आज की तिथि हिन्दू कैलेंडर २०२२

हिंदू पंचांग के अनुसार आज के दिन की तिथि जानिए। यह तिथि भारत की राजधानी दिल्ली के प्रातः 8 बजे समय के अनुसार है। दिन के विभिन्न समयों पर और अन्य जगहों यह तिथि अलग-अलग भी हो सकती है।|

यह पेज आपको इन सवालों का उपयुक्त जबाब देने में सक्षम है: पंचांग का अर्थ क्या है?, कृष्ण और शुक्ल पक्ष क्या है?, राहुकाल क्या होता है?, नक्षत्र क्या है?, अभिजीत मुहूर्त, मासिक शिवरात्रि क्या है?, भारतीय ऋतुएं, आज क्या है?, आज की तिथि क्या है?, आज तिथि क्या है?, हिन्दू तिथि क्या है?, आज कौनसी तिथि है?, आज का पंचाग, आज का हिन्दू पंचाग, आज देसी तिथि क्या है?, कल की तिथि, आज की तिथि बताओ, कल क्या है?

वर्ष 2022 में आने वाली सभी एकादशी व्रत, प्रदोष व्रत, पूर्णिमा व्रत, संकष्टी चतुर्थी, विनायक चतुर्थी, अमावस्या, त्रयोदशी व्रत, सोमवती अमावस्या, मासिक कालाष्टमी एवं संक्रांति कब-कब हैं, इसकी सम्पूर्ण जानकारी आप तक पहुँचने लिए भक्ति-भारत पूर्णतया तत्पर है।

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आज की तिथि हिन्दू कैलेंडर २०२२


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ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Thu, 11 Aug 2022 01:23 AM IST

सार

शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

आज की तिथि हिन्दू कैलेंडर २०२२

पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

11 अगस्त 2022 का दैनिक पंचांग

Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।

तिथि    चतुर्दशी 10:39 तक
नक्षत्र   उत्तराषाढ़ा 06:46 तक
करण 

वणिजा
विष्टि

10:39 तक
20:52 तक

पक्ष शुक्ल  
वार    गुरुवार  
योग   आयुष्मान 15:31 तक
सूर्योदय 05:51  
सूर्यास्त 19:00  
चंद्रमा    मकर  
राहुकाल       

14:04 − 15:43

 
विक्रमी संवत्   2079  
शक सम्वत 1944   
मास श्रावण  
शुभ मुहूर्त अभिजीत 11:59 − 12:52

पंचांग के पांच अंग तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।

योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।

करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

हिंदी पंचांग के अनुसार आज कौन सा दिन है?

हिन्दू कैलेंडर या पंचांग के अनुसार आज 2079 विक्रम संवत के श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है।

पंचांग को कैसे देखा जाता है?

प्रत्येक चरण का एक अक्षर होता है। जिस दिन एवं समय जातक का जन्म होता है, उस समय जिस नक्षत्र में चंद्रमा गमन कर रहे होते हैं, उस नक्षत्र के पूरे काल को ज्ञात करके उसके चार हिस्से करते हैं। जिस हिस्से में जातक का समय आता है, उस हिस्से (चरण) के अक्षर से ही प्रथमाक्षर जान सकते हैं। प्रत्येक समय सिर्फ एक अक्षर होता है।

हिंदी का कौन सा महीना चल रहा है 2022?

जेठ (Jyeshta Month 2022) का महीना 17 मई 2022 से आरंभ हो चुका है. ज्येष्ठ मास को 'जेठ' का महीना भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में इस मास का विशेष महत्व बताया गया है.

हिंदी के हिसाब से कौन सा महीना चल रहा है?

हिंदी कैलेंडर के हिसाब से अभी पौष मास ही चल रहा है. यदि आप किसी से पूछें या कोई आपसे पूछे कि अभी कौन-सा महीना चल रहा है तो जवाब यही मिलेगा- जनवरी. इसमें कोई खास बड़ी बात भी नहीं है, ये तो हम सभी जानते हैं कि अभी जनवरी महीना चल रहा है. लेकिन जनवरी, अंग्रेजी कैलेंडर का महीना है.