3 आज की सभ्यता हम सब को क्या बाँट रही है? - 3 aaj kee sabhyata ham sab ko kya baant rahee hai?

कवि बाग-बगीचा धरती को हरा-भरा बनाए रखने के लिए लगाना चाहता है ताकि वहाँ फूल-फल खिलें और अपनी खुशबू फैलाए, चिड़ियाँ चहचहाएँ और ताजी हवा जलाशय से होकर बहे।


ख. कविता में कवि की क्या विनती है?


उत्तर

कविता में कवि ने पेड़ों को नहीं काटने की साथ ही जो उन्हें काटें उन्हें भी रोकने की विनती की है।

ग. कवि क्यों कह रहा है कि
'आज सभ्यता वहशी बन,
  पेड़ों को काट रही है।'

उत्तर

कवि दिन-प्रतिदिन पेड़ों को कटते देख रहा है। मानव केवल अपने फायदे के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है। वह इनसे होने वाले नुकसान के बारे में नहीं सोच रहा है। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई होने से वातावरण में प्रदुषण फैल रहा है जिससे कई प्रकार की बीमारियाँ हो रही हैं। अनियमित बारिश, आँधी-तूफ़ान आ रहे हैं। इसलिए कवि ने मानव सभ्यता को वहशी कहा है।

घ. कविता की इस पंक्ति पर ध्यान दो -
"बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं।"
अब तुम यह बताओ कि पेड़ और बच्चों में क्या समानता है? उसे अपने ढंग से लिखो।

उत्तर

जिस तरह पेड़ धरती को हरा-भरा रखते हैं, उसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं उसी तरह बच्चे भी घर भी हरा-भरा रखते हैं अपनी किलकारी से घर की सुंदरता को बनाए रखते हैं।

2. कैसी लगी कविता

कविता पढ़ो और जवाब दो-

क. कविता की कौन-सी पंक्तियाँ सबसे अच्छीं लगीं?

उत्तर

तो विनती है यही,
कभी मत उस दुनिया को खोना
पेड़ों को मत कटने देना,
मत चिड़ियों को रोना।

ख. वे पंक्तियाँ क्यों अच्छी लगीं?

उत्तर

इन पंक्तियों में कवि ने मानव सभ्यता से विनती की है कि पेड़ों से हरी-भरी दुनिया को नहीं उजाड़िए। पेड़ों को ना काटिये, ना कटने दीजिये। ये सिर्फ आपकी ही जरूरत नहीं बल्कि उन पक्षियों की भी जरूरत है जो इनपर रहते हैं। यह इस कविता का मूल सन्देश है।

3. बातचीत

नीचे एक लकड़हारे और एक बच्ची की बातचीत दी गयी है। इसे अपनी समझ से पूरा करो।

बच्ची - ओ भैया! आप इस पेड़ को क्यों काट रहे हो?
लकड़हारा - यह तो मेरा काम है।
बच्ची - पर यह तो गलत है।
लकड़हारा - यह कैसे गलत है? इसी से तो मेरे परिवार का भरण-पोषण होता है।

उत्तर

बच्ची - पर काका आप दूसरा काम भी तो कर सकते हो। आपके पेड़ काटने से पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है।
लकड़हारा - मुझे यही काम आता है तो मैं इस उम्र में दूसरा काम कैसे करुँ? और फिर मेरे एक पेड़ काटने से पर्यावरण को कैसे नुकसान हो सकता है?
बच्ची - यह बात तो ठीक है काका की इस उम्र में आप दूसरा काम नहीं खोज सकते पर पर्यावरण के लिए हर एक पेड़ महत्वपूर्ण है। आज आप एक पेड़ काटेंगे कल फिर दूसरा, इस तरह से तो धीरे धीरे सभी पेड़ का सफाया हो जायेगा ।
लकड़हारा - बात तो तुम्हारी बिलकुल ठीक है पर मैं यह नहीं समझ पाया की पेड़ के कटाने से पर्यावरण को क्या नुकसान है?
बच्ची - पेड़ जब ऑक्सीजन देते हैं तब ही तो हम सांस ले पाते हैं । यह वायु को शुद्ध करते हैं और बारिश करवाने में मदद भी करते हैं । पेड़ों के कारण ही धरती का तापमान नियंत्रित रहता है ।
लकड़हारा (सोचते हुए) - मैं सब समझ गया । मैं भी अब पेड़ों को नहीं काटना चाहता पर अपने भरण-पोषण के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा ना ? तुम ही कुछ उपाय बताओ जिससे पर्यावरण को नुकशान ना पहुँचे और मेरा काम भी हो जाए?
बच्ची (कुछ सोचते हुए) - काका, आप एक काम करो । जब भी आप एक पेड़ काटो तो उसके बदले दो पेड़ लगाओ और उनके बड़े होने तक देखभाल करो । इससे तुम्हारा काम भी हो जायेगा और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेग।
लकड़हारा (प्रसन्न होकर) - धन्यवाद बेटी! तुमने मेरी आँखे खोल दी और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का उपाय भी निकाल लिया । अब से मैं ऐसा ही करूँगा ।
बच्ची (प्रसन्न होकर) - आपका भी धन्यवाद काका । हम सभी ही मिलकर इस धरती को हरा भरा रख सकते हैं ।

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4. बाग-बगीचा

क. तुम पेड़ों को बचाने के लिए क्या कुछ कर सकते हो? बताओ।

उत्तर

हम पेड़ों को बचने के लिए निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं -
• अपने जन्मदिन पर पेड़ लगाकर उसकी देखभाल कर सकते हैं।
• अन्य व्यक्तियों को पेड़ कटाने से रोक सकते हैं।
• हमें अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और अन्य करीबियों को पेड़ों के महत्व के बारे बताना चाहिए और उन्हें भी पेड़ बचाने के प्रेरित करना चाहिए।
• आसपास लगे पेड़ों का ध्यान रखना चाहिए।

ख. कविता में कवि ने बगीचे के बारे में बहुत कुछ बताया है। बताओ, नीचे लिखी चीज़ों में से कौन सी चीज़ें बगीचे में होंगी?

कार          फूल
क्यारियाँ    चिड़ियाँ
सड़क       फल
खेत           तालाब
कारखाने   पेड़
कुर्सी         कागज़
पत्ता          टहनी

उत्तर

निम्नलिखित चीज़ें बगीचे में होंगी -
फूल
क्यारियाँ
चिड़ियाँ
फल
पेड़
टहनी
पत्ता

5. यह भी करो

क. तुम्हारे घर के पास कौन-कौन से पेड़-पौधे, पशु-पक्षी आमतौर पर नज़र आते हैं? उनकी सूची बनाओ।

उत्तर

पेड़ - आम, अमरुद, पीपल, आशोक, नारियल, केला आदि।
पौधे - तुलसी, कड़ी पत्ता, मेहंदी, निंबु, चमेली आदि।
पशु - कुत्ता, गाय, बिल्ली, सांड, भैंस आदि।
पक्षी - कौआ, गौरैया, कबूतर, तोता, मैना आदि।

ख. अपने आस-पास पता करके ऐसे किसी व्यक्ति से बात करो जिसने कोई पेड़ या पौधा लगाया है। उससे पूछकर निम्नलिखित जानकारी प्राप्त करो-

(i) पेड़/पौधे का नाम

(ii) कब लगाया था?

(iii) देखभाल की या नहीं?

(iv) क्या वह पेड़/पौधा अब भी मौजूद है?


उत्तर


व्यक्ति एक


(i) अमरुद

(ii) चार साल

(iii) देखभाल की थी।

(iv) नहीं


व्यक्ति दो


(i) निम्बू

(ii) दो साल

(iii) देखभाल नहीं की थी।

(iv) नहीं


व्यक्ति तीन


(i) आम

(ii) तीन साल

(iii) देखभाल की थी।

(iv) हाँ


व्यक्ति चार


(i) नारियल

(ii) छ साल

(iii) देखभाल की थी।

(iv) हाँ


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6. खोजबीन


हमारे देश में पुराने समय से ही पेड़-पौधों को लगाने और उन्हें कटने से बचाने की परंपरा रही है। कई बार लोगों ने मिलकर पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन भी किया। ऐसे ही किसी आंदोलन के बारे में जानकारी इकट्ठी करके कॉपी में लिखो। इसके लिए तुम्हें पुस्तकालय, समाचार-पत्रों, शिक्षिका या माता-पिता और इंटरनेट से भी सहायता मिल सकती है।

आज की सभ्यता हम सब को क्या बाँट रही है?

आज सभ्यता वहशी बन, पेड़ों को काट रही है ज़हर फेफड़ों में भरकर हम सब को बाँट रही है।

कवि थोड़ी धरती में क्या लगाना चाहता है?

कवि बाग-बगीचा धरती को हरा-भरा बनाए रखने के लिए लगाना चाहता है ताकि वहाँ फूल-फल खिलें और अपनी खुशबू फैलाए, चिड़ियाँ चहचहाएँ और ताजी हवा जलाशय से होकर बहे।

थोड़ी धरती पाऊँ कविता के कवि का नाम क्या है?

इस कविता के रचयिता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना है। कवि ने इस कविता में पर्यावरण के लिए जंगल के महत्व के बारे में लिखा है। कवि चाहता है कि उसके पास जमीन का एक छोटा टुकड़ा हो जिसपर वह बगीचा लगा सके। उसकी इच्छा है कि उस बगीचे में फूल खिलें, फल लगें और प्यारी खुशबू व्याप्त रहे।