विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है? - vishv ka pahala supar kampyootar ka naam kya hai?

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विश्व का प्रथम सुपर कंप्यूटर 84 है जिसने 1975 में काम करना आरंभ किया इसे डेनियल श्लोक पिकनिक के लिए विकसित किया था

vishwa ka pratham super computer 84 hai jisne 1975 me kaam karna aarambh kiya ise deniyal shlok picnic ke liye viksit kiya tha

विश्व का प्रथम सुपर कंप्यूटर 84 है जिसने 1975 में काम करना आरंभ किया इसे डेनियल श्लोक पिकन

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विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है? - vishv ka pahala supar kampyootar ka naam kya hai?
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विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है? - vishv ka pahala supar kampyootar ka naam kya hai?

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इसे सुनेंरोकेंपहला सुपर कंप्यूटर इल्लीआक 4 है, जिसने 1975 में काम करना आरंभ किया। इसे डेनियल स्लोटनिक ने विकसित किया था। यह अकेले ही एक बार में 64 कंप्यूटरों का काम कर सकता था। इसकी मुख्य मेमोरी में 80 लाख शब्द आ सकते थे और यह 8, 32, 64 बाइट्‌स के तरीकों से अंकगणित क्रियाएं कर सकता था।

भारत में पहला सुपर कंप्यूटर कब बना?

इसे सुनेंरोकेंIndian Super Computer Param: भारत ने वर्ष 1991 में खुद ही सुपर कंप्‍यूटर बना लिया था.

भारत के पहले सुपर कंप्यूटर का क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंBharat ke 1st super computer ka naam PARAM 8000 Tha. भारत के प्रथम super computer का नाम परम है। भारत के प्रथम super computer का नाम परम है।

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भारत का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर कौनसा है?

परम-सिद्धि एक और भारतीय सुपर कंप्यूटर है और यह प्रत्यूष के समान सूची में 63वें स्थान पर है।

  • यह परम-सिद्धि को वर्तमान में सबसे तेज भारतीय सुपर कंप्यूटर बनाता है।
  • इस सुपरकंप्यूटर को पुणे में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटर्स के मुख्यालय में रखा गया है।
  • भारत का सबसे तेज चलने वाला सुपर कंप्यूटर कौन सा है?

    इसे सुनेंरोकेंभारत के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर का नाम परम सिद्धि हैै। जो दुनिया के 500 सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर में 63 वां रैंक प्राप्त किया है।

    सुपर कंप्यूटर का निर्माण कब हुआ?

    इसे सुनेंरोकेंसुपर कंप्यूटर किसे कहते हैं – What is Supercomputer in Hindi पहला सुपरकंप्यूटर 12 अप्रैल, 1964 को पूरा हुआ था। आईबीएम स्ट्रेच नामक मशीन को $7 मिलियन अमरीकी डालर (आज के डॉलर में $49 मिलियन अमरीकी डालर) के बजट पर पूरा किया गया था और इसकी प्रसंस्करण गति 2.4 मेगाफ्लॉप (मिलियन फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस) की थी।

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    भारत का पहला स्वदेशी सुपर कम्प्यूटर कौन सा है?

    इसे सुनेंरोकेंPARAM 8000 श्रृंखला की पहली मशीन थी और इसे स्क्रैच से बनाया गया था। विजय पी भाटकर को सुपरकंप्यूटिंग में भारत की राष्ट्रीय पहल के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है जहां उन्होंने परम सुपर कंप्यूटर के विकास का नेतृत्व किया। उन्होंने 1991 में पहला भारतीय सुपर कंप्यूटर, PARAM 8000 विकसित किया।

    भारत का प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर कौन सा है?

    इसे सुनेंरोकेंलेकिन इन सब के बाद भी भारत में कंप्यूटर युग की वास्तविक रूप से शुरुआत हुई सन १९५६ में, जब आई एस आई कोलकाता में भारत का प्रथम इलेक्ट्रोनिक डिजिटल कंप्यूटर HEC – 2M स्थापित किया गया।

    महासंगणक (supercomputer) उन संगणकों को कहा जाता है जो वर्तमान समय में गणना-शक्ति तथा कुछ अन्य मामलों में सबसे आगे होते हैं। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस सुपर कंप्यूटर बहुत बड़े-बड़े परिकलन और अति सूक्ष्म गणनाएं तीव्रता से कर सकता है। इसमें कई माइक्रोप्रोसेसर एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिलतम समस्या का तुरंत हल निकाल लेते हैं। वर्तमान में उपलब्ध कंप्यूटरों में सुपर कंप्यूटर सबसे अधिक तीव्र क्षमता, दक्षता व सबसे अधिक स्मृति क्षमता वाला कंप्यूटर है। आधुनिक परिभाषा के अनुसार, वे कंप्यूटर, जो 500 मेगाफ्लॉप की क्षमता से कार्य कर सकते हैं, सुपर कंप्यूटर कहलाते है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है। इसकी गति को मेगा फ्लॉप से नापते है।

    सुपर कम्प्यूटरों और उच्च-निष्पादन अभिकलन (हाई परफॉर्मैन्स कम्प्यूटिंग) का उपयोग मुख्यतः विश्वविद्यालयों, सैनिक व वैज्ञानिक अनुसन्धान प्रयोगशालाओं में किया जाता है। इसका उपयोग खासकर ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है, जिनमें कुछ ही क्षणों में बड़े पैमाने पर गणनाएं करने की जरूरत पड़ती है। ऐतिहासिक रूप से इसका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने, वायुगतिक गणनाएँ तथा परमाणु अस्त्रों के सिमुलेशन करने आदि के लिये किया जाता रहा है। आजकल इसका उपयोग उन क्षेत्रों में होता है जिनमें बहुत अधिक गणना करनी होती है या बहुत भारी मात्रा में आंकड़ों का प्रसंस्करण करना होता है, जैसे

    उच्च निष्पादन के कुछ प्रमुख उपयोग-क्षेत्र[1]
    • अभिकलनात्मक इंजीनियरी ( Computational engineering) -- finite element modeling, fluid dynamics, multi-physics, and complex systems such as large buildings, bridges, and other structures. Generative design आदि
    • उच्च ऊर्जा भौतिकी तथा कण भौतिकी (Particle physics)
    • जटिल वित्तीय या आर्थिक मॉडल[2]
    • आण्विक, गुणसूत्रीय (जेनेटिक) और रासायनिक मॉडल (protein folding, molecular dynamics, genomic analysis, और अनेकानेक प्रकार की जटिल रासायनिक अभिक्रियाएँ) । विश्व के बहुत से विशाल सुपर-कम्प्युटर बड़ी-बड़ी औषधि-कम्पनियों ने लगा रखे हैं।
    • मशीन लर्निंग और बृहद-आंकड़े (Machine learning and big Data/data science)

    महासंगणक में प्रयुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम[संपादित करें]

    विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है? - vishv ka pahala supar kampyootar ka naam kya hai?

    विश्व के सबसे बड़े ५०० महासंगणकों में प्रयुक्त प्रचालन तंत्र

    अधिकांश नए महासंगणकों में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम काम लिए जाता है लेकिन लिनक्स के आलावा CentOS, bullx SCS, SUSE तथा Cray लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम सुपरकम्प्युटर के लिए काम मे लेते है।

    विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है? - vishv ka pahala supar kampyootar ka naam kya hai?

    पिछले ६० वर्षों में विश्व के सर्वश्रेष्ठ महासंगणकों की गति बढ़ती गयी है।

    पहला सुपर कंप्यूटर इल्लीआक 4 है, जिसने 1975 में काम करना आरंभ किया। इसे डेनियल स्लोटनिक ने विकसित किया था। यह अकेले ही एक बार में 64 कंप्यूटरों का काम कर सकता था। इसकी मुख्य मेमोरी में 80 लाख शब्द आ सकते थे और यह 8, 32, 64 बाइट्‌स के तरीकों से अंकगणित क्रियाएं कर सकता था। इसकी कार्य क्षमता 30 करोड़ परिकलन क्रियाएं प्रति सेकंड थी, अर्थात जितनी देर में हम बमुश्किल 8 तक की गिनती गिन सकते हैं, उतने समय में यह जोड़, घटाना, गुणा, भाग के 30 करोड़ सवाल हल कर सकता था।

    सर्वश्रेष्ट 5 महासंगणक
    • तिअन्हे-१अ (एन यू डी टी), चीन
    • ब्लू जीन/ एल सिस्टम (आईबीएम), यूएस
    • ब्लू जीन/पी सिस्टम (आईबीएम), जर्मनी
    • सिलिकॉन ग्राफिक्स (एसजीआई), न्यू मैक्सिको
    • एका, सीआरएल (आर्म ऑफ टाटा सन्स), भारत

    इंटरनेशनल कांफ्रेंस फॉर हाई परफोर्मेंस कंप्यूटिंग रेनो (कैलिफोर्निया) ने दुनिया के टॉप- 500 कंप्यूटरों की सूची जारी की है। इसमें टाटा के सुपर कंप्यूटर एका को दुनिया में चौथा और एशिया में सबसे तेज सुपर कंप्यूटर करार दिया गया है। यह एक सेकंड में 117.9 ट्रिलियन (लाख करोड़) गणनाएं कर सकता है। 40 वर्ष पहले सुपर कंप्यूटर के बाजार में जहां महज कई कंपनियां थी, वहीं अब इस बाजार में क्रे, डेल, एचपी, आईबीएम, एनईसी, एसजीआई, एचपी, सन जैसे बड़े नाम ही बचे हैं।

    महासंगणकों की मुख्य विशेषताएँ[संपादित करें]

    आईबीएम ७०३० का एक परिपथ-बोर्ड ; यह महासंगणक १९६१ से १९६४ तक सर्वश्रेष्ठ माना जाता था।

    महासंगणकों की मुख्य विशेषताएँ ये हैं-

    • संगणन गति - प्रति सेकेण्ड खरबों फ्लोटिंग प्वाइंट संक्रियाएँ (TFlops) करने की क्षमता
    • आकार : इनको ठण्डा करने के लिये विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है।
    • उपयोग करने में कठिनाई : इन्हें विशेषज्य लोग ही उपयोग में ले पाते हैं।
    • ग्राहक : विशाल अनुसंधान केन्द्र
    • सामाजिक पहुँच : लगभग शून्य
    • समाज पर प्रभाव : अनुसंधान के क्षेत्र में बहुत अधिक
    • लागत मूल्य : २०१० में प्रत्येक के लिये सैकड़ों मिलियन डॉलर (क्रे XT5 के लिये लगभग US $ 225MM );

    सुपर कंप्यूटर की राजनीति[संपादित करें]

    1980 के अंतिम दशक में भारत को अमेरिका ने क्रे सुपर कंप्यूटर देने से इनकार कर दिया था। इसके पीछे अमेरिका की अपने प्रभुत्व बरकरार रखने की मंशा मानी जा रही थी, क्योंकि वह एक ऐसा दौर था, जब भारत और चीन में तकनीकी क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी। ऐसे में, अमेरिका नहीं चाहता था कि विश्व में कोई दूसरी शक्ति तकनीक के मामले में उसके मुकाबले में खड़ी हो। चूंकि सुपर कंप्यूटर के उपयोग से रॉकेट प्रक्षेपण, परमाणु विस्फोट के समय गणनाओं में आसानी हो जाती है, इसलिए भी अमेरिका के मन में भय था कि कहीं इसके द्वारा भारत अपने नाभिकीय ऊर्जा प्रसार कार्यक्रम को एक नया रूप न दे दे। लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने सी-डेक परम-8000 कंप्यूटर बनाकर अपनी क्षमताओं का एहसास करा दिया। 1988 में रूस ने भारत को सुपर कंप्यूटर देने की बात कही थी। लेकिन हार्डवेयर सही न होने के कारण रूस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। भारत ने सुपर कंप्यूटर बनाने के बाद परम 8000 जर्मनी, यूके और रूस को दिया।

    विश्व के सर्वश्रेष्ठ ५०० महासंगणकों का विश्व में वितरण (नवम्बर २०१५)

    भारत भी अब सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में एक हस्ती है। दुनिया के अव्वल 500 सुपर कंप्यूटरों की नई टॉप टेन लिस्ट में उसका सुपर कंप्यूटर चौथे स्थान पर आया है। टाटा कंपनी की पुणे स्थित इकाई - 'कंप्यूटेशनल रिसर्च लैबोरेटरीज' के बनाए हुए सुपर कंप्यूटर ‘एचपी-3000-बीएल-460-सी’ को 117.9 टेराफ्लॉप की गति के कारण अमेरिका और जर्मनी के सुपर कंप्यूटरों के ठीक बाद स्थान दिया गया है। हालांकि हमारा यह पहला सुपर कंप्यूटर नहीं है। इससे काफी पहले 1998 में सी-डेक, पुणे के वैज्ञानिक ‘परम-10000’ सुपर कंप्यूटर बना चुके हैं और दावा था कि उस वक्त वह सुपर कंप्यूटर मौजूदा अमेरिकी सुपर कंप्यूटरों के मुकाबले 50 गुना तेज था। लेकिन उसके बाद सुपर कंप्यूटिंग को लेकर भारत में वैसी उत्सुकता नहीं दिखाई दी, जैसी अन्य विकसित मुल्कों में इस दौरान रही है। पर अब लगता है कि भारत इस दौड़ में पिछड़े नहीं रहना चाहता, जिसका नतीजा है टाटा का यह सुपर कंप्यूटर।

    विश्व का सबसे पहला सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है?

    पहला सुपर कंप्यूटर इल्लीआक 4 है, जिसने 1975 में काम करना आरंभ किया। इसे डेनियल स्लोटनिक ने विकसित किया था। यह अकेले ही एक बार में 64 कंप्यूटरों का काम कर सकता था। इसकी मुख्य मेमोरी में 80 लाख शब्द आ सकते थे और यह 8, 32, 64 बाइट्‌स के तरीकों से अंकगणित क्रियाएं कर सकता था।

    भारत के प्रथम सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है?

    Detailed Solution. सही उत्तर परम 8000 है। परम 8000 भारत का पहला सुपर कंप्यूटर था। परम सुपर कंप्यूटर की एक श्रृंखला है जिसे पुणे, भारत में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग द्वारा डिज़ाइन और असेंबल किया गया है।

    विश्व का सबसे बड़ा सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है?

    अनुरोध के लिए धन्यवाद 🙏🙏.
    मै आप को बता दु कि.
    विश्व का सबसे बड़ा कम्प्यूटर है.
    सनवे ताइहुलाइट सुपर कम्प्यूटर.
    जो अमेरिका में है और.
    IBM कम्पनी द्वारा निर्मित है.