलिक सीमाओं के भीतर स्थित सभी प्रतिष्ठानों का संपूर्ण विवरण है।
  • आर्थिक जनगणना देश के सभी प्रतिष्ठानों के विभिन्न संचालनगत एवं संरचनागत परिवर्ती कारकों पर भिन्न-भिन्न प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध कराती है।
  • आर्थिक जनगणना देश में सभी आर्थिक प्रतिष्ठानों की आर्थिक गतिविधियों के भौगोलिक विस्तार/क्लस्टरों, स्वामित्व पद्धति, जुड़े हुए व्यक्तियों इत्यादि के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराती है।
  • आर्थिक जनगणना के दौरान संग्रहित सूचना राज्य एवं ज़िला स्तरों पर सामाजिक-आर्थिक विकास संबंधी योजना निर्माण के लिये उपयोगी होती है।

आर्थिक जनगणना-2019

  • वर्ष 2019 में 7वीं आर्थिक जनगणना का संचालन सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  • वर्तमान आर्थिक जनगणना में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 7वीं आर्थिक जनगणना के लिये कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्पेशल पर्पज़ व्हिकल्स, कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड (Common Service Center e-Governance Services India Limited) के साथ साझेदारी की है।
  • 7वीं आर्थिक जनगणना में आँकड़ों के संग्रहण, सत्यापन, रिपोर्ट सृजन एवं प्रसार के लिये एक आईटी आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा।
  • 7वीं आर्थिक जनगणना के परिणामों को प्रक्षेत्र कार्य के प्रमाणन एवं सत्यापन के बाद उपलब्ध कराया जाएगा।
  • आर्थिक जनगणना के तहत गैर-फार्म कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र में वस्तुओं/सेवाओं (स्वयं के उपभोग के एकमात्र प्रयोजन के अतिरिक्त) के उत्पादन या वितरण में जुड़े घरेलू उद्यमों सहित सभी प्रतिष्ठानों को शामिल किया जाएगा।

पुरानी आर्थिक जनगणना

  • अभी तक केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 6 आर्थिक जनगणनाएँ (Economic censuses) संचालित की हैं।
    • पहली आर्थिक जनगणना, वर्ष 1977 में
    • दूसरी आर्थिक जनगणना, वर्ष 1980 में
    • तीसरी आर्थिक जनगणना, वर्ष 1990 में
    • चौथी आर्थिक जनगणना, वर्ष 1998 में
    • पाँचवीं आर्थिक जनगणना, वर्ष 2005 में
    • छठी आर्थिक जनगणना, वर्ष 2013 में

कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड (CSC e-Governance Services India Limited)

  • CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य CSC योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करना है।
  • योजना को प्रणालीगत व्यवहार्यता और स्थिरता प्रदान करने के अलावा यह CSC के माध्यम से नागरिकों को सेवाओं की डिलीवरी हेतु एक केंद्रीकृत और सहयोगी रूपरेखा भी प्रदान करता है।

स्रोत- पीआईबी

भारत में पहली आर्थिक जनगणना कब हुआ?

सही उत्तर 1977 है। 1976 में, भारत सरकार ने आर्थिक जनगणना और सर्वेक्षण नामक एक योजना शुरू की। 1977 में केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय (डीईएस) के सहयोग से पहली आर्थिक जनगणना की थी।

भारत में कितनी आर्थिक जनगणना हुई है?

कुल छह आर्थिक जनगणना (EC) आज तक संचालित किए गए हैं। सातवीं आर्थिक जनगणना 2019 में शुरू हुई है, लेकिन महामारी और तालाबंदी के कारण इसे बढ़ा दिया गया है।

स्वतंत्र भारत की प्रथम सामाजिक आर्थिक तथा जातीय जनगणना कब कराई गई?

सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) वर्ष 1931 के बाद पहली बार वर्ष 2011 में आयोजित की गई थी।

छठी आर्थिक जनगणना कब हुई थी?

छठी आर्थिक जनगणना 2013 में संचालित की गई थी