Free Show Programming Fundamentals Mock Test 10 Questions 10 Marks 12 Mins Latest Rajasthan Computer Teacher Updates Last updated on Oct 12, 2022 The RSMSSB released the RSMSSB Computer Teacher results on 27th December 2022. Earlier, RSMSSB Computer Teacher Result and cut-off was out. Candidates who have qualified the written exam will appear for the Document Verification round. The RSMSSB had announced 10157 vacancies for Basic Computer Teacher and Senior Computer Teacher posts. Candidates with a Graduate/ Post Graduate degree could apply for these posts. 1857 Ki Kranti Ke Samay Mewad Ke Shashak The -Comments Rahul on 14-12-2022 Marwar prajamandal ki sthapna kab Hui Khushi saini on 03-10-2022 Revolt of 1857 mewar Asharam on 23-07-2022 1857 के दौरान मेवाड़ के महाराणा को था Anu on 09-07-2022 1857 की क्रांति में धौलपुर का शासक कौन था Jitendra Gurjar on 12-03-2022 1857 ki kranti ke sm mevad ka raja kon ta Ravi kumar bairwa on 20-02-2022 Tara so 57 ki Kranti ka prashasnik dhancha Vishnu on 18-12-2021 18 57 Ki Kranti ke Samay mewad ke Maharana kaun the
क्रांति के कारण
1857 ई. की क्रांति के समय रियासतें एवं शासक
1857 के विद्रोह के समय राजस्थान में छः सैनिक छावनियाँ थीं
नसीराबाद
नीमच - 3 जून 1857
देवली – यहाँ कोटा कन्टिन्जेंट ने जून 1857 में विद्रोह किया
एरिनपुरा
कुशालसिंह के नेतृत्व में क्रांतिकारियों का अंग्रेजों से दो युद्ध होते हैं-
कोटा में व्रिदेह (15 अक्टूबर 1857) -
धौलपुर - शासक भगवन्तसिंह
भरतपुर
तांत्या टोपे :-
दूसरी बार दिसम्बर 1858 में आगमन (मेवाड़, बाँसवाडा, प्रतापगढ़, टोंक)
विविध तथ्य
1857 के समय उदयपुर का शासक कौन था?सही उत्तर महाराणा स्वरूप सिंह है। 1857 के विद्रोह के दौरान महाराणा स्वरूप सिंह उदयपुर के शासक थे।
1857 में राजस्थान का agg कौन था?जॉर्ज पेट्रिक लॉरेंस :–
1857 की क्रांति के समय राजस्थान का AGG था यह पहले मेवाड़ का पॉलिटिकल एजेंट था। 2. जेम्स टॉड मेवाड़ का पहला पॉलिटिकल एजेंट था ।
1857 में कोटा का शासक कौन था?Detailed Solution. सही उत्तर महा राव राम सिंह है। महा राव राम सिंह 1857 के विद्रोह के दौरान कोटा के शासक थे। उन्होंने 1828 से 1866 तक कोटा पर शासन किया।
1857 की क्रांति के समय जयपुर का शासक कौन था?जयपुर महाराजा रामसिंह - 2 को अंग्रेजों ने क्रांति में कंपनी का सहयोग करने के फलस्वरूप '' सितार-ए- हिंद " की उपाधि दी ।
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