15 अगस्त और 26 जनवरी के झंडे में क्या अंतर होता है? - 15 agast aur 26 janavaree ke jhande mein kya antar hota hai?

m salahuddin | Navbharat Times | Updated: Aug 14, 2019, 10:33 AM

  • 15 अगस्त और 26 जनवरी के झंडे में क्या अंतर होता है? - 15 agast aur 26 janavaree ke jhande mein kya antar hota hai?

    ​15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में हैं ये अंतर, जानें

    हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारी शान और गौरव का प्रतीक है। हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है। लेकिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में कुछ फर्क होता है। आइए आपको ऐसे ही 3 बड़े फर्क के बारे में बताते हैं...

  • 15 अगस्त और 26 जनवरी के झंडे में क्या अंतर होता है? - 15 agast aur 26 janavaree ke jhande mein kya antar hota hai?

    ​ध्वजारोहण (Flag Hoisting) और झंडा फहराना (Flag Unfurling)

    15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है। इसे ध्वजारोहण कहा जाता है। वहीं 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है। उसे खोलकर फहराया जाता है जिसे झंडा फहराना कहते हैं। अंग्रेजी में ध्वजारोहण के लिए Flag Hoisting और झंडा फहराने के लिए Flag Unfurling शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।

  • 15 अगस्त और 26 जनवरी के झंडे में क्या अंतर होता है? - 15 agast aur 26 janavaree ke jhande mein kya antar hota hai?

    ​प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति

    15 अगस्त को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री शामिल होते हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ही ध्वजारोहण करते हैं। 26 जनवरी को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।

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    ​स्थान का फर्क

    स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन लाल किले पर होता है। वहीं प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। प्रधानमंत्री इस मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। वहीं गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन राजपथ पर होता है। गणतंत्र दिवस वाले दिन राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।

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    26 जनवरी को ही राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं ध्वज?

    प्रधानमंत्री देश के राजनीतिक प्रमुख होते हैं जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख। देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ। उससे पहले न देश में संविधान था और न राष्ट्रपति। इसी वजह से हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।

Republic Day 2022: पूरा देश आज 73वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना रहा है। भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। इसके बाद हमने अपना संविधान बनाया और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया। जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश के हर नागरिक को उसका हक मिले, इसके लिए संविधान को पूरे देश में लागू किया गया। पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था।

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) इन दोनों खास दिनों पर तिरंगा फहराया (Flag Unfurling) जाता है। लेकिन इन दोनों दिनों को मनाने के नियम अलग-अलग हैं। आइये जानते हैं क्या है दोनों में खास अंतर

गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर देश के पहले नागरिक यानी कि राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में शामिल होकर झंडा फहराते हैं। यह राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर मनाया जाता है। इसके बाद परेड, राज्यों की झांकी, तोपखाने का प्रदर्शन किया जाता है। वहीं स्वतंत्रता दिवस (independence day) पर समारोह नई दिल्ली के लाल किले में होता है। इसके बाद देश प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं साथ राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

ये है दोनों को अलग-अलग मनाने का तरीका

दोनों दिवस को मनाने में तिरंगा फहराने में अंतर होता है। 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगे को ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है। जबकि गणतंत्र दिवस पर झंडा ऊपर ही बंधा होता है, इसे वहीं खोलकर फहराया जाता है।

15 अगस्त के दिन तिरंगे का ध्वजारोहण (Flag Hoisting) किया जाता है। जबकि गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन झंडा फहराना कहा जाता है न कि ध्वजारोहण। लेकिन आम बोलचान की भाषा में हम 15 अगस्त के दिन भी अक्सर झंडा फहराना शब्द का ही इस्तेमाल करते हैं, जो कि गलत है।

गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर राष्ट्रपति झंझा फहराते हैं। स्वतंत्रता दिवस (independence day) पर प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर झंडा फहराया जाता है। स्वतंत्रता दिवस लाल किले पर झंडा ध्वजारोहण किया जाता है। राष्ट्रपति एक संवैधानिक पद पर होते हैं और संविधान लागू 26 जनवरी 1950 को हुआ था। प्रधानमंत्री एक राजनैतिक पद पर होते हैं।

गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने का कारण ये भी है कि राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख पद पर होते हैं। भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद को देश का पहला राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था।

15 अगस्त 26 जनवरी में झंडा फहराने में क्या अंतर है?

पहला अंतर- ध्वजारोहण और झंडा फहराना इसलिए हर साल 15 अगस्त को तिरंगा ऊपर खींचा जाता है फिर फहराया जाता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं. वहीं, 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस (Republic Day) वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है. उसे केवल फहराया जाता है.

ध्वजारोहण झंडा फहराने में क्या अंतर है?

ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में होता है अंतर स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडे को नीचे से रस्सी के सहारे खींचकर ऊपर ले जाया जाता है. इसके बाद इसे खोलकर फहराया जाता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं. वहीं, गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के मौके पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है और इसे खोलकर फहराया जाता है.

15 अगस्त को झंडा फहराने का टाइम क्या होता है?

गृह मंत्रालय के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के फहराने का समय घोषित कर दिया गया है. सुबह 7.30 बजे पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले ध्वजारोहण समारोह होगा. आप इस समारोह को नेशनल टेलीविजन चैनलों और प्रेस सूचना ब्यूरो के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव देख सकते हैं.

15 अगस्त को लाल किले पर झंडा कौन फहराता है?

स्वतंत्रता दिवस पर हर साल देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराते हैं.