विद्युत जनित्र का मूल सिद्धांत क्या है? - vidyut janitr ka mool siddhaant kya hai?

विज्ञान

प्रश्न 200 : विद्युत जनित्र का नामांकित चित्र बनाइये ।

उत्तर : विद्युत् जनित्र का नामांकित आरेख-

विद्युत जनित्र का मूल सिद्धांत क्या है? - vidyut janitr ka mool siddhaant kya hai?

विद्युत् जनित्र का मूल सिद्धान्त- विद्युत् जनित्र का सिद्धान्त विद्युत् चुम्बकीय प्रेरण की परिघटना पर आधारित है जिसके आधार पर जब किसी कुण्डली के तल पर चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो उस कुण्डली में प्रेरित विद्युत् धारा प्रवाहित होती है और इस प्रकार यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य विद्युत् जनित्र करता है।
कार्यविधि- जब आर्मेचर (कुण्डली) ABCD को दक्षिणावर्त दिशा में घुमाया जाता है तो कुण्डली में विद्युत् चुम्बकीय प्रेरण के कारण विद्युत् धारा प्रेरित हो जाती है। धारा की दिशा फ्लेमिंग के दाएँ हाथ के नियम से ज्ञात की जाती है। कुण्डली के आधा चक्कर पूरा करने तक धारा की दिशा वही रहती है अत: पहले आधे चक्कर में धारा B2 से B1 की दिशा में बहती है। अगले आधे चक्कर में विद्युत् धारा की दिशा बदल जाती है। अतः धारा B1 से B2 की ओर बहती है। इस प्रकार परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित होती है।


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विद्युत जनित्र का सिद्धांत क्या है?

विद्युत् जनित्र विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित है। जब किसी कुंडली को उसके अक्ष पर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के लम्बवत घुमाया जाता है तो कुंडली से गुज़रने वाली चुम्बकीय रेखाओं में परिवर्तन होता है और विभान्तर प्रेरित होता है, जिसके कारण कुंडली में प्रेरित धारा उत्पन्न हो जाती है।.

विद्युत जनित्र कितने प्रकार के होते हैं?

वाइंडिंग कनैक्शन के आधार पर Generators की वाइंडिंग कनैक्शन के आधार पर स्व उत्तेजित जैनेरेटर निम्न तीन प्रकार के होते है।

विद्युत जनित्र का दूसरा नाम क्या है?

एक डायनेमो (ग्रीक शब्द डायनामिस से व्युत्पन्न हुआ है; इसका अर्थ है पावर या शक्ति), मूल रूप से विद्युत जनरेटर का दूसरा नाम है।

विद्युत जनित्र कैसे कार्य करता है?

विद्युत् जनित्र का मूल सिद्धान्त- विद्युत् जनित्र का सिद्धान्त विद्युत् चुम्बकीय प्रेरण की परिघटना पर आधारित है जिसके आधार पर जब किसी कुण्डली के तल पर चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो उस कुण्डली में प्रेरित विद्युत् धारा प्रवाहित होती है और इस प्रकार यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य ...