26 जनवरी और 15 अगस्त में क्या अंतर है - 26 janavaree aur 15 agast mein kya antar hai

26 जनवरी और 15 अगस्त में क्या अंतर है - 26 janavaree aur 15 agast mein kya antar hai

Happy Independence Day: देशभर में 15 अगस्त की धूम देखने को मिल रही है. 

खास बातें

  • 15 अगस्त के दिन मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस.
  • देशभर में फहराया जाता है तिरंगा झंडा.
  • जानिए स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच अंतर.

Independence Day 2022: भारत हर साल 15 अगस्त के दिन अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है और 26 जनवरी के दिन देशभर में गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है. इन दोनों ही अवसरों पर एक आम सा सवाल बच्चों और बहुत से बड़ों के मन में कौंधने लगता है कि आखिर ये दोनों दिन एकदूसरे से अलग कैसे हैं. असल में दोनों के नाम में ही उनका अर्थ छुपा हुआ है. चलिए 15 अगस्त (15 August) और 26 जनवरी के बीच के अंतर को सरलता से समझने की कोशिश करते हैं. 

15 अगस्त और 26 जनवरी के बीच अंतर | Difference Between 15th August And 26th January 

26 जनवरी और 15 अगस्त में क्या अंतर है - 26 janavaree aur 15 agast mein kya antar hai

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दोनों की तारीख 


भारत ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 1947 के दिन मनाया था. 
भारत के पहले गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी, 1950 के दिन मनाया गया था. 


महत्व 

स्वतंत्रा दिवस यानी 15 अगस्त, 1947 के दिन हमारा भारत ब्रिटिश राज से आजाद हुआ था और देश की बागडोर भारतीयों के हाथों में 200 साल बाद आ गई थी. 


26 जनवरी, 1950 के दिन भारत ने अपना संविधान लागू किया था और एक गणतंत्र बन गया था. 


जश्न

दोनों दिनों को मनाने का तरीका भी अलग है. स्वतंत्रा दिवस (Independence Day)  के दिन स्वतंत्रता सैनानियों को याद किया जाता है. यह दिन सिर्फ खुशियां मनाने का ही नहीं बल्कि आजादी की लड़ाई में जो शहीद हुए उन्हें सम्मान देने और स्मरण करने का भी है. इस दिन भारत के प्रधानमंत्री (Prime Minister) लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराकर भाषण देते हैं. देश के अलग-अलग कोनों में परेड निकलती है और देशभर में तिरंगा (Tiranga) फहराया जाता है. राष्ट्रपति टेलीविजन के माध्यम से लोगों को संबोधित भी करते हैं. देशवासी इस दिन पतंग उड़ाना और मिठाइयां बांटना भी पसंद करते हैं.

 26 जनवरी का समारोह अलग होता है. इस दिन गणतंत्र दिवस की परेड निकलती है. राष्ट्रपति (President ) स्टेज पर विराजमान होते हैं और राष्ट्रगान शुरु करने का आदेश देते हैं. वहीं, देश-विदेश के नेता मंच और मैदान से परेड का आनंद लेते हैं. अलग-अलग राज्य की झांकियां निकलती हैं, नृत्य होता है और जश्न मनाया जाता है. 

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लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Mon, 15 Aug 2022 12:11 AM IST

Independence Day 2022: इस साल भारत अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस का पर्व मनाने की तैयारी कर रहा है। देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' की थीम पर जश्न मनाया जा रहा है। 15 अगस्त 1949 में देश ब्रिटिश सरकार की गुलामी से आजाद हुआ था। आजादी के बाद से इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। लाल किले, विधानसभा से लेकर देश के सरकारी कार्यालयों तक में भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। परेड निकाली जाती है। स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया गया। हालांकि देश में कई अन्य राष्ट्रीय पर्व भी मनाए जाते हैं। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह भी देश का एक राष्ट्रीय पर्व है। कई लोगों में 15 अगस्त और 26 जनवरी को लेकर अलग अलग धारणाएं हैं। इन दोनों तारीखों और गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस को लेकर भी लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। इन्हीं सवालों और इन दोनों राष्ट्रीय दिवस को लेकर असमंजस को दूर करने के लिए यहां 26 जनवरी और 15 अगस्त के बीच के अंतर को बताया जा रहा है। अगली स्लाइड्स में जानिए गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में क्या अंतर है।

15 अगस्त और 26 जनवरी के बीच अंतर

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का इतिहास

तारीखों के मुताबिक दोनों के इतिहास को समझकर अंतर किया जा सकता है। 15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। इसलिए इस दिन को भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर हर साल मनाया जाता है।

वहीं देश की आजादी के लगभग तीसरे साल में यानी 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। संविधान लागू होने के बाद भारत एक संप्रभु राष्ट्र बन गया। इसका असर यह हुआ कि भारत एक गणतांत्रिक देश बन गया जो कि किसी बाहरी देश के फैसलों और आदेशों को मानने के लिए बाध्य नहीं रह गया। साथ ही भारत के आंतरिक मामलों में कोई अन्य देश दखल भी नहीं दे सकता है।

तिरंगा फहराने का अंतर

भले ही 15 अगस्त और 26 जनवरी दोनों ही राष्ट्रीय पर्व हैं लेकिन इन्हें मनाने के तरीके में अंतर होता है। 15 अगस्त और 26 जनवरी को पूरे देश में ध्वजारोहण होता है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडे को नीचे से रस्सी के जरिए खींचकर फहराया जाता है। इसे ध्वजारोहण कहते हैं।

लेकिन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है। उसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना कहते हैं। संविधान में इसका जिक्र कहते हुए इस प्रक्रिया को फ्लैग अनफर्लिंग कहा गया।

नेतृत्व का अंतर

15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। उस समय तक देश का संविधान लागू नहीं हुआ था। ऐसे में देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री के हाथों में था। इसलिए ध्वजारोहण प्रधानमंत्री द्वारा तब से अब तक किए जाने की परंपरा है।

26 जनवरी को भारत में संविधान लागू हो गया। संविधान के मुताबिक, देश का संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है। इसलिए 26 जनवरी को राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं। राष्ट्रपति इस दिन देश के नाम अपना संदेश भी जारी करते हैं।

जगह का अंतर

15 अगस्त के दिन ध्वजारोहण और 26 जनवरी को तिरंगा फहराने का एक अंतर जगह का भी होता है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री लाल किले से ध्वजारोहण करते हैं। जिसमें नीचे से रस्सी खींचकर तिरंगा फहराते हैं। जबकि 26 जनवरी के मौके पर राष्ट्रपति लाल किले से नहीं बल्कि दिल्ली के राजपथ पर तिरंगा झंडा फहराते हैं।

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में क्या अंतर है?

स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के कार्यक्रम को आयोजन लाल किले पर होता है. इस खास मौके पर कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री शामिल होते हैं और ध्वजारोहण करते हैं. वहीं, गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के कार्यक्रम का आयोजन राजपथ पर होता है और कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति शामिल होते हैं और झंडे को फहराते हैं.

ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में क्या अंतर है?

संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting (ध्वजारोहण) कहा जाता है। जबकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोलकर फहराया जाता है, संविधान में इसे Flag Unfurling (झंडा फहराना) कहा जाता है।

15 अगस्त को झंडा क्यों फहराया जाता है?

15 अगस्‍त को देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. इस दिन झंडे को नीचे से रस्सी के माध्यम से ऊपर खींचते है और फिर उसे खोलकर फहराया जाता है. इसे ध्वजारोहण कहते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है क्‍योंकि इस दिन देश को आजादी मिली थी.

भारत में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज कब फहराया गया था?

इसे पहली बार 15 अगस्त 1947 को फहराया गया था। तिरंगे का पहला रंग केसरिया जो देश की ताकत और साहस का प्रतीक है। वहीं सफेद शांति और सच्चाई का और हरा रंग समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। बीच में लगे नीले रंग के आशोक चक्र की 24 तीलियां ये बताती हैं कि जीवन गतिशील है।