Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 7 - Jahan Chaah Vvahan Raah Show
Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 7 - Jahan Chaah Vvahan Raah प्रश्न-अभ्यासSolution 1
Solution 2
Solution 3 येसंबा गाँव में नाले पर पुल न होने से बरसात में बच्चे पाठशाला नहीं जा पाते थे। गाँव के बच्चों ने अनुभवहीन और साधनहीन होने के बावजूद अपनी चाह से पुल बनाने के लिए राह निकाली। उनके इस प्रयास में गाँव वालों ने भी साथ दिया और केवल पंद्रह दिनों में पुल बना दिया। और बरसात से होने वाली समस्या से सारे गाँव को निजात दिला दी इसलिए इस कहानी के लिए 'जहाँ चाह वहाँ राह' शीर्षक एकदम उचित और सार्थक है। Solution 4 एक दिन की बात है, मैं और मेरा मित्र पाठशाला से घर लौट रहे थे। हमें सड़क पार करनी थी। मैं आगे था मैंने ठीक से सड़क पार कर ली परंतु तब तक सिग्नल हरा हो गया और वाहन तेज़ गति से आगे बढ़ने लगे। मेरे मित्र ने सड़क के दोनों ओर देखा ही नहीं और लापरवाही से सड़क पार करने लगा। कार चालाक ने बड़ा प्रयास किया कि मेरे मित्र को समय रहते सूचित किया जा सके परन्तु ऐसा नहीं हो पाया। कार चालाक ने मेरे मित्र को बचाने के प्रयास में कार को इधर-उधर घूमाने का प्रयास किया। इस प्रयास में उसकी कार हमारे विद्यालय के पास एक पेड़ से जा टकराई। इस टक्कर में कार चालक बुरी तरह घायल हो गया। उसे गंभीर चोटें आईं थीं। संयोग से पास ही अस्पताल होने के कारण कार चालक को चिकित्सा सुविधा समय रहते उपलब्ध करवाई जा सकी और उसकी जान बच गई। इस घटना ने मेरे होश उड़ा दिए। मेरे मित्र को भी बहुत ग्लानि का अनुभव हुआ। उस दिन के बाद मैंने सड़क पार करते हुए कभी लापरवाही नहीं बरती। यह घटना मेरे लिए अविस्मरणीय घटना बन गई। Solution 5 येसंबा गाँव के ठीक बीच से एक नाला बहता था। बरसात के दिनों में में नाले में इतना पानी भर जाता था कि बच्चे पाठशाला जा नहीं पाते थे। नाले पर पुल बनाना ही आए दिन बरसात में होने वाली इस समस्या का समाधान था। येसंबा गाँव के बच्चों ने नाले पर पुल बनाने का निर्णय लिया। इस कार्य में उन्हें गाँव वालों का भी भरपूर साथ मिला। केवल पंद्रह दिनों में ग्रामीणों और विद्यार्थियों के सामूहिक श्रमदान से पुल बनकर तैयार हो गया। Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 7 - Jahan Chaah Vvahan Raah भाषा की ओरSolution 1
Sulabhbharti - VII Class 7 Chapter Solutions
We're sorry, but this browser is not supported by TopperLearning. येसंबा गाँव के ठीक बीचो बीच क्या था?पाठ का परिचय : इस पाठ में बताया गया है कि यदि मनुष्य के मन में किसी काम को करने की इच्छा हो तो वह बड़े-से-बड़ा काम भी सफलतापूर्वक कर लेता है। येसंबा गाँव के बीचोबीच एक नाला बहता था। बरसात के दिनों में बच्चे नाला पार करके पाठशाला नहीं जा पाते थे। बच्चों ने आपस में सलाह की और नाले पर पुल बनाने का निश्चय किया।
येसंबा गाँव के विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा में पीछे क्यों रह जाते थे?येसंवा गाँव के बीच से एक नाला बहता था। बरसात के मौसम में नाले में कई बार चार से पांच फीट तक पानी भरता था। बच्चों के लिए यह नाला लाँघना असंभव था। इसलिए उन दिनों येसंबा गाँव के बच्चे पाठशाला में अनुपस्थित रहते थे।
हम कर भी क्या सकते हैं हम तो बच्चे हैं किसने किससे कहा?⏩ “हम कर भी क्या सकते हैं।” ये वाक्य तुषार ने अन्य विद्यार्थियों से कहा। 'जहाँ चाह वहाँ राह' नामक पाठ में यह बताया गया है कि अगर मनुष्य अपने मन में ठान ले तो वह किसी भी कठिन से कठिन समस्या का हल प्राप्त कर सकता है। इस पाठ में बच्चों के संकल्प का वर्णन किया गया है।
बरसात के दिनों में विद्यार्थीयों को पाठशाला जाना क्यों संभव नहीं था?बरसात के मौसम में जब नाला भर जाता, तो बड़े-बुजुर्ग किसी तरह नाला पार कर लेते परंतु पाठशाला जाने के लिए नाला लाँघना विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं था। इस कारण उनकी पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ता था। इस समस्या से परेशान बच्चे एक साथ मिलकर इसके निदान के लिए एक पुल बनाने की योजना बनाते हैं।
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