Show सब्सक्राइब करे youtube चैनल वर्तमान में हिंदी रंगमंच की क्या स्थिति है , का विकास कब हुआ ? आधुनिक रंगमंच किसे कहते हैं ? आधुनिक रंगमंच भारत के रंगमंच की उत्पत्ति कहाँ से हुई?भारत में रंगमंच का इतिहास बहुत पुराना है। ऐसा समझा जाता है कि नाट्यकला का विकास सर्वप्रथम भारत में ही हुआ। ऋग्वेद के कतिपय सूत्रों में यम और यमी, पुरुरवा और उर्वशी आदि के कुछ संवाद हैं। इन संवादों में लोग नाटक के विकास का चिह्न पाते हैं।
भारत में रंगमंच का आरंभ कब से माना जाता है?हिंदी रंगमंच का प्रारम्भ 1853 ईसवी में नेपाल के माटगांव में अभिनीत ' विद्याविलाप ' नाटक से माना जाता है। किन्तु यह नेपाल तक ही सीमित रह गया। वस्तुतः हिंदी रंगमंच का नवोत्थान 1871 ईसवी में स्थापित 'अल्फ्रेड नाटक मंडली ' से हुआ जिसने भारतेन्दु और राधाकृष्ण दास के नाटकों का मंचन प्रस्तुत किया।
आधुनिक रंगमंच क्या होता है?आधुनिक रंगशाला में एक तल फर्श से नीचे होता है, जिसे वादित्र कक्ष कहते हैं। ऊपर एक ढालू बालकनी होती है। कभी कभी इस बालकनी और फर्श के बीच में एक छोटी बालकनी और होती है। प्रेक्षागृह में बैठे प्रत्येक दर्शक को रंगमंच तक सीधे देखने की सुविधा होनी चाहिए, इसलिए उसमें उपयुक्त ढाल का विशेष ध्यान रखा जाता है।
रंगमंच की उत्पत्ति कैसे हुई?प्राचीन भारत में रंगमंच की उत्पत्ति “वैदिक आर्यों” के धार्मिक कर्मकांड के परिणामस्वरूप हुई है। प्राचीन भारतीय परंपरा के अनुसार भारतीय रंगमंच एक जीवन आकार की कला थी; व्यावहारिक रूप से इसके दायरे से बाहर कुछ भी नहीं था।
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