अनुलोम विलोम करने से क्या लाभ होता है? - anulom vilom karane se kya laabh hota hai?

Published on: 30 June 2022, 08:00 am IST

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ऑफिस और घर के काम से हमें तनाव होना लाजिमी है। इस तनाव के कारण रात में हमारी नींद भी बाधित हो जाती है। पर क्या आप जानती हैं कि यदि आप दिन भर में कुछ मिनट सही तरीके से सांस लें, तो न सिर्फ आपका तनाव दूर हो जाएगा, बल्कि आपको नींद भी अच्छी तरह आ पाएगी। इसके लिए आपको अपने सांस लेने के तरीके पर गौर करना होगा। अनुलाेम-विलोम प्राणायाम इसमें आपकी मदद कर सकता है। पर तभी जब आप इसे सही तरीके से करें। आइए यहां जानते हैं अनुलोम-विलोम प्राणायाम के लाभ (Anulom-vilom benefits) और इसे करने का सही तरीका (How to do anulom vilom)। 

हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर की कोशिकाओं को अपना काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। ये ऑक्सीजन हम सांस के जरिए शरीर के भीतर पहुंचाते हैं। यह ऑक्सीजन शरीर में प्रतिक्रिया करने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाता है। सांस के माध्यम से ही इस कार्बन डाइऑक्साइड को हम शरीर से बाहर निकाल देते हैं। 

यदि कार्बन डाऑक्साइड की थोड़ी भी मात्रा शरीर में रह जाए, तो इससे हमारे सेल्स प्रभावित होने लगते हैं और हमें कई समस्याएं भी होने लगती हैं। इसलिए इनका शरीर से बाहर निकलना जरूरी है। अनुलोम विलोम प्राणायाम के जरिए हम शरीर की एक्स्ट्रा कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाल सकते हैं। 

यह प्राणायाम तनाव से कैसे राहत दिलाता है और इसे करने की सही प्रक्रिया क्या है, इसके लिए हमने बात की जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट के मुख्य योग अधिकारी डीआर राजीव राजेश से।

क्या है अनुलोम-विलोम

अनुलोम-विलोम प्राणायाम मानसिक और शारीरिक लाभ के लिए जाना जाता है। यह नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहलाता है। इसे बच्चे, युवा और बुजुर्ग हर कोई कर सकता है। हमारे शरीर में 72 हजार नाड़ियां मौजूद हैं। इस प्राणायाम को रोज करने से सभी नाड़ियां स्वस्थ व निरोग रहती हैं।

यहां हैं अनुलोम विलोम के नियमित अभ्यास के लाभ 

डीआर राजीव राजेश के अनुसार, अनुलोम विलोम मेंटल हेल्थ को बूस्ट करता है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को दूर रखता है।

1 वर्क प्रेशर को संभालने में मददगार 

यदि वर्क प्रेशर के कारण चिड़चिड़ापन या घबराहट होती है, तो रोज सुबह 15 मिनट और ऑफिस से आने के बाद 15 मिनट अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें। इससे सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।

2 बढ़ती है एकाग्रता

यदि बॉस के निर्देशों को समझने में आपको दिक्कत हो रही है, तो इसे आजमाने से एकाग्रता बढ़ जाती है। इससे माइंड का लेफ्ट एंड राइट हिस्सा संतुलित हो जाता है।

3 दिमाग तक पहुंचती है ऑक्सीजन

यदि रात में सोते समय करवट बदल रही हैं, तो लेटे हुए या बेड पर बैठकर कुछ मिनटों तक इस प्राणायाम को करने से दिमाग को ऑक्सीजन मिल जाती है और नींद भी आती है। मस्तिष्क में रक्त संचार अच्छे तरीके से हो पाता है। पूरे शरीर में भी ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है।

4 स्ट्रेस हो जाता है दूर

रोज अभ्यास करने से डिप्रेशन और शरीर की कमजोरी को दूर भगाकर इम्युनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। शरीर को ऊर्जा मिलती है और माइंड रिलैक्स हो जाता है। इससे स्ट्रेस भी दूर हो जाता है।

यहां है अनुलाेम-विलोम करने का सही तरीका 

स्टेप 1

आंखें बंद कर पद्मासन में बैठ जाएं।

स्टेप 2

दाहिने नथुने को बंद करने के लिए दाहिने अंगूठे का प्रयोग करें। बाएं नथुने से धीरे-धीरे श्वास लें।

स्टेप 3

अपने फेफड़ों को भरने के लिए अधिक से अधिक हवा लें। अपने दाहिने नथुने से अंगूठे को हटा दें और सांस छोड़ें।

शाम या रात में भी कर सकती हैं अनुलोम-विलोम। चित्र:शटरस्टॉक

स्टेप 4

सांस छोड़ते हुए मध्यमा उंगली का उपयोग करके अपने बाएं नथुने को बंद करें और अपने दाहिने नथुने से श्वास लें।

स्टेप 5

बायें नथुने से अंगूठे को हटा दें और सांस छोड़ें।

यह अभ्यास 10-15 मिनट तक कर सकते हैं। 

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आज का योग: सभी लोगों के लिए विशेष लाभदायक है अनुलोम-विलोम का नियमित अभ्यास, जानिए इसके फायदे

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhilash Srivastava Updated Sat, 06 Nov 2021 11:35 AM IST

शरीर को स्वस्थ और दीर्घायु बनाने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को नियमित रूप से योग और व्यायाम करने की सलाह देते हैं। योग में प्राणायाम को सेहत के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। इसमें भी अनुलोम-विलोम योग के अभ्यास को स्वास्थ्य विशेषज्ञ सबसे फायदोमंद मानते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि इसके नियमित अभ्यास से श्वास और रक्त परिसंचरण को ठीक रखने सहित कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लाभ हो सकते हैं।

योग विशेषज्ञों के मुताबिक अनुलोम विलोम श्वास का अभ्यास सुरक्षित है और इसे सभी लोग कर सकते हैं। इसके नियमित अभ्यास को कई गंभीर रोगों के खतरे को कम करने में लाभदायक पाया गया है। आइए आगे की स्लाइडों में अनुलोम विलोम से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।

कैसे करें यह अभ्यास
योग विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी योग से अधिकतकम लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरीके से अभ्यास करना आवश्यक होता है। इस आसन को करने के लिए भी सबसे पहले शरीर को एकदम से सीधा रखते हुए ध्यानपूर्वक में बैठ जाएं। बाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से श्वास भरें। अब बाई नासिका बंद करें और दाईं नासिका से श्वास छोड़ें। इस क्रिया को अब दूसरी नाक से दोहराएं। 

सांस की समस्याओं में लाभदायक
अध्ययनों के अनुसार अनुलोम विलोम का अभ्यास फेफड़ों के कार्य और सहनशक्ति में सुधार कर सकता है। साल 2019 के एक समीक्षा लेख में पाया गया कि फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए अनुलोम विलोम का अभ्यास एक प्रभावी तरीका हो सकता है। वहीं एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि दिन में 30 मिनट तक इस अभ्यास को करने से साइनस की सूजन (राइनोसिनसिसिटिस) में सुधार हो सकता है।

मस्तिष्क की कार्यक्षमता के बढ़ाता है
96 मेडिकल छात्रों पर किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि अनुलोम विलोम का अभ्यास चिंता और तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में उल्लेखनीय सुधार कर सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका रोजाना अभ्यास करने से मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है साथ ही अवसाद जैसी समस्याओं का खतरा कम होता है।

हृदय रोगियों के लिए लाभदायक
साल 2011 और 2013 में किए गए अध्ययनों में पाया गया कि अनुलोम विलोम का अभ्यास रक्तचाप और हृदय गति को कम करने के साथ हृदय के कार्यों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। जिन लोगों ने तीन महीने तक अनुलोम विलोम का रोजाना अभ्यास किया उनके रक्तचाप के स्तर में विशेष सुधार देखा गया।

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नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

अनुलोम विलोम से कौन सा रोग दूर होता है?

जागरण संवाददाता, सिरसा : अनुलोम विलोम प्राणायाम श्वासों पर आधारित योग है। योगीगण इसे नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहते है। इस प्राणायाम के अभ्यासी को वृद्धावस्था में भी गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें नहीं होती।

अनुलोम विलोम कितने समय तक करना चाहिए?

आप दस मिनट तक इसका अभ्यास सुबह या शाम खाली पेट कर सकते हैं. सुबह पाँच-दस बार इसका अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए. अनुलोम-विलोम प्राणायाम के अभ्यास से हम अतिरिक्त शुद्ध वायु भीतर लेते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड यानी दूषित वायु बाहर निकाल देते हैं.

अनुलोम विलोम के कितने फायदे हैं?

अनुलोम विलोम दिल की परफोर्मेंस को बेहतर करता है। यह ब्लोकेज को भी रोकता है, और इसी के साथ अर्टेरीज को साफ रखता है, ब्लड फ्लो में सुधार करता है। रोजाना इसे करने से दिल के दौरे या कार्डियक अरेस्ट से बचने में मदद मिल सकती है।

अनुलोम विलोम कैसे करें और इसके फायदे?

बाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से श्वास भरें। अब बाई नासिका बंद करें और दाईं नासिका से श्वास छोड़ें। इस क्रिया को अब दूसरी नाक से दोहराएं। अध्ययनों के अनुसार अनुलोम विलोम का अभ्यास फेफड़ों के कार्य और सहनशक्ति में सुधार कर सकता है।