खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। कुछ उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं - लोहा, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट (जिससे अलुमिनियम बनता है), नमक, जस्ता, चूना पत्थर इत्यादि। Show भारत में खनिज संपदा: भारत में खनिज सम्पदा का विशाल भंडार है, जिससे उद्योगों को, विशेषकर लोहा-उद्योग को कच्चा माल मिलता है । भूगर्भीय सर्वेक्षण विभाग के अनुसार भारत में खनिज सम्पदा वाले 50 क्षेत्र हैं और उन क्षेत्रों में लगभग 400 स्थलों पर खनिज मिलते हैं । भारत में लौह-अयस्क का बहुत विशाल भंडार है। भारत लोहा के अलावे मैंगनीज, क्रोमाईट, टाइटेनियम, मैग्नासाईट, केनाईट, सिलिमनाईट, परमाणु-खजिनों अभ्रक और बाॅक्साइट के मामले में न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि इनका बड़ी मात्रा में निर्यात भी करता है। भारत में खनिज सम्पदा का वितरण बहुत असमान है । दामोदर घाटी प्रदेश में पेट्रोलियम को छोड़कर खजिन सम्पदा का सर्वाधिक भंडार है। जबकि मंगलौर से कानपुर की रेखा के पश्चिमी भाग के प्रायद्वीपीय क्षेत्र में खनिज के भंडार बहुत कम हैं । इस रेखा के पूर्व में धात्त्विक खनिज, कोयला, अभ्रक तथा कई गैर-धात्त्विक खनिजों के बड़े भंडार हैं। गुजरात और असम में पेट्रोलियम के समृद्ध भंडार हैं । राजस्थान में कई अधात्त्विक खनिजों के भंडार हैं। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड और पश्चिम बंगाल में खनिज सम्पदाओं की कमी है । खनिज संपदा से विपन्न अन्य राज्य राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और मेघालय हैं । धात्त्विक एवं अधात्त्विक खनिजों तथा कोयला का अधिकांश उत्पादन बिहार और मध्य प्रदेश में होता है। इन्हें भी पढे: भारत के प्रमुख शहरों व राज्यों के भौगोलिक उपनाम भारत के प्रमुख खनिज एवं सर्वाधिक उत्पादक राज्यो की सूची: भारत के लिए खनिज का संरक्षण क्यों आवश्यक है?वर्तमान तीव्र औद्योगिक विकास के लिए किए जा रहे इनके अत्यधिक शोषण को देखते हुए यह अति आवश्यक है कि खनिज संसाधनों का संरक्षण किया जाए, अन्यथा भविष्य में औद्योगिक सभ्यता का स्थायित्व खतरे में पड़ जाएगा। इन्हें भी पढे: आग्नेय चट्टाने और अवसादी चट्टाने खनिज संरक्षण के लिए निम्न उपाय किए जाने आवश्यक हैं:1. नए खनिजों का पता लगाना: विश्व के कई विस्तृत क्षेत्रों में अभी भी खनिजों के अन्वेषण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है, जैसे ध्रुवीय प्रदेशों में, समुद्री तली में, पर्वतीय क्षेत्रों पर। इसलिए इन क्षेत्रों में खनिज का पता लगाकर उन निक्षेपों से उत्पादन किया जाना चाहिए। ऐसे क्षेत्रों में, जहाँ कि खनिज अन्वेषण का कार्य पूर्ण हो चुका है वहाँ भी अभी भू-रासायनिक एवं भू-भौतिक विधियों द्वारा सर्वेक्षण किया जाना शेष है। 2. खनिजों का बहुउद्देश्यीय प्रयोग: खनिजों का बहुउद्देशीय प्रयोग किया जाना चाहिए ताकि उन खनिजों से अधिकतम उपयोगिता प्राप्त की जा सके। इस हेतु खनिजों का विभिन्न कार्यों के लिए उपयोग किया जाना आवश्यक है। सभी खनिजों का बहुउद्देश्यीय उपयोग होने से खनिजों का संरक्षण हो सकेगा। कुछ खनिज सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं। उनका अन्य खनिज से मिश्रण कर नई धातुएँ प्राप्त करके उपयोग किया जाना चाहिए। 3. सुरक्षित भण्डार गृहों का निर्माण: खनिजों का खनन करने के पश्चात् उनको खुले स्थानों पर नहीं छोडना चाहिए इससे उनके मौलिक गुण समाप्त हो जाते हैं। अत: खनिजों को रखने के लिए सुरक्षित भण्डार-गृहों का निर्माण किया जाना चाहिए। 4. खनिजों के विकल्पों का अन्वेषण: जिन खनिजों के भण्डार कम हैं, उनकी विशेषताओं एवं गुणों का अध्ययन कर, उनके विकल्प पदार्थों की खोज की जानी चाहिए और विकल्पी पदार्थों का प्रतिस्थापन करके उन खनिजों का संरक्षण किया जाना चाहिए। भारत में अभ्रक उत्पादन में प्रथम राज्य कौन सा है?आंध्र प्रदेश भारत में अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक है। आंध्र प्रदेश में, नेल्लूर जिला अभ्रक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। विश्व के सबसे बड़े अभ्रक उत्पादकों की सूची में भारत 8 वें स्थान पर है। 2013-14 में 6635 टन अभ्रक के अनुमानित उत्पादन के साथ, राजस्थान ने दूसरे स्थान पर कब्जा कर लिया है।
अभ्रक का सबसे बड़ा भंडार कहाँ है?Detailed Solution. सही उत्तर भारत है। भारत ने विश्व के कुल अभ्रक उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत उत्पादन किया। भारत में अभ्रक भंडार का लगभग 95% झारखंड, आंध्र प्रदेश और राजस्थान राज्य में स्थित है।
अभ्रक का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला देश कौन है?अभ्रक / माईका का उत्पादन विश्व मे सबसे अधिक (80%) भारत मे होता है। पूरी दुनिया का जरूरत का 80% अभ्रक भारत में ही मिलता है। अभ्रक उत्पादन में प्रथम तीन देशों के नाम भारत, ब्राजील, साउथ अफ्रीका है। अभ्रक (Mica) एक खनिज है जो आग्नेय (Igneous rock) एवं कायांतरित चट्टानों (metamorphic rock) में परत के रूप में पाया जाता हैं।
अभ्रक उत्पादन में राजस्थान का देश में कौनसा स्थान है?राजस्थान में अभ्रक उत्पादक क्षेत्र:
अभ्रक उत्पादन में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है।
|