10वीं फेल होने पर क्या करें - 10veen phel hone par kya karen

\Bएनबीटी न्यूज, गुड़गांव : \Bवोकेशनल कोर्स करने वाले छात्रों के पास अब पहले के मुकाबले अधिक विकल्प होंगे। अगर छात्र दसवीं में फेल भी हो जाता है तो भी उसे वोकेशनल कोर्स का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जबकि पहले यह सर्टिफिकेट 12वीं कक्षा पास करने वाले छात्र को ही मिल पाता था। छात्रों की सहूलियत के लिए जल्द ही इसकी शुरुआत की जा रही है। आगामी सेशन से नैशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत नई प्लानिंग की जा रही हैं। जिसमें वोकेशनल कोर्स को 4 वर्ष के लिए नहीं बल्कि 2 वर्ष के लिए ही अनिवार्य किया जा सकता है। ऐसे में छात्र 9वीं में वोकेशनल कोर्स ले सकेंगे, वहीं 2 साल के बाद 11वीं कक्षा में दूसरा वोकेशनल कोर्स भी चुन सकते हैं।

प्रदेश के करीब हजार स्कूलों में 14 वोकेशनल कोर्स के तहत छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। जिसमें छात्र अपनी स्वेच्छा से यह कोर्स चुन सकते हैं। प्रत्येक जिले में 35 से 40 स्कूलों में यह कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। जोकि अब 4 साल के लिए अनिवार्य नहीं होगा। पहले नौवीं कक्षा में जो छात्र इस कोर्स में भाग लेता था उसे 12वीं कक्षा तक पढ़ना होता था। अगर वह कोर्स को बीच में ही छोड़ता था तो उसे सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता था। अब नियमों को बदलने के लिए प्लानिंग की जा रही है। छात्र नौवीं से बारहवीं तक दो वोकेशनल कोर्स में पढ़ाई कर सकेंगे। यह उनकी इच्छा पर निर्भर होगा कि वह यह कोर्स करना चाहते हैं या नहीं। 12वीं में वोकेशनल कोर्स के साथ बोर्ड परीक्षा पास करने वाले छात्रों के लिए जॉब फेयर का आयोजन भी किया जाता है। ऐसे में छात्रों के पास आगामी वर्षों से अधिक ऑप्शन रहेंगे। एससीईआरटी से वोकेशनल कोर्स के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर नरेंद्र डबास ने बताया कि आगामी सेशन के लिए प्लानिंग की जा रही है। छात्रों के हित को देखते हुए कई बदलाव आने वाले सेशन में हो सकते हैं।

नई दिल्ली [अरविंद पांडेय]। 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों के लिए राहत भरी बड़ी खबर है। अब उन्हें निराश होने या साल खराब होने को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरुरत नहीं है। यदि उनमें पढ़ने और पास होने की ललक है, तो उनके पास अपना साल गंवाए बगैर ही इन परीक्षाओं में पास होने का एक मौका है। बशर्ते रिजल्ट आने के तीस दिन के भीतर ही ऐसे छात्रों को एनआईओएस(राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) सेंटर या फिर वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी संस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने फिलहाल इसे लेकर एक बड़ी पहल शुरू की है। जिसके तहत देश के किसी भी परीक्षा बोर्ड के फेल छात्र सीधे आवेदन कर पास होने के साथ अपना ग्रेड भी सुधार सकते है। इसके साथ ही नौवीं और ग्यारहवीं के भी ऐसे फेल छात्रों के लिए मौका उपलब्ध कराया गया है, जिन्हें अभी दो बार फेल होने के बाद स्कूल से बाहर कर दिया जाता है। ऐसे में वह एनआईओएस की मदद से अपनी गलती सुधार सकते है।

एनआईओएस के मुताबिक उन्होंने ऐसे सभी छात्रों को निराशा से बचाने और अपनी गलती को ठीक करने का एक मौका उपलब्ध कराया है। इसके तहत वह रिजल्ट आने के तीस दिन के भीतर एनआईओएस सेंटर के जरिए आवेदन कर सकते है। इस दौरान छात्रों को एक खास सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। जहां उन्हें सिर्फ फेल विषयों की ही परीक्षा देनी होगी। यानि यदि बारहवीं के पांच विषयों में सभी विषयों में फेल है, तो सभी विषयों की परीक्षा देनी होगी, लेकिन यदि इनमें से सिर्फ दो विषयों में ही फेल है, तो उन दो विषयों के साथ कोई एक और विषय रखना होगा। यानि परीक्षा में फेल विषयों के साथ न्यूनतम तीन विषयों रखने जरुरी होंगे। इस पूरी प्रक्रिया में फेल छात्रों के अंकों को जांच के बाद ट्रांसफर की भी व्यवस्था है।

तेलंगाना, दिल्ली सहित कई राज्यों में छेड़ा विशेष अभियान
एनआईओएस ने इस बीच तेलंगाना, दिल्ली सहित कई राज्यों में विशेष अभियान छेड़ने की तैयारी में है। यह पहल तब की है, जब कई राज्यों ने बोर्ड के रिजल्ट आ चुके है। जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे फेल हुए है। खासकर तेलंगाना में स्थिति सबसे गंभीर है। जहां 12वीं के बोर्ड में करीब साढ़ेे नौ लाख बच्चों में करीब सवा तीन लाख बच्चे फेल हो गए है। इसके चलते दर्जनों बच्चों के आत्महत्या करने या उसकी कोशिश करने की भी खबरें है। इसी तरह दिल्ली सरकार के स्कूलों में अभी नौवीं और 11वीं के छात्रों को लेकर भी ऐसी ही पहल शुरू की गई है।

एनआईओएस के चेयरमैन प्रोफेसर सीबी शर्मा के मुताबिक 45 दिन के भीतर ऐसे छात्रों की दोबारा परीक्षा आयोजित कर उनके रिजल्ट घोषित कर दिए जाएंगे।

अगर आप इस साल सीबीएसई 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। बोर्ड का नियम है कि आप घर बैठकर प्राइवेट छात्र के तौर पर परीक्षा देने के बजाय स्कूल में री-एडमिशन (पुन: प्रवेश) लेकर रेगुलर छात्र के तौर पर परीक्षा दे सकते हैं। सोमवार को सीबीएसई ने अपने इस नियम के अनुपालन का सर्कुलर दोबारा जारी किया है। सीबीएसई की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार पहले यह नियम था, कि अगर कोई छात्र 10वीं या 12वीं के बोर्ड एग्जाम में फेल हो जाता था, तो वह अगले वर्ष बतौर प्राइवेट छात्र फॉर्म भरकर ही परीक्षा दे सकता था। इससे जहां छात्र की परीक्षा प्रभावित होती थी, वहीं मार्कशीट पर प्राइवेट होने की जानकारी भी प्रकाशित होती थी।

विषय बदलने का भी है मौका: अगर आपने 9वीं या 11वीं की परीक्षा पास की है, लेकिन किसी विषय में कमजोर हैं तो 10वीं या 12वीं के लिए उसे बदलने के लिए प्रक्रिया भी शुरू की। शर्त यह है कि 9वीं या 11वीं में सभी विषयों में छात्र को पास होना चाहिए। माना कि किसी छात्र के पास 11वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स हैं। वह इन विषयों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। 11वीं पास करने के बाद वह कॉमर्स या ह्यूमैनिटीज लेना चाहता है तो इसके लिए एक एप्लीकेशन अपने स्कूल में जमा करानी होगी। साथ ही प्रति विषय 1000 रुपए शुल्क देना होगा।

स्कूल के माध्यम से आवेदन सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय के पास जाएगा, जिसके बाद विषय बदल जाएगा। इसके लिए शर्त यह भी है कि इसमें छात्र के अभिभावक और स्कूल की सिफारिश भी होनी चाहिए। सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों ने बताया कि सीबीएसई ने फेल छात्रों को रि-एडमिशन का मौका दिया हुआ है, जो छात्र 10वीं या 12वीं बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं, वे अपने पुराने स्कूल ही नहीं, बल्कि किसी दूसरे स्कूल में भी दोबारा दाखिला ले सकते हैं। सीबीएसई का यह नियम छात्रों के लिए एक सौगात है। फेल होने के बाद वह घर नहीं बैठेंगे, बल्कि अपनी पसंद के स्कूल में दाखिला लेकर दोबारा पढ़ाई कर सकते हैं। सभी स्कूलों को इसे सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए।