यह कहानी परोक्ष रूप से क्या संदेश देती है? - yah kahaanee paroksh roop se kya sandesh detee hai?

क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?

प्रेमचंद स्वतंत्रता पूर्व लेखक हैं। इनकी रचनाओं में भी इसका प्रभाव देखा गया है। "दो बैलों की कथा" नामक कहानी भी इससे अछूती नहीं है।

मनुष्य हो या पशु पराधीनता किसी को भी स्वीकार नहीं है। सभी स्वतंत्र होना चाहते हैं। प्रस्तुत कहानी की कथावस्तु भी इन्हीं मनोविचार पर आधारित है। प्रेमचंद ने अंग्रेज़ों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचारों को मनुष्य तथा पशु के माध्यम से व्यक्त किया है। इस कहानी में उन्होंने यह भी कहा है कि स्वतंत्रता सहज ही नहीं मिलती, इसके लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। जिस प्रकार अंग्रेज़ों के अत्याचार से पीड़ित जनता ने अपना क्षोभ विद्रोह के रुप में व्यक्त किया, उसी प्रकार बैलों का गया के प्रति आक्रोश भी संघर्ष के रुप में भड़क उठा। इस प्रकार परोक्ष रुप से यह कहानी आज़ादी की भावना से जुड़ी है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)

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दो बैलों की कथा 1931 में मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित हिन्दी कहानी है।

सारांश

'दो बैलों की कथा' प्रेमचंद द्वारा लिखित रचना है। प्रेमचंद अपनी रचनाओं के माध्यम से संदेश देने में माहिर हैं। समाज को अपनी रचनाओं के माध्यम से कैसे जगाया जाए, यह उन्हें बहुत अच्छी तरह आता है। यह कहानी सांकेतिक भाषा में यह संदेश देती है कि मनुष्य हो या कोई भी प्राणी हो, स्वतंत्रता उसके लिए बहुत महत्व रखती है। स्वतंत्रता को पाने के लिए लड़ना भी पड़े, तो बिना हिचकिचाए लड़ना चाहिए। जन्म के साथ ही स्वतंत्रता सबका अधिकार है, उसे बनाए रखना सबका परम कर्तव्य है। दो बैलों की कथा में बैलों के माध्यम से लेखक अपने विचार समाज के समक्ष रखता है। इस कहानी में दो मित्र बैल अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हैं। यह कहानी दो बैलों के बीच में घनिष्ठ भावात्मक संबंध को दर्शाती है। यह कहानी मनुष्य और जानवर के बीच में उत्पन्न परस्पर संबंध का सुंदर चित्र भी प्रस्तुत करती है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • द एनिमल फॉर्म (जॉर्ज ओर्वेल का लघु अंग्रेजी उपन्यास)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • दो बैलो की कथा (हिन्दी विकिस्रोत पर)
  • कुछ श्रेष्ठ कृतियां समुचित प्रकाश-प्रसार में नहीं (प्रेसनोट)
  • दो बैलों की कथा मुंशी प्रेमचंद की कहानी

क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की कहानी की ओर भी संकेत करती है?


यह कहानी अप्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आंदोलन से जुडी है। प्रेमचंद स्वतंत्रता पूर्व लेखक हैं। इनकी रचनाओं में भी इसका प्रभाव देखा गया है। दो बैलों की कथा नामक कहानी भी इससे अछूती नहीं है। यह कहानी दो बैलों से सम्बंधित है। लेखक ने अंग्रेज़ों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचारों को मनुष्य तथा पशु के माध्यम से व्यक्त किया है। इस कहानी में उन्होंने यह भी कहा है कि स्वतंत्रता सहज ही नहीं मिलती, इसके लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। जिस प्रकार अंग्रेज़ों के अत्याचार से पीड़ित जनता ने अपना क्षोभ विद्रोह के रुप में व्यक्त किया, उसी प्रकार बैलों का गया के प्रति आक्रोश भी संघर्ष के रुप में भड़क उठा।

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कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभरकर आए हैं?


इस कहानी के माध्यम से निम्नलिखित नीति विषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं :
1 विपत्ति के समय हमेशा मित्र की सहायता करनी चाहिए।
2. सच्चे मित्र मुसीबत के समय एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ता है ।
3. आजादी के लिए हमेशा सजग एवं संघर्षशील रहना चाहिए।
4. समाज के सुखी-संपन्न लोगों को भी आज़ादी की लड़ाई में योगदान देना चाहिए।
5. अपने समुदाय के लिए अपने हितो का त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
6. आज़ादी बहुत बड़ा मूल्य है। इसे पाने के लिए मनुष्य को बड़े-से-बड़ा कष्ट उठाने को तैयार रहना चाहिए।

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रचना के आधार पर वाक्य के भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए -
दीवार का गिरना था कि अधमरे-से-पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।


यहाँ संयुक्त वाक्य है तथा संज्ञा उपवाक्य है।

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प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ 'मूर्ख' का प्रयोग न कर किसी नए अर्थ की ओर संकेत किया है?


इस कहानी में लेखक ने गधे की सरलता और सहनशीलता की ओर हमारा ध्यान खींचा है। गधे को स्वभाव के कारण मूर्खता का पर्याय समझा जाता है। आमतौर पर हम गधे के लिए मूर्ख शब्द का प्रयोग करते हैं परन्तु उसके स्वभाव में सरलता और सहनशीलता भी देखने को मिलती है। गधा ही एक एक मात्र ऐसा प्राणी है जो सब अत्याचार चुपचाप सेहन कर लेता है। फिर भी कभी उसके चेहरे पर अन्याय के प्रति असंतोष नज़र नही आता। प्रेमचंद ने स्वयं कहा है - सदगुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा। कदाचित सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है। कहानी में भी उन्हों ने सीधेपन की दुर्दशा दिखलाई है, मूर्खता की नहीं।

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रचना के आधार पर वाक्य के भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए -
सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थी और मुद्रा अत्यन्त कठोर, आया।


यहाँ मिश्र वाक्य है, विशेषण उपवाक्य है।

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छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?


छोटी बच्ची का बैलों के प्रति प्रेम उमड़ने के निम्नलिखित कारण हैं -
1. छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी। वह माँ के बिछुड़ने का दर्द जानती थी। उसे लगा कि वे भी उसी की तरह अभागे हैं और अपने मालिक से दूर हैं।
2. छोटी बच्ची को उसकी सौतेली माँ सताती थी, यहाँ हीरा-मोती पर अत्याचार कर रहा था ।

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