वर्तमान में विश्व के लगभग कितने देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम है? - vartamaan mein vishv ke lagabhag kitane deshon mein lokataantrik vyavastha kaayam hai?

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  • दुनिया के 56 देशों में है लोकतांत्रिक प्रणाली

ञ्च भारत, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया समेत केवल 56 देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया जाता है।

ञ्च अजरबैजान, बहरीन, बेलारूस, चीन, क्यूबा, एरिट्रिया, ईरान, कजाकिस्तान, कुवैत, लाओस, उार कोरिया, ओमान, कतर, सऊदी अरब, स्वाजीलैंड, सीरिया, तुर्कमेनिस्तान, यूएई, वियतनाम और उज्बेकिस्तान में निरंकुश शासन है।

ञ्च दुनिया का हर तीन में से एक नागरिक साावादी ((तानाशाही की तरह)) शासन में जी रहा है। इनमें आधे से ज्यादा नागरिक चीनी हैं।

ञ्च अफ्रीका में ज्यादातर नेता चुनाव से बदले गए। लेकिन 196070 के दशक में 75 प्रतिशत अफ्रीकी नेता हिंसा के जरिए बेदखल किए गए। 20002005 तक 19 फीसदी नेता बलपूर्वक बेदखल किए गए।

ञ्च चुनाव हमेशा शांतिपूर्वक कहीं नहीं हुए। 1990 से 2007 तक उप सहारा के अफ्रीकी देशों में जबर्दस्त हिंसा देखी गई।

ञ्च कुछ देशों की लोकतांत्रिक प्रणाली में खामियां हैं। केवल 15 फीसदी देशों में पूर्णत: लोकतंत्र और 31 फीसदी देशों में एकाधिकारी शासन है।

ञ्च जिन देशों में अच्छा पैसा है, वहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया आसान होती है। तेल समृद्ध देशों को छोड़ दें तो 25 अमीर देशों में पूर्ण लोकतंत्र है।

ञ्च 1997 से 2013 तक देशों की संसदों में महिला सांसदों की संया दुगुनी हुई है।

ञ्च अमेरिका में एक व्यक्ति के मतदान पर औसत 1750 रुपए खर्च होते हैं। जबकि घाना में 2008 के चुनाव में मात्र 42 रुपए खर्च हुए थे।

उार कोरिया में चुनाव के दिन हर नागरिक का देश में होना जरूरी

- अगर कोई उार कोरियाई नागरिक दूसरे देश में छिपकर रहता है तो उसे एक दिन जरूर ढूंढ़ लिया जाता है।

- चुनाव के दौरान हर नागरिक का रिकॉर्ड चैक होता है। ऐसे में स्वदेश लौटकर मतदान जरूरी होता है।

- जो दलबदलू हैं, उन्हें स्वदेश लौटना अनिवार्य होता है। वहां की तानाशाह सरकार यह देखती है कि उसके कौन से नागरिक दूसरे देश में हैं।

- अगर मतदाता सूची में किसी नागरिक का नाम नहीं होता है, तो सरकार उसकी जांच कराती है।

- सरकार के बुलावे पर अगर कोई स्वदेश नहीं लौटता है, तो उसके परिवार को परेशान किया जाता है। ऐसे में नाराज नागरिकों को स्वदेश लौटना ही होता है।

- हर आम चुनाव के लिए 8 मार्च की तारीख तय है और अगले दिन परिणाम घोषित कर दिए जाते हैं।

इन देशों के नेताओं ने शुरुआती दिनों में किए अलग कार्य

आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के आम चुनाव का परिणाम सामने होगा। यह सबसे बड़ा चुनाव है। विदेशी मीडिया ने लगातार भारत के चुनावों और इसकी प्रक्रिया पर नजर रखी है। यहां दुनिया के कुछ देशों में लोकतंत्र, निरंकुश शासन, प्रक्रिया, चुनाव और अमेरिकी राष्ट्रपतियों से संबंधित रोचक जानकारी दी जा रही है।

क्रोएशिया के राष्ट्रपति इवो जोसिपोविक यूजिक कंपोजर थे। 2010 में वे राष्ट्रपति चुने गए। राष्ट्रपति भवन में उन्होंने विशेषतौर पर पियानो रखा था।

अमेरिका में बराक ओबामा जनवरी 2009 में राष्ट्रपति बने थे। इसके पहले वे लॉ कॉलेज में प्रोफेसर रहे। बास्केटबॉल खिलाड़ी उन्हें बेरी ओ‘बॉम्बर’ कहते थे।

अल्बानिया के प्रधानमंत्री इदि रामा पेरिस के स्कूल ऑफ फाइन आट्र्स में पढ़े हैं। पेशे से पैंटर थे। शुरुआती दिनों में बास्केटबॉल खिलाड़ी भी रहे।

तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेर्दीमुखामेदोव अपने पूर्ववर्ती सपारमुरत नियाजोव के डेंटिस्ट थे। 2006 में उनकी मौत के बाद गुरबांगुली राष्ट्रपति बने।

बुल्गारिया के राष्ट्रपति बोइको बोरिसोव कराते इंस्ट्रक्टर, फायरमेन और बॉडीगार्ड रहे हैं। 2009 में उन्हें देश का प्रधानमंत्री चुना गया। अब वे निजी फुटबॉल क्लब संचालित करते हैं।

स्लोवेनिया के राष्ट्रपति बोरुत पाहोर पुरुष मॉडल का काम कर चुके हैं। दिसंबर 2012 में उन्हें राष्ट्रपति चुना गया। विपक्षी दल उन्हें ‘बार्बी डॉल’ कहता रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट शुरुआती दिनों में प्रतिष्ठित सेंट पैट्रिक सेमिनरी में प्रशिक्षु पुजारी थे। बाद में बॉक्सर भी रहे। 2013 में प्रधानमंत्री चुने गए।

आयरलैंड के राष्ट्रपति माइकल डी. हिगिन्स कवि रह चुके हैं। कला जगत से आए पहले मंत्री भी वही बने थे। उनकी कविताओं की चार पुस्तकें ज्यादा पसंद की गईं। आलोचक कहते हैं, माइकल को ‘साहित्य के खिलाफ अपराध’ का आरोपी कहा जा सकता है।

आइसलैंड की दिवंगत प्रधानमंत्री जोहाना सिगुरदारदोिार 2009 में चुनी गई थीं। सबसे ज्यादा समय तक सांसद भी रहीं। लेकिन उनका कॅरिअर सरकारी एयरलाइन कंपनी में लाइट अटेंडेंट से शुरू हुआ था। ट्रेड यूनियन के आंदोलन से वे राष्ट्रीय राजनीति में आईं थीं।

इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी आज मीडिया टायकून और फुटबॉल क्लब के मालिक हैं। 60 के दशक में वे जहाज पर गाना गाकर यात्रियों का मनोरंजन करते थे। आज भी वे उन दिनों को याद करते हैं। - ष्ह्म्शड्डह्लद्बड्ड2द्गद्गद्म.ष्शद्व

दुनिया के कितने देशों में लोकतांत्रिक सरकार है?

बढ़कर लोकतंत्र की वृहत्तर परिभाषा पर आएँगे। चिले।

विश्व में सबसे लोकतांत्रिक देश कौन है?

भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, फिर भी यह एक युवा राष्ट्र है। 1947 की आजादी के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इसके राष्ट्रवादी के आंदोलन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व के तहत बनाया गया था। संसद का चुनाव हर 05 साल में एक बार आयोजित किया जाता है।

विश्व के अधिकांश देशों ने वर्तमान में लोकतांत्रिक व्यवस्था को क्यों चुना है?

लोकतंत्र में ऐसी व्यवस्था रहती है की जनता अपनी मर्जी से विधायिका चुन सकती है। लोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है।