मिट्टी के पीएच मान को कम करने के लिए उसमें क्या मिलाया जाना चाहिए? - mittee ke peeech maan ko kam karane ke lie usamen kya milaaya jaana chaahie?

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केमिस्ट्री में, pH किसी पदार्थ के एसिडिक या बेसिक होने की जानकारी देता है। pH स्केल 0 से 14 के बीच में रहता है — 0 के करीब का pH बहुत ज्यादा एसिडिक, 14 के करीब का pH बहुत ज्यादा बेसिक माना जाता है और 7 pH को परफेक्टली न्यूट्रल माना जाता है। गार्डनिंग और हॉर्टिकल्चर (उद्यान विज्ञान) में, इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी के pH का पौधे की हैल्थ और ग्रोथ पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। वैसे तो ज़्यादातर पौधे करीब 6.0-7.5 तक का pH सहन कर लेते हैं, लेकिन कुछ दूसरे कम pH रेंज में ज्यादा अच्छी तरह से बढ़ते हैं, इसलिए सीरियस गार्डनर को मिट्टी के pH मैनेजमेंट के बारे में कुछ बेसिक्स सीख लेने चाहिए।[१] [२] अपनी मिट्टी के pH को कम करना सीखने के लिए, नीचे दिए पहले स्टेप से पढ़ना शुरू करें।

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    मिट्टी के pH की जाँच करें: अपनी मिट्टी में बदलाव लाने के लिए, उसमें कुछ भी मिलाने से पहले, हमेशा सुनिश्चित करें कि आप आपके लक्षित pH से कितनी दूर है। आप आपके लोकल होम/गार्डन सेंटर से टेस्ट किट खरीद सकते हैं या फिर किसी प्रोफेशनल से अपनी मिट्टी के सैंपल की जाँच के लिए, उसे काउंटी एक्सटैन्शन ऑफिस भी ले जा सकते हैं।

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    पौधे लगाने वाले एरिया में 5 छोटे-छोटे गड्ढे खोद लें: एक कमर्शियल pH टेस्टिंग किट की मदद से, आपकी गार्डन की मिट्टी के pH का पता लगाना आसान है। इन्हें आमतौर पर हार्डवेयर स्टोर्स या गार्डन सप्लाई स्टोर्स में बेचा जाता है और ये थोड़ी महँगी भी होती हैं। शुरू करने के लिए, आपको टेस्ट किए जाने वाले एरिया की मिट्टी का सैंपल लेना होगा। 5 छोटे (करीब 8 इंच तक गहरे) गड्ढे खोद लें। प्लॉट के अंदर की किसी भी लोकेशन को चुनें — इस तरह से आपको आपकी मिट्टी के "एवरेज" pH के बारे में एक अंदाजा मिल जाएगा।[३] गड्ढों में कोई भी गंदगी न जाने दें।

    • ध्यान रहे, कि इस सेक्शन में दिए हुए इन्सट्रक्शन्स औसतन हैं — आपको आपकी खास pH टेस्टिंग किट में दिए हुए इन्सट्रक्शन्स को फॉलो करना होगा।

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    हर एक गड्ढे से सैंपल ले लें: फिर, हर गड्ढे की साइड से, शोवेल या स्पेड की मदद से हल्की सी "स्लाइस" निकाल लें। इस स्लाइस को क्रेसन्ट-शेप (चंद्राकार) का और करीब 1⁄2 inch (1.3 cm) तक मोटा होना चाहिए। अपने सैंपल को एक साफ, सूखी बाल्टी में डाल दें।

    • हर एक सैंपल की भरपूर मिट्टी, जो कि लगभग 0.94 लीटर या और ज्यादा होती है, को इकट्ठा करने की कोशिश करें। टेस्टिंग की ज़्यादातर विधियों के लिए, ये काफी होती है।

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    मिट्टी को बाल्टी में मिला लें और सुखाने के लिए न्यूज़पेपर पर फैला लें: अब जब तक आपको नमी महसूस होना बंद न हो जाए, तब तक मिट्टी को सूखने दें।

    • आगे बढ़ने से पहले मिट्टी के पूरी तरह से सूखने की पुष्टि करना बेहद जरूरी होता है — नमी की वजह से pH रीडिंग में गड़बड़ हो सकती है।[४]

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    अपनी मिट्टी के pH लेवल का पता लगाने के लिए, अपनी टेस्टिंग किट का इस्तेमाल करें: आपके पास में किस तरह की किट है, उसके हिसाब से ये मेथड अलग हो सकती है। कई सारी सबसे कॉमन किट्स, टेस्ट के लिए आपको आपकी मिट्टी की जरा सी मात्रा को, किट में मौजूद टेस्ट ट्यूब में डालना होता है, लिक्विड सोल्युशन की कुछ बूंदें मिलाना होती है, हिलाकर मिलाना और फिर इस मिक्स्चर को कुछ घंटों के लिए सेटल होने के लिए छोड़ देना होता है।[५] आखिर में, सोल्युशन का कलर बदल जाना चाहिए — किट के साथ में आए चार्ट के साथ, सोल्युशन के कलर को कंपेयर करके, आप आपकी मिट्टी का pH मालूम कर सकते हैं।

    • दूसरी तरह की किट्स भी उपलब्ध हैं, इसलिए आपकी किट के साथ में दिए हुए इन्सट्रक्शन्स को फॉलो करने की पुष्टि कर लें। उदाहरण के लिए, कुछ मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक टेस्टिंग किट्स एक मेटल प्रोब के जरिए लगभग तुरंत ही मिट्टी का pH पता लगा लेती हैं। आप चाहें तो सैंपल को इकट्ठा करके और फिर मिट्टी की एकदम फ्री में जाँच कराने के लिए उसे अपने काउंटी एक्सटैन्शन ऑफिस भी ले जा सकते हैं।

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    ओर्गेनिक मटेरिअल मिलाएँ: कई तरह के ओर्गेनिक मटेरिअल, जैसे कि कम्पोस्ट, कम्पोस्टेड खाद (manure) और एसिडिक मल्च धीरे-धीरे आपकी मिट्टी के pH को कम कर देती हैं।[६] ओर्गेनिक मटेरिअल के डिकम्पोज़ होने पर, बैक्टीरिया और दूसरे माइक्रोब्स (जीवाणु) बढ़ते हैं और वहीं पर खुद को फीड करते हैं, जिससे इस प्रोसेस में एसिडिक बाय-प्रॉडक्ट्स बनते हैं। क्योंकि मिट्टी को बदलने के लिए, ओर्गेनिक मटेरिअल को डिकम्पोज़ होने में वक़्त लगता है, इसलिए ये विकल्प आने वाले समय तक मिट्टी के pH को बनाए रखने के हिसाब से एक बेहतर विकल्प होता है, लेकिन इससे आपको फौरन किसी भी तरह के परिणाम नहीं मिलते हैं। धीरे-धीरे, pH-लोअरिंग इफेक्ट पाने के लिए, कई गार्डनर उनकी मिट्टी में हर साल ओर्गेनिक मटेरिअल मिलाया करते हैं। हालांकि, ये शायद हैवी क्ले मिट्टी के ऊपर काम नहीं करेगा।

    • ओर्गेनिक मटेरिअल आपकी मिट्टी को और भी दूसरे फायदे दे सकते हैं — जिसमें उसके ड्रेनेज और हवा के प्रवाह में सुधार आना, शामिल हैं।[७]

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    एल्यूमिनयम सल्फेट मिलाएँ: तेजी से pH कम करने के लिए, धीमी, ओर्गेनिक मटेरिअल के आराम से क्षय होने वाली विधि के भरोसे मत रहें। इसकी बजाय, आपके लोकल गार्डन सप्लाई स्टोर में उपलब्ध कई एसिडिक सॉइल एडिटिव्स में से एक का इस्तेमाल करें। इन एडिटिव्स में, एल्यूमिनियम सल्फेट, एक सबसे तेजी से असर दिखाने वाला विकल्प है। एल्यूमिनियम सल्फेट घुलते ही मिट्टी में एसिडिटी प्रोड्यूस कर देता है, जिसका मतलब कि ये आमतौर पर फौरन ही काम करता है।[८] इसी वजह से, एल्यूमिनियम सल्फेट को तेजी से pH कम करने के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है।

    • आपकी मिट्टी के शुरुआती pH के आधार पर, एल्यूमिनयम सल्फेट की इस्तेमाल की जाने लायक मात्रा जरा सी बदल सकती है। सबसे ज्यादा आमतौर पर, मिट्टी के 10-स्क्वेर फुट पैच के pH को स्केल पर एक भी नंबर कम करने के लिए (जैसे कि, 7.0 से 6.0, 6.0 से 5.0, बगैरह तक) लगभग 500 ग्राम एल्यूमीनियम सल्फेट का उपयोग करने की उम्मीद करनी चाहिए[९] हालांकि, बहुत ज्यादा एडिटिव का इस्तेमाल करना, आपके पौधों के लिए नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए किसी ऑनलाइन रिसोर्स (जैसे कि, यहाँ दिया हुआ है) से इसके अच्छी तरह से इस्तेमाल के तरीके के बारे में जानकारी हासिल कर लें।
    • किसी बड़े काम के लिए एल्यूमिनयम सल्फेट मत इस्तेमाल करें, क्योंकि इसकी वजह से मिट्टी में एल्यूमिनयम और एल्यूमिनयम की विषाक्तता जमा होना शुरू हो जाती है।[१०]

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    सल्फर मिलाएँ: सब्लाइम्ड सल्फर pH कम करने वाला मिट्टी का एक और एडिटिव होता है। सल्फेट के मुक़ाबले, सल्फर आमतौर पर जरा सस्ता और ज्यादा पावरफुल (जरूरी मात्रा इस्तेमाल करने के मामले में) होता है और धीमे-धीमे अपना काम करने वाला होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सल्फर को सल्फ्यूरिक एसिड में कन्वर्ट होने के लिए, बैक्टीरिया के द्वारा मेटाबोलइज्ड किया जाना होता है, जिसमें वक़्त लगता है।[११] मिट्टी की नमी, मौजूद बैक्टीरिया की मात्रा और टेम्परेचर के हिसाब से, सल्फर को मिट्टी में किसी तरह का असर दिखा पाने के लिए, कई महीनों तक का वक़्त लग सकता है।

    • ऊपर दर्शाए अनुसार, एल्यूमिनयम सल्फेट के मुक़ाबले, उतना ही pH में बदलाव लाने के लिए, आपको आमतौर पर सब्लाइम्ड सल्फर की कम मात्रा की जरूरत होती है। आमतौर पर आपको मिट्टी के 10 स्क्वेर फूट के पैच के लिए, pH स्केल की पर एक पूरे नंबर को कम करने के लिए लगभग 90 ग्राम मात्रा की जरूरत पड़ेगी।[१२] इस्तेमाल करने के ज्यादा बेहतर तरीकों के बारे में जानने के लिए, किसी ऑनलाइन रिसोर्स यहाँ) से कंसल्ट करें।

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    सल्फर-कोटेड यूरिया मिलाएँ: सल्फर और एल्यूमिनियम सल्फेट की तरह ही, सल्फर कोटेड यूरिया मिले सॉइल एडिटिव्स वक़्त के साथ मिट्टी की एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं। एडिटिव की तरह, यूरिया मिट्टी में मिलाने के बाद, करीब एक या दो हफ्ते के अंदर बहुत जल्दी ही अपना असर दिखाना शुरू कर देती है।[१३] सल्फर-कोटेड यूरिया कई तरह के फर्टिलाइजर्स की कॉमन इंग्रेडिएंट होती है, इसलिए अगर पहले से ही आप आपके पौधों को फर्टिलाइज करने का सोच रहे हैं, तो फिर आपको इस तरह के यूरिया वाली फर्टिलाइजर को खरीदकर, खुद को एक अलग सॉइल एडिटिव खरीदने के झंझट से बचा सकते हैं।

    • सल्फर-कोटेड यूरिया कंटेन्ट फर्टिलाइजर से फर्टिलाइजर में बदलता रहता है, इसलिए आपकी गार्डनिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए सही मात्रा का पता लगाने के लिए, अपने फर्टिलाइजर के साथ में आए इन्सट्रक्शन्स को फॉलो करें।
    • सल्फर-कोटेड यूरिया एक स्लो-रिलीज फर्टिलाइजर है, जो न्यूट्रीएंट्स को एक-बार में पूरा बाँटने की बजाय, धीरे-धीरे, आपके पौधे की जरूरत के हिसाब से डोज़ देती है।

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    कोई दूसरा एसिडिक एडिटिव मिलाएँ: ऊपर दर्शाए एडिटिव्स के अलावा, और दूसरे पदार्थ भी मिट्टी के pH को कम कर सकते हैं। इनमें से बहुत सारे पदार्थ अक्सर फर्टिलाइजर मिक्स में मौजूद होते हैं, वहीं दूसरों को अकेले बेचा जाता है। जरूरी टाइम और मात्रा, सबके लिए अलग होती है, इसलिए अपनी एडिटिव पैकेजिंग को देखें या फिर गार्डनिंग सप्लाई स्टोर में किसी एक्सपीरियंस प्राप्त एम्पलॉयी से बात करें। आपकी मिट्टी के pH को कम कर सकने लायक एडिटिव्स में, ये नाम शामिल हैं:[१४]

    • डायमोनियम फॉस्फेट (Diammonium phosphate)
    • फेरिक सल्फेट (Ferric sulfate)
    • पीट (Peat)
    • अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium nitrate)

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    एल्केलाइन सहन करने वाले पौधे लगाना: अगर आपकी मिट्टी किसी एसिडिक मिट्टी में लगने वाले पौधे के हिसाब से बहुत ज्यादा एल्केलाइन (बेसिक) है, तो फिर एल्केलाइन पसंद करने वाले पौधे लगाना, धीरे-धीरे आपकी मिट्टी के pH को आपके पौधे के हिसाब से कम कर सकते हैं। पौधे के बढ़ने, फलने और झड़ने के साथ, ओर्गेनिक मटेरिअल, जो मिट्टी में वापस जाता है, बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ा देता है और धीरे-धीरे (ठीक मल्च या खाद के रूप में ओर्गेनिक मटेरिअल मिलाने की तरह ही) मिट्टी के pH लेवल को भी कम कर देता है। ये मेथड आमतौर पर मिट्टी के pH को कम करने का सबसे धीमा तरीका होता है, क्योंकि पौधे को मिट्टी में ओर्गेनिक मटेरिअल छोड़ने के लिए बड़ा होना होता है। ये एल्केलाइन सहन करने वाले पौधों के उदाहरण हैं:[१५]

    • कुछ सदाबहार झाड़ियाँ (जैसे, बॉक्सवुड, कैलिफ़ोर्निया लाइलैक्स)
    • कुछ पर्णपाती झाड़ियाँ (जैसे, लाइलैक्स, मॉक ऑरेंज फॉर्सिथीया प्रजाति)
    • कुछ बारहमासी (जैसे, पिक्स, हेलबॉर्ब्स)

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    रोडोडेंड्रोन (rhododendrons) और एज़ेलिया (azaleas) जैसी झाड़ियाँ के लिए pH को कम करना: रोडोडेंड्रोन और एज़ेलिया जैसे कुछ खास फूलों वाले पौधों को सही तरह से बढ़ पाने के लिए जरा एसिडिक मिट्टी की जरूरत होती है। ये पौधे अक्सर हैवी रेनफॉल वाली जगहों में पाए जाते हैं (बार-बार बारिश की वजह से मिट्टी का pH कम हो जाता है)।[१६] इस तरह की झाड़ियाँ के लिए 4.5 - 5.5 की रेंज का pH नॉर्मल होता है। हालांकि, 6.0 जितना हाइ pH लेवल भी स्वीकार योग्य रहता है।[१७]

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    बेगोनिया (begonias) और हाइड्रेंजस (hydrangeas) जैसे फूलों के लिए मिट्टी का pH कम करना: पटून्यास (petunias) और बेगोनिया जैसे कई ब्राइट कलर के फूलों वाले पौधे एसिडिक मिट्टी में ज्यादा अच्छी तरह से बढ़ते हैं। इनमें से कुछ फूलों के लिए, मिट्टी की एसिडिटी को हल्का एसिडिक से बहुत ज्यादा एसिडिक में बदलने की वजह से फूल के कलर में अंतर देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, हाइड्रेन्जे (hydrangea) को करीब 6.0 - 6.2 के pH लेवल की मिट्टी में उगाने से पौधे में पिंक फूल आएंगे, वहीं pH को करीब 5.2 - 5.5 तक कम करने से पौधा पर्पल/ब्लू फूल देने लगेगा।[१८]

    • लो -pH हाइड्रेंजस का ब्लू कलर केमिकल एल्यूमिनियम से आता है। जब मिट्टी का pH कम होता है, तब हाइड्रेंजस के लिए मिट्टी से एल्यूमिनियम को एब्जोर्ब करना आसान होता है, जो फूल की पंखुड़ियों में नजर आता है।[१९]

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    सदाबहार पौधों के लिए मिट्टी का pH कम करें: बहुत से सदाबहार पेड़ जरा एसिडिक मिट्टी में उगते हैं। उदाहरण के लिए, स्प्रूस (spruces), फर (firs) और पाइन मिट्टी में तभी पनपते हैं, जब मिट्टी का pH लेवल लगभग 5.5 - 6.0 होता है। इसके साथ ही, इस तरह के पेड़ की नीडल्स को ओर्गेनिक मटेरिअल की तरह न्यूट्रल या एल्केलाइन मिट्टी में डाला जा सकता है, क्योंकि नीडल्स का क्षय होने पर ये मिट्टी के pH को कम कर सकता है।

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    कुछ खास तरह की बेरी के लिए मिट्टी का pH कम करें: शायद ब्लूबेरी सबसे ज्यादा एसिड पसंद करने वाले पौधे का नाम है, जो हाइली एसिडिक (लगभग 4.0 - 5.0 आइडियल) मिट्टी में बढ़ता है। हालांकि, बेरी की कई दूसरी प्रजातियाँ भी एसिडिक मिट्टी पसंद करती हैं। उदाहरण के लिए, क्रेनबेरी करीब 4.2 - 5.0 के लेवल में अच्छी तरह से बढ़ती हैं, वहीं गूज़बेरी, करंट्स और एल्डरबेरी करीब 5.5 - 6.5 के लेवल में बढ़ती हैं।[२०]

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    फर्न के लिए pH को न्यूट्रल के ठीक नीचे ले जाएँ: गार्डन फर्न्स की ज़्यादातर वेराइटीज 7.0 से कम pH लेवल को पसंद करती हैं — यहाँ तक कि एल्केलाइन मिट्टी पसंद करने वाली भी, हल्की सी एसिडिक मिट्टी को पसंद करते हैं। उदाहरण के लिए, मेडेनहेयर फर्न्स (Maidenhair Ferns) करीब 7.0 - 8.0 तक के pH की मिट्टी पसंद करते हैं, लेकिन ये करीब 6.0 की मिट्टी में भी बढ़ जाते हैं।[२१] कुछ फर्न्स 4.0 तक कम pH को भी सहन कर सकते हैं।[२२]

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    एसिड पसंद करने वाले पौधों की लिस्ट पाने के लिए गार्डनिंग रिसोर्स से कंसल्ट करें: ऐसे पौधे, जो कम pH वाली मिट्टी में सर्वाइव या बढ़ पाते हैं, वो इतने सारे हैं, कि उनके नाम इस आर्टिकल में बता पाना मुमकिन नहीं है। और ज्यादा जानकारी के लिए, आपको किसी कोम्प्रिहेंसिव बोटानिकल रिसोर्स से कंसल्ट कर लेना चाहिए। आप इन्हें आमतौर पर गार्डनिंग स्टोर्स या खास बुक की स्टोर्स पर पा सकते हैं, हालांकि और भी सोर्स मौजूद हैं। उदाहरण के लिए, The Old Farmer's Almanac की ऑफिशियल साइट में कई अलग-अलग तरह के पौधों के लिए जरूरी pH लेवल की एक लिस्ट को दर्शाया गया है (आप उसे यहाँ से एक्सेस कर सकते हैं।

सलाह

  • कुछ मिट्टी को बदलने वाले केमिकल्स स्प्रे के रूप में उपलब्ध हैं।
  • मिट्टी बदलने वाले किसी भी केमिकल को बहुत ज्यादा इस्तेमाल न करें, क्योंकि इनसे आगे जाकर मिट्टी के ऊपर, साथ ही वातावरण पर भी उल्टा असर भी पड़ सकता है।
  • गलत pH लेवल में बढ़ने वाला पौधा शायद बढ़ नहीं पाएगा, क्योंकि कुछ खास न्यूट्रीएंट्स मिट्टी में ही जकड़े रह जाएंगे और इसलिए पौधे के लिए उपलब्ध नहीं हो सकेंगे।
  • एलीमेंटल सल्फर का प्रभाव कई सीजन्स तक बना रहेगा।
  • एलीमेंटल सल्फर को आमतौर पर बसंत के महीने में अच्छी तरह से डाला जाता है और पौधे के पहले से ही अपनी जगह पर जम जाने के बाद, इसे पौधे पर इस्तेमाल करना बहुत मुश्किल होता है।
  • मिट्टी का pH उस एरिया के ड्रेनेज से लेकर नष्ट होने की तीव्रता तक, हर कुछ को प्रभावित कर सकता है।
  • जब भी मुमकिन हो, तब नेचुरल कम्पोस्ट ही इस्तेमाल करें। ये पौधे के लिए उपलब्ध न्यूट्रीएंट्स को बढ़ाकर पौधे को फायदा पहुँचाती है। कम्पोस्ट बनाना, अपने लॉंन के कचरे और किचन के कचरे को रिसाइकिल करने का एक अच्छा तरीका होता है।
  • एलीमेंटल सल्फर और कम्पोस्ट बायोलोजिकल रिएक्शन को बढ़ावा देता है, वहीं एल्यूमिनियम सल्फेट और आयरन सल्फेट केमिकल रिएक्शन को बढ़ावा देते हैं।

चेतावनी

  • ज्यादा आयरन सल्फेट मिट्टी को जहरीला बना सकता है।
  • अगर आप आपके पौधे की पत्तियों पर यूरिया, एल्यूमिनियम सल्फेट या सल्फर डाल रहे हैं। तो इसे भरपूर पानी से धो लें। इसे पौधे की पत्तियों के ऊपर ज्यादा देर के लिए छोड़ने की वजह से, ये उन्हें "झुलसा" सकते हैं, जिसकी वजह से वो डैमेज हो सकती है।

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

मिट्टी का पीएच कम कैसे करें?

pH-कम करने वाली टेकनिक्स का इस्तेमाल करना (Using pH-Lowering Techniques) ओर्गेनिक मटेरिअल मिलाएँ: कई तरह के ओर्गेनिक मटेरिअल, जैसे कि कम्पोस्ट, कम्पोस्टेड खाद (manure) और एसिडिक मल्च धीरे-धीरे आपकी मिट्टी के pH को कम कर देती हैं।

मिट्टी का pH मान कम करने के लिए उसमें क्या मिलाना चाहिए?

मृदा के पीएच को मिट्टी में हाइड्रोजन आयनों (H) की मात्रा से नियंत्रित किया जाता है। अधिक H' की मात्रा कम मिट्टी की पीएच (अधिक एसिड) को प्रस्तुत करते हैं। पीएच स्केल 1 से 14 तक होता है तथा पीएच 7 न्यूल होता है । यदि पी एच 7 से कम हो तो मिट्टी अम्लीय है और 7 से ऊपर हो तो मिट्टी क्षारीय है।

मिट्टी का PH कम करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?

मौलिक सल्फर, एल्यूमीनियम सल्फेट या सल्फ्यूरिक एसिड जोड़कर मिट्टी के पीएच को सबसे प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। किस सामग्री का उपयोग करना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी तेजी से पीएच में बदलाव की उम्मीद करते हैं और कमी का अनुभव करने वाले पौधे के प्रकार/आकार पर निर्भर करता है।

मिट्टी की अम्लता को कम करने के लिए किस रसायन का उपयोग किया जाता है?

समाधान : जिप्सम का उपयोग मिट्टी की अम्लता को कम करने के लिए किया जाता है।