डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। Show
दूध में केसर केसर का दूध खाली पेट पीना बहुत अच्छा होता है। केसर बच्चों के पाचन में सुधार करता है और दूध में केसर डालकर लेने से बच्चों का पाचन ठीक रहता है। अगर पाचन ठीक रहेगा तो बच्चा अच्छी तरह से खाएगा और हेल्दी बनेगा। केसर श्वसन मार्ग को साफ करता है जिससे अस्थमा से ग्रस्त बच्चों को सांस लेने में कम परेशानी होती है। केसर बच्चों को हड्डियों को मजबूत करने में भी मदद करता है। ये कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और हड्डियों को स्वस्थ बनाता है। आंवला आप अपने बच्चे को सुबह नाश्ते में आंवले का एक मुरब्बा जरूर खिलाएं। अगर बच्चा मुरब्बा नहीं खाता है तो उसे चार से पांच आंवले की कैंडी खिला दें। आंवला खाने से बच्चों में कब्ज नहीं होती और इसमें मौजूद विटामिन-सी भोजन से आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है जिससे हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार आता है। आंवला भूख बढ़ाने में भी मदद करता है। भूख बढ़ने पर बच्चे अधिक खाते हैं जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिलती है। दुबले बच्चों को नाश्ते में आंवला जरूर खिलाना चाहिए। यह बच्चों की इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है और इंफेक्शन से बचाने का काम करता है। पनीर पनीर में उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और ये कैल्शियम से भी युक्त होता है। बच्चे को पनीर खिलाने से उसकी हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन-बी की उच्च मात्रा बोन कार्टिलेज को बनाने में सुधार करती है। इसमें डायट्री फाइबर और प्रोटीन होते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं। बच्चे के विकास के लिए जरूरी पोषण भी पनीर से लिया जा सकता है। घी खाने को पचाने में घी मदद करता है और इससे पेट से संबंधी परेशानियां भी दूर रहती हैं। बच्चों के लिए घी एनर्जी का भी प्रमुख स्रोत है। इसमें सैचुरेटिड फैटी एसिड होते हैं जो बच्चे को एनर्जी और ताकत देते हैं। पांच साल की उम्र तक बच्चे के मस्तिष्क का अधिकतर विकास हो जाता है इसलिए इस समय बच्चे को घी जरूर खिलाएं, क्योंकि घी में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं। आप सुबह नाश्ते में घी में परांठा बनाकर बच्चे को दे सकती हैं। बादाम बादामबच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और हड्डियों को मजबूत करते हैं। यह मस्तिष्क के विकास में मदद करता है और एनर्जी देता है। बच्चों में कब्ज की परेशानी को भी बादाम से दूर किया जा सकता है। च्यवनप्राश सुबह दूध के अंदर च्यवनप्राश डालकर दें। इससे बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ती है और वो पूरा दिन फुर्तीला महसूस करते हैं। आप घर पर भी च्यवनप्राश बना सकती हैं। इसमें कई जड़ी-बूटियों होती हैं जिससे बच्चा स्वस्थ और मजबूत बनता है। यह भी पढ़ें : बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घर पर बनाएं च्यवनप्राश मोटापा न केवल असामान्य कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है, इससे हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए अच्छी आदतें बचपन से डालें और इन टिप्स को अपनाएं।Srishti Kunjलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 18 Apr 2022 08:56 PM हमें फॉलो करें इस खबर को सुनें 0:00 / ऐप पर पढ़ें बड़ों के लिए अकसर कहा जाता है कि उन्हें एक उम्र के बाद अपने दिल के स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए। दिल के कई जोखिम हैं जो बड़ी बीमारी में बदल सकते हैं। लेकिन ये भी अहम है कि बच्चों के दिल के लिए भी कुछ काम किया जाए। हृदय रोग की जड़ें बचपन में होती हैं। इन्हें कम करने के लिए बचपन से ही आदतें बदलनी चाहिए। बच्चों में भी असामान्य कोलेस्ट्रॉल होता है। इसका मतलब है कि या तो उनका अच्छा कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) बहुत कम है या उनका खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स) बहुत ज्यादा है। वहीं मोटापा न केवल असामान्य कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है, इससे हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए टिप्स अपनाएं। पेरेंट्स के तौर पर आपकी सबसे बड़ी चिंता होती है कि बच्चे का स्वास्थ्य कैसे अच्छा रख सकें और उनका पालन-पोषण भी उचित हो सके। बच्चों के खाने से लेकर व्यायाम, नींद और स्कूल जाने से लेकर कई बातों का ध्यान माता-पिता को रखना होता है ताकि बच्चे अनुशासित और स्वस्थ बने रहे लेकिन यह आसान नहीं होता है इसलिए आपको बच्चे को ये सिखाने की जरूरत होती है कि वह कैसे और क्या खाएं और अपनी दिनचर्या का पालन करें ताकि आप भी चिंतामुक्त रहें और आपके बच्चे भी अच्छी आदतें सीखें। बच्चों को सिखाएं ये आदतें1. संतुलित आहारबैलेंस्ड डाइट आपके बच्चे के लिए बहुत जरूरी होता है। इससे उनके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और बच्चे की इम्युनिटी को भी बढ़ाती है। आपको अपने बच्चे को खाने में कई तरह के खाद्य पदार्थ देने चाहिए ताकि वे अलग-अलग प्रकार के स्वाद विकसित कर सकें। आपको उन्हें प्रोसेस्ड फूड देने से बचना चाहिए क्योंकि ये चीनी, सोडियम, कैलोरी और खराब फैट से भरे होते हैं। इसके बजाय, उनके आहार में प्रोटीन, हर्ब्स, दूध, ताजे फल और सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। साथ ही उनमें ऐसी आदत विकसित करें ताकि वह स्वयं खाने में प्राकृतिक चीजों का सेवन करें। 2. चीनी का कम सेवनबच्चों को कोल्ड ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स न पीने की आदत सिखाएं क्योंकि इससे उनके दांत खराब हो सकते हैं। इससे बच्चों में स्वीट टूथ डेवलप हो सकता है, जिससे डायबिटीज और दांतों की सड़न जैसी बीमारियां हो सकती है। साथ ही इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं जो शरीर में जरूरत से ज्यादा शुगर होने की वजह से कैल्शियम के कम अब्जॉर्प्शन के कारण होता है। इसे भी पढ़ें- अपने 3 साल से बड़े बच्चों को जरूर सिखाएं दूसरों बात करने से जुड़ी ये 7 अच्छी आदतें 3. ओवरईटिंग से रोकेंमाता-पिता अच्छे पोषण के लिए कई बार बच्चे को प्लेट का पूरा खाना खाने की बात कहते है या इसके लिए डांटते भी हैं। ऐसे में डर से बच्चे प्लेट का पूरा खाना खाने के चक्कर में ओवरईटिंग कर लेते है, जिससे पेट संबंधी समस्याएं और मोटापा हो सकता है। कई बार तो बच्चे जब अधिक खाना नहीं खा पाते है, तो खाना बर्बाद करते है या फेंक देते है इसलिए बच्चों को अपने हिसाब से खाना खाने दें और उन्हें खाने में हेल्दी चीजें शामिल करना सिखाएं। 4. एक बार में अधिक न खानाबच्चों को दिन में तीन बार भर पेट खाना खाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाने की आदत डालें। इससे खाने का पाचन अच्छे से होता है और बच्चों को अच्छे से भूख भी लगती है। इससे कई बीमारियों को भी दूर रखा जा सकता है। साथ ही इससे बच्चे का वजन भी नियंत्रित रहता है और शरीर का वजन स्वस्थ रहता है। 5. शारीरिक गतिविधियांअपने बच्चों को हमेशा व्यस्त और सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करें। उन्हें बाहर खेलने के लिए भेजें क्योंकि दोस्तों के साथ खेलने उनमें टीम वर्क और खेल की भावना का विकास होता है। आपको अपने बच्चों के लिए टीवी और कंप्यूटर का कम से कम समय निर्धारित करना चाहिए। स्क्रीन से दूर रहने से उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और वह अपना समय रचनात्मक कार्यों में लगा पाएंगे। 6. पर्याप्त नींद लेनाबच्चों के लिए पर्याप्त नींद लेना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि छोटे बच्चों में स्वस्थ विकास जरूरी है। अपने बच्चों को जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदत डालें। यह उनके लिए एक अच्छी दिनचर्या बनाने में मदद करेगी, जिसका वे बाद में जीवन में पालन करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा आप बच्चों को अपने खाने की प्लेट धोना या अपनी गंदगी खुद साफ करने की आदत सिखाएं। इसके अलावा उन्हें बड़ों का सम्मान करना और उनकी बात मानने जैसे संस्कार भी डालें। कमजोर बच्चे को हेल्दी कैसे बनाएं?केला और मिल्क को अगर मिक्स कर दें तो यह और ज्यादा फायदेमंद हो जाता हैं. बनाना शेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता करता है. बनाना शेक का सेवन बच्चों की इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है. साथ ही यह बच्चों का वजन बढ़ाने में मदद करता है.
बच्चों को ताकत के लिए क्या खिलाएं?प्रोटीन से भरपूर स्रोत जैसे मीट, मछली, अंडे, बीन्स, नट, सोया, कम फैट वाली दूध से बनी चीज़ें बच्चों को नियमित तरीके से ताकत देने में मदद करते हैं। जब आपके खाने में कार्बोहाइड्रेट्स और फैट की कमी होती है, तब प्रोटीन आपके शरीर को ताकत देता है।
बच्चों को हेल्दी कैसे रखें?हेल्दी फूड की डालें आदत
आप उनके आहार में हेल्दी फूड को शामिल करना न भूलें। जितना अधिक हो सके उनके आहार में प्रोटीन (Protein),फाइबर (Fiber), गुड फैट (Good fat) और विटामिन (Vitamin) शामिल करें। आपके बच्चे को हेल्दी ऐर फिट बनाए रखने के लिए फूड का बहुत अहम रोल होता है।
सुबह बच्चों को क्या करना चाहिए?जैसे कि बच्चे को सुबह जल्दी उठने की आदत डालें, वह साफ-सफाई का ध्यान रखे और सुबह अच्छा नाश्ता करे। लेकिन, साथ ही यह भी जरूरी है कि सबसे पहले हम अपनी खुद की दिनचर्या को पटरी पर लाएँ। घर में छोटा बच्चा होने पर हमारी जिम्मेदारियां और भी बढ़ जाती हैं।
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