4 साल के बच्चे को बुखार आए तो क्या करें? - 4 saal ke bachche ko bukhaar aae to kya karen?

बच्चों में बुखार होने की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। खासकर छोटे बच्चों को बुखार आने पर तो माता-पिता बहुत अधिक घबरा जाते हैं। आनन-फानन में कभी नजदीक के दवा दुकान से दवा खरीदकर खिला देते हैं, या हॉस्पिटल की ओर भागते हैं। कई बार साधारण बुखार होने पर भी माता-पिता को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि अधिकतर बच्चों को बुखार वायरल संक्रमण के कारण होता है? इसे वायरल फीवर कहते हैं, और आप बच्चों के बुखार का इलाज घर पर ही कर सकते हैं।

Show

4 साल के बच्चे को बुखार आए तो क्या करें? - 4 saal ke bachche ko bukhaar aae to kya karen?

जी हां, बच्चों में बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से तैयार नहीं होती, इसलिए वे बाहरी संक्रमण से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। इस कारण बच्चे बार-बार बुखार से पीड़ित हो जाते हैं। आपको यह पता है कि आयुर्वेद में बच्चों के बुखार को ठीक करने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय बताए गए हैं। आप इन उपायों का प्रयोग कर ना सिर्फ बच्चों को स्वस्थ कर सकते हैं, बल्कि भागमभाग से भी बच सकते हैं।

Contents

  • 1 बुखार क्या है? (What is Fever?)
  • 2 बच्चों को बुखार आने के लक्षण (Children Fever Symptoms)
  • 3 बच्चों को बुखार आने के कारण (Children Fever Causes)
  • 4 बच्चों का बुखार ठीक करने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Children Fever)
    • 4.1 बच्चों के बुखार का घरेलू उपचार सेब के सिरके से (Apple Vinegar: Home Remedies to Treat Fever in Children in Hindi)
    • 4.2 बच्चों में वायरल बुखार का इलाज गिलोय से (Giloy: Home Remedy for Fever Treatment in Children in Hindi)
    • 4.3 अदरक से बच्चों के बुखार का इलाज (Ginger: Home Remedies to Cure Children’s Fever in Hindi)
    • 4.4 जायफल से शिशुओं के बुखार का उपचार (Nutmeg: Home Remedy to Cure Fever in Children in Hindi)
    • 4.5 तुलसी के प्रयोग से बच्चों के वायरल बुखार का इलाज (Tulsi: Home Remedies to Treat Children’s Fever in Hindi)
    • 4.6 काली मिर्च से बच्चों के बुखार का इलाज (Black Pepper: Home Remedy for Children Fever in Hindi)
    • 4.7 बच्चों के बुखार की दवा कुटकी (Kutki: Home Remedies for Kids Fever Treatment in Hindi)
    • 4.8 बच्चों के बुखार का इलाज करने के लिए अन्य घरेलू उपाय (Other Home Remedies for Kids Fever in Hindi)
  • 5 बुखार के दौरान बच्चों का खान-पान (Children Diet in Fever)
  • 6 बुखार के दौरान बच्चों की जीवनशैली (Children Lifestyle in Fever)
  • 7 बच्चों के बुखार से संबंधित सवाल-जवाब (FAQ Related Children’s Fever?)

बुखार क्या है? (What is Fever?)

आयुर्वेद के अनुसार, बच्चे बार-बार, कुछ ना कुछ खाते रहते हैं। ऐसे में एक साथ ठण्डा-गरम खाने, या संक्रमित वातावरण में रहने से जठराग्नि मंद पड़ जाती है। आहार रस ठीक प्रकार से नहीं बन पाता। कई बार बच्चों का पेट साफ ना होने की समस्या भी देखी जाती है, और इस कारण भी बच्चों को बुखार आ जाता है। इसके अलावा सर्दी के मौसम में भी बुखार और सर्दी-खांसी हो जाती है।

बच्चों को बुखार आने के लक्षण (Children Fever Symptoms)

बच्चों को बुखार आने पर ये लक्षण दिखाई पड़ते हैंः-

  • बच्चे के शरीर में दर्द रहता है।
  • खांसी और जुकाम होना।
  • बार-बार छीकें आना, और लगातार नाक से पानी बहना।
  • अधिक ठण्ड लगना।
  • सिर दर्द होना।
  • जी मिचलाना और उल्टी होना।
  • बच्चे का सुस्त एवं कमजोर पड़ जाना
  • बच्चों में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
  • लगातार रोते रहना।
  • आंखों में जलन होना।
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द।
  • शरीर का तापमान 100-103 डिग्री तक रहना।
  • खांसते-खांसते उल्टी होना।

और पढ़ें – सर्दी-खांसी में अकरकरा के फायदे

बच्चों को बुखार आने के कारण (Children Fever Causes)

बच्चों को बुखार आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसेः-

  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम पड़ जाने के कारण।
  • संक्रमित जल और भोजन के कारण।
  • यह संक्रमित एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को बहुत तेजी से फैलता है। इस कारण स्कूल में एक साथ कई बच्चे पीड़ित हो जाते हैं।
  • कई बार बच्चों को दांत निकलने के समय भी बुखार होता है।
  • मौसम में बदलाव आने की वजह से।
  • अधिक ठण्डी चीजें खाना या बासी भोजन करना।
  • ठण्डी और गरम चीजों का एक साथ सेवन करना।

4 साल के बच्चे को बुखार आए तो क्या करें? - 4 saal ke bachche ko bukhaar aae to kya karen?

बच्चों का बुखार ठीक करने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Children Fever)

बच्चों को बुखार होने पर ये घरेलू उपाय कर सकते हैंः-

बच्चों के बुखार का घरेलू उपचार सेब के सिरके से (Apple Vinegar: Home Remedies to Treat Fever in Children in Hindi)

गरम पानी में थोड़ा सा सेब का सिरका मिला लें। इसमें कपड़ा भिगाकर निचोड़ लें। इसे बच्चे के शरीर को पोछें।

और पढ़े – बुखार में शिवलिंगी से लाभ

बच्चों में वायरल बुखार का इलाज गिलोय से (Giloy: Home Remedy for Fever Treatment in Children in Hindi)

गिलोय का रस बुखार के लिए रामबाण दवा है। बच्चे को 100-120 मि.ली. की मात्रा में गिलोय के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर, दिन में तीन बार पीने को दें।

और पढ़ें – बच्चों की खाँसी के लिए घरेलू इलाज

4 साल के बच्चे को बुखार आए तो क्या करें? - 4 saal ke bachche ko bukhaar aae to kya karen?

और पढ़ें: बुखार में गिलोय का उपयोग

अदरक से बच्चों के बुखार का इलाज (Ginger: Home Remedies to Cure Children’s Fever in Hindi)

अदरक को पीस कर रस निकाल लें। आधा चम्मच रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर बच्चें को चटाएं। इससे बुखार उतर जाता है।

और पढ़ेंः अदरक के फायदे और सेवन का तरीका

जायफल से शिशुओं के बुखार का उपचार (Nutmeg: Home Remedy to Cure Fever in Children in Hindi)

जायफल को पीसकर नाक, छाती और सिर पर लेप करें। यह शिशु को बुखार होने पर बहुत अधिक लाभ पहुंचाता है।

और पढ़ें: जायफल के औषधीय गुण

तुलसी के प्रयोग से बच्चों के वायरल बुखार का इलाज (Tulsi: Home Remedies to Treat Children’s Fever in Hindi)

4 साल के बच्चे को बुखार आए तो क्या करें? - 4 saal ke bachche ko bukhaar aae to kya karen?

  • 12 तुलसी की पत्तियां, एक छोटा टुकड़ा अदरक, 2-3 लौंग, 3-4 काली मिर्च और इलायची को एक गिलास पानी में डालकर उबालें। इसमें थोड़ा सा गुड़ डालकर 5-6 मिनट के लिए उबालें। इसे ठण्डा करके रख लें। रात को सोने से पहले प्रयोग करें।
  • तुलसी की पत्तियों को पीसकर रस निकाल लें। आधे-आधे चम्मच की मात्रा में रस बच्चे को दिन में दो बार पिलाएं।
  • 5-7 तुलसी के पत्ते 1 कप पानी में उबाल लें, और इसे गुनगुना करके थोड़ी-सी चीनी मिलाकर बच्चे को पीने के लिए दें।

और पढ़ेंः तुलसी के फायदे और सेवन का तरीका

काली मिर्च से बच्चों के बुखार का इलाज (Black Pepper: Home Remedy for Children Fever in Hindi)

दो काली मिर्च और तुलसी के दो पत्तियों को पीस कर शहद के साथ मिलाकर, बच्चे को दिन में 2-3 बार चटाएं। इससे बुखार में आराम मिलता है।

और पढ़ेंः शहद के फायदे 

बच्चों के बुखार की दवा कुटकी (Kutki: Home Remedies for Kids Fever Treatment in Hindi)

  • दो चुटकी कुटकी चूर्ण को शहद के साथ बच्चे को सुबह-शाम चटाएं। बुखार ठीक हो जाता है।
  • कुटकी का चूर्ण मिश्री या शहद के साथ चाटने से बच्चों को बुखार में आराम मिलता है।
  • कुटकी को पानी में पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बच्चे के शरीर पर लगाने से बुखार ठीक हो जाता है।

और पढ़ेंः कुटकी के फायदे और नुकसान

बच्चों के बुखार का इलाज करने के लिए अन्य घरेलू उपाय (Other Home Remedies for Kids Fever in Hindi)

  • ठंडे पानी में पट्टियां भिगाकर बच्चे के माथे पर रखें। इन्हें थोड़ी-थोड़ी देर में बदलते रहें।
  • बच्चे को पानी और तरल पदार्थ उचित मात्रा में दें।
  • शिशु के पैरों के तलवे में जैतून के तेल की मालिश करें।
  • काकड़ासिंगी और पीपल का चूर्ण कर रख लें। इसे एक चौथाई चम्मच लेकर शहद के साथ मिलाकर बच्चे को चटाएं।
  • एक छोटी हरड़, दो चुटकी आंवले का चूर्ण, दो चुटकी हल्दी और नीम की पत्ती को एक साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। बच्चे को दो-दो चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार पिलाएं।
  • पीपल के फल के चूर्ण को बारीक पीसकर शहद के साथ मिलाकर चाटने से बुखार में आराम मिलता है।

और पढ़ें: बुखार में भुई-आंवला का उपयोग

बुखार के दौरान बच्चों का खान-पान (Children Diet in Fever)

बुखार आने पर बच्चों का खान-पान ऐसा होना चाहिएः-

  • बच्चे को गरिष्ठ (कठोर) भोजन बिल्कुल भी ना दें। जितना हो सके घर पर बना हल्का और सुपाच्य (आसानी से पचने वाला) भोजन दें।
  • जंकफूड, ठण्डी चीजें, आइसक्रीम, कोल्ड्रिंक आदि, तथा देर से पचने वाला भोजन ना दें।
  • पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन अधिक कराएं।
  • तैलीय एवं अधिक मीठे भोजन के सेवन से कफ बढ़ता है। इसलिए ऐसे भोजन से परहेज करें।
  • बच्चे को पीने के लिए केवल गुनगुना पानी ही दें।

4 साल के बच्चे को बुखार आए तो क्या करें? - 4 saal ke bachche ko bukhaar aae to kya karen?

बुखार के दौरान बच्चों की जीवनशैली (Children Lifestyle in Fever)

बुखार आने पर बच्चों की जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • बच्चों को संक्रमित स्थान पर ना भेजें।
  • कुछ भी खाने से पहले हाथ धोने को कहें।
  • बच्चे को गरम एवं आरामदायक कपड़े पहनने को दें।

और पढें – बुखार में फायदेमंद परवल

 सामान्य तौर पर बच्चों को बुखार कितने दिनों तक रहता है?

बच्चों में यदि वायरल बुखार हुआ है, तो यह कम से कम तीन दिन और अधिक से अधिक दो हफ्ते तक रह सकता है।

अगर तीन दिनों के बाद भी बच्चों का बुखार कम नहीं हो रहा हो तो क्या करना चाहिए?

यदि बुखार 3 दिन से अधिक हो, और घरेलू उपचार से भी राहत ना मिलें। तापमान बार-बार बढ़ रहा हो, तथा जुकाम और खांसी में भी कोई आराम ना मिले तो यह गंभीर स्थिति बन सकती है। 

शिशुओं को बुखार आने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए?

बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती है। इसलिए उनमें संक्रमण के कारण कई रोग होने का खतरा रहता है। बुखार के कारण बच्चे सुस्त और कमजोर पड़ जाते हैं। उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है। कई बार बच्चों में अधिक तापमान के कारण दौरे पड़ने की स्थिति भी देखी जाती है। इसलिए यदि दो-तीन दिन के बाद बुखार के लक्षणों में कमी ना आए, तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि स्तनपान करने वाले शिशुओं का बुखार बहुत ही कष्टदायक होता है। इसमें उन्हें स्तनपान तथा साँस लेने में कठिनाई के साथ उल्टी और दस्त भी होने लगता है। बच्चा सुस्त एवं पीला पड़ जाता है। इस अवस्था में तुरंत उपचार की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में लापरवाही गंभीर हो सकती है।

और पढ़ें:

  • बुखार में कॉफ़ी के फायदे
  • बुखार के लिए डाइट चार्ट
  • बच्चों के रोग में सौंफ फायदेमंद

4 साल के बच्चे को बुखार हो तो क्या करें?

​खूब पानी पिलाएं हो सकता है कि बुखार के कारण शरीर से फ्लूइड्स कम होने लगे और बच्‍चा डिहाइड्रेट हो जाए। डिहाइड्रेशन की वजह से बच्‍चे की हालत और बिगड़ सकती है और बुखार की स्थिति खराब भी हो सकती है। इसलिए बुखार आने पर बच्‍चे को हाइड्रेट रखना जरूरी है।

तुरंत बुखार कैसे उतारे?

हम आपको बता रहे हैं 5 घरेलू नुस्खे जिससे बुखार तेज़ी से कम हो जाएगा।.
आराम है सबसे ज़रूरी ... .
ठंडे पानी की पट्टियां ... .
खूब पानी पिएं ... .
हल्के कपड़े पहनें ... .
कमरे को ज़्यादा गर्म न रखें.

बच्चों के बुखार की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

माना जाता है कि बच्चे के शरीर का तापमान अगर 100 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो, तो पेरासिटामोल को देना सुरक्षित होता है. वैसे इस दवा को देते समय पेरेंट्स को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.

बच्चे को तेज बुखार हो तो क्या करना चाहिए?

बाल रोग विशेषज्ञों की मानें तो, अगर बच्चे को 100.4 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा बुखार है, तभी चिंता करने की जरूरत है। अगर बच्चे की उम्र 6 महीने से कम है, या उसमें बुखार के दूसरे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, या उसे दो दिन से ज्यादा बुखार है, या फिर उसका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है तो ही डॉक्टर को बुलाएं।