प्रसव का दूसरा चरण, जिसे जोर लगाने वाला चरण भी कहा जाता है, तब शुरु होता है जब आपकी ग्रीवा पूरी तरह विस्फारित (10 सें.मी. चौड़ी) हो चुकी होती है। इस चरण में ही आप जोर लगाकर अपने शिशु को प्रसव नलिका से बाहर धकेलेंगी और उसका जन्म होगा। Show
शिशु को जन्म देने के लिए कितनी देर तक जोर लगाना होगा?
यदि आपके शिशु को अपनी अवस्था बदलनी हो, ताकि उसके सिर का सबसे छोटा व्यास बाहर की तरफ हो, तो हो सकता है इसमें और ज्यादा समय लग जाए। डिलीवरी के दौरान जोर लगाने की इच्छा कैसी महसूस होती है?अधिकांश मॉंएं कहती हैं कि जोर लगाने की इच्छा ऐसी महसूस होती है जैसे कि मलत्याग के लिए जोर लगा रही हों। यदि आपने एपिड्यूरल लिया है, तो शायद आपको जोर लगाने की इच्छा महसूस नहीं होगी। ऐसे में, डॉक्टर आपको बताएंगी कि जोर कब लगाना है। प्रसव के जोर लगाने वाले चरण में कितना दर्द होता है?प्रसव के दौरान कितना दर्द होता है यह केवल तभी समझा जा सकता है जब आपने खुद शिशु को जन्म दिया हो। हर महिला का प्रसव अलग होता है और प्रसव के हर चरण में दर्द हल्के से लेकर बहुत तेज हो सकता है। एपिड्यूरल लेने के बाद भी शिशु को जन्म देने का अनुभव अलग-अलग हो सकता है। मुझे कैसे पता चलेगा कि प्रसव के दौरान कब जोर लगाना है?जैसे ही आपका शिशु नीचे की तरफ आ जाता है, आपको प्रबल संकुचन महसूस होंगे। आपको अपने श्रोणि क्षेत्र में शिशु के सिर का दबाव महसूस होगा और साथ ही आपको जोर लगाने की तीव्र इच्छा महसूस होगी। जब तक आपको जोर लगाने की ऐसी इच्छा महसूस न हो, तब तक बेहतर है आप ज्यादा जोर न लगाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले जोर लगाने के प्रयास में आपको केवल थकान ही होगी, और कुछ हासिल नहीं होगा। डॉक्टर नजर रखेंगी कि आपका प्रसव किस तरह आगे बढ़ रहा है और आपके शिशु की सेहत कैसी है। इसे देखते हुए ही वे आपको निर्देश देंगी। डिलीवरी के समय शिशु को बाहर निकालने के लिए मुझे कैसे जोर लगाना होगा?बहुत से अस्पतालों में महिलाओं को हर संकुचन के साथ जोर लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि शिशु जल्दी नीचे की तरफ खिसक जाए। सामान्यत: हर संकुचन की शुरुआत में आपको गहरी सांस लेने के लिए कहा जाएगा। आपको सांस थामे रखनी होगी और अपने पेट की मांसपेशियों को कड़ा करना होगा और पूरी ताकत से जोर लगाने के लिए कहा जाएगा। हर संकुचन के साथ आपको दो या तीन बार जोर लगाने की प्रबल इच्छा महसूस होगी और आप पांच से सात सैकंड का जोर लगाएंगी। हर बार जोर लगाने के साथ आपका शिशु श्रोणि क्षेत्र से थोड़ा खिसक जाएगा। हालांकि, संकुचन के अंत में वह शायद फिर से अपने पहले की जगह पर आ जाए! इस समय प्रसव 'दो कदम आगे, और एक कदम पीछे' वाली गति से बढ़ रहा होगा। आप निराश न हों। यह सामान्य है और इससे आपकी श्रोणि मंजिल (पेल्विक फ्लोर) की मांसपेशियों को धीरे-धीरे खुलने का समय मिल जाता है। जब तक हर बार आपका शिशु थोड़ा सा नीचे आ रहा है, तो इसका मतलब है कि आप सही कर रही हैं। जैसे-जैसे शिशु नीचे आता है और आपके पेल्विक फ्लोर (गर्भाशय, योनि, मूत्राशय और गुदा को आधार देने वाली मांसपेशियां और अन्य उत्तक) पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। ऐसे में संकुचनों के दौरान आप और तेज और ज्यादा बार जोर लगाना शुरु कर सकती हैं। जोर लगाते हुए आप आवाजें निकालने या चिल्लाने लग सकती हैं। जब शिशु का सिर श्रोणि में काफी नीचे की तरफ पहुंच जाता है, तो आपको शायद गर्माहट और चुभन सी महसूस होगी। ऐसा तब होगा, जब आपकी योनि का मुख शिशु के सिर को बाहर लाने के लिए चौड़ा खिंचना शुरु होता है। इसे अंग्रेजी में क्राउनिंग कहा जाता है। जब डॉक्टर शिशु का सिर देख पाएंगी, तो वे आपको बताएंगी। इस चरण पर वे शायद आपको जोर लगाने से रोक कर छोटी व तेज सांसें लेने को कह सकती हैं।इससे आपको दो या तीन संकुचन तक जोर लगाने की इच्छा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है ताकि शिशु का जन्म आराम से और धीमे से हो सके। इस तरह से जोर लगाने से आपके पेरिनियम क्षेत्र (योनि और गुदा के बीच का स्थान) का भी बचाव हो सकता है। अच्छी बात यह है कि इसके बाद से दर्द थोड़ा कम होने लगता है और तेज दबाव की अनुभूति भी समाप्त हो जाती है। जब आपके शिशु का सिर बाहर आता है और उसके आसपास से गर्भनाल हटा दी जाती है, तो डॉक्टर आपको एक बार फिर जोर लगाने के लिए कहेंगी। डॉक्टर शिशु को करवट के बल कर देंगी ताकि उसके कंधों के लिए जगह बन सके। पहले एक कंधा बाहर आता है, फिर दूसरा निकलता है और फिर उसका पूरा शरीर बाहर खिसक जाता है। जन्म के बाद, आपको शायद कुछ मिनट का आराम मिलेगा और आप अपने नन्हें शिशु को देख सकेंगी। इसके बाद दोबारा संकुचन शुरु होने लगेंगे। अब आपका शरीर प्रसव के तीसरे और अंतिम चरण में पहुंच जाता है। झिल्लियों के समेत अपरा (प्लेसेंटा) गर्भाशय की दीवार से हटकर नीचे की तरफ गिर जाएगी और आपकी योनि में आ जाएगी। जब ऐसा होगा तो शायद आपको फिर से जोर लगाने की तीव्र इच्छा महसूस होगी और प्लेसेंटा बाहर आ जाएगी। शिशु को जन्म देेने के लिए सुझाव
प्रसव के दौरान अगर मैं जोर लगाकर शिशु को बाहर न निकाल पाउं तो क्या होगा?डिलीवरी के समय कई बार चीजें वैसी नहीं होती जैसा आपने सोचा होता है। कई बार जोर लगाने वाले चरण के दौरान माँ या शिशु की जान बचाने के लिए डिलीवरी जल्दी करवाने की जरुरत होती है। इसलिए, डाॅक्टर निम्न स्थितियों में उपकरणों की सहायता से प्रसव करवा सकती हैंः
इन स्थितियों में डाॅक्टर वैक्यूम उपकरण या फोरसेप्स की सहायता से शिशु को प्रसव नलिका से बाहर निकालने का प्रयास कर सकती हैं। इनका इस्तेमाल अक्सर इसलिए किया जाता है ताकि सिजेरियन डिलीवरी करने की जरुरत ना पड़े। अगर डाॅक्टर उपकरणों की सहायता से डिलीवरी करवाने का प्रयास करें और शिशु को सुरक्षित और समय पर बाहर न निकाल पा रही हों तो आपको सिजेरियन ऑपरेशन करवाना होगा। प्रसव और शिशु के जन्म को लेकर यदि आपके कोई सवाल या चिंताएं हों, तो डॉक्टर से बात करने में न हिचकिचाएं। बहुत से अस्पताल प्रसवपूर्व कक्षााएं भी आयोजित करते हैं, ताकि आप डिलीवरी के लिए तैयार हो सकें। इससे आपको सही निर्णय लेने और अपने डर को कम करने में मदद मिलेगी। आप चाहें तो किसी अन्य संस्था या प्रशिक्षक से भी यह सीख सकती हैं। Read about this in English: How should I push my baby out during labour? हमारे लेख पढ़ें:
डिलीवरी होने से पहले क्या क्या लक्षण दिखाई देते हैं?संकुचन क्या है इस बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिये
संकुचन दर्दभरे हो सकते हैं। उनका अहसास आपके पेट पर क्रमिक कसाव की तरह होता है - यदि आपको कभी माहवारी का दर्द (जो कि गर्भाशय का संकुचन भी होता है) हुआ हो तो, यह कुछ-कुछ उसी की तरह होता है। कुछ महिलाओं को उनका अहसास पीठ पर या जांघों पर होता है।
कैसे जाने कि डिलीवरी होने वाली है?ये संकेत मिलें तो समझ लें, बस 24 से 48 घंटे में ही शुरू होने वाला.... पेशाब बार-बार आना डिलीवरी के लिए बच्चे का सिर नीचे योनि की ओर आ जाता है। ... . म्यूकस प्लग निकलना प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय ग्रीवा में म्यूकस प्लग बनता है। ... . कमर दर्द तेज हो जाना ... . पानी की थैली फटना. डिलीवरी के कितने दिन पहले बच्चेदानी का मुंह खुलता है?इसकी अनुक्रिया में मां के अंदर प्रोस्टाग्लैंडिंस नामक हॉर्मोनों का स्राव होता है - और यही वे हॉर्मोन होते हैं जो गर्भाशय के संकुचन की प्रक्रिया आरंभ कराते हैं। प्रत्येक संकुचन के साथ: गर्भाशय शिशु को नीचे की ओर धकेलता है। सर्विक्स खुलता है और पतला हो जाता है।
कैसे पता करें कि बच्चेदानी का मुंह खुल गया है?नौवें महीने में ये संकेत मिलने का मतलब है खुल रहा है बच्चेदानी का मुंह, कुछ ही घंटों में होने वाली है डिलीवरी. बच्चेदानी का मुंह खुलना ... . पेल्विस में प्रेशर ... . म्यूकस डिस्चार्ज ... . स्पॉटिंग या ब्लीडिंग ... . पेशाब करने की होती है इच्छा ... . क्रैम्प्स और कॉन्ट्रैक्शन ... . कितना खुलता है बच्चेदानी का मुंह. |