विद्युत विभव क्या है एक बिंदु आवेश के कारण किसी बिंदु पर विभव के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए? - vidyut vibhav kya hai ek bindu aavesh ke kaaran kisee bindu par vibhav ke lie vyanjak gyaat keejie?

Solution : Consider a charge + Q situated at point O and let us want to determine electric potential due to it at a point P situated at a distance r. Then, by definition potential is equal to amount of work done in order to bring unit +ve charge, without any acceleration, from `oo` to point P. <br> `:. V = W_(oo-p)= underset(oo)oversetrintvecE.vecdx= -undersetoooversetrintE dx = -undersetoooversetrintQ/(4pi epsi_0x^2)dx` <br> `=(Q)/(4pi epsi_0)[1/x]_oo^r = Q/(4pi epsi_0)[1/r-1/oo] = Q/(4pi epsi_0r)` <br> <img src="https://d10lpgp6xz60nq.cloudfront.net/physics_images/U_LIK_SP_PHY_XII_C02_E09_001_S01.png" width="80%">

1 बिन्दु आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत विभव का व्यंजन क्या होगा उसका निगमन कीजिए?

एकांक धन आवेश को अनंत से P बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य अर्थात P बिंदु पर विद्युत विभव ज्ञात करने के लिए OP दिशा में O बिंदु से x दुरी पर एक बिंदु A चुन लेते है। हमने O बिंदु पर धनात्मक q आवेश की कल्पना की है अतः विद्युत विभव भी धनात्मक है यदि यह आवेश ऋणात्मक होता तो विद्युत विभव का मान भी ऋणात्मक होता।

बिंदु आवेश के कारण विभव का व्यंजक क्या है?

<br> बिंदु आवेश के कारण किसी बिंदु पर विद्युत विभव- चित्र के अनुसार माना की O पर बिंदु आवेश q रखा है जिसके कारण र दुरी पर स्थित बिंदु पर विद्युत विभव ज्ञात करना है। OP सरल रेखा पर बिंदु O से x दुरी पर स्थित बिंदु A पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता <br> `E = (1)/(4 pi epsi_(0)K).

एक बिंदु पर विद्युत विभव से आप क्या समझते हैं उत्तर?

बल द्वारा किसी एकांक धनावेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किया गया कार्य = उस बिंदु पर स्थिरवैद्युत विभव (V) 2022-23 53 Page 4 भौतिकी दूसरे शब्दों में, स्थिरवैद्युत क्षेत्र के प्रदेश के किसी बिंदु पर स्थिरवैद्युत विभव (V) वह न्यूनतम कार्य है जो किसी एकांक धनावेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किया जाता है।

प्रश्न 3 विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव का मान बिंदु आवेश के कारण विभव के मान का कितने गुना होता है?

यदि वैद्युत द्विध्रुव के दोनो आवेश -q तथा +q कूलॉम हों तथा उनके बीच की दूरी 2l मीटर हो तब वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण ( p = q. 2l) होता है। वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश है जिसकी दिशा प्रायः ऋणात्मक आवेश से धनात्मक आवेश की तरफ लिया जाता है।