अरविन्द के अनुसार राष्ट्रवाद क्या है? - aravind ke anusaar raashtravaad kya hai?

महर्षि अरविन्द के अनुसार राष्ट्रवाद क्या है?

अरविंद की धारणा थी कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति में यह विश्वास जागृत करना है कि मानसिक तथा आत्मिक दृष्टि से पूर्ण सक्षम है तथा वह शनै: शनै: अतिमानव (superman) की स्थिति में आ रहा है। शिक्षा द्वारा व्यक्ति की अन्तर्निहित बौद्धिक एवं नैतिक क्षमताओं का सर्वोच्च विकास होना चाहिए।

अरविंद ने राष्ट्रवाद को कौन सा विशेष नाम दिया है?

' देशबंधु चित्तरंजन दास ने उन्हें देशभक्ति का कवि, राष्ट्रवाद का मसीहा और मानवता का प्रेमी कह कर संबोधित किया. श्री अरविंद ने राष्ट्र को शक्ति का स्वरूप माना और लोकमानस से राष्ट्र को 'मां' की तरह पूजने का आह्वान किया.

महर्षि अरविन्द ने अपने भाषण में क्या संदेश दिया है स्पष्ट कीजिए?

उन्होंने अपने भाषणों तथा 'वंदे मातरम्' में प्रकाशित लेखों द्वारा अंग्रेज सरकार की दमन नीति की कड़ी निंदा की थी। अरविन्द का नाम 1905 के बंगाल विभाजन के बाद हुए क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़ा और 1908-09 में उन पर अलीपुर बमकांड मामले में राजद्रोह का मुकदमा चला जिसके फलस्वरूप अंग्रेज सरकार ने उन्हें जेल की सजा सुना दी।

श्री अरविंद के अनुसार अतिमानस क्या है?

श्री अरविंद की दृष्टि के अनुसार, मुक्ति विश्व की सेवा करने का एक अवसर प्राप्त करना है। जब तक मुक्ति नहीं मिलती, तब तक विश्व की सेवा नहीं कर सकते। मुक्ति पाए बिना यदि सेवा करने जाएंगे, तो संभव है कि वह सेवा न होकर और ही कुछ हो जाए।