धनु राशि का गुरु कौन है - dhanu raashi ka guru kaun hai

Sagittarius Horoscope: धनु राशि में बृहस्पति ग्रह 13 सितंबर को अपनी चाल बदलने जा रहे हैं. बृहस्पति अभी धनु राशि में ही वक्री अवस्था में लेकिन अब वे मार्गी होने जा रहे हैं. वक्री अवस्था में जब कोई ग्रह होता है तो वह पीड़ित हो जाता है और शुभ फल देने में असर्मथ हो जाता है या फिर पूर्ण फल प्रदान नहीं कर पाता है.

ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को शुभ ग्रह माना गया है. बृहस्पति शुभ फल प्रदान करने वाला ग्रह है, लेकिन जब ये अशुभ हो या फिर किसी पाप ग्रह से पीड़ित हो जाए तो अशुभ फल भी प्रदान करने लगता है. शुभ बृहस्पति व्यक्ति को विद्वान और धनवान बनाता है. शुभ बृहस्पति व्यक्ति को कई श्रोतों से धन दिलाता है. ऐसे लोग उच्च पद और सम्मान प्राप्त करते हैं.

वक्री और मार्गी में अंतर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह उल्टी चाल चलता है तो उसे वक्री चाल कहते हैं वहीं जब ग्रह सीधी चाल चलता है तो उसे मार्गी चाल कहते हैं. अभी तक बृहस्पति यानि गुरु उल्टी चाल गोचर कर रहे थे. पंचांग के अनुसार 13 सितंबर 2020 को गुरु अपनी चाल बदल लेंगे.

धनु राशिफल: बृहस्पति मार्गी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु राशि बृहस्पति की अपनी राशि कहलाती है. बृहस्पति को धनु राशि का स्वामी माना गया है. बृहस्पति अपनी ही राशि में जब मार्गी होंगे तो इसके फल कुछ इस प्रकार रहेंगे.

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धन लाभ: धनु राशि के जातकों को बृहस्पति मार्गी होने पर धन लाभ करा सकते हैं. क्योंकि बृहस्पति को धन, गोल्ड और सुख सुविधाओं का भी कारक माना गया है. इसलिए धनु राशि वाले इस गोचर में निवेश कर सकते हैं. विभिन्न श्रोतों से धन प्राप्त कर सकते हैं.

शिक्षा: धुन राशि वालों को इस दौरान अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं. रूके रिजल्ट जारी हो सकते हैं या फिर परीक्षा देने का अवसर मिल सकता है. इस दौरान पढ़ाई में मन लगेगा. शुभ समाचार प्राप्त होंगे.

जॉब और बिजनेस: धनु राशि वालों को जॉब में नई जिम्मेदारी मिल सकती है. प्रमोशन आदि की स्थिति भी बन सकती है. स्थाप परिवर्तन भी हो सकता है. व्यापार की दिशा में कुछ नया कर सकते हैं. संपर्को का पूर्ण लाभ मिलेगा और व्यापार में लाभ की स्थिति बनेगी.

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हिंदी न्यूज़ धर्म12 वर्षों बाद गुरु अपनी राशि धनु में, इन राशियों को की चमक जाएगी किस्मत

सौरमंडल के सबसे बड़े और शुभ ग्रह गुरु बृहस्पति लगभग 12 वर्षों के बाद अपने घर धनु राशि में आ गए हैं। उनका राशि परिवर्तन वृश्चिक राशि से धनु में हुआ है। वे धनु राशि में 13 महीने रहेंगे। देवों के गुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन को ज्योतिष की दुनिया की बड़ी घटना माना जा रहा है।  
गुरु 20 नवंबर 2020 तक रहेंगे धनु में :ज्योतिषी पीके युग के मुताबिक गुरु बृहस्पति सोमवार की मध्य रात्रि से अपनी राशि धनु में चले गए हैं। वे 20 नवंबर 2020 ईस्वी तक अपनी राशि धनु में रहेंगे। गुरु की अपनी राशि धनु और मीन है। इसमें धनु गुरु की मूल त्रिकोण राशि होती है। वहीं गुरु कर्क राशि में ऊच्च के और मकर राशि में नीच के होते हैं। गुरु की धनु की 13 महीनों की यात्रा में तीन नक्षत्रों मूल, उत्तराषाढ़ा एवं पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में संचरण करेंगे। ये केतु, शुक्र और सूर्य के नक्षत्र हैं। धनु राशि में शनि और केतु पहले से ही बैठे हैं। धनु में गुरु और शनि का साथ 24 जनवरी 2020 तक रहेगा। फिर 24 जनवरी से शनि अपने घर मकर में चले जाएंगे। गुरु का गोचर चंद्र राशि से द्वितीय, पंचम, सप्तम, नवम और एकादश भाव में शुभ माना जाता है पर गुरु की मूल त्रिकोण राशि धनु में राशि परिवर्तन से सभी राशियों को कमोबेश सकारात्मक परिणाम दिखेगा।  गुरु धनु की इस यात्रा के दौरान 14 मई से 13 सितंबर तर  वक्री रहेंगे। शिक्षा जगत, सोना-चांदी, जमीन जायदाद, धार्मिक आस्था व सेंसेक्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। शुभ फल के लिए ओम गुरुवे नम:, विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।

13 महीने धनु राशि में रहेंगे गुरु वृहस्पति

मेष : धन प्राप्ति,सम्मान,धार्मिक रुचि
वृष : स्थान परिवर्तन,पेट विकार
मिथुन : विवाह के योग, व्यापार में विस्तार
कर्क : आय वृद्धि, कर्ज से मुक्तिर्
सिंह : नौकरी का योग, शिक्षा में सुधार
कन्या : भूमि-वाहन योग, प्रोन्नति
तुला : पराक्रम वृद्धि, बड़े भाई से लाभ
वृश्चिक : धन, कुटुंब वृद्धि, धार्मिक यात्रा
धनु : पुत्र-पत्नी सुख, शारीरिक आरोग्यता
मकर : वाहन सुख, विदेश यात्रा, शत्रु शमन
कुंभ : सर्वार्थ सिद्धि, अध्यात्म में रुचि
मीन : प्रोन्नति, सरकार से सहयोग, स्थायी संपत्ति वृद्धि


ज्योतिषी युग के मुताबिक गुरु का राशि परिवर्तन से शिक्षा जगत में सकारात्मक सुधार दिखेगा। शिक्षा नीति, विदेश नीति और समीपवर्ती देशों पर भारत का वर्चस्व बढ़ेगा। 

ये जरुर करें
 गुरुवार को केले के पेड़ में जल डालें
’ गरीब बच्चों को पाठ्य सामग्री दान दें 
’ गुरुओं और बुजुर्गों को सम्मान दें 

धनु राशि का स्वामी कौन है?

July 29, 2019 , updated on July 30, 2019

(A) स्वामी सूर्य
(B) स्वामी बुध
(C) स्वामी शुक्र
(D) स्वामी गुरु

धनु राशि का गुरु कौन है - dhanu raashi ka guru kaun hai

Answer : स्वामी गुरु

धनु राशि का स्वामी गुरु है। जिन लोगों की राशि धनु है, वे हर गुरुवार गुरु ग्रह के निमित्त दान-कर्म करें। इस राशि के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए हर गुरुवार शिवलिंग पर चने की दाल अर्पित करें। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। बतादें कि ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियाँ बताई गयी हैं और इन राशियों के स्वामी ग्रह अलग-अलग हैं। जबकि नौ ग्रह नवग्रह होते है। कौनसा ग्रह किस राशि को संचालित करता है। अपनी नाम राशि के अनुसार आपको देवता की पूजा भी करनी चाहिए जिससे आपका ग्रह स्वामी प्रसन्न हो।

राशि और उनके स्वामी
मेष राशि : मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह को माना गया है।
वृषभ राशि : इस राशि का स्वामी शुक्र ग्रह को बताया गया है।
मिथुन राशि : बुध ग्रह इस राशी का स्वामी है।
कर्क राशि : इस राशि का स्वामी चन्द्र देवता है।
सिंह राशि : सूर्य को सिंह राशि का स्वामी बताया गया है।
कन्या राशि : इस ग्रह का स्वामित्व बुध ग्रह के अधीन है।
तुला राशि : तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है।
वृश्चिक राशि : इस राशि के देवता मंगल है।
धनु राशि : धनु राशि के स्वामी बृहस्पति ग्रह को बताया गया है।
मकर राशि : इस राशि के देवता शनि देव को बताया गया है।
कुंभ राशि : शनि इस राशि के स्वामी है।
मीन राशि : स्वामी बृहस्पति ग्रह है।....अगला सवाल पढ़े

Tags : धनु राशि

Latest Questions

धनु राशि वालों को कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए?

इष्ट देव : धनु राशि के जातको के इष्ट देव हनुमान जी होते है इसलिए इनको प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।

धनु राशि के लिए भगवान कौन है?

कमियों से बचने के उपाय धनु राशि वाले व्यक्तियों को जब भी कष्ट हो तो ईश्वर, दत्त, शिव, हनुमान व अन्य इष्ट देवता की भक्ति करना चाहिए। सूर्य मंत्र की पूजा भी फलदायिनी होती है।

धनु राशि के शत्रु कौन होते हैं?

धनु राशि वालों के मेष, कर्क, सिंह व वृश्चिक राशि वाले व्यक्तियों से मित्रता बनी रहती है। वृषभ, मिथुन, मीन, कन्या तथा तुला राशि वालों से शीघ्र ही शत्रुता हो जाती है।

धनु राशि का जीवनसाथी कौन है?

ये बहुत ही अच्छे जीवनसाथी साबित होते हैं, इन लोगों को संतान की बहुत जल्दी नहीं होती है। ये अपने साथी का बहुत सम्मान करते हैं। धनु राशि का जीवनसाथी इनसे थोड़ी सी कम उम्र का होता है। ये लोग अपने बीच प्रेम को बरकरार रखते हैं और इनका विवाह वृश्चिक, मीन, मिथुन तथा मेष राशि वालों के साथ होता है जो बहुत ही सफल होता है।