यदि कोई धातु पानी के अन्दर डूबी हुई है तो उसका वजन - yadi koee dhaatu paanee ke andar doobee huee hai to usaka vajan

यदि कोई धातु पानी के अन्दर डूबी हुई है तो उसका वजन - yadi koee dhaatu paanee ke andar doobee huee hai to usaka vajan

किसी द्रव में रखी वस्तु पर लगने वाले बल

किसी तरल (द्रव या गैस) में आंशिक या पूर्ण रूप से डूबी किसी वस्तु पर उपर की ओर लगने वाला बल उत्प्लावन बल कहलाता है।

उत्प्लावन बल नावों, जलयानों, गुब्बारों आदि के कार्य के लिये जिम्मेदार है।

आर्कीमिडीज का सिद्धान्त[संपादित करें]

इस सिद्धान्त का प्रतिपादन सबसे पहले आर्कीमिडीज ने किया जो इटली के सिरैकस का निवासी था। यह सिद्धान्त इस प्रकार है:

यदि कोई वस्तु किसी तरल में आंशिक या पूर्ण रूप से डूबी है तो उसके भार में कमी होती है। भार में यह कमी, उस वस्तु द्वारा हटाये गये तरल के भार के बराबर होती है।

सूत्र रूप में,

जहाँ V वस्तु का वह आयतन है जो तरल में डूबा है, या तरल के अन्दर है।रो = तरल का घनत्व तथाजी = गुरुत्व जनित त्वरण

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • द्रवस्थैतिकी (Fluid statics)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • जल में गिरना (एनिमेशन - १)
  • जल में गिरना (एनिमेशन - २)

यदि कोई धातु पानी के अंदर डूबी हुई है तो उसका वजन क्या होगा?

यदि कोई वस्तु किसी तरल में आंशिक या पूर्ण रूप से डूबी है तो उसके भार में कमी होती है। भार में यह कमी, उस वस्तु द्वारा हटाये गये तरल के भार के बराबर होती है।

यदि द्रव में वस्तु का भार वस्तु द्वारा उठाए गए द्रव के भार से कम है तो वस्तु की स्थिति क्या होगी?

कोई वस्तु द्रव में कब तैरती है? UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : जब वस्तु का भार कम हो और वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव का भार अधिक हो।

वे दो कारक कौन से हैं जिन पर किसी पिंड पर लगने वाला उत्प्लावक बल निर्भर करता है?

जब किसी पिंड को किसी तरल में रखते हैं तो उस पर दो बल कार्य करते हैं‍ एक उसका भार और दूसरा उत्पलावन बल

भौतिकी में उत्क्षेप बल क्या है?

उत्प्लावक बल (Buoyant force): द्रव का वह गुण जिसके कारण वह वस्तुओं पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है, उसे उत्क्षेप या उत्प्लावक बल कहते हैं. यह बल वस्तुओं द्वारा हटाए गए द्रव के गुरुत्व-केंद्र पर कार्य करता है, जिसे उत्प्लावक केंद्र (center of buoyancy) कहते हैं. इसका अध्ययन सर्वप्रथम आर्कमिडीज ने किया था.