आसियान की भूमिका का परीक्षण कीजिए - aasiyaan kee bhoomika ka pareekshan keejie

आसियान की भूमिका का परीक्षण कीजिए - aasiyaan kee bhoomika ka pareekshan keejie
आसियान के कार्य एवं भूमिका

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आसियान के कार्य एवं भूमिका

आसियान के कार्यों का क्षेत्र काफी व्यापक है। यह आज समस्त राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, तकनीकी तथा प्रशासनिक क्षेत्रों में कार्यरत है। इसके सदस्य देश अपनी वैयक्तिक कार्य-प्रणालियों को क्षेत्रीय संगठन द्वारा सुलझाने के लिए प्रस्तुत करते हैं।

 सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से सम्बन्धित स्थायी समिति ने अनेक परियोजनाएँ बनायी हैं। इनका उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण एवं परिवार नियोजन कार्यक्रमों को प्रोत्साहन, दवाइयों के निर्माण पर नियंत्रण, शैक्षणिक, खेल, सामाजिक कल्याण एवं राष्ट्रीय व्यवस्था में संयुक्त कार्य प्रणाली को महत्त्व देना है। 1969 में संचार व्यवस्था एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए एक समझौता किया गया जिसके अन्तर्गत आसियान के सदस्य देशा रडियो एवं दूरदर्शन के माध्यम से एक-दूसरे के कार्यक्रमों का परस्पर आदान-प्रदान करते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में आसियान ने अपना एक सामूहिक संगठन ‘आसियाण्टा’ देशों ने 1971 में हवाई सेवाओं के व्यापारिक अधिकारों की रक्षा एवं 1972 में फंसे जहाजों को सहायता पहुँचाने से सम्बन्धित समझौते पर हस्ताक्षर किये। आसियान ने खाद्य सामग्री के उत्पादन में प्राथमिकता देने के लिए किसानों को अर्वाचीन तकनीकी शिक्षा देने के कुछ कदम उठाए हैं जो विशेषकर गन्ना, चावल तथा पशुपालन में सहायक होते हैं।

प्राथमिकता के आधार पर सीमित वस्तुओं के ‘स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र’ (साझा बाजार) स्थापित करने के लिए भी आसियान देश प्रयत्नशील हैं।

1976 के शिखर सम्मेलन में आसियान के सदस्य राष्ट्रों में पारस्परिक सहयोग को बढ़ाने के संदर्भ में निम्नांकित तीन सुझाव रखे गये हैं- (i) बाहरी आयात कम करके सदस्य राष्ट्र पारस्परिक व्यापार को महत्त्व देंगे; (ii) अधिशेष, खाद्य एवं ऊर्जा वाले राष्ट्र इन क्षेत्रों में अभाव से पीड़ित आसियान देशों को मदद देंगे तथा (iii) आसियान के देश व्यापार को अधिकाधिक क्षेत्रीय बनाने का प्रयास करेंगे।

जनवरी, 1992 में चौथे शिखर सम्मेलन (सिंगापुर) में ‘आसियान’ ने नई अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की मांग की जिसमें विकासशील और विकसित देशों के बीच कोई भेदभाव न रहे। आसियान देशों के नेताओं ने अपना एक अलग मुक्त क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव भी रखा।

आसियान संगठन के देशों में उन 15 उत्पादों की सूची भी तैयार कर ली है जिन्हें मुक्त व्यापार क्षेत्र के अन्तर्गत समान तटकर योजना के तहत लाया जाएगा। इसमें तेल, सीमेण्ट, रसायन उर्वरक, प्लास्टिक, लुग्दी और रबड़ का सामान शामिल है। इन वस्तुओं पर तटकर में कमी लायी जाएगी।

पूँजी बाजार में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सदस्य देश पूँजी और विशेष संसाधनों की स्वतंत्र आवाजाही प्रोत्साहित करेंगे। ‘आसियान’ ने कृषि उत्पाद के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भी संयुक्त प्रयास करने का फैसला किया है।

दिसम्बर 1995 में आयोजित पांचवें शिखर सम्मेलन (थाईलैण्ड) में शिखर नेताओं ने सन् 2003 तक आसियान को मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने का फैसला किया। आसियान के शिखर सम्मेलन का एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय बौद्धिक सम्पदा से सम्बन्धित समझौता है।

आसियान का छठा शिखर सम्मेलन 15-16 दिसम्बर, 1998 को हनोई (वियतनाम) में सम्पन्न हुआ। दो दिन चले इस शिखर सम्मेलन में दक्षिण-पूर्व एशिया में स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र (ASEAN Free Trade-AFTA) को पूर्व निर्धारित समय सीमा से पहले ही प्रभावी करने पर सहमत रही।

नवम्बर 2001 में बादर सेरी बेगावन (ब्रूनेई) में सम्पन्न आसियान शिखर सम्मेलन में भारत के साथ आसियान की नियमित शिखर बैठक करने का निर्णय लिया गया। दस सदस्यीय आसियान अभी तक तीन गैर आसियान सदस्यों (चीन, द. कोरिया तथा जापान) के साथ ही नियमित शिखर बैठक करता रहा है। भारत अभी तक आसियान का वार्ता भागीदार होने के साथ-साथ ‘आसियान रीजनल फोरम’ का सदस्य रहा है। शिखर सम्मेलन में लिये गये निर्णय के तहत भारत व आसियान की शिखर बैठक ‘आसियान’ + 1 के प्रारूप पर होगी।

साझा घोषणा पत्र- भारत और दस देशों के संगठन आसियान ने 8 अक्टूबर को आपसी व्यापार बढ़ाने, अगले दस वर्षों में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने और अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद  से निपटने में सहयोग के बारे में एक साझा घोषणा पत्र जारी किया। ” दक्षिण पूर्व एशिया के 10 राष्ट्रों के संगठन ‘आसियान’ (Association of South Dist Asian Nations ASEAN) का 20वाँ शिखर सम्मेलन कम्बोडिया की राजधानी नॉमपेन्ह 23-4 अप्रैल, 2012 को सम्पन्न हुआ। उद्घाटन समारोह में कम्बोडियाई प्रधानमंत्री हुन सन वर्ष 2012 के लिए आसियान के अध्यक्ष का कार्यक्षार संभाला। इस शिखर सम्मेलन का या-आसियानः वन कम्युनिटी वन डेस्टिनी। इस सम्मेलन में यूरोपीय कम्युनिटी की तर्ज पर वर्ष 2015 तक ‘आसियान कम्युनिटी’ की स्थापना हेतु रोडमैप पर विशेष रूप से चर्चा हुई। | सम्मेलन में चर्चा के अन्य प्रमुख मुद्दों में शामिल थे- आसियान कम्युनिटी बिल्डिंग (2009 1s) के साथ-साथ आसियान इंटीग्रेशन वर्क प्लान (2009-15) आसियान इंस्टीट्यूट फॉर पीस एंड रिकसीलिएशन की स्थापना, वर्ष 2015 तक आसियान ड्रग फ्री जोन की स्थापना यो आसियान कॉमन वीजा। शिखर सम्मेलन में इन्हीं के मद्देनजर चार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये गये, जिनमें शामिल हैं- नॉमपेन्ह एजेंडा ऑन ‘आसियान कम्युनिटी बिल्डिंग’ नॉमपेन्ह डिक्लेयरेशन ऑन आशियान: वन कम्युनिटी वन वन डेस्टिनी’, आसियान लीडर्स डिक्लेयरेशन ऑन ड्रग फ्री आसियान 2015 तथा ग्लोबल मूवमेंट्स आसियान का आगामी 21वाँ और 22वाँ शिखर सम्मेलन क्रमशः वर्ष 2013 में ब्रुनेई में तथा वर्ष 2014 में म्यांमार में आयोजित हुआ।

  • दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) अथवा सार्क के संगठन, उद्देश्य एवं सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  • सार्क का भविष्य या दक्षेस का भविष्य पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
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आसियान की भूमिका क्या है?

क्या है आसियान (What is ASEAN)? इस संगठन का मकसद एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच सामाजिक और राजनीतिक स्थिरिता को बढ़ाना और विकास करना है. इस संगठन का नजरिया- एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय है. आठ अगस्त को इसका स्थापना दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्यालय इंडोनेशिया के जकार्ता शहर में है.

आसियान क्या है स्पष्ट कीजिए?

आसियान एक संगठन है जो कि दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों से मिलकर बना है। जिसकी स्थापना 8 अगस्त 1967 को की गई थी। इस संगठन का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच समृद्धि, आर्थिक विकास, शांति और स्थिरता कायम करना है।

आसियान क्या है Drishti IAS?

आसियान (ASEAN) क्या है? आसियान 10 देशों का समूह है जिसे दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है। इसमें इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, लाओस, ब्रुनेई, फिलीपींस, सिंगापुर, कंबोडिया, मलेशिया और म्यांमार शामिल हैं।

आसियान के चार उद्देश्य क्या है?

आसियान का उद्देश्य क्या है ? आसियान का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के बीच में अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, राजनीति, सांस्कृतिक और आपसी क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना है.