इसमें सदिश योग का समांतर चतुर्भुज नियम को विस्तार पूर्वक वर्णित किया गया है। इसके अंतर्गत चित्र भी शामिल किया गया है ताकि इसे समझने में आसानी हो सके। यह चतुर्भुज नियम नोट्स खासकर कक्षा 11 के students के लिए बनाया गया है। इस नियम के अनुसार यदि दो सदिशों को परिमाण व दिशा में किसी समांतर चतुर्भुज की दो संगलन भुजाओं से निरूपित किया जाता हो, तब इन सदिशों का परिणामी, परिमाण व दिशा में
समांतर चतुर्भुज के विकर्ण द्वारा निरूपित होगा। लेकिन विकर्ण उसी बिंदु पर खींचा गया हो जिस पर दो संगलन भुजाएं खींची गई हैं। इसे सदिशों के योग का समांतर चतुर्भुज नियम कहते हैं। माना दो सदिश \overrightarrow{A} व \overrightarrow{B} हैं इनका परिमाण व
दिशा, समांतर चतुर्भुज की दो संगलन भुजाओं OP व OS से निरूपित किया गया है। यह दोनों सदिश परस्पर θ कोण पर झुके हैं। अब परिणामी \overrightarrow{R} का परिमाण ज्ञात करने के लिए भुजा OP को आगे बढ़ाकर उस पर बिंदु Q
से लंब खींचा जाता है। तो अब ∆ONQ में पढ़ें… 11वीं भौतिक नोट्स | 11th class physics notes in Hindi अतः इस समीकरण द्वारा चतुर्भुज की दो संगलन भुजाओं के मान से उनका परिणाम \overrightarrow{R} का परिमाण ज्ञात किया जा सकता है। अब परिणामी \overrightarrow{R} की दिशा ज्ञात करने के लिए सदिश \overrightarrow{A} की
दिशा में α कोण बनाते हैं। तब विकर्ण सम्बन्ध किसे कहते हैं?By Raj Vimal|Updated : September 12th, 2022 विकर्ण सम्बन्ध आवर्त सारणी के दुसरे और तीसरे तत्वों (प्रथम 20 तत्वों) के बीच सम्बन्ध होता है। उदाहरण के लिए लिथियम (Li) और मैग्नीशियम (Mg), बोरॉन (B) और सिलिकॉन (Si), बेरिलियम (Be) और एल्युमिनियम (Al), आदि। इन जोड़ो के गुण सामान होते हैं। जैसे कि बोरॉन और सिलिकॉन दोनों का ही गुण अर्धचालक हैं। वहीँ लिथियम (Li) और मैग्नीशियम (Mg) के इलेक्ट्रोनेगेटिव मान और आकार सामान होते हैं। Read Full Article आवर्त सारणी क्या है? रसायनशास्त्र में रसायन तत्वों को क्रम से सजाने वाली वह सारणी जहाँ सभी तत्वों को उनके परमाणु भार, इलेक्ट्रान विन्यास के आधार पर क्रम से सजाया जाए। शुरू में जब आर्वत सारणी की खोज हुई तो बहुत ही कम तत्व होते थे। धीरे-धीरे तत्वों की खोज होती रही और वर्तमान में कुल तत्वों की संख्या 118 है। Summary विकर्ण सम्बन्ध किसे कहते हैं?विकर्ण सम्बन्ध, रसायनशास्त्र के आवर्त सारणी के दुसरे और तीसरे आवर्त के तत्वों के सामान गुणों को कहते हैं। इसके उदाहरण शुरू के 20 तत्वों तक ही सीमित है। जैसे कि बोरॉन (B) और सिलिकॉन (Si), बेरिलियम (Be) और एल्युमिनियम (Al), आदि। Related Articles
BPSCBPSCCDPOBihar Police SIBihar Police ConstableOther ExamsTest SeriesBihar Judiciary Featured ArticlesFollow us for latest updates विकर्ण संबंध से आप क्या समझते हैं उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?Explanation: लघु आवर्त में द्वितीय आवर्त के तत्व तृतीय आवर्त के अगले समूह के तत्व से गुणों में समानता प्रदर्शित करते हैं, इसे विकर्ण सम्बन्ध कहते हैं। उदाहरण- Li, Mg से तथा Be, Al से विकर्ण सम्बन्ध प्रदर्शित करता है।
विकर्ण सम्बन्ध क्या है in Hindi?विकर्ण सम्बन्ध, रसायनशास्त्र के आवर्त सारणी के दुसरे और तीसरे आवर्त के तत्वों के सामान गुणों को कहते हैं। इसके उदाहरण शुरू के 20 तत्वों तक ही सीमित है। जैसे कि बोरॉन (B) और सिलिकॉन (Si), बेरिलियम (Be) और एल्युमिनियम (Al), आदि।
विकर्ण संबंध से आप क्या समझते हैं क्या यह एक आवधिक गुण है Li और MG के विकर्ण संबंध की व्याख्या करें?वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है तथा आवर्त में बाए से दायें जाने पर परमाणु का आकार कम होता जाता है अत:विकर्ण स्थिति में जाने पर परमाणु का आकार लगभग समान होता है इसलिए लिथियम व मैग्नीशियम के आकार लगभग समान होने के कारण इनके गुण समान होते है।
विकर्ण संबंध क्या है दीर्घा का आवर्त सारणी में कितने आवर्त हैं?आधुनिक आवर्त सारणी को आवर्त सारणी का दीर्घ रूप भी कहते हैं। इसमें 18 वर्ग (ग्रुप) तथा 7 आवर्त (पिरियड) हैं।
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