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डेली अपडेट्स
इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया
गया है। इस लेख में साइबर अपराध और सोशल मीडिया की भूमिका से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं। हम जितनी तेज़ी से डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं, ठीक उतनी ही तेज़ी से साइबर अपराध की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। जिस गति से तकनीक ने उन्नति की है, उसी गति से मनुष्य की इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। एक ही जगह पर बैठकर इंटरनेट के ज़रिये मनुष्य की पहुँच, विश्व के हर
कोने तक आसान हुई है। आज के समय में हर वो चीज़ जिसके विषय में इंसान सोच सकता है, उस तक उसकी पहुँच इंटरनेट के माध्यम से हो सकती है, जैसे कि सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डेटा स्टोर करना, गेमिंग, ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब इत्यादि। आज के समय में इंटरनेट का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में किया जाता है। इंटरनेट के विकास और इसके संबंधित लाभों के साथ साइबर अपराधों की अवधारणा भी विकसित हुई है। वर्तमान में भारत की बड़ी आबादी सोशल नेटवर्किंग साइट्स का उपयोग करती है। भारत में सोशल नेटवर्किंग साइट्स के उपयोग के प्रति लोगों में जानकारी का अभाव है। इसके साथ ही अधिकतर सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सर्वर विदेश में हैं, जिससे भारत में साइबर अपराध घटित होने की स्थिति में इनकी जड़ तक पहुँच पाना कठिन होता है। इस आलेख में साइबर अपराध, उसके प्रकार, बचाव के उपाय और सरकार के द्वारा किये गए प्रावधानों पर विमर्श किया जाएगा। इसके साथ ही साइबर अपराध में सोशल नेटवर्किंग साइट्स की भूमिका का भी मूल्यांकन किया जाएगा। साइबर अपराध क्या है?
साइबर अपराध का वर्गीकरण
साइबर अपराध की श्रेणियाँ
साइबर अपराधों से निपटने की दिशा में सरकार के प्रयास
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र
बुडापेस्ट कन्वेंशन क्या है?
निष्कर्ष- भारत इंटरनेट का तीसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और हाल के वर्षों में साइबर अपराध कई गुना बढ़ गए हैं। साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। कैशलेस अर्थव्यवस्था को अपनाने की दिशा में बढ़ने के कारण भारत में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। डिजिटल भारत कार्यक्रम की सफलता काफी हद तक साइबर सुरक्षा पर निर्भर करेगी अतः भारत को इस क्षेत्र में तीव्र गति से कार्य करना होगा। वहीँ दूसरी ओर सोशल मीडिया ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को नया आयाम दिया है, आज प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी डर के सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विचार रख सकता है और उसे हज़ारों लोगों तक पहुँचा सकता है, परंतु सोशल मीडिया का सावधानीपूर्वक उपयोग ही हमें ऑनलाइन ठगी तथा साइबर अपराध के गंभीर खतरों से बचा सकता है। प्रश्न- साइबर अपराध से आप क्या समझते हैं? साइबर अपराध को रोकने में सरकार के द्वारा किये जा रहे प्रयासों का विश्लेषण कीजिये। × साइबर अपराध से आप क्या समझते?साइबर अपराध का अर्थ
ऐसा कोई भी अपराध जिसमें कम्प्यूटर इंटरनेट नेटवर्क एवं हार्डवेयर तथा उससे संबंधित उपकरणों यथा स्कैनर, प्रिंटर, आदि का उपयोग किया गया हो, साइबर अपराध कहलाता हैं। साइबर अपराध वह अवैधानिक कार्य है जिसमे कम्प्यूटर या तो औजार की तरह या लक्ष्य की तरह प्रयोग होता है अथवा दोनों ही तरह से प्रयोग होता है।
साइबर क्राइम क्या है इसके प्रकार बताइए?साइबर क्राइम के अंतर्गत कौन-कौन से अपराध शामिल है ? साइबर क्राइम के अंतर्गत के विभिन प्रकार के साइबर अपराध आते है जिनमे हैकिंग, ऑनलाइन ठगी, फिशिंग, स्पैम ईमेल, रैनसमवेयर, पोर्नग्राफी, ऑनलाइन ब्लैकमेल एवं अन्य अपराध शामिल है।
साइबर अपराध क्या है इसे रोकने के तरीके क्या है?साइबर अपराध, जिसे अतिरिक्त रूप से कंप्यूटर अपराध कहा जाता है, गैरकानूनी गतिविधियों के लिए कंप्यूटर और इसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करता है। धोखाधड़ी करना, चाइल्ड पोर्नोग्राफी की तस्करी, बौद्धिक संपदा अधिकारों का दुरुपयोग, पहचान की चोरी और गोपनीयता पर हमला साइबर अपराधों के कुछ उदाहरण हैं।
साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा क्या है?साइबर अपराध क्या हैं? “भारतीय कम्प्यूटर आपातकालीन कार्रवाई दल (सीईआरटी-इन), के अनुसार वर्ष 2017 के दौरान भारत में 53000 से अधिक साइबर सुरक्षा संबंधी घटनाओं की सूचना प्राप्त हुई ।" साइबर खतरे वे ऐसे विभिन्न तरीके हैं जिनका उपयोग इंटरनेट या मोबाइल टैक्नोलॉजी का उपयोग करके हमें हानि पहुंचाने के लिए किया जा सकता है ।
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