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अक्सर कहा जाता है कि संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से है, लेकिन पीएम मोदी ने बताया कि किस राज्य की भाषा को दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा माना जाता है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने साल 2020 में आखिर बार ‘मन की बात’ को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा का भी जिक्र किया. अक्सर कहा जाता है कि संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से है, लेकिन पीएम मोदी ने बताया कि किस राज्य की भाषा को दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा माना जाता है. ऐसे में जानते हैं कि दुनिया की प्राचीन भाषा कौन-कौन सी है और यह कितने साल पुरानी है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में एक टीचर का जिक्र करते हुए बताया कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है. उन्होंने कहा, ‘ तमिलनाडु की हेमलता एनके स्कूल में दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल पढ़ाती हैं. कोविड 19 महामारी भी उनके अध्यापन में आड़े नहीं आ पाई. उन्होंने कोर्स के सभी 53 पाठ को रिकॉर्ड किया, एनिमेटेड वीडियो तैयार किए और इन्हें पेन ड्राइव में लेकर अपने स्टूडेंट्स को बांट दिए.’ बता दें कि एक बार पहले भी पीएम मे अपने यूएन भाषण में तमिल के दुनिया की सबसे पुरानी भाषा होने की बात कही थी. क्या तमिल है दुनिया की सबसे पुरानी भाषा?वैसे तो यह बहस लंबे वक्त से जारी है कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा कौन सी है. कई इतिहासकारों ने भी माना है और कई रिसर्च में भी सामने आया है कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है. माना जाता है कि करीब 5000 साल पहले इस भाषा की उत्पत्ति हुई थी. एक सर्वे के अनुसार, प्रतिदिन सिर्फ तमिल भाषा में 1863 अखबार प्रकाशित होते हैं. वर्तमान में तमिल भाषा बोलने वालों की संख्या लगभग 7.7 करोड़ है. यह भाषा भारत, श्रीलंका, सिंगापुर तथा मलेशिया में बोली जाती है. ये भी पढ़ें- जानिए भारत में कहां बन रहा है दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, जिसके बारे में पीएम मोदी ने खुद दी जानकारी साथ ही तमिल को पिछले 2500 सालों से व्यावहारिक तौर पर लिखा और बोला जा रहा है. यह कई ग्रंथों में साफ हो चुका है कि इसकी उत्पत्ति ईसा से कई साल पहले हो गई थी. वहीं कई शिलालेख भी बताते हैं कि तमिल काफी पुरानी भाषा है. वैसे आपको बता दें कि तमिल में अन्य भाषाओं की तुलना में काफी छोटी वर्ण माला होती है. इसमें सिर्फ 12 स्वर और 18 व्यंजन होते हैं. भारत में ही नहीं, कई अन्य देशों में भी तमिल बोलने वाले लोग रहते हैं. बता दें कि तमिल भाषा को वट्ट एलत्तु लिपि में लिखी जाती है. कई जानकारों ने इस बात को माना है कि तमिल की उत्पत्ति संस्कृत से पहले हुई थी. ऐसे में साफ है कि संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषा नहीं है. संस्कृत काफी पुरानी भाषा है, लेकिन इस लिखित और बोलचाल के प्रमाण नहीं मिले हैं. कई अन्य भाषाओं पर भी दावावैसे तमिल और संस्कृत के अलावा भी कई अन्य भाषाओं के सबसे प्राचीन होने का दावा किया जाता रहा है. कई लोगों का मानना है कि किसी भी भाषा के जो सबसे पुराने लिखित प्रमाण मिलते हैं वो सुमेरियन और इजिप्शियन भाषा के हैं. इनके अलावा लैटिन, आर्मेनियाई, कोरियन, हिब्रू, अरेमिक, चीनी, ग्रीक, इजिप्टियन भाषा को लेकर भी बहस जारी है और इनके भी प्राचीन होने के दावे किए जाते रहे हैं. ये भी पढ़ें- नए साल से सस्ते में सोना खरीदने का मौका! जानिए स्कीम से जुड़े सभी सवालों के जवाब विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता सुमेरियन में हुआ था बैंकिंग प्रणाली का जन्म, जानिये इसकी खास बातेंUpdated: | Sun, 26 Jan 2020 04:00 PM (IST) मल्टीमीडिया डेस्क। Indian History : भारतीय इतिहास में रोचक और अहम तथ्यों की भरमार है। हमारे आज के जीवन में बैंकों और खातों की प्रणाली का कितना महत्व है, यह बात किसी औपचारिक परिचय की मोहताज नहीं है। लेकिन आपको शायद यह बात जानकर हैरत होगी कि विश्व में बैंकिंग प्रणाली का जन्म सबसे पहले मेसोपोटामिया में ही हुआ था। यह संसार की सबसे प्राचीन सभ्यता सुमेरियन की देन है। जानिये क्या थी यह सभ्यता और इसकी खासियत। सुमेर सभ्यता सुमेरी सभ्यता विश्व में सबसे पुरानी सभ्यता है। इसका समय ईसा से 3500 वर्ष पूर्व माना जाता है। सुमेरी लोगों के भारत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध थे। सुमेरी लोग समूचे पूर्व को अपना उद्गम मानते थे। ख्यात इतिहासकार लैंगडन के अनुसार ध्यान से देखा जाए तो मोहन जोदड़ो सभ्यता की लिपि और मुहरें, सुमेरी लिपि और मुहरों से मिलती-जुलती हैं। इतना ही नहीं, सुमेर के प्राचीन नगर ऊर में भारत में चूने-मिट्टी के बने बर्तन भी पाए गए हैं। मोहन जोदड़ो की जो सांड की मूर्ति है, वह सुमेर के पवित्र वृषभ से काफी मिलती है। इसके अलावा हड़प्पा में मिले सिंगारदान की बनावट भी ऊर में मिले सिंगारदान के जैसी ही है। अत: इन सबके आधार पर कहा जा सकता है कि सुमेर और भारत के बीच प्राचीन समय में ही सम्बन्ध थे। वैसे, सुमेर शब्द हमें पौराणिक पर्वत सुमेरु की भी याद दिलाता है। सुमेरी लोगों की लिपि विश्व की सबसे प्राचीन लिपि का जन्म भी सुमेर में ही हुआ था। इसमें गीली मिट्टी की पटिया पर कील जैसे किसी नुकीले औज़ार से गोदकर लिखी जाने वाली इस लिपि को कीलाक्षर लिपि कहा जाता है। हेनरी राँलनस ने सबसे पहले इसे पढ़ा था। इस गोदकर लिखने वाली लिपि में विश्व के सबसे प्राचीन व्यापारिक खाते बनाए गए और खातों में दोहरी प्रविष्टि या डबल एंट्री व्यवस्था का भी प्रयोग हुआ, जो आज तक चलन में है। इसी लिपि में प्राचीन कैलेंडर का भी निर्माण हुआ था। सुमेरी सभ्यता का पतन और बैबिलोनियन का उदय सुमेरी सभ्यता के पतन के बाद इस क्षेत्र में बैबिलोनियन सभ्यता पनपी थी। इसके ख्यात सम्राट् हम्मुराबी ने उस समय की पुरानी दंड संहिता बनाई थी। यह हम्मुराबी का ही सिद्धांत था कि दंड को अपराध के बराबर होना चाहिए। मसलन- जैसे आंख के बदले आंख निकाली जाए या फिर हाथ काटने के बदले हाथ काटा जाए। इसी सम्राट के वंशज नेबूशदनज़र ने फ़ुरात नदी के पूर्वी किनारे पर विश्व के 7 आश्चर्यों में से एक बाबुल के झूलते बाग़ का निर्माण कराया था। इनमें निचली ज़मीन से ऊंचाई पर बने बाग़ों में सिंचाई का अनोखा संयोजन देखने को मिलता है। Posted By: Navodit Saktawat
संसार की सबसे पुरानी लिपि कौन सी है?ब्राह्मी लिपि भारत की प्राचीनतम लिपियों में से एक है। इसके प्रयोग के प्राचीन उदाहरण अशोक के अभिलेखों के रूप में उपलब्ध हैं। यह बाएँ से दाएँ लिखी जाती है।
विश्व की सबसे पहली भाषा कौन सी है?तमिल तमिल भाषा को दुनिया की सबसे पुरानी भाषा के तौर पर मान्यता मिली हुई है और यह द्रविड़ परिवार की सबसे प्राचीन भाषा है. करीब 5000 साल पहले भी इस भाषा की उपस्थिति थी. एक सर्वे के मुताबिक प्रतिदिन सिर्फ तमिल भाषा में 1863 अखबार प्रकाशित होते हैं.
सबसे पहले कौन सी लिपि आई?जिन भारतीय लिपियों को पढा जा सका है, उनमें ब्राह्मी सबसे प्राचीन लिपि है। ... . (ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी का ब्राह्मी लिपि में सम्राट अशोक का जूनागढ़ शिलालेख। ... . भारत में इसके बाद ग्रीक क्षत्रपों के अभिलेखों में भी ब्राह्मी लिपि भी प्रयोग की गई है।. ब्राह्मी लिपि में मात्राओं का प्रयोग इसे अपने समय की सबसे सम्पन्न लिपि बनाता है।. |