आत्मकथ्य कविता में कौन सा गुण विद्यमान है? - aatmakathy kavita mein kaun sa gun vidyamaan hai?

आत्मकथ्य कविता में कौन से गुण विद्यमान है?

Answer. Explanation: आत्मकथ्य कविता में प्रसाद गुण विद्यमान है।

आत्मकथा कविता में कौन सा गुण?

कवि आत्मकथा लिखने से बचना चाहता था क्योंकि उसे लगता था कि उसका जीवन साधारण-सा है। उसमें कुछ भी ऐसा नहीं जिससे लोगों को किसी प्रकार की प्रसन्नता प्राप्त हो सके। उसका जीवन अभावों से भरा हुआ था जिन्हें वह औरों के साथ बांटना नहीं चाहता था। उसके जीवन में किसी के प्रति कोमल भाव अवश्य था जिसे वह किसी को बताना नहीं चाहता था।

आत्मकथ्य कविता का मूल भाव क्या है?

आलिंगन में आते – आते मुसक्या कर जो भाग गया। उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियां कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित आत्मकथ्य कविता से ली गई है। उक्त पंक्तियों का भाव यह है कि कवि भी दूसरे लोगों के जैसा सुखमय तथा आनंदरूपी जीवन व्यतीत करना चाहता था पर उसे वह सुख नहीं मिल सका जिसकी वह कल्पना कर रहा था।

आत्मकथा लिखने के लिए किन गुणों की आवश्यकता होती है कवि के लिए यह कार्य कठिन क्यों था सोचकर लिखिए?

Answer: आत्मकथा लिखने के लिए अपने मन कि दुर्बलताओं, कमियों का उल्लेख करना पड़ता है। कवि स्वयं को इतना सामान्य मानता है कि आत्मकथा लिखकर वह खुद को विशेष नहीं बनाना चाहता है, कवि अपने व्यक्तिगत अनुभवों को दुनिया के समक्ष व्यक्त नहीं करना चाहता। क्योंकि वह अपने व्यक्तिगत जीवन को उपहास का कारण नहीं बनाना चाहता।