Contents कार्यालयी पत्र मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह अपने भावों, सूचनाओं, विचारों को दूसरों तक संप्रेषित करना चाहता है। पत्र इस कार्य हेतु सर्वाधिक उत्तम साधन है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने इच्छित व्यक्ति से अपने मन की बात आसानी से कह सकता है। इसके अतिरिक्त, आज का दैनिक जीवन बहुत जटिल हो गया है। मनुष्य को सरकारी, गैर-सरकारी संस्थाओं आदि से संबंध स्थापित करने पड़ते हैं। इस कार्य में पत्र बहुत ही सहायक सिद्ध होता है। पत्र के प्रकार पत्र अनेक प्रकार के होते हैं। विषय, संदर्भ, व्यक्ति और स्थिति के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार के पत्रों को लिखने का तरीका भी अलग-अलग होता है। आमतौर पर पत्र दो प्रकार के होते हैं-(क) अनौपचारिक पत्र (ख) औपचारिक पत्र। (क) अनौपचारिक पत्र- इस तरह के पत्र नजदीकी या रिश्तेदार को लिखे जाते हैं। इसमें पत्र पाने वाले तथा लिखने वाले के बीच घनिष्ठ संबंध होता है। यह संबंध पारिवारिक तथा मित्रता का भी हो सकता है। ऐसे पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कह सकते हैं। इन पत्रों की विषयवस्तु निजी व घरेलू होती है। इनका स्वरूप संबंधों के आधार पर निर्धारित होता है। इन पत्रों की भाषा-शैली में कोई औपचारिकता नहीं होती तथा इनमें आत्मीयता का भाव व्यक्त होता है। (ख) औपचारिक पत्र- इस तरह के पत्रों में एक निश्चित शैली का प्रयोग किया जाता है। सरकारी, गैर-सरकारी संदभों में औपचारिक स्तर पर भेजे जाने वाले पत्रों को ‘औपचारिक पत्र’ कहा जाता है। इनमें व्यावसायिक, कार्यालयी और सामान्य जीवन-व्यवहार के संदर्भ में लिखे जाने वाले पत्रों को शामिल किया जाता है। औपचारिक पत्रों के दो प्रकार होते हैं- (i) सरकारी, अर्ध-सरकारी और व्यावसायिक संदभों में लिखे जाने वाले पत्र- इनकी विषयवस्तु प्रशासन, कार्यालय और कारोबार से संबंधित होती है। इनकी भाषा-शैली का स्वरूप निश्चित होता है। इनका प्रारूप भी प्राय: निश्चित होता है। सरकारी कार्यालयों, बैंकों और व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा किया जाने वाला पत्र-व्यवहार इस वर्ग के अंतर्गत आता है। विभिन्न पदों के लिए लिखे गए आवेदन-पत्र भी इसी वर्ग में आते हैं। (ii) सामान्य जीवन व्यवहार तथा अन्य विशिष्ट संदभों में लिखे जाने वाले पत्र- ये पत्र परिचित एवं अपरिचित व्यक्तियों को तथा विविध क्षेत्रों से संबद्ध अधिकारियों को लिखे जाते हैं। इनकी विषयवस्तु आम जीवन से संबद्ध होती है। इनके प्रारूप में स्थिति व संदर्भ के अनुसार परिवर्तन हो सकता है। इनके अंतर्गत शुभकामना-पत्र, बधाई-पत्र, निमंत्रण-पत्र, शोक संवेदना-पत्र, शिकायती-पत्र, समस्यामूलक पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि आते हैं। पत्र के अंग पत्र का वर्ग कोई भी हो, उसके चार अंग होते हैं – (i) पता और दिनांक (ii) संबोधन तथा अभिवादन (iii) पत्र की सामग्री या कलेवर (iv) पत्र को समाप्ति या समापन भाग (i) पता और दिनांक (ii)
संबोधन तथा अभिवादन ● औपचारिक पत्रों में संबोधन से पहले पत्र का विषय अवश्य लिखा जाता है। ‘प्रिय’ संबोधन का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है – • अपने से छोटों के लिए औपचारिक स्थिति में • मान्यवर/प्रिय
महोदय/महोदया (ख) औपचारिक पत्रों में पदनाम के बाद अल्पविराम का प्रयोग नहीं किया जाता। (iii) पत्र की सामग्री या कलेवर ● कलेवर की भाषा सरल होनी चाहिए तथा वाक्य छोटे-छोटे होने चाहिए। (iv) पत्र की समाप्ति या समापन भाग ● अनौपचारिक पत्र के अंत में लिखने वाले और पाने वाले की आयु, अवस्था तथा गौरव-गरिमा के अनुरूप स्वनिर्देश बदल जाते हैं; जैसे-तुम्हारा, आपका, स्नेही, शुभचिंतक, विनीत आदि। I. आवेदन-पत्र1. मानव संसाधन विभाग के महाप्रबंधक को ‘मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव’ पद के लिए एक आवेदन-पत्र। परीक्षा भवन 1. दसवीं, सी०बी०एस०ई० 1996, 75% अंक अनुभव- विक्रय प्रतिनिधि के रूप में हिंदुस्तान लीवर कंपनी का कार्यानुभव। ह° …………………… 1. 10वीं की सत्यापित प्रतिलिपि 2. मेरठ स्थिति ‘ लोकायन ‘ संस्था ‘ को घर-घर जाकर वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के बारे में एक सवक्षण करना हो। नवयुवकों की आवश्यकता है। अभ्यर्थी दवारा संस्था के सचिव को अपनी योग्यता और रुचियों काविवरण देते हुए आवेदन-पत्र । परीक्षा भवन 1. दसवीं, सी०बी०एस०ई० 1997, प्रथम श्रेणी मैं वायदा करता हूँ कि यदि आप मुझे सेवा का मौका देंगे तो इस कार्य को मैं पूरी निष्ठा से करूंगा। आशा है आप मेरे आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे। ह° …………………… 3. गांधी जी के जीवन और दर्शन पर लगाई जाने वाली प्रदर्शनी में काम करने के लिए कुछ युवक-युवतियों की आवश्यकता है। व्यवस्थापक, गांधी दर्शन, राजघाट, नई दिल्ली को स्ववृत्त का उल्लेख करते हुए आवेदन पत्र। परीक्षा भवन व्यवस्थापक विषय- प्रदर्शनी में कार्य करने हतु आवेदन-पत्र। 1. दसवीं, सी०बी०एस०ई०, दिल्ली, 2004, 75% अंक विशेष रुचि- गांधी-दर्शन का विशेष अध्ययन।। ह° …………………… 4. एक बहुराष्ट्रीय बैंक को अपनी ग्राहक-संख्या में विस्तार के लिए कुछ सहायक चाहिए। अभ्यर्थी दवारा अपनी रुचि, योग्यता और अनुभव का उल्लेख करते हुए बैंक के प्रबंधक को आवेदन-पत्र। परीक्षा भवन प्रबंधक विषय- सहायकों की भर्ती के सबध में आवेदन-पत्र/ शैक्षणिक योग्यताएँ- 1. दसवीं, सी०बी०एस०ई० 2003, 65% अंक रुचि- वाणिज्य का ज्ञान प्राप्त
करना। ह° …………………… 5. ‘हस्तक्षेप’ अलीगढ़, उत्तर प्रदेश को ऐसे युवक-युवतियों की आवश्यकता है जो गरीब तथा श्रमिक व्यक्तियों में जाकर हुए उक्त संस्था के सचिव को आवेदन-पत्र। परीक्षा भवन मुझे समाचार-पत्र ‘दैनिक भास्कर’ से पता चला है कि आपकी संस्था को ऐसे युवक-युवतियों की आवश्यकता है जो गरीब और श्रमिकों में ‘एड्स’ के बारे में जागरूकता फैला सकें। यह समाज-कल्याण का कार्य है और मैं इस कार्य में अपना योगदान करना चाहता हूँ। मेरी रुचि भी समाज-सेवा में रही है। आशा है आप मुझे इस सेवा का अवसर प्रदान करके कृतार्थ करेंगे। 1. दसवीं, उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड 2000, प्रथम श्रेणी रुचि- लोगों से मेलजोल बढ़ाना। 6. कल्पना कीजिए कि कोई अभ्यर्थी पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना अध्ययन पूरा कर लिया है और ‘नवभारत टाइम्स’ अखबार में पत्रकार पद के लिए आवेदन भेजना चाहता है। इसके लिए अभ्यर्थी दवारा लिखा गया आवेदन-पत्र। परीक्षा भवन नाम- क०ख०ग० कुमार 1. दसवीं, सी०बी०एस०ई० 1997, 65% अंक कार्यानुभव- सांध्य दैनिक में एक वर्ष का अनुभव ह° …………………. 7. अपनी ग्राहक संख्या बढ़ाने के लिए एक प्रतिष्ठित समाचार-पत्र को ग्रीष्मावकाश में घर-घर जाकर प्रचार करने वाले -नवयुवतियों की आवश्यकता है। अभ्यार्थी दवारा अपनी रुचि, कुशलता, अनुभव आदि का उल्लेख हुए मुख्य प्रबंधक को आवेदन-पत्र। परीक्षा भवन क०खoगo समाचार-पत्र . 1. दसवीं, सी०बी०एस०ई० 2004, प्रथम श्रेणी कार्यानुभव- दो वर्ष का स्थानीय अखबारों में बिक्री सहायक का अनुभव। 8. राजीव गांधी फ़ाउंडेशन उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करती है। अभ्यर्थी दवारा अपनी योग्यताओं का परिचय देते हुए संस्था के सचिव को आवेदन-पत्र। परीक्षा भवन सचिव ह° ………………… 9. आपको कक्षा बारहवीं में हिंदी विषय में 95 अंक आए हैं। हिंदी में अपनी विशिष्ट योग्यता का उल्लेख करते हुए हिंदी अकादमी, दिल्ली को पत्र लिखकर उनकी पुरस्कार योजना व छात्रवृत्ति के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए। [CBSE Sample Paper, 2015] परीक्षा भवन सचिव II. शिकायत/समस्या/अन्य पत्र10. आपके क्षेत्र की कानून-व्यवस्था इतनी बिगड़ गई है कि हर व्यक्ति अपने को असुरक्षित महसूस करता है। इसके कारणों की चर्चा करते हुए समाधान हेतु पुलिस आयुक्त को पत्र। अथवा दिन-दिन बिगड़ती कानून-व्यवस्था की समस्या के प्रति चिंता प्रकट करते हुए नगर के पुलिस-कमिश्नर को पत्र । परीक्षा भवन पुलिस आयुक्त 11. दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की समीक्षा एवं सुझाव देते हुए दूरदर्शन के निदेशक को पत्र। परीक्षा भवन निदेशक 12. ग्रीष्मावकाश में आप भुवनेश्वर, पुरी आदि जाना चाहते हैं। इस संदर्भ में ओडिशा के दर्शनीय स्थलों, परिवहन, अवस आव के बारे में वित्त सूचना माँगने के लिए प्रबंधक, ओडिशा पर्यटन विकास निगम, भुवनेश्वर को पत्र। परीक्षा भवन प्रबंधक महोदय महोदय 13.आपका पानी का मीटर काफी समय से खराब है। इसकी शिकायत नगर निगम के कार्यपालक अभियंता से करते हुए पत्र। परीक्षा भवन कार्यपालक अभियंता महोदय 14. नवीन के घर का फोन खराब पड़ा रहता है। क्षेत्र के टेलीफोन एक्सचेंज में प्रबंधक को शिकायती पत्र। परीक्षा भवन प्रबंधक महोदय 15. एक दिन सुबह जागने के बाद आपने पाया कि रात में आपके घर में चोरी हो गई है । आपने पुलिस को सूचित किया, किंतु पुलिस नहीं आई। थाने जाने पर आपकी शिकायत लिखी भी नहीं गई है । पूरी जानकारी देते हुए क्षेत्र के पुलिस उपयुक्त को पत्र। परीक्षा भवन पुलिस उपायुक्त 16. वन-महोत्सव के अवसर पर लगाए गए वृक्ष उदयान विभाग के उपेक्षा भरे व्यवहार के कारण सूखते जा रहे हैं। उदयान विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर उचित कार्यवाही के लिए अनुरोध कीजिए। परीक्षा भवन निदेशक महोदय 17. प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश दिलाने में अभिभावकों को विशेष समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के निदान के लिए राज्य के शिक्षा निदेशक को पत्र। परीक्षा भवन निदेशक 18.आपके नगर/कस्बे का एक नवयुवक सैनिक देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गया। एक वर्ष बीत जाने पर भी उसकी बेसहारा माँ को कोई सहायता नहीं मिली। उसकी दयनीय दशा बताते हुए तुरंत राहत के लिए रक्षा मंत्री, रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के नाम पत्र। परीक्षा भवन माननीय रक्षा मंत्री 19. सड़क को चौड़ा करने के बहाने आवश्यकता से अधिक पेड़ काटे गए। इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए वन एवं पर्यावरण विभाग को एक पत्र। परीक्षा भवन वन अधिकारी 20. रेल के वातानुकूलित डिब्बे में मुंबई से अमृतसर की यात्रा के दौरान रात के समय आपकी अटैची चोरी हो गई। अटैची और सामान का पूरा विवरण देते हुए संबदध स्टेशन के पुलिस अधिकारी के नाम शिकायती पत्र। परीक्षा भवन पुलिस अधिकारी 21. आपके मोहल्ले में बिजली प्राय: रात्रि के समय कई-कई घंटों के लिए चली जाती है। बिजली संकट से उत्पन्न कठिनाइयों से अवगत कराते हुए बिजली विभाग के संबंधित अधिकारी को पत्र। परीक्षा भवन परीक्षा भवन विद्युत अधिकारी 22. रेल में यात्रा करते हुए वाराणसी में उतरने पर आपने पाया कि आपका कुछ सामान डिब्बे में ही छूट गया। स्टेशन मास्टर को अपने छूटे हुए सामान का विवरण और पहचान बताते हुए पत्र। परीक्षा भवन स्टेशन मास्टर 23. आपके क्षेत्र में स्थित एक औदयोगिक संस्थान का गंदा पानी आपके नगर की नदी को दूषित कर रहा है। इस समस्या से अवगत कराते हुए प्रदूषण नियंत्रण विभाग के मुख्य अधिकारी को पत्र। परीक्षा भवन मुख्य अधिकारी 24. खादय पदार्थों में, विशेषत: दूध और दूध से बनी वस्तुओं में, मिलावट की समस्या विकट रूप धारण करती जा रही है। उचित कार्रवाई के लिए अनुरोध करते हुए अपने प्रांत/नगर के खादय विभाग के आयुक्त को पत्र। परीक्षा भवन आयुक्त
महोदय 25. रेल-यात्रा के दौरान साधारण श्रेणी के यात्रियों को स्टेशनों एवं चलती गाड़ियों में मिलने वाली खान-पान की सामग्री संतोषजनक नहीं होती। इस समस्या की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए अधीक्षक, खान-पान विभाग, रेल भवन, नई दिल्ली के नाम पत्र। परीक्षा भवन अधीक्षक 26. आपने ‘लोक सभा’ चैनल पर कुछ दिन संसद की कार्यवाही देखी। कुछ विदवतापूर्ण भाषणों के बीच हो-हल्ला और अन्य प्रकार की बाधाओं को देखकर आपको कैसा लगा? अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए अध्यक्ष, लोक सभा, संसद भवन, नई दिल्ली को पत्र। परीक्षा भवन 27. पर्वतारोहण में अपनी गहरी रुचि का उल्लेख करते हुए निदेशक, पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान, उत्तरकाशी में चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों, उनकी प्रशिक्षण अवधि, शुल्क आदि से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए पत्र। परीक्षा भवन 28. आपके विधायक चुनाव जीतने के बाद आपके क्षेत्र में नहीं आए। क्षेत्र में विकास का कोई काम नहीं हुआ। सड़क, बिजली, पानी की समस्याएँ ज्यों-की-त्यों हैं। क्षेत्र की स्थिति से की याद दिलाते हुए विधायक को पत्र। परीक्षा भवन माननीय विधायक महोदय 29. विद्यालय में होने वाले नाटक के पूर्वाभ्यास के दौरान एक दिन आपने देखा कि कुछ बच्चे छिपकर धूम्रपान कर रहे हैं। इस समस्या के निराकरण का अनुरोध करते हुए प्रधानाचार्य को पत्रा । परीक्षा भवन प्रधानाचार्य जी 30. आपके कुछ साथी विदयालय में छोटी कक्षाओं के विदयार्थियों को बहुत सताते हैं। इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र। परीक्षा भवन प्रधानाचार्य जी 31. आपके मोहल्ले के आस-पास के धार्मिक संस्थान अपने कार्यक्रमों को ऊंचे स्वर में लाउडस्पीकर लगाकर देर एक प्रतिकते हैं। इससे उपना कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए नगर निगम के संबंधित अधिकरी शिकायत-पत्र। परीक्षा भवन प्रशासनिक अधिकारी 32. भोपाल स्थित ‘प्रोन्नति’ नामक संस्था केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बारहवीं कक्षा में. हिंदी विषय में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वालों को सम्मानित करती है। हिंदी के प्रति अपने लगाव, लगन और परिश्रम का उल्लेख करते हुए उन्हें अपने अंकों की जानकारी देकर सम्मान प्राप्त करने वालों की सूची में अपना भी नाम दर्ज कराने हेतु पत्र। परीक्षा भवन सचिव प्रोन्नति संस्था 33. सार्वजानिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध नियम के उल्लंघन को लेकर अपने राज्य के पर्यावरण मंत्री को पत्र। [CBSE (Delhi), 2013] परीक्षा भवन पर्यावरण मंत्री 34. पुरातात्विक महत्व के स्थानों पर हो रहे अनधिकृत कब्जे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे रोकने के समुचित उपाय करने हेतु क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी को पत्र। [CBSE (Delhi), 2014)] परीक्षा भवन क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी 35. अस्पताल में किसी रोगी के इलाज में बरती गई लापरवाही का विवरण देते हुए वरिष्ठ चिकित्साधिकारी को पत्र। परीक्षा भवन वरिष्ट चिकात्सधिकारी 36. रेलगाड़ियों में बढ़ती चोरी-डकैती इत्यादि की घटनाओं का हवाला देते हुए
यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेल-प्रबंधक को पत्र। [CBSE Sample Paper, 2015 ] परीक्षा भवन रेल प्रबंधक 37. दूरदर्शन केंद्र निदेशक को प्रायोजित कार्यक्रमों की अधिकता एवं उनके गिरते हुए स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र। [CBSE (Delhi), 2015] परीक्षा भवन निदेशक : III. संपादक के नाम पत्र38. कुछ लोगों के मत में मनोरंजन चैनलों से प्रसारित होने वाले पारिवारिक सीरियलों की कहानियाँ वास्तविकता सुंदु होती हैं। इस विषय पर अप्ने विचर व्यक्त कते हुए किसी दैनिक समाचारपत्र के संपादक को पत्र । पारीक्षा भवन संपादक
महोदय 39. स्कूल जाने की उम्र में बच्चों को काम करते और भीख माँगते देखकर आपको कैसा लगता है? अपने विचारों को व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित दैनिक के संपादक के नाम पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 40. दिल्ली में हुए बम धमाकों के एक चश्मदीद नाबालिग गवाह का फोटो और उसका इंटरव्यू कुछ समाचार चैनलों दवारा दिखाया जाना बच्चे की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। इस संबंध में अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 41. ‘स्टिग ऑपरेशन’ खोजी पत्रकारिता का महत्वपूर्ण अंग है, पर इसका निजी जीवन में दखल बढ़ता जा रहा है। इस विषय पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए किसी समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 42. भारत के कुछ राज्यों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या बहुत कम है। इसका क्या कारण हो सकता है और प्रवृत्ति को रोकने के क्या किया जा सकता है? इस संबंध में राय व्यक्त करते हुए किसी दैनिक पत्र के संपादक को एक पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 43. महिलाओं की असुरक्षा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए तथा इसके समाधान हेतु समुचित उपाय बताते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 44. भ्रूण-हत्या में हो रही वृदधि पर चिंता प्रकट करते हुए एवं व्यावहारिक समाधान बताते हुए हिंदी के किसी समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 44. आप जिस क्षेत्र में रहती/रहते हैं, वहाँ अभी तक डाकघर नहीं खुला है। डाकघर खोलने के लिए अनुरोध करते हुए ‘हिंदुस्तान’ दैनिक के ‘पाठकों के पत्र’ स्तंभ के लिए पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 46. दिन-प्रतिदिन बढ़ती महँगाई के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए ‘नवभारत टाइम्स’ के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 47. हुई ओर करते इसके 47. युवा | बढ़ती हुई अपराधवृत्ति की ओर सरकार व जनता का ध्यान आकृष्ट हुए तथा समाधान के लिए कुछ सुझाव देते हुए किसी दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 48. दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले अश्लील विज्ञापनों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए तथा इसके समाधान हेतु सुझाव देते हुए संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 49. मोहल्ले की सड़कें बहुत टूटी-फूटी व कूड़े आदि की गंदगी लिए हैं। सड़कों की मरम्मत व सफाई की ओर नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए किसी प्रमुख दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 50. वरिष्ट नागरकों की सुक्षा के प्रत चिंता व्यिक्त कते हुए तथा सुहाव देते हुए वैनक जगण के संपादक पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 51. दशहरा-दीपावली आदि त्योहारों में रावण-दहन, आतिशबाजी आदि पर करोड़ों रुपये चंद मिनटों में फूंक दिए जाते हैं। इस फ़िजूलखर्ची की चर्चा करते हुए अपने विचार किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक
महोदय 52. अपने राज्य में परिवहन-व्यवस्था की प्रमुख समस्याओं और उनके निदान को सुझाते हुए किसी प्रतिष्टित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। परीक्षा भवन संपादक महोदय 53. दूरदर्शन पर ‘वयस्क फ़िल्में” दिखाने के पक्ष या विपक्ष में अपने विचार प्रकट करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक के नाम पत्र। [CBSE (Delhi), 2013)] परीक्षा भवन संपादक महोदय 54. प्लास्टिक थैलियों के प्रयोग पर कानूनी पाबंदी लगाए जाने पर भी उनके बढ़ते प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी समाचार-पत्र के संपादक को एक सुझाव देते हुए पत्र। [CBSE (Delhi), 2014] परीक्षा भवन संपादक महोदय 55. देश में क्षेत्रीयतावाद के कारण उत्पन्न समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। [CBSE (Foreign), 2014] परीक्षा भवन संपादक महोदय 56. भारतीय युवाओं में क्रिकेट खेल के प्रति अत्यधिक लगाव की चर्चा करते हुए अन्य खेलों के प्रति उदासीनता के बारे में किसी समाचार-पत्र के संपादक को पत्र। [CBSE (Delhi), 2015] परीक्षा भवन संपादक महोदय IV. कार्यालयी पत्रसरकार को सुचारु रूप से चलाने के लिए विभिन्न विभाग होते हैं और उन विभागों का कार्य फ़ाइलों के जरिये होता हैं विभाग कई ताह के पोंक पर आसान प्रश्नकते हैं। इसप्रकरक पत्र-व्यावहार कर्याली पत्र-व्यवहार कहलाता हैं। सरकारी कार्यालयों की जरूरतों के अनुसार ये पत्र कई प्रकार के होते हैं; जैसे-कुछ पत्र सूचना प्राप्त करने या भेजने के लिए लिखे जाते हैं तो कुछ पत्रों के द्वारा मुख्यालय या बड़े अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यालयों/कर्मचारियों को आदेश भेजते हैं। कुछ पत्र अखबारों को विभागीय गतिविधियों की जानकारी देने के लिए भेजे जाते हैं। हर श्रेणी के पत्र का विशिष्ट स्वरूप होता है। सरकारी पत्रसरकारी पत्र-लेखन संबंधी ध्यातव्य बिंदु-
उदाहरण 1. भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को नक्सलवादी घटनाओं के संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए पत्र। भारत सरकार 2. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के सचिव की ओर से ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव को सूखा-पीड़ितों के लिए सहायता/अनुदान देने के लिए पत्र। भारत सरकार अद्र्ध-सरकारी पत्रअद्र्ध-सरकारी पत्र में अनौपचारिकता का भी समावेश होता है। इसमें मैत्रीभाव होता है। ये पत्र तब लिखे जाते हैं जब लिखने वाले अधिकारी के संबंधित अधिकारी से व्यक्तिगत संबंध हों। ध्यातव्य बिंदु- उदाहरण 1. सचिव, मानव संसाधन मंत्रालय, नई दिल्ली की तरफ से रेल मंत्रालय के सचिव को कर्मचारियों को हिंदी सिखाने के संदर्भ में एक अदर्ध-सरकारी पत्र। भारत सरकार आपका प्रति 2. मुख्य अभियंता, सार्वजानिक निर्माण विभाग, रोहतक की ओर से कार्यकारी अभियंता, दूरसंचार विभाग को एक अदर्थ-सरकारी पत्र, जिसमें उनसे भूमिगत केबल को बिछाने के लिए सड़कों के किनारे खोदी गई खाइयों को बंद करने का अनुरोध किया गया है। हरियाणा सरकार आपका प्रति परिपत्रयह पत्र तभी जारी होता है जब किसी बैठक में कोई महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाता है। यह पत्र एक साथ अनेक व्यक्तियों अथवा विभागों को बिना किसी संबोधन के भेजा जाता है। इसकी भाषा औपचारिक तथा आडंबररहित होती है। उदाहरण 1. हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से हड़ताली प्राध्यापकों की हड़ताल को गैर-कानूनी करार देने के संबंध में परिपत्र। हरियाणा सरकार 2. विदेश व्यापार विभाग दवारा फोन पर होने वाले व्यय के लिए सीमा निर्धारित करने के संदर्भ में परिपत्र। विदेश व्यापार विभाग अनुस्मारकजब किसी पत्र, ज्ञापन इत्यादि का उत्तर समय पर प्राप्त नहीं होता तो याद दिलाने के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें अनुस्मारक कहते हैं। इन्हें ‘स्मरण-पत्र’ भी कहते हैं।
उदाहरण 1. दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलसचिव की तरफ से विश्वविदयालय अनुदान आयोग को छठे वेतन मान के संदर्भ में अनुस्मारक। दिल्ली विश्वविद्यालय ह० (क०ख०ग० कुमार) 2. गृह मंत्रालय, पंजाब की ओर से उपायुक्त, को एक अनुस्मारक लिखिए जिसमें वहाँ बाहरी व्यक्तियों के बारे में वांछित सूचना शीघ्र भेजने का वर्णन हो । पंजाब सरकार कार्यालय आदेशकार्यालय आदेश का प्रयोग आंतरिक प्रशासन के संदर्भ में होता है। इसमें कर्मचारियों का स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्यवाही, काम के वितरण आदि की सूचना होती है। ध्यातव्य बिंदु- उदाहरण 1. श्रीमती रजनी को राजकीय उच्च विदयालय, नांगलोई से राजकीय उच्च विद्यालय, यमुना विहार के हिंदी विभाग में अध्यापिका के रूप में स्थानांतरण संबंधी कार्यालय दवारा जारी आदेश। शिक्षा विभाग कार्यालय आदेश विषय- श्रीमती रजनी का स्थानांतरण। 1. प्राचार्य, राजकीय उच्च विद्यालय, नांगलोई। (ह०) 2. महर्षि दयानंद विश्वविदयालय, रोहतक की ओर से दो व्यक्तियों को क्लर्क के पद पर नियुक्ति के संबंध में कार्यालय दवारा जारी आदेश। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय कार्यालय आदेश विषय- क्लर्क पद पर
नियुक्ति के संदर्भ में। 1. मनोज कुमार सुपुत्र श्री तारा सिंह (हo) प्रतिलिपि- 1. मनोज कुमार 2. अजय शर्मा 3. स्थापना शाखा 4. लेखा विभाग 5. परीक्षा अनुभाग (हo) कार्यालय ज्ञापनएक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के बीच जिन पत्रों का आदान-प्रदान किया जाता है, उन्हें ‘कार्यालय ज्ञापन’ कहते हैं। 1. कार्यालय ज्ञापन सदैव अन्य पुरुष में ही लिखे जाते हैं। उदाहरण 1. भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से सभी कर्मचारियों को हिंदी शिक्षण योजना में शामिल होने के लिए ज्ञापन। मानव ससाधन मंत्रालय कार्यालय ज्ञापन विषय- हिदी शिक्षण योजना के संदर्भ में। स्वयं करें
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जब किसी आवश्यक काम की ओर संबंधित अधिकारी का ध्यान तुरंत आकृष्ट कराना हो, सरकार के किसी आदेश का परिपालन शीघ्रता से कराना हो, किसी विभाग से कोई जानकारी अभिलंब लेना हो तब अर्ध सरकारी पत्र भेजे जाते हैं। इन पत्रों में औपचारिकता का पालन नहीं किया जाता है।
शासकीय एवं अर्ध शासकीय पत्र से आप क्या समझते हैं उदाहरण सहित समझाइए?इसका प्रयोग सरकार के आंतरिक प्रशासन, सूचनाओं के आदान-प्रदान, प्रशासनिक मंत्रालय से की जाने वाली कार्रवाई की सहमति प्राप्त करने, सरकार की नीतियों / निर्णयों की जानकारी देने तथा सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुँचाने आदि के लिए किया जाता है । पत्र / स्मरण पत्र / पावती / अंतरिम उत्तर पृष्ठांकन अर्ध सरकारी पत्र 1. 2.
अर्ध सरकारी पत्र कैसे होते हैं?अर्द्ध-सरकारी पत्र- अर्द्धसरकारी पत्र का प्रयोग विभिन्न सरकारी अधिकारियों के बीच होता है। यह किसी भी अधिकारी के पास उसके व्यक्तिगत नाम से भेजा जाता है। गैर-सरकारी व्यक्तियों (non officials) के पास भेजे जाने पर उसे सरकारी पत्र नहीं कहा जायेगा।
सरकारी एवं अर्ध सरकारी पत्र में क्या अंतर है?(1) अर्द्ध-सरकारी पत्र अनौपचारिक रूप से लिखे जाते हैं, जबकि सरकारी पत्र औपचारिक होते हैं। (2) अर्द्ध-सरकारी पत्र सरकारी अधिकारियों को व्यक्तिगत नाम से लिखे जाते हैं,जबकि सरकारी पत्रों में पाने वाले अधिकारी के केवल पद का उल्लेख किया जाता है। (3) अर्द्ध-सरकारी पत्र में सम्बोधन के अन्तर्गत 'प्रिय श्री' ......
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