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जीवन का उद्भव एवं विकास (The Origin and Evolution of Life)
पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण सिद्धान्त (1) धार्मिक सिद्धान्त (Religious Concepts)
(2) स्वतः उत्पत्तिवाद या जनन सिद्धान्त (Theory of Spontaneous Generation)
(3) ब्रहमाणवाद या कास्मोजोइक सिद्धान्त (Cosmozoic Theory)
(4) आकस्मिक अकार्बनिक उत्पत्तिवाद या प्रलयवाद (Theory of Sudden Creation)
(5) ओपरिन का आधुनिक सिद्धान्त (Oparin’s Modern Theory)
Read Also = Biology Notes In Hindi Biology MCQ In Hindi Physics Notes In Hindi जीवन के उद्भव का आधुनिक ओपेरिन सिद्धान्त क्या है 2?ओपेरिन व हैल्डेन के प्रस्ताव के अनुसार, सुदूर अतीत में जीवन का उदभव यौगिकों के रासायनिक संश्लेषण द्वारा (रासायनिक विकास सिद्धांत) पानी में हुआ ।
आधुनिक वैज्ञानिक पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति का क्या कारण मानते हैं?आधुनिक वैज्ञानिक जीवन की उत्पत्ति को एक तरह की रासायनिक प्रक्रिया बताते हैं इसमें पहले जैव कार्बनिक अणु बने फिर इनका समूह बना, यह प्रक्रिया निरंतर चलती रही और अंत में यह निर्जीव पदार्थ जीवित तत्त्वों में परिवर्तित हुआ। पृथ्वी पर जीवन के प्रमाण अलग अलग समय में जीवाश्मों के अवशेष के रूप में प्राप्त हुए हैं।
जीवन की उत्पत्ति से आप क्या समझते हैं नई जातियों के उद्भव पर प्रकाश डालिए?सकते हैं, पर धर्म ही सब कुछ नहीं है। इस कारण इसकी उत्पत्ति में धर्म को अधिक-से-अधिक एक सहायक कारण माना जा सकता है, मुख्य कारण नहीं।
जीवन का उद्भव सर्वप्रथम कहाँ हुआ?अतएव वासस्थान और भोजन के लिये जीवों में अनवरत संघर्ष चलता रहता है। इस संघर्ष में बहुसंख्या में जीव मर जाते हैं और केवल कुछ ही जीवित रह पाते हैं। इस प्रकार प्रकृति में विभिन्न जीवों की संख्या में एक संतुलन बना रहता है।
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