बिहार में आने वाले तीन महीनों में त्योहारों की धूम रहने वाली है। अगले तीन में कुल 31 फेस्टिवल आने वाले हैं जिसको लेकर लोगों में काफी उत्साह है। कोरोना संक्रमण के कम मामलों के बीच इस बार लोग त्योहारों का आनंद लेने की तैयारी में जुटे हैं। Show गिरधारी अग्रवाल, बक्सर। कोरोना संक्रमण के घटते मामलों के बीच अब लोग फेस्टिवल सीजन का लुत्फ उठाने को तैयार हैं। त्योहारों को लेकर लोगों में खासा उत्साह भी देखा जा रहा है। आने वाले तीन महीने में छोटे बड़े 31 पर्व आने वाले हैं उसके बाद और इसके बाद क्रिसमस और न्यू ईयर परवान चढ़ेगा। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से फेस्टिव सीजन पर खासा असर देखने को मिला था। सोमवार से शुरू हुआ त्योहारों का सिलसिला कार्तिक पूर्णिमा (19 नवम्बर) तक कुल 31 त्योहार पड़ेंगे, जो बाजार पर सकारात्मक असर डालेंगे। इसके अलावा भी श्रीराणी सती दादी की पूजा, वामन द्वादशी, गणेशोत्सव आदि कुछ त्योहार हैं। किस महीने कौन सा त्योहार सितंबर महीने में ही हरितालिका तीज, ऋषि पंचमी, विश्वकर्मा पूजा, जिउतिया समेत अन्य कुल आठ त्योहार हैं। इसी महीने की 20-21 तारीख से पितृपक्ष का पखवाड़ा भी आरंभ हो रहा है। अक्टूबर में कुल 09 त्योहार हैं, नवंबर में भी 14 त्योहार हैं। यानी यूं कहें कि हर सप्ताह में कोई बड़ा त्योहार। त्योहारों का यह सिलसिला 18-19 नवम्बर को पड़ रहे देव दीपावली अथवा कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहेगा। कर्मकांडी पंडित अमरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया कि प्रमुख त्योहारों में शारदीय नवरात्रि सात अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे हैं और विजयादशमी 15 तारीख को है। नवंबर के महीने में चार को दीपावली, 10-11 को महापर्व छठ और 15 तारीख को देवउठनी एकादशी है। इसके बाद से वैवाहिक लग्न मुहूर्त भी शुरू हो जाएंगे। सितंबर 1. कुशोत्पाटिनी अमावस्या : 06 तारीख दिन सोम 2. हरितालिका तीज : 09 तारीख दिन गुरुवार 3. ऋषि पंचमी : 11 तारीख दिन शनिवार 4. पद्मा एकादशी व्रत : 17 तारीख दिन शुक्रवार 5. विश्वकर्मा पूजा : 17 तारीख दिन शुक्रवार 6. अनंत चतुर्दशी व्रत : 19 तारीख दिन रविवार 7. महालया आरंभ (पूर्णिमा): 20 तारीख दिन सोमवार 8. जिउतिया व्रत : 29 तारीख दिन बुधवार अक्टूबर 9. पितृ विसर्जन अमावस्या : 06 तारीख दिन बुधवार 10. नवरात्रि प्रारंभ : 07 तारीख दिन बुधवार 11. महाष्टमी व्रत : 13 तारीख दिन बुधवार 12. महानवमी व्रत : 14 तारीख दिन गुरुवार 13. विजयादशमी : 15 तारीख दिन शुक्रवार 14. एकादशी व्रत : 16 तारीख दिन शनिवार 15. शरद पूर्णिमा व्रत : 19 तारीख दिन मंगलवार 16. करवा चौथ : 24 तारीख दिन रविवार, चंद्रोदय रात्रि 7:51 पर 17. अहोई अष्टमी व्रत : 28 तारीख दिन गुरुवार नवंबर 18. रंभा एकादशी : 01 तारीख दिन सोमवार 19. धनतेरस : 02 नवंबर दिन मंगलवार 20. हनुमत जयंती : 03 तारीख दिन बुधवार 21. दीपावली : 04 तारीख दिन गुरुवार 22. भैया दूज, गोवर्धन पूजा : 06 तारीख दिन शनिवार 23. सूर्योपासना व्रत आरंभ (नहायखाय) 08 ता. दिन सोमवार 24. खरना : 09 तारीख दिन मंगलवार 25. सूर्य षष्ठी व्रत (प्रथम अघ्र्य): 10 ता. दिन बुधवार 26. सूर्य अघ्र्य (प्रात:) : 11 तारीख दिन गुरुवार 27. गोपाष्टमी व्रत : 12 तारीख दिन शुक्रवार 28. अक्षय नवमी : 13 तारीख दिन शनिवार 29. हरि प्रबोधिनी एकादशी तुलसी विवाह उत्सव : 15 ता. दिन सोमवार 30. बैकुंठ चतुर्दशी : 17 तारीख दिन बुधवार 31. कार्तिक पूर्णिमा : 19 तारीख दिन शुक्रवार Edited By: Rahul Kumar बिहार के त्यौहारFirst Published: April 6, 2019 बिहार राज्य को प्राचीन भारत में शक्ति की सीट के रूप में मान्यता दी गई थी। यह न केवल शक्तिशाली मौर्य राजवंश का घर था, बल्कि यह बौद्ध धर्म का केंद्र भी था। त्यौहार और मेले हमेशा से भारतीय सभ्यता के अभिन्न अंग रहे हैं। बिहार के त्योहार नियमित जीवन की एकरसता से एक अच्छा ब्रेक के रूप में काम करते हैं और हमें प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करते हैं। इतना ही नहीं त्यौहार भी समाज के उत्थान के लिए सामाजिक कारण के लिए काम करने के लिए होते हैं। बिहार राज्य में भी समारोहों की एक लंबी सूची है। बिहार के त्योहारों को मोटे तौर पर दो प्रकारों, धार्मिक त्योहारों और आदिवासी त्योहारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। दोनों प्रकार के त्योहारों का किसी न किसी पौराणिक कथा से संबंध है। बिहार के त्यौहार वास्तव में आनंदमय समारोहों की विशेषता है, जो बहुत ही मज़ेदार और उत्सव का उत्साह है। बिहार के धार्मिक त्योहार देश के दूरस्थ भागों से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं। आदिवासी त्योहार राज्य की सांस्कृतिक संपदा को प्रदर्शित करते हैं, जिसे असंख्य रंगों और रूपों में देखा जा सकता है। कुछ त्यौहार हैं, जो लोगों की जीवन शैली, मौसम के बदलाव और कटाई से भी जुड़े हैं। छठ पूजा साम चकेवा राम नवमी दिवाली होली नाग पंचमी महोत्सव मधुश्रवणी बिहूला विज्ञापन Recent Current Affairs
विज्ञापन बिहार का सबसे बड़ा पर्व कौन सा है?छठ पूजा बिहार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय पर्व है. यह पूजा लोक आस्था का पर्व है. दिवाली,नवरात्रि,होली,कर्मा आदि प्रमुख पर्व है. बिहार में सबसे प्रसिद्ध त्यौहार छठ है।
बिहार का मुख्य त्यौहार कौन सा है?छठ बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। लगभग सभी सभ्यताओं में 'सूर्य देवता' की पूजा का एक पर्व है, लेकिन बिहार में इसका एक अनूठा रूप है। छठ पर्व एकमात्र ऐसा अवसर है जहां उगते सूर्य के साथ-साथ अस्त होते हुए सूर्य की भी पूजा की जाती है।
बिहार का महापर्व कौन सा है?छठ पर्व, छइठ या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है।
बिहार का सबसे बड़ा पूजा कौन सा है?छठ पूजा 2017: बिहार में क्यों दीपावली से भी बड़ा पर्व माना जाता है छठ
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