कंठ रुक रहा है, काल आ रहा है- यह भावना कवि के मन में क्यों आई? Show कवि का जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा है। उसने बहुत ही कठिन हालतों का सामना किया है। जीवन में वेदना और दुख ने उसका कभी पीछा नहीं छोड़ा है। शोषक वर्गों के अत्याचार और शोषण ने उसे बहुत दुखी किया है। उसने जब भी विरोध किया है, उसकी आवाज़ को दबाया दिया गया है। उसने फिर भी हार नहीं मानी और इन सबसे लड़ता रहा है। परन्तु इन सब हालतों से लड़ते हुए उसके अंदर जीने की इच्छा समाप्त हो गई है और वह मरणासन्न स्थिति में पहुँच गया है। और उसे प्रतीत हो रहा है कि उसका कंठ अब कुछ कहने में समर्थ नहीं है तथा उसकी मृत्यु समीप ही है। Concept: काव्य भाग Is there an error in this question or solution? गीत गाने दो मुझे कंठ रुक रहा है काल आ रहा है यह भावना कवि के मन में क्यों आई?Access NCERT solutions for Hindi अंतरा-Chapter 2: गीत गाने दो मुझे, सरोज स्मृति 1. कंठ रुक रहा है, काल आ रहा है- यह भावना कवि के मन में क्यों आई? उत्तर :यह भावना कवि के मन में इसलिए आई क्योंकि उनके अंदर की वेदना उनपर भारी हो रही है, वह तड़प रहे हैं।
गीत गाने दो मुझे कविता में कवि हमें क्या करने की प्रेरणा देते हैं?उत्तर: कविता 'गीत गाने दो मुझे' में कवि हमको निरंतर संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं ।
गीत गाने दो मुझे कविता का क्या उद्देश्य है?सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी की प्रेरक रचना 'गीत गाने दो मुझे' दुःख को भुलाकर सुख की आशा बनाए रखने का संदेश देती है। विषम परिस्थितियों में भी जीवन संघर्ष करते हुए आशा के सहारे निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाली कविता है।
2 ठग ठाकुरों से कवि का संकेत किसकी ओर है?कवि ठग-ठाकुरों शब्द कहकर समाज में व्याप्त धोखेबाज़ लोगों की ओर संकेत कर रहा है। उसके अनुसार इस प्रकार के लोग समाज में फैले हुए हैं। इनका निशाना गरीब किसान और मज़दूर वर्ग हैं। ये उनका लगातार शोषण करते हैं और उनका जीवन नरकीय बनाए हुए हैं।
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