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6तलपट एवं अशुद्धियों का शोधनअधिगम उद्देश्य इस अध्याय के अध्ययन के उपरांत आप :
पिछले अध्यायों में आपने लेखांकन के एक आधारभूत नियम के बारे में सीखा कि प्रत्येक ‘नाम राशि’ के लिए आवश्यक रूप से समान ‘जमा राशि’ होती है। इसका आशय यह हुआ कि यदि सभी नाम राशियों का योग सभी जमा राशियों के योग के बराबर है तो यह मान लिया जाता है कि नाम और जमा राशियों के रूप में खाता बही में खतौनी शुद्ध है। तलपट नाम एवं जमा राशियोंकीशुद्धताजाँचनेकाएक साधनहै।यहदोहरी प्रविष्टि प्रणाली का एक अंकगणितीय परीक्षण है, जो यह जाँचता है कि प्रत्येक लेन-देन के दोनों पहलू शुद्धता से अभिलेखित किये गए हैं। यह अध्याय तलपट के अर्थ एवं उसे तैयार करने की प्रक्रिया की व्याख्या करने के पश्चात् विभिन्न प्रकार की अशुद्धियों एवं उनके संशोधन की चर्चा करता है। 6.1 तलपट का अर्थतलपट, बही खातों में खतौनी की शुद्धता राशियों की जाँच के विचार से, खाता बही में सभी खातों के नाम और जमा के योग अथवा शेषों को दर्शाने वाला विवरण है। तलपट लेखांकन प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण विवरण है जो सभी खातों की अन्तिम स्थिति को दर्शाता है तथा अन्तिम विवरणों के बनाने में सहायक होता है। यह वित्तीय विवरणों के निर्माण के कार्य को सरल बनाने में सहायक होता है क्योंकि लेखापाल खाता शेषों को प्रत्येक खाते से प्राप्त करने के बजाय सीधे तलपट से ही प्राप्त कर सकता है। यह ध्यान योग्य है कि तलपट सामान्यतया खाता शेषों से तैयार किया जाता है। तलपट सामान्यतः एक लेखावधि के अंत में तैयार किया जाता है। हालाँकि एक संस्था तलपट को एक चयनित अवधि के अंत में भी तैयार कर सकती है। यह अवधि संस्था की आवश्यकतानुसार मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक हो सकती है। तलपट का प्रारुप चित्र 6.1में दर्शाया गया है। चित्र 6.1 : तलपट का प्रारूप तलपट तैयार करने के लिए निम्न कदम उठाए जाते हैं :
6.2 तलपट बनाने के उद्देश्यतलपट को तैयार करने के उद्देश्य निम्नलिखित हैं: 1. खातों की अंकीय शुद्धता का निर्धारण; 2. अशुद्धियों का पता लगाने में सहायता करना; 3. वित्तीय विवरणों (लाभ व हानि खाता और तुलन-पत्र) को तैयार करने में सहायता करना। खाता शीर्षक ब.पृ.सं. नाम जमा चित्र 6.2 : एक प्रदर्शित तलपट 6.2.1 बही खातों की अंकगणितीय शुद्धता का निर्धारणजैसा कि पहले उल्लेख किया जा चुका है कि तलपट बनाने का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि खाता बही में सभी नाम एवं जमा राशियां ठीक से अभिलेखित कर ली गई हैं अथवा नहीं तथा सभी खातों का शुद्धता से शेष निकाल लिया गया है या नहीं। खाता बही सारांश के रूप में यह समस्त खातों और उनके शेषों की सूची है। यदि तलपट के नाम और जमा स्तंभों का योग समान है तो यह माना जाता है कि बही खातों में खतौनी एवं ज्ञात शेष अंकगणितीय रूप से सही है। हालांकि तलपट का मिलान बही खातों की परिशुद्धता का अंतिम प्रमाण नहीं है। यह सिर्फ इस ओर संकेत करता है कि बही खातों में समान नाम एवं जमाओं का सही अभिलेखन कर लिया गया है। 6.2.2 अशुद्धियों को ज्ञात करने में सहायता करनाजब तलपट का मिलान नहीं हो पाता है। (अर्थात् नाम एवं जमा स्तंभों का योग समान नहीं है) तो इसका अर्थ यह हुआ कि कम से कम एक अशुद्धि हुई है। हो सकता है कि अशुद्धि (अथवा अशुद्धियां) लेखांकन प्रक्रिया के निम्न चरणों में से किसी में हुई होंः (1) सहायक बहीयों का योग करना, (2) रोजनामचा से प्रविष्टियों की खाता बही में खातौनी करना, (3) खातों के शेष की गणना करना, (4)खातों के शेष को तलपट में ले जाना एवं (5)तलपट के स्तंभों का योग करना। यह महत्त्वपूर्ण नहीं है कि तलपट के दोनों स्तंभों के योगों में अन्तर की राशि छोटी है अथवा बड़ी। स्तंभों के योग यदि समान भी हैं तो भी लेखांकन शुद्धता सुनिशि्चित नहीं है क्योंकि कुछ अशुद्धियां असमान नाम एवं जमा शेषों को प्रभावित नहीं करतीं। उदाहरण के लिए लेखापाल रोजनामचा में प्रविष्टि के समय या रोजनामचा प्रविष्टि की खाता बही में खतौनी करते समय सही राशि को गलत खाते के नाम पक्ष में लिख सकता है। इस अशुद्धि के कारण दो खातों के शेष अशुद्ध होंगे। लेकिन फिर भी तलपट का मिलान हो जाएगा। एक दूसरी अशुद्धि यह हो सकती है कि लेखापाल द्वारा अशुद्ध राशि को समान रूप से नाम एवं जमा पक्ष में अभिलेखित किया गया है। इस अशुद्धि के कारण दो खातों का शेष अशुद्ध होगा लेकिन इसके कारण नाम शेषों एवं जमा शेषों में असमानता नहीं आयेगी। परिणामस्वरूप यदि तलपट के स्तंभों का योग समान है तो मूल अभिलेखन पुस्तकों (रोजनामचा, रोकड़बही आदि) में की गई सभी प्रविष्टियों का अभिलेखन एवं खातौनी सही है, की पुष्टि नहीं होती है। 6.2.3 वित्तीय विवरणों के निर्माण में सहायता करनातलपट लेखांकन अभिलेखों एवं वित्तीय विवरणों को तैयार करने के बीच की कड़ी है। वित्तीय विवरण तैयार करने के लिए खाता बही के संदर्भ की आवश्यकता नहीं होती है। वस्तुतः मिलान किए गए तलपट की उपलब्धता ही वित्तीय विवरणों की तैयारी में पहला कदम है। तलपट में प्रदर्शित सभी आगम और व्यय खाते व्यापार एवं लाभ और हानि खाते में हस्त्तान्तरित हो जाते हैं। सभी परिसंपत्ति, देयता, आहरण एवं पूँजी खाते तुलन-पत्र में हस्तान्तरित हो जाते हैं। (वितीय विवरणों के बनाने की व्याख्या पुस्तक लेखाशस्त्र - वित्तीय लेखांकन भाग 2के अध्याय 9 एवं 10 में दर्शायी गई है।) 6.3 तलपट को तैयार करनासैद्धांतिक रूप से, तलपट निम्नलिखित तीन विधियों से तैयार किया जाता हैः (i) योग विधि (ii) शेष विधि (iii) योग एवं शेष विधि 6.3.1 योग विधिइस विधि के अंतर्गत खाता बही के प्रत्येक पक्ष (नाम एवं जमा) का योग अलग से ज्ञात किया जाता है और उन्हें तलपट के संबधित स्तंभों में सूचीबद्ध किया जाता है। तलपट के नाम स्तंभ का योग तलपट के जमा स्तंभ के योग से मिलना चाहिए क्योंकि खाते दोहरी प्रविष्टि प्रणाली पर आधारित होते हैं। हालांकि यह विधि व्यापक रूप से प्रयोग में नहीं लायी जाती है क्योंकि यह विभिन्न खातों के शेषों की शुद्धता की जांच एवं वित्तीय विवरण बनाने में सहायता नहीं करता है। 6.3.2 शेष विधियहविधिसर्वाधिकव्यवहारमेंहै।इस विधिमेंसभीबहीखातोंकेशेषों केयोगद्वारातलपटतैयारकियाजाता है।इसकेपश्चात्उनकीशुद्धताकीजांच केलिएतलपटकेनामएवंजमा शेषोंकायोगकियाजाताहै।खातों केशेषोंकाप्रयोगयहाँइसलिएकिया जाताहैक्योंकि‘शेष’एकखातेके सभीनामएवंजमाओंकेशुद्धप्रभाव कोसारांशितकरताहैएवंवित्तीयविवरणों कोबनानेमेंसहायताकरताहै।ध्यान रहेकितलपटमेंसाधारणतयादेनदारोंके व्यक्तिगतखातोंकेशेषकेस्थानपर विविधदेनदारराशिकोदार्शायाजाताहै। इसीप्रकारसेलेनदारोंकेव्यक्तिगतखातोंकीराशिकेस्थानपरविविधलेनदारोंकी राशिदर्शायीजातीहै। 6.3.3 शेष एवं योग विधियहविधिशेषएवंयोगविधिकासम्मिश्रणहै। इसविधिमें‘राशि’केलिएचार स्तंभतैयारकिएजातेहैं।दोस्तंभ विभिन्नखातोंकेनामऔरजमायोग लिखनेकेलिएतथाअन्यदोस्तंभ इनखातोंकेनामऔरजमाशेषों कोलिखनेकेलिएहोतेहैं।यद्यपि यहविधिभीव्यवहारमेंनहींलायी जातीक्योंकिइसमेंसमयअधिकलगताहै तथाइससेशायदहीकिसीअतिरिक्तअथवा विशेषउद्देश्यकीपूर्तिहोतीहै। आइए अब निम्नलिखित उदाहरण की सहायता से यह जाने कि किस प्रकार उपरोक्त विधियों के प्रयोग से तलपट तैयार किया जाएगाः श्री रावत व्यवसाय के लिए निम्न खाते तैयार करते हैं। आप (i)योग विधि, (ii)शेष विधि, (iii)योग एवं शेष विधि के प्रयोग से तलपट बनाकर खाता बही में खतौनी शुद्धता की जाँच करने में उनकी सहायता कीजिए। रावत पूँजी खाता मशीनरी खाता रावत का खाता विक्रय खाता रोकड़ खाता 31 मार्च 2017 को तलपट (शेष विधि द्वारा) 31 मार्च 2017 को तलपट (योग एवं शेष विधि द्वारा) स्वयं जाँचिये - 1 निम्नलिखित प्रत्येक मद के संदर्भ में बताएँ कि उनका शेष नाम अथवा जमा पक्ष में दर्शाया जाएगा। साथ ही 31 मार्च 2018 के लिए तलपट तैयार कीजिएः
6.4 तलपट के मिलान का महत्त्वलेखाकार के लिए यह महत्त्चपूर्ण होता है कि तलपट का मिलान हो जाए। सामान्यतः मिलान हुए तलपट का अर्थ है कि प्रत्येक लेन-देन के लिए नाम एवं जमा दोनों प्रविष्टियाँ ठीक से कर ली गई हैं। हालांकि तलपट का मिलान खाता की शुद्धता का संपूर्ण प्रमाण नहीं होता है। एक मिलान किया हुआ तलपट कुछ हद तक केवल यह सिद्ध करता है कि खाता बही में खतौनी अंकगणितीय रूप से शुद्ध है। परंतु यह इस बात की गारंटी नहीं देता कि प्रविष्टि अपने आप में शुद्ध है। यदि तलपट नहीं मिल पाता है तो यह इस ओर संकेत देता है कि लेखांकन अभिलेखों में अशुद्धि की गई है। अशुद्धियाँ एेसी भी हो सकती है जो कि नाम एवं जमाओं के साम्य को प्रभावित करें और एेसी भी जो कि नाम और जमा के साम्य को प्रभावित न करें।
6.4.1अशुद्धियों का वर्गीकरणप्रकृति के आधार पर अशुद्धियों को निम्न चार वर्गो में बांटा जा सकता हैः
6.4.2 लेख अशुद्धियांयह एेसी अशुद्धियाँ हैं जो कि लेन-देनों की गलत खतौनी, खातों के गलत योग, अथवा गलत शेष, सहायक बहियों के गलत योग, प्रारंभिक लेखा पुस्तकों में गलत अभलेखन, इत्यादि से होती हैं। उदाहरण के लिए राजहंस ट्रेडर्स ने प्रीत पाल ट्रेडर्स (वस्तुओं के आपूर्तिकर्त्ता) को 25,000 रु. का भुगतान किया। इस लेन-देन का रोकड़ बही में सही अभिलेखन हो गया। परन्तु खाता बही में खतौनी के समय प्रीत पाल ट्रेडर्स के खाते में केवल2,500 रु. जमा लिखे गए। यह एक लेख अशुद्धि है। परिभाषा के अुनसार यह अशुद्धि, लिपिक अशुद्धि है औरएेसी अशुद्धियाँ तलपट में प्रतिबिंबित हो जाती हैं। 6.4.3 लोप अशुद्धियाँलोप अशुद्धियाँ, प्रारंभिक लेखे की बहियों में अभिलेखन के समय अथवा खाता बही में खतौनी के समय हो जाती हैं। यह दो प्रकार की होती हैंः (i) पूर्ण लोप अशुद्धि (ii) आंशिक लोप अशुद्धि जबकोईलेन-देनपुस्तकों/बहियों मेंप्रविष्टहोनेसेपूरीतरहरह जाताहैतोएेसीअशुद्धिपूर्णलोप अशुद्धिहोतीहै।उदाहरणतया,मोहनकोकी गई10,000रु.कीउधारविक्रयकीप्रविष्टि काविक्रयबहीमेंनहोना।जब एकलेन-देनकीप्रविष्टिबहियोंमेंहोने सेआंशिकरूपसेरहजातीहै तोएेसीअशुद्धिआंशिकलोपअशुद्धिहोती है।उपरोक्तउदाहरणमेंयदिउधारविक्रय कीप्रविष्टिविक्रयबहीमेंहोजाती है,परंतुविक्रयबहीसेखतौनीमोहन केखातेमेंनहींहोपाती,तो यहआंशिकलोपअशुद्धिहोगी। 6.4.4 सैद्धांतिक अशुद्धियाँलेखांकन प्रविष्टियाँ सामान्यतः मान्य लेखांकन सिद्धांतों के अनुसार अभिलेखित की जाती हैं। यदि इन सिद्धांतों में से किसी का उल्लघंन हो या उन्हें अनदेखा कर दिया जाए तो इसके परिणमस्वरूप उत्पन्न हुई अशुद्धियों को सैद्धांतिक अशुद्धियों के रूप में जाना जाता है। सैद्धांतिक अशुद्धियाँ, पूँजीगत और आयगत के रूप में व्ययों अथवा प्राप्तियों के गलत वर्गीकरण के कारण भी हो सकती हैं। यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि इनका प्रभाव वित्तीय विवरणों पर पड़ता है। इसके फलस्वरूप आय अथवा परिसंपत्तियाँ अथवा देयताएँ इत्यादि कम/अधिक मूल्य पर उल्लेखित की जाती हैं। उदाहरण के लिए भवन के विस्तार पर व्यय की गई राशि को पूँजीगत व्यय ही माना जाना चाहिए और परिसंपत्ति खाते (भवन) में ‘नाम’ में लिखी जानी चाहिए। इसके स्थान पर यदि यह राशि रख-रखाव व मरम्मत खाते के नाम पक्ष में लिख दी जाए तो यह आयगत व्यय बन जाएगी। इस प्रकार यह एक सैद्धांतिक अशुद्धि है। इसी प्रकार से यदि किसी मशीन का उधार क्रय किया गया है तथा उसका अभिलेखन मूल रोजनामचा के स्थान पर क्रय बही में कर दिया है या फिर मकान मालिक को किराया दिया तथा उसे रोकड़ बही में मकान मालिक को भुगतान के रूप में अभिलेखन कर दिया गया, तो यह भी सैद्धांतिक अशुद्धि है। यह अशुद्धियाँ तलपट प्रभावित नहीं करती हैं। 6.4.5 क्षतिपूरक अशुद्धियाँजब दो या दो से अधिक अशुद्धियाँ इस प्रकार हो जाती हैं कि इनका शुद्ध प्रभाव खातों के नाम पक्ष व जमा पक्ष पर नहीं पड़ता है तो एेसी अशुद्धियाँ क्षतिपूरक अशुद्धियाँ कहलाती हैं। एेसी अशुद्धियों तलपट के मिलान पर प्रभाव नहीं डालती हैं। मान लीजिए, क्रय बही का जोड़ 10,000 रु. अधिक लगाया गया जिसके परिणामस्वरूप क्रय खाते के नाम पक्ष में 10,000 रु. अधिक लिख दिया गया एवं विक्रय का जोड़ 10,000 रु. कम लगाया गया जिससे विक्रय वापसी बही के नाम में 10,000 रु. कम लिखा गया। यह दो एेसी अशुद्धियाँ हैं जो एक दूसरे के प्रभाव की पूर्ति कर रही हैं। एक का आधिक्य दूसरे के घाटे को पूरा कर रहा है। दोनों अशुद्धियों का शुद्ध प्रभाव शून्य है तथा इनका तलपट के मिलान पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। 6.5 अशुद्धियों को ज्ञात करनायदि तलपट का मिलान नहीं हो पाता है तो लेखाकार को अशुद्धियाँ ढूँढ़ने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने चाहिएः
6.6 अशुद्धियों का संशोधनसंशोधन के संदर्भ में अशुद्धियों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता हैः (अ) अशुद्धियाँ जो तलपट को प्रभावित नहीं करती हैं। (ब) अंशुद्धियाँ जो तलपट को प्रभावित करती हैं। अशुद्धियोंकेसंशोधनमेंयहअन्तरप्रसंगिकहैक्योंकिवेअशुद्धियाँजोतलपट कोप्रभावितनहींकरतीउनकाप्रभावकिन्हींदोखातोंमेंइसप्रकारपड़ताहैकि उनकासंशोधनरोजनामचाप्रविष्टिकेमाध्यमसे सरलतापूर्वककियाजासकताहै।जबकि वेअशुद्धियाँजोतलपटकोप्रभावितकरती हैंकेवलएकखातेसेसंबंधरखती हैंतथाइसदशामेंउचंतीखाते कोखोलेबगैरसिर्फरोजनामचाप्रविष्टिसे संशोधननहींकियाजासकताहै।एेसीअशुद्धियोंकाशोधनशून्यतमप्रविष्टीद्वाराकियाजाता है (देखें 6.6.2) 6.6.1 अशुद्धियाँ जो तलपट पर प्रभाव नहीं डालती हैंएेसी अशुद्धियाँ दो या दो से अधिक खातों में होती हैं। इन अशुद्धियों को द्विपक्षीय अशुद्धियों के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें संबधित खातों को सही नाम और जमा पक्ष दर्शाते हुए एक रोजनामचा प्रविष्टि करके संशोधित किया जाता है। एेसी अशुद्धियों के उदाहरण हैं - प्रारंभिक लेखा पुस्तकों में प्रविष्टि के अभिलेखन को भूल जाना, लेखा बहियों में लेन-देन का गलत अभिलेखन, खतौनी करने से पूर्णतया रह जाना, सही पक्ष में गलत राशि की खतौनी और सैद्धांतिक अशुद्धियाँ। इनके संशोधन प्रक्रिया में अनिवार्य रुप से निम्न सम्मिलित होते हैंः विपरीत प्रविष्टि द्वारा गलत नाम और जमा के प्रभाव को निरस्त करना, और सही नाम और जमा के प्रभाव को पूर्णस्थापित करना। इस उद्देश्य के लिए हमें अशुद्धियों का विश्लेषण संबंधित खातों पर इसके प्रभाव के रूप में करना होता है जो कि निम्न हो सकता है— (i) किसी खाते में कम नाम अथवा जमा; और/अथवा (ii) किसी खाते मे अधिक नाम अथवा जमा। इसलिए निम्न संशोधन प्रविष्टि की जा सकती हैः (i) नाम अथवा अधिक जमा से खाते को ‘नाम’ करके। (ii) अधिक नाम अथवा कम जमा से खाते को ‘जमा’ करके। इस तरह की अशुद्धियों के संशोधन की प्रक्रिया निम्नलिखित उदाहरणों की सहायता से समझाई गई हैः (अ) मोहनकोकिये गये 10,000 रु. के उधार विक्रय का अभिलेखन लेखा बहियों मे नहीं किया गया। यहएकपूर्णलोपकीअशुद्धिहै। यहाँमोहनकाखातानामतथाविक्रय खाताजमानहींहुआहै।इसप्रकारउधार विक्रय की सामान्य प्रविष्टि का अभिलेखन, इस अशुद्धि को संशोधित कर देगाः (ब) मोहन को की गई 10,000 रु. के उधार विक्रय का अभिलेखन 1,000 रु. से कर दिया गया। यह एक लेख अशुद्धि है। गलत अभिलेखन का प्रभाव नीचे दर्शाया गया हैः अब, मोहन के खाते को 9,000 रु. अतिरिक्त से नाम लिखा जाएगा और विक्रय खाते को 9,000 रु. अतिरिक्त से जमा लिखा जाएगा। इस तरह संशोधन प्रविष्टि होगीः (स) मोहन को किए गए 10,000 रु. के उधार विक्रय को 12,000 रु. के रूप में अभिलेखित कर दिया गया। यह एक लेख अशुद्धि है। इसका लेखा पुस्तकों में प्रभाव इस प्रकार होगः सही प्रभाव इस प्रकार होना चाहिएः आप देख सकते है कि मोहन के खाते मे 2,000 रु. अधिक नाम, और विक्रय खाते में
2,000 रु. अधिक जमा लिख दिए गए हैं। इस तरह संशोधन प्रविष्टि निम्न होगीः (द)मोहन को की गई 10,000 रु. की उधार बिक्री की खतौनी राम के खाते में कर दी गई। यह एक लेख अशुद्धि है। इस अशुद्ध अभिलेखन का प्रभाव निम्न होगाः सही प्रभाव इस प्रकार होना चाहिएः आप देख सकते हैं कि विक्रय खाते मे कोई अशुद्धि
नहीं है। परंतु मोहन के खाते के बजाय राम का खाता (ह) 2,000 रु. के किराये का भुगतान त्रुटिवश रोकड़ बही में मकन मालिक को भुगतान खाते में लिख दिया गया। इस खतौनी का प्रभाव निम्न होगाः सही प्रभाव इस प्रकार होना चाहिएः यहाँ ‘मकान मालिक के खाते’ को गलती से ‘किराया खाता’ की जगह नाम पक्ष में लिख दिया गय, इस तरह संशोधन प्रविष्टि होगीः स्वयं जाँचिए -2 निम्न लेन-देनों के लिए संशोधन प्रविष्टि अभिलेखन कीजिएः 1. रजनी को 5,000 रु. का उधार विक्रय का अभिलेखन क्रय खाते में कर दियाः यह ------------------------ अशुद्धि है। लेखा पुस्तकों में अभिलेखित अशुद्धि प्रविष्टि बताइएः सही प्रभाव होना चाहिएः संशोधन प्रविष्टि होगीः 2. मैसर्स राव फर्निशिंग से खरीदे गए 8,000 रु. के फर्नीचर को क्रय बही में अभिलेखित कर दियाः यह ------------------- अशुद्धि है। लेखा पुस्तकों में अभिलेखित अशुद्धि प्रविष्टि बताइएः सही प्रभाव होना चाहिएः संशोधन प्रविष्टि होगीः 3. राधिका को किए गए 15,000 रु. की नकद विक्रय की खतौनी कमीशन खाते में कर दी गई। यह ----------------- अशुद्धि है। लेखा पुस्तकों में अभिलेखित अशुद्धि प्रविष्टि बताइएः सही प्रभाव होना चाहिएः संशोधन प्रविष्टि होगीः 4. करीम से प्राप्त रु. 6,000 रु. की खतौनी नदीम के खाते में कर दी गई। यह ---------- अशुद्धि है। लेखा पुस्तकों में अभिलेखित अशुद्धि प्रविष्टि बताइएः सही प्रभाव होना चाहिएः संशोधन प्रविष्टि होगीः 6.6.2 तलपट को प्रभावित करने वाली अशुद्धियाँयह अशुद्धियाँ केवल एक खाते में होती हैं। इन अशुद्धियों का संशोधन एक व्याख्यात्मक टिप्पणी देकर या ‘उचंती खाते’ की सहायता से एक रोजनामचा प्रविष्टि करके किया जाता है। (उचंती खाते की व्याख्या इस अध्याय में आगे की गई है।) इस तरह की अशुद्धियों के उदाहरण हैं, योग की अशुद्धि; किसी खाते के योग को आगे ले जाने में की गई अशुद्धि; किसी खाते के योग को आगे ले जाने में की गई अशुद्धि; शेष की अशुद्धि; सही खाते का गलत राशि से खतौनी; सही खाते के गलत पक्ष में खतौनी; गलत राशि से गलत पक्ष में खतौनी; तलपट में किसी खाते को दिखाने से भूल जाना। यदि खाता-बही में खतौनी से पूर्व प्रारंभिक लेखे की बहियों में अशुद्धि का पता लग जाए तो, एक रेखा से गलत राशि को काटकर उसके उपर सही राशि लिखकर, और फिर उस पर हस्ताक्षर करके अशुद्धि को संशोधित किया जा सकता है। सही खाते में की गई गलत राशि की खतौनी की अशुद्धि भी इसी प्रकार ठीक की जा सकती है अथवा अंतर की राशि में एक अतिरिक्त खतौनी कर और विवरण स्तंभ में एक व्याख्यात्मक टिप्पणी देकर भी इसे संशोधित किया जा सकता है। अशुद्धियों को कभी मिटाना नहीं चाहिए क्योंकि मिटाने से लेखांकन अभिलेखों की प्रामाणिकता कम हो जाती है और एेसा प्रतीत होता है कि कुछ छुपाया गया है। उदाहरणकेलिए,श्यामकेखाते190 रु. से कम ‘जमा’ किया गया। इस अशुद्धि का संशोधन उसके खाते के जमा पक्ष में 190 रु. की अतिरिक्त प्रविष्टि कर किया जा सकता है। जो इस प्रकार हैः श्याम का खाता आइए एक और उदाहरण लें। क्रय बही का जोड़ 1,000 रु. कम लगाया गया। इस प्रविष्टि का क्रय खाते (नाम पक्ष) पर प्रभाव पड़ेगा जिसमें क्रय बही के योग की खतौनी की गई है। क्रय खाता उचंती खाता एक पक्षीयअशुद्धियोंकेविद्यमानहोनेकेकारण यदितलपटकामिलाननहीं भी होता है तो भी लेखाकार को लेखांकन प्रक्रिया आगे बढ़ानी ही पड़ेगी। लेखाकार अपने तलपट का मिलान करने के लिए अंतर की राशि को तलपट के कमी वाले पक्ष में ‘उचंती खाते’ के रुप में लिख देता है। उचंती खाता खोलने की प्रक्रिया निम्न उदाहरण से भलीभाँति समझी जा सकती हैः एक संस्था की विक्रय बही को लीजिएः बिक्रय (रोजनामचा) पुस्तक यदि दिवाकर एंड संस को की गई विक्रय की खतौनी उसके खाते में नहीं की गई तो खाता बही निम्न स्थिति दर्शाएगीः अशोक ट्रेडर्स का खाता बिमल सर्विस सेंटर का खाता चोपड़ा एंटरप्राइजिज का खाता विक्रय खाता उपरोक्त खाता बही शेषों के आधार पर यदि तलपट तैयार किया जाए तो मिलान नहीं होगा। इसके जमा पक्ष का योग 50,000 रु. तथा नाम पक्ष का योग 35,000रु. है। यहाँ तलपट जमा पक्ष में 15,000 रु. अधिक दर्शा रहा है। इस अंतर को अंशकालिक रूप से उचंती खाते में रखा जायेगा है और तलपट का मिलान कर दिया जायेगा। उपरोक्त स्थिति में तलपट में अंतर एक पक्षीय अशुद्धि के कारण है (दिवाकर एंड संस के खाते में खतौनी की भूल)। वास्तविक स्थिति में इस तरह की अन्य एक पक्षीय अशुद्धियाँ हो सकती है जो तलपट में अंतर का कारण बनती हैं और जिनके परिणामस्वरूप उचंती खाता खोला जाता है। जबतक कि तलपट के मिलान को प्रभावित करने वाली एकपक्षीय अशुद्धियों का निर्धारण नहीं हो जाता, तब तक ‘नाम’ अथवा ‘जमा’ किए जाने वाले किसी विशेष खाते का निर्णय लेना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए, तलपट में पाया जाने वाला अंतर उचंती खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है। हालांकि,जबअशुद्धियोंकानिर्धारणकरलियाजाताहैऔरसंशोधितकिएजाने वालेविशेषखातेकीपहचानकरली जातीहै,तबउचंतीखातेसेराशि, संबधितखातेमेंहस्तांतरितकरदीजाती है,जिसकेपरिणामस्वरूपउचंतीखाताबंदहो जाताहै।इसीकारणवश,उचंतीखातोंकिसीविशेषखातोंकीश्रेणीमेंनहींरखाजाता है,क्योंकियहकेवलएकपक्षीयअशुद्धियोंकेपरिणामस्वरूपहीअस्तित्वमेंआताहै। एकपक्षीय अशुद्धियों का संशोधन करते समय निम्न कदम उठाए जाते हैंः (i)अशुद्धि से प्रभावित खाते का पता लगाना; (ii) प्रभावित खाते में अधिक नाम/जमा अथवा कम नाम/जमा राशि ज्ञात करना; (iii)यदि अशुद्धि के परिणामस्वरूप प्रभावित खाता अधिक नाम अथवा कम जमा लिखा गया है तो, खाते को अधिक नाम अथवा कम जमा राशि से जमा करना। (iv)यदि अशुद्धि के परिणामस्वरूप प्रभावित खाता अधिक जमा अथवा कम नाम लिखा गया है तो खाते को अधिक जमा अथवा कम नाम राशि से नाम करना। (v) स्थिति के अनुसार, उचंती खाते को नाम या जमा लिखकर रोजनामचा प्रविष्टि को पूरा करना। अब हम उचंती खाते के प्रयोग द्वारा संशोधन प्रक्रिया की व्याख्या करेंगेः (अ) मोहन को की गई 10,000 रु. की विक्रय की खतौनी उसके खाते में नहीं की गई। यह एक आंशिक लोप की अशुद्धि है। यह अशुद्धि विक्रय पुस्तक में खतौनी करते समय उत्पन्न हुई । इसका गलत प्रभाव निम्न होगाः सही प्रभाव होना चाहिएः संशोधित प्रविष्टि निम्न होगीः (ब) मोहन को की गई 10,000 रु. की उधार विक्रय की खतौनी इसके खाते के 7,000 रु. से कर दी गई। यह लेख अशुद्धि है। मोहन का खाता10,000 रु. के बदले 7,000 रु. से नाम किया गया है। परिणमस्वरूप नाम पक्ष में 3,000 रु. की कमी रह गई है। इस अशुद्धि का प्रभाव होगाः सही प्रभाव होना चाहिएः इस तरह संशोधन प्रविष्टि निम्न होगीः (स) मोहन को की गई 10,000 रु. की उधार विक्रय की खतौनी उसके खाते में 12,000 रु. कर दी गई। यह लेख अशुद्धि है। इस अशुद्धि का प्रभाव होगाः (द) क्रय बही का योग 10,000 रु. अधिक किया गया। सहायक बहियों में अशुद्धियों का प्रभाव केवल उन्हीं खातों पर पड़ेगा जहाँ पर सहायक बहियों के योग की खतौनी की गई है। व्यक्तिगत पक्षों के खाते प्रभावित नहीं होंगे। निम्नवत् उदाहरण को देखेंः क्रय (रोजनामचा) पुस्तक क्रय का खाता आप नोट कर सकते हैं कि धीरू, चंद्रप्रकाश और सचिन के खातों में कोई त्रुटि नहीं है। केवल क्रय खाते के नाम पक्ष में 1,000 रु. अधिक लिखे गए हैं। अतः संशोधन प्रविष्टि इस प्रकार होगीः 6.6.3 आगामी लेखांकन वर्ष में अशुद्धियों का शोधनवित्तिय विवरणों को तैयार करने से पूर्व यदि कुछ एेसी अशुद्धियाँ विद्यमान है, जिन्हें संशोधित नहीं किया जा सका है, तो इस दशा में उचंती खाता बंद नहीं किया जाएगा और उसका शेष आगामी लेखांकन वर्ष में आगे लाया जाएगा। अगले वर्ष जब भी इन अशुद्धियों को संशोधित किया जाएगा, तब संशोधित अशुद्धियों के प्रभाव को लाभ-हानि समायोजन खाते में दर्शाया जाएगा ताकि आगामी वर्ष का आय विवरण प्रभावित न हो सके। इसके बारे में आप लेखाशास्त्र में उच्च शिक्षा के स्तर पर जान सकेंगे। अशुद्धियों के संशोधन के मार्गदर्शक सिद्धांत 1. यदि अशुद्धि प्रारंभिक प्रविष्टि पुस्तकों में हुई तो यह माना जाएगा कि आगे की सभी खतौनी अभिलेखन के अनुसार ही की गई है। 2. यदि अशुद्धि खतौनी के स्तर में की गई है तो यह माना जाएगा कि सहायक बहियों में अभिलेखन ठीक किया गया है। 3. यदि अशुद्धि गलत खाते में खतौनी के कारण (खतौनी की राशि एवं पक्ष का उल्लेख किए बिना) तो माना जाएगा कि खतौनी लेन-देन के मूल अभिलेखन के अनुसार उचित राशि एवं उचित पक्ष में की गई है। 4. यदि खतौनी बही खाते में गलत राशि से की गई है (खतौनी के पक्षों का उल्लेख किए बिना) तो यह माना जाएगा कि खतौनी प्रारंभिक/मूल अभिलेखन के अनुसार सही पक्ष में की गई गई है। 5. यदि अशुद्धि गलत खाते में गलत पक्ष में खतौनी की है (खतौनी की राशि का उल्लेख किए बिना) तो माना जाएगा कि खतौनी लेने-देन के प्रारंभिक/मूल अभिलेखन की राशि के अनुसार की गई है। 6. यदि अशुद्धि गलत खाते के गलत राशि से खतौनी की है (खतौनी के पक्ष का उल्लेख किए बिना) तो माना जाएगा कि खतौनी मूल अभिलेखन के अनुसार सही पक्ष में की गई है। 7. यदि खतौनी सही खाते के गलत पक्ष में की है (खतौनी की राशि का उल्लेख किए बिना) तो माना जाएगा कि खतौनी मूल अभिलेखन के अनुसार उचित राशि की गई गई है। 8. यदिसहायकबहियोंमेंकिसीएकलेन-देनकीअशुद्ध खतौनीकिसीएकअकेलेखातेमेंहोती है,तोयहमानाजाएगाविक्रयखाता, क्रयखाताविक्रयवापसीखताअथवाक्रय वापसीखातासम्मिलितनहींहै। 9. यदि किसी लेन-देन का रोकड़ बही में अभिलेखन किया गया है तो खतौनी में अशुद्धि रोकड़/बैंक खाते नहीं बल्कि अन्य दूसरे खाते से संबंधित होगी। 10. यदि किसी लेन-देन का अभिलेखन मुख्य रोजनामचे के माध्यम से किया गया है खतौनी की अशुद्धि अन्य प्रभावित खाते से संबंधित होगी न कि रोकड़ अथवा बैंक खाते से। 11. सहायक बहियों के योग में अशुद्धि केवल उसी खाते को प्रभावित करेगी जिसमें बही विशेष के जोड़ की खतौनी की गई है। अकेले व्यक्तिगत खाते इससे प्रभावित नहीं होंगे। स्वयं जांचिये -3 1. मोहन को 10,000 रु. की उधार विक्रय की खतौनी उसके खाते में 12,000 रु. से कर दी गई। यह ----------------------- अशुद्धि है। इस अशुद्धि का प्रभाव होगाः सही प्रभाव होना चाहिएः संशोधन प्रविष्टि होगीः 2. नेहा को किए गए 2,000 रु. के नकद भुगतान की खतौनी उसके खाते में नहीं की गई। यह ----------------- अशुद्धि है। इस अशुद्धि का प्रभाव होगाः सही प्रभाव होना चाहिए संशोधन प्रविष्टि होगीः 3. मेघा से 1,600 रु. की विक्रय वापसी की खतौनी उसके खाते में 1,000 रु. से कर दी गई। यह ------------ अशुद्धि है। इस अशुद्धि का प्रभाव होगाः सही प्रभाव होना चाहिएः संशोधन प्रविष्टि होगीः 4. फर्नीचर पर अपलिखित ह्रास की राशि की खातौनी ह्रास खाते में नहीं की गई। यह ------------ अशुद्धि है। इस अशुद्धि का प्रभाव होगाः सही प्रभाव होना चाहिएः सशोधन प्रविष्टि होगीः उदाहरण 1 निम्न अशुद्धियों को संशोधित करेंः रघु से किए गये 20,000 रु. के उधार क्रय (i) का अभिलेखन नहीं किया गया। (ii) का अभिलेखन 10,000 रु. से कर दिया गया। (iii) का अभिलेखन 25,000 रु. से कर दिया गया। (iv) की खतौनी उसके खाते में नहीं की गई। (v) की खतौनी उसके खाते में 2,000 रु. से की गई। (vi) की खतौनी राघव के खाते में की गई। (vii) रघु के खाते के नाम पक्ष में की गई। (viii) राघव के खाते के नाम पक्ष में की गई; (ix) का अभिलेखन विक्रय बही में किया गया। हल उदाहरण 2 16,000 रु. की नकद बिक्रीः (i) की खतौनी विक्रय खाते में नहीं की गई। (ii)की खतौनी विक्रय खाते में 6,000रु. से की गई। (iii) की खतौनी कमीशन खाते में की गई हल उदाहरण3 मशीन पर अपलेखित 20,000 रु. के ह्रास: (i) की खतौनी नहीं की गई (ii) की खतौनी मशीन खाते में नहीं की गई। (iii) की खतौनी ह्रास खाते में नहीं की गई। हल (i) उपरोक्त का अभिलेखन मुख्य रोजनामचे से किया गया है। मुख्य रोजनामचे से सभी खातों में खतौनी वैयक्तिक रुप से की जाती है। इस तरह ह्रास खाते और मशीन खाते में खतौनी नहीं की गई होगी। अतः, संशोधित प्रविष्टि निम्न होगीः (ii)इस स्थिति में मशीनरी खाते में खतौनी नहीं की गई। यहाँ यह माना जाएगा कि ह्रास खाता सही रूप से जमा पक्ष में लिखा गया होगा इसलिए संशोधित प्रविष्टि निम्न होगीः (iii) इस स्थिति में ह्रास खाता नाम नहीं किया गया है। हालाँकि मशीन खाता सही रुप से जमा किया गया है। इसलिए, संशोधित प्रविष्टि निम्न होगीः उदाहरण 4 अनुराग के तलपट का मिलान नहीं हो पाया है। यह जमा पक्ष में 10,000रु. अधिक दर्शाता है। अनुराग ने इस अंतर को उचंती खाते में रखा है। उसने निम्न अशुद्धियाँ ज्ञात कीः (i)विक्रय वापसी बही का योग1,000 रु. अधिक है। (ii) क्रय बही का योग 600 रु. कम है। (iii) विक्रय बही में पृष्ठ संख्या 4 का योग पृष्ठ संख्या 5 में 1,200 रु. के बदले1,000 रु. आगे लाया गया और पृष्ठ संख्या 8 का योग, पृष्ठ संख्या 9 में 5,600 रु. के बदले 5,000 रु. आगे लाया गया। (iv) राम को 1,000 रु. की वस्तुओं की वापसी का अभिलेखन विक्रय बही में लिखा गया। (v)एम. एंड कंपनी से 8,000 रु. के उधार क्रय को विक्रय बही में लिया गया। (vi)एस एंड कंपनी से 5,000 रु, के उधार क्रय को विक्रय बही में लिखा गया। हालाँकि, एस एंड कंपनी का खाता सही ‘जमा’ लिया गया। (vii)2,000 रु. का वेतन भुगतान, कर्मचारियों के व्यक्तिगत खाते में ‘नाम’ लिखा गया। हल स्पष्टीकरण एक पृष्ठ से योग को दूसरे पृष्ठ में आगे लाने पर होने वाली अशुद्धि अंततः उस बही के योग को प्रभावित करती है और इसके परिणामस्वरूप कम/अधिक योग की अशुद्धि उत्पन्न हो जाती है। इस उदाहरण में पृष्ठ संख्या 4 का योग पृष्ठ संख्या 5 में लाने पर, 200 रु. कम लिखा गया और पृष्ठ संख्या 8 का योग पृष्ठ संख्या 9 में आगे ले जाने पर 600रु. अधिक लिखा गया। कुल मिलाकर योग 600 रु. –200 रु. =400 रु. अधिक लिखा गया। उचंती खाता उदाहरण5 राहुल के तलपट का मिलान नहीं हुआ था। राहुल ने अंतर को ‘उचंती खाते’ में रखा इसके बाद उसने निम्न अशुद्धियों को ज्ञात कियाः (i)मशीन की स्थापना के लिए 600 रु. के मजदूरी खाते में कर दी गई। (ii) मशीन की 400 रु. की मरम्मत, मशीन खाते के नाम पक्ष में लिख दी गई। (iii)एक पुरानी क्रय की गई मशीन की मरम्मत के लिए किया गया 1,000 रु. का व्यय को मरम्मत खाते के नाम किया गया। (iv)8,000रु. की सामग्री और 2,000 रु. की मजदूरी भवन (बिल्डिंग) के निर्माण में लगी इसके लिए पुस्तकों में कोई समायोजन नहीं किया गया। (v)5,000 रु. के फर्नीचर क्रय की खतौनी क्रय बही में 500 रु. से कर दी गई। (vi) करीम को एक पुरानी मशीन उसके पुस्तक मूल्य 2,000 रु. में बेची गई और इसका अभिलेखन विक्रय बही में कर दिया गया। (vii) विक्रय वापसी बही के योग 3,000 रु. की खतौनी खाता बही में नहीं की गई। उपरोक्त अशुद्धियों का संशोधन कीजिए और तलपट में वास्तविक अंतर पता लगाने के लिए उचंती खाता तैयार कीजिए। हल इस तरह, तलपट में वास्तविक अंतर 7,500 रु. का था। उदाहरण6 अनंत राम के तलपट का मिलान नहीं हुआ। यह जमा पक्ष में 16,000 रु. अधिक दर्शाता है। उसने अंतर को उचंती खाते में रखा। बाद में उसने निम्न अशुद्धियों को ज्ञात कियाः (i)मोहित से 4,000 रु. नकद प्राप्ति की खतौनी महेश के खाते में 1,000 रु. से कर दी गई। (ii) अरुण के खाते में 6,000रु. के पूर्ण बंदोबस्त के रूप में 5,800 रु. का चैक प्राप्त हुआ था, जो कि अनादरित हो गया। पुस्तकों में चैक अनादरण पर कोई प्रविष्टि अभिलेखित नहीं की गई। (iii)खन्ना को प्राप्त हुए 800 रु. जिसका खाता पहले डूबत ऋण के रुप में अपलेखित किया गया था, उसके खाते के जमा पक्ष में लिख दिए गए। (iv) मानव को की गई 5,000 रु. की उधार विक्रय को क्रय बही में 2,000 से अभिलेखित कर दिया। (v) क्रय बही का योग 1,000 क्रय लिखा गया। (vi) मशीन की 1,600 रु. की मरम्मत को त्रुटिवश मशीन खाते के नाम पक्ष में 1,000 रु. लिख दिया। (vii) नत्थूद्वारावापसकियागय मालस्टॉकमेंशामिलकरलियागया पुस्तकोंमेंइसकीकोईप्रविष्टिअभिलेखितनहीं कीगई। हल नोटः संशोधन के उपरांत भी उचंती खात 17,400 रु. का नाम शेष दर्शा रहा है। इसका कारण तलपट को प्रभावित करने वाली अशुद्धियों का पता नहीं लग पाता है। उचंती खाते का शेष अगले वर्ष आगे ले जाया जाएगा तथा बाकी अशुद्धियों के पता लग जाने पर उसे बंद कर दिया जाएगा। उदाहरण7 कैलाश के तलपट का मिलान नहीं हो पाया। उसके अंतर को उचंती खाते में रखा। निम्न अशुद्धियाँ ज्ञात की गईंः (i) कैलाश ने निजी प्रयोग हेतु 500 रू. की वस्तुएँ निकाली, जिसका अभिलेखन पुस्तकों में नहीं किया गया। (ii) रमेश से 2,040 रु. प्राप्त करते समय प्रदत्त 60 रु. का बट्टा पुस्तकों में अभिलेखित नहीं किया गया। (iii) रोहन को 3,250 रु. का भुगतान करते समय प्राप्त 50 रु. के बट्टे की खतौनी नहीं की गई। (iv)खलील, एक देनदार, जिसका खाता पहले डूबत-ऋण के रुप में अपलेखित किया गया था, से प्राप्त 700 रु. उसके व्यक्तिगत खाते से जमा पक्ष में लिख दिए गए। (v) गोविल, एक देनदार, से प्राप्त 5,000 रु. की खतौनी 500 रु. कर दी गई। (vi) महेश को वापस किये गये 700रु. के माल की खतौनी 70 रु. कर दी गई। (vii) नारायण से प्राप्त 1,000 रु. का प्राप्य विपत्र अनादरित हुआ जिसे त्रुटिवश भता खाते के नाम पक्ष में 10,000 रु. लिख दिया गया। उपरोक्त अशुद्धियों के संशोधन के लिए रोजनामचा प्रविष्टियँ दीजिए और तलपट में अंतर की राशि ज्ञात करने के लिए उचंती खाता तैयार कीजिए। हल स्वयं जाँचिए - 4 1. तलपट का मिलान प्रभावित होता हैः (अ) सिर्फ एक पक्षीय अशुद्धियों द्वारा; (ब) सिर्फ द्विपक्षीय अशुद्धियों द्वारा; (स) ‘अ’ और ‘ब’ दोनो से; (द) उपरोक्त में से कोइ नहीं 2. निम्न में से कौन सी अशुद्धि सैद्वांतिक अशुद्धि नहीं हैः (अ) फर्नीचर क्रय को क्रय खाते के ‘नाम’ में लिखना (ब) पुरानी क्रय की गई मशीन की मरम्मत को मरम्मत खाते के नाम में लिखना। (स) मनोज से प्राप्त नकद राशि की खतौनी सरोज के खाते में करना। (द) पूरानी कार के विक्रय खाते के जमा में लिखना। 3. निम्न में से कौन सी अशुद्धि लेख अशुद्धि नहीं हैंः (अ) विक्रय बही का योग अधिक लिखना। (ब) रमेश को की गई 5,000 रु. की उधार विक्रय को, उसके खाते के जमा में लिखना। (स) मशीन खाते गलत शेष निकालना। (द) नकद विक्रय क अभिलेखन रोकड़ बही में न करना। 4. निम्न में से किन अशुद्धि का संशोधन ‘उचंती खाते’ की सहयता से होगाः (अ) विक्रय बही का योग 1,000 रु. से कम लिखना। (ब) मधु द्वारा 1,000रु. की विक्रय वापसी का अभिलेखन करना। (स) मधु द्वारा 1,000 रु. की विक्रय वापसी का अभिलेखन क्रय वापसी बही में करना। (द) भधु द्वारा 1,000 रु. की विक्रय वापसी का अभिलेखन क्रम वापसी बही में करना। 5. यदि तलपट का मिलान हो जाए तो यह दर्शाता है किः (अ) पुस्तकों में कोई अशुद्धि नहीं है। (ब) पुस्तकों में द्विपद्वाीय अशुद्धियों हो सकती हैं। (स) पुस्तकों में एक पक्षीय अशुद्धियों हो सकती हैं। (द) पुस्तकाें में एक पक्षीय एवं द्विपक्षीय दोनों प्रकार की अशुद्धियाँ हो सकती हैं। 6. यदि उचंती खता संशोधन के पश्चात् भी बंद नही होता है तो इससे आश्य यह है किः (अ) पुस्तकों में एक पक्षीय त्रुटियाँ अभी विद्यमान हैं; (ब) पुस्तकों में कोई अशुद्धि नहीं है; (स) द्वि पक्षीय त्रुटियाँ विद्यमान है; (द) एक एवं द्वि, दोनों, पक्षीय त्रुटियाँ विद्यमान हैं। 7. यदि नई मशीनरी के स्थापन पर दी गई मजदूरी को मजदूरी खाते के नाम पक्ष के लिखा जाता है तो इसेः (अ) लेख अशुद्धि कहेंगे; (ब) सैद्धांतिक अशुद्धि कहेंगे; (स) क्षतिपूर्ति अशुद्धि कहेंगे; (द) लोप अशुद्धि कहेंगे। 8. तलपट एक: (अ) खाता है; (ब) विवरण है; (स) सहायक बही है; (द) मूल पुस्तक है। 9. तलपट का निर्माण: (अ) वित्तीय विवरणों को तैयार करने के पश्चात किया जाता है (ब) सहायक बहियों में सौदों के अभिलेखन के पश्चात किया जाता है (स) जब खाता बही में समस्त खतौनी कर ली जाती है (द) जब खाता बही में खतौनी पूरी कर ली जाती है और खातों का शेष निकाल लिया जाता है। इस अध्याय में प्रयुक्त शब्द
अधिगम उद्देश्यों के संदर्भ में सारांश 1.तलपट का अर्थः खाता बही के विभिन्न खातों के शेषों (नाम/जमा) का संक्षिप्त विवरण। 2.तलपट के उद्देश्यः तलपट बनाने के मुख्य उद्देश्य हैं। (i) खातों की अंकगणितीय शुद्धता का निर्धारण, (ii) अशुद्धियों का पता लगाने में सहायता करना, (iii)अंतिम खाते बनाने में सहायता करना। 3.शेष विधि से तलपट बनानाः इस विधि में तलपट के तीन स्तंभ होते हैं। पहला स्तंभ खाता शीर्ष का दूसरा खाता बही से प्रत्येक खाते के नाम शेष का और तीसरा स्तंभ उनके जमा शेष का। 4. अशुद्धियों के विभिन्न प्रकारः (i) लेख अशुद्धियाँः लेन-देन के गलत अभिलेखन, गलत योग, गलत शेष आदि। (ii) लोप अशुद्धियाँः अशुद्धियाँ जो खाता बहियों में किसी लेन-देन के अभिलेखन से पूर्णतः लोप हो जाने अथवा आंशिक रूप से लोप हो जाने से होती हैं। (iii) सैद्धांन्तिक अशुद्धियाँः अशुद्धियाँ जो प्राप्ति एवं भुगतान के आगम एवं पूँजीगत प्रप्तियों तथा आगम एवं पूँजीगत व्ययों गलत वर्गीकरण के कारण होती है। (iv) क्षतिपूरक अशुद्धियाँः दो या दो से अधिक अशुद्धियाँ जो इस प्रकार से होती हैं। कि इनका शुद्ध प्रभाव खातों के नाम पक्ष एवं जमा पर नहीं पड़ता। 5.अशुद्धियों कासंशोधनः जो अशुद्धियाँ केवल खाते को प्रभावित करती है उनका शोधन विवरणात्मक टिप्प्णी देकर या फिर रोजनामचा में प्रविष्टि कर किया जाता है। जिन अशुद्धियों से दो या अधिक खाते प्रभावित होते हैं उनका शोधन रोजनामचा प्रविष्टि के द्वारा किया जाता है। 6.उचंती खाते का अर्थ एवं उपयोगिताःवह खाता जिसमें तलपट के दोनो स्तंभों में अन्तर को तब तक दिखाया जाता है जब तक कि अशुद्धियों को ढूँढ कर उनका शेधन न कर लिया गया हो। 7.उचंती खाते का निपटानः जब सभी अशुद्धियों को ढूंढ लिया जाता है एवं उनका शोधन कर लिया जाता है तो उचंती खाता बंद हो जाता है। अभ्यास के लिए प्रश्नलघु उत्तरीय प्रश्न1. तलपट का अर्थ बताइए? 2. सैद्धान्तिक अशुद्धि के दो उदाहरण दीजिए? 3. लेख अशुद्धि के दो उदाहरण दीजिए? 4. तलपट को तैयार करने की विधियाँ बताएँ? 5. तलपट में से अशुद्धि को ढूँढने के लिए लेखाकार क्या कदम उठाता है? 6. उचंती खाता क्या है? क्या यह लेखा आवश्यक है कि लेखाकार द्वारा अशुद्धि को ढूँढ निकाल कर उसके शोधन के पश्चात उचंती खाता कोई शेष नहीं दिखाएगी यदि नहीं तो इस बचे हुए शेष का क्या होगा? 7. तलपट में अन्तर किस प्रकार की अशुद्धियों के कारण होता है। उन उदाहरणों की सूची बनाइए जो तलपट के मिलान से भी उजागर नहीं होंगी। 8. तलपट की सीमाओं का उल्लेख कीजिए? दीर्घ उत्तरीय प्रश्न1.तलपट बनाने के उद्देश्य की व्याख्या कीजिए। 2. सैद्धान्तिक अशुद्धियों को समझाइए। इनके दो उदाहरण शोधन उपायों के साथ दीजिए। 3. लेख अशुद्धियों को समझाइए। इनके दो उदाहरण शोधन उपायों के साथ दीजिए। 4. सामान्यतः व्यावसायिक लेन-देनों के अभिलेखन के समय की जाने वाली अशुद्धियां कौन-कौन सी होती हैं? 5. आप एक कंपनी के लेखापाल है। यह जानने के पश्चात् कि आपके द्वारा बताए गये तलपट के जोड़ समान नहीं है आप बहुत निराश हुए। बारीकी से निरीक्षण करने के पश्चात् आपको केवल एक अशुद्धि का पता चल पाया। कार्यालय उपकरण खाते का 15,600 रु. का नाम शेष तलपट में दर्शाया गया था। हालाँकि 3,500 रु. की राशि पर पेनड्राइव के उधार क्रय की रोजनामचे से खतौनी कार्यालय उपकरण खाते के नाम पक्ष में कर दी गई। निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देें और गलत कथन की राशि भी बताएँ। (अ) क्याकार्यालयउपकरणकी राशिकोतलपटमेंकमअथवाअधिक अथवासहीदर्शायागयाहै। (ब) क्या कार्यालय उपकरण की राशि को तलपट में कम अथवा अधिक अथवा सही दर्शाया गया है। (स) क्या तलपट के जमा स्तंभ का योग अधिक कम अथवा ठीक मूल्य पर दर्शाया गया है? (द) क्यातलपटके नामस्तंभकायोगतलपटमेकम अथवाअधिकअथवासहीदर्शायागयाहै। (य) यदि अशुद्धियों के संशोधन से पूर्व तलपट के नाम स्तंभ का योग 2,40,000 रु. है तो जमा स्तंभ का योग कितना होगा। अंकिक प्रश्न1. निम्नलिखित अशुद्धियों को संशोधित कीजिएः (i) मोहन को 7,000 रु. की उधार बिक्री का अभिलेखन नहीं किया गया। (ii) रोहन से 9,000 के उधार क्रय का अभिलेखन नहीं किया गया। (iii) राकेश को वापस किये गए 4,000 रु. की माल का अभिलेखन नहीं हुआ। (iv) महेश से वापस प्राप्त 1,000 रु. के माल का अभिलेखन नहीं हुआ। 2. निम्न अशुद्धियों का संशेाधन कीजिएः (i) मोहन को 7,000 रु. की उधार बिक्री का अभिलेखन नहीं किया गया। (ii) रोहन सेे 9,000 रु. की उधार क्रय का अभिलेखन 900 रु. किया गया। (iii) राकेश को वापस की गई 4,000 रु. के माल का अभिलेखन400 रु. किया गया। (iv) महेश ने वापस प्राप्त 1,000 रु. के माल का अभिलेखन 100 रु. किया गया। 3. निम्न अशुद्धियों का संशोधन कीजिएः (i) मोहन को 7,000 रु. की उधार विक्रय का अभिलेखन 7,200 रु. किया गया। (ii) रोहन से 9,000 रु. की उधार क्रय का अभिलेखन 9900 रु. किया गया। (iii) राकेश को वापस किये गए 4,000 रु. के माल का अभिलेखन 4,040 रु. पर किया गया। (iv) महेश ने वापस प्राप्त 1,000 रु. के माल का अभिलेखन 1,600 रु. किया गया। 4. निम्न अशुद्धियों का संशोधन कीजिएः (i)5,000 रु. के वेतन भुगतान को कर्मचारी के व्यक्तिगत खाते के नाम पक्ष में लिखा गया। (ii)4,000 के किराया भुगतान को भूस्वामी के व्यक्तिगत खाते के नाम में लिखा गया। (iii) व्यवसाय के स्वामी द्वारा निजी प्रयोग हेतु 1,000 रु. का माल निकाला गया, इसे ‘विविध व्यय’ खाते के नाम पक्ष में लिखा गया। (iv) कोहली से प्राप्त 2,000 रु. की खतौनी कपूर के खाते में कर दी गई। (v) बाबू को दिए गए 1,500 रु. के नकद भुगतान की खतौनी साबू के खाते में की गई। 5. निम्न अशुद्धियों का संशोधन कीजिएः (i) मोहन को की गई 7,000 रु. के विक्रय को क्रय बही में अभिलेखित किया गया। (ii) रोहन से की गई 900 रु. की उधार क्रय को विक्रय बही में अभिलेखित किया गया। (iii) राकेश को लौटाई गई 4,000 रु. की वस्तुओं का अभिलेखन विक्रय वापसी बही में किया गया। (iv) महेश से वापस प्राप्त 1,000 रु. के माल को क्रय वापसी बही में अभिलेखित किय गया। (v) महेश को वापस की गई 2,000 रु. के माल को क्रय बही में अभिलेखित किया गया। 6. निम्न अशुद्धियों का संशोधन कीजिएः (i) विक्रय बही का योग 700 रु. अधिक लगाया गया। (ii) क्रय बही का योग 500 रु. अधिक लगाया गया। (iii) विक्रय वापसी बही का योग 300 रु. अधिक लगाया गया। (iv) क्रय वापसी बही का योग 200 रु. से अधिक लगाया गया। 7. निम्न अशुद्धियों का संशोधन कीजिएः (अ) विक्रय बही का योग 300 रु. कम लगाया गया। (ब) क्रय वापसी बही का योग 400 रु. कम लगाया गया। (स) विक्रय वापसी बही का योग 200 रु. कम लागाया गया। (द) क्रय वापसी बही का योग 100 रु. कम लगाया गया। 8. निम्न अशुद्धियों का संशोधन कीजिए तथा उचंती खाता तैयार कर अंतर की राशि को ज्ञात कीजिएः (अ) मोहन को 7,000 रु. की उधार विक्रय की खतौनी नहीं की गई। (ब) रोहन से 9,000 रु. की उधार क्रय की खतौनी नहीं की गई। (स) राकेश को वापस की गई 4,000 रु. के माल की खतौनी नही की गई। (द) महेश द्वारा वापस की गई 1,000 रु. के माल की खतौनी नही की गई। (य) गणेश को किए गए 3,000 रु. के नकद भुगतान की खतौनी नहीं की गई। (फ) 2,000 रु. नकद विक्रय की खतौनी नहीं की गई। उत्तरः (तलपट में अंतर 2,000 रु. अधिक जमा) 9. निम्न अशुद्धियों के का शोधन कीजिए तथा उचंती खाता तैयार कर तलपट में अंतर ज्ञात कीजिएः (अ) मोहन को 7,000 रु. के उधार विक्रय की खतौनी 9,000 रु. से कर दी गई। (ब) रोहन से 9,000 रु. के उधार क्रय की खतौनी 6,000 रु. से कर दी गई। (स) राकेश को वापस की गई 4,000 रु. के माल की खतौनी 5,000 रु. से कर दी गई। (द) महेश द्वारा वापस की गई 1,000 रु. के माल की खतौनी 3,000 रु. से कर दी गई। (य) 2,000 रु. की नकद विक्रय की खतौनी 200 रु. से कर दी गई। (उत्तरः तलपट में अंतर 5,800 रु. अधिक नाम) 10. निम्नलिखित अशुद्धियों का संशोधन कीजिएः (अ) मोहन को 7,000 रु. के उधार विक्रय की खतौनी करण के खाते में कर दी गई। (ब) रोहन से 9,000 रु. के उधार क्रय की खतौनी गोविंद के खाते में कर दी गई। (स) राकेश को वापस किये गये 4,000 रु. के माल की खतौनी नरेश के खाते में कर दी गई। (द) महेश द्वारा वापस किये गये 1,000 रु. के माल की खतौनी मनीष के खाते में कर दी गई। (य) 2,000 रु. के नकद विक्रय की खतौनी ‘कमीशन’ खाते में 200 रु. से कर दी गई। 11. निम्नलिखित अशुद्धियों का संशोधन यह मानकार कीजिए कि उचेती खाता खोला गया था। तलपट में अंतर की राशि ज्ञात कीजिएः (अ) मोहन को 7,000 रु. के उधार क्रय की खतौनी उसके खाते के नाम पक्ष में कर दी गई। (ब) रोहन से उधार 9,000 रु. के उधार क्रय की खतौनी उसके खाते के नाम पक्ष में 6,000 रु. से कर दी गई। (स) राकेश को वापस किये गये 4,000 रु. के माल की खतौनी उसके खाते के जमा पक्ष में कर दी गई। (द) महेश द्वारा वापस किये गये 1,000 रु. के माल की खतौनी उसके खाते के नाम पक्ष में 2,000 रु. से कर दी गई। (य) 2,000 रु. की नकद विक्रय की खतौनी विक्रय खाते के नाम पक्ष में 5,000 से कर दी गई। (उत्तरः तलपट में अंतर - 3,000 रु. अधिक नाम) 12.निम्नलिखित अशुद्धियों का संशोधन यह मान कर कीजिए कि उचंती खाता खोला गया है। तलपट में अंतर की राशि ज्ञात कीजिएः (अ) मोहन को 7,000 रु. की उधार विक्रय की खतौनी करण के खाते में 5,000 रु. से कर दी गई। (ब) रोहन से 9,000रु. का उधार क्रय गोविन्द के खाते में 10,000 रु. से नाम पक्ष में लिखा गया। (स) राकेश को 4,000रु. की माल वापसी की खतौनी नरेश के खाते के जमा पक्ष में 3,000 रु. से की गई। (द) महेश से 1,000 की माल वापसी की खतौनी मनीष के खाते के नाम पक्ष में 2,000 रु. से की गई। (य) 2,000रु. का नकद विक्रय की खतौनी कमीशन खाते में 200 रु. से कर दी गई। (उत्तरः तलपट में अंतर 14,800रु. अधिक नाम) 13.यह मानते हुए कि उचंती खाता खोला गया है निम्नलिखित अशुद्धियों का शोधन करें साथ ही तलपट में अन्तर की राशि ज्ञात करें। (i) मोहन को 7,000 रु. के उधार विक्रय का अभिलेखन क्रय बही में कर दिया गया हालाँकि मोहन का खाता सही नाम किया गया था। (ii) रोहन से 9,000 रु. के उधार क्रय का अभिलेखन विक्रय बही में कर दिया गया हालाँकि रोहन के खाते को सही जमा किया गया था। (iii) राकेश को 4,000 रु. के माल वापसी का अभिलेखन विक्रय वापसी बही में कर दिया गया हालाँकि महेश के खाते को सही जमा किया गया था। (iv)महेश से 1,000रु. के माल वापसी का अभिलेखन क्रय वापसी बही में कर दिया गया हालांकि महेश के खाते को सही नाम किया गया था। (v) नरेश को 2,000रु. की माल वापसी का अभिलेखन क्रय वही में कर दिया गया हालाँकि नरेश के खाते को सही नाम किया गया था। (उत्तरः तलपट में अन्तर 6,000 रु. अधिक नाम) 14. निम्नलिखित अशुद्धियों का संशोधन कीजिएः (अ) 10,000 रु. के फर्नीचर क्रय को गलती से क्रय खाते के नाम पक्ष में लिखा गया। (ब) रमन से उधार क्रम की गई 20,000 रु. की मशीन का अभिलेखन क्रय बही में कर दिया गया। (स) मशीन की मरम्मत पर व्यय1,400 रु. को मशीन खाते के नाम पक्ष में लिखा गया। (द) पुरानी क्रय की गई मशीन की मरम्मत पर हुए 2,000 रु. के व्यय को ‘मरम्मत खाते’ के नाम पक्ष में लिखा गया। (य) पुरानी मशीन (जिसका मूल्य 3,000 रु. है) के विक्रय को विक्रय खाते के जमा पक्ष की ओर लिखा गया। 15. उचंती खाते के खोलते हुए निम्नलिखित अशुद्धियों का शोधन कीजिए साथ ही तलपट में अन्तर की राशि ज्ञात कीजिए। (i)10,000 रु. की राशि पर खरीदे गए फर्नीचर को क्रय खाते के नाम पक्ष में4,000रु. से दर्शाया गया। (ii) रमन से 20,000रु. उधार पर खरीदी गई मशीनरी का अभिलेखन क्रय बही में 6,000रु. की राशि से किया गया (iii) मशीनरी की मरम्मत पर हुए 1,400 रु. के व्यय को मशीनरी खाते में 2,400रु. से नाम किया गया। (iv)खरीदी गई पुरानी मशीनरी की मरम्मत पर व्यय हुए 2,000रु. को मरम्मत खाते में 200रु. से नाम किया गया। (v) 3,000रु. के पुस्तक मुल्य पर दिखाई गई पुरानी मशीनरी को विक्रय खाते में 5,000 रु. से जमा किया गया। (उत्तर: तलपट में अन्तर 8,800अधिक जमा) 16. निम्नलिखित अशुद्धियों का शोधन कीजिएः (अ) मशीन पर लगाए गए 4,000रु. के ह्रास की खतौनी नहीं की गई। (ब) 5,000 रु. अपलेखित डूबत-ऋण की खतौनी नहीं की गई। (स) देनदार से नकद प्राप्त करते समय उसे प्रदान की गई 100रु. की छूट की खतौनी नहीं की गई। (द) देनदार से प्राप्त 2,000 रु. की प्राप्य-विपत्र राशि की खातौनी नहीं की गई। 17. निम्नलिखित अशुद्धियों का शोधन करेंः (i) मशीनरी पर लगाए गए 4,000 रु. की ह्रास राशि की खतौनी 400 रु. की गई। (ii)5,000 रु. के अपलिखित डूबत ऋणों की खतौनी 6,000 रु. से की गई। (iii) देनदार को दिया गया 100 रु. के बट्टे की खतौनी 60 रु. से की गई। (iv) व्यापार के स्वामी द्वारा व्यक्तिगत उपयोग के लिए 800 रु. के आहरित माल की खतौनी 300 रु. से की गई। (v) देनदार से प्राप्त 2,000 रु. के प्राप्य-विपत्र की खतौनी 3,000रु. से की गई। 18. निम्नलिखित अशुद्धियों का शोधन यह मानकर कीजिए कि उचंती खाता खोला गया था। तलपट में अंतर की राशि ज्ञात कीजिएः (अ) मशीन पर लगाए गए (आरोपित) 4,000 रु. के ह्रास की खतौनी ह्रास खाते में नहीं की गई। (ब) 5,000 रु. से अपलेखित डूबत-ऋण की खतौनी ‘देनदार खाते’ में नहीं की गई। (स) देनदार से नकद प्राप्त करते समय उसे प्रदान की गई 100 रु. के बट्टे की खतौनी ‘आहरण खाते’ में नहीं की गई। (द) व्यापार के स्वामी के द्वारा 800 रु. के आहरित माल की खतौनी आहरण खाते में नही की गई। (य) देनदार से प्राप्त 2,000 रु. के प्राप्य-विपत्र की खतौनी प्राप्य-विपत्र खाते में नहीं की गई। (उत्तरः तलपट में अंतर- 1,900 रु. अधिक जमा) 19. अनुज के तलपट का मिलान नहीं हुआ है। यह 6,000 रु. अधिक जमा दर्शाता है। उसने अंतर को उचंती खाते में रखा। उसने निम्न अशुद्धियों का पता लगायाः (अ) रवीश से प्राप्त 8,000 रु. की खतौनी उसके खाते में 6,000रु. से की गई। (ब) विक्रय वापसी बही का योग 1,000से अधिक लिखा गया। (स) विक्रय बही के 10,000 रु. के योग की खतौनी विक्रय खाते में नहीं की गई। (द) नानक से 7,000 रु. के उधार माल क्रय की खतौनी विक्रय बही में कर दी गई जबकि नानक के खाते में सही जमा किया गया था। (य) 10,000 रु. की मशीन क्रम की खतौनी क्रय खाते में 5,000 रु. से कर दी गई। (उत्तरः उचंती खाता योग - 19,000 रु.) 20. राजू का तलपट 10,000 रु. अधिक नाम दर्शाता है। उसने अंतर को उचंती खाते में रखा और निम्न अशुद्धियों का पता लगायाः (अ) फर्नीचर पर अपलेखित 6,000 रु. के ह्रास राशि की खतौनी फर्नीचर खाते में नहीं की गई। (ब) रूपम को10,000 रु. को उधार विक्रय का अभिलेखन 7,000 रु. पर किया गया। (स) क्रय बही योग 2,000 रु. कम लिखा गया। (द) राणा को 5,000 रु. की नकद विक्रय की खतौनी नहीं की गई। (य) 7,000 रु. में पुरानी मशीन के विक्रय को, विक्रय खाते जमा पक्ष में लिखा गया। (फ) कानन को नकद भुगतान करने समय उससे प्राप्त 800 रु. के बट्टे की खतौनी नहीं की गई। उपरोक्त अशुद्धियों संशोधित कजिए और उचंती खाता तैयार कीजिए। (उत्तरः उचंती खाते में शेष 1,000 रु. (जमा) आगे ले जाया गया।) 21. मदन के तलपट का मिलान नहीं हुआ और उसने अंतर को उचंती खाते में रखा, उससे निम्न अशुद्धियों का पता लगायाः (अ) विक्रय वापसी बही का योग 800 रु. से अधिक था। (ब) साहू को 2,000रु. की क्रय वापसी की खतौनी नहीं की गई। (स) नरूला से उधार क्रय की गई 4,000 रु. के माल को हालाँकि ‘स्टॉक’ में शामिल कर लिया गया था परंतु पुस्तकों में कोई प्रविष्टि नहीं लिखी गई। (द) नई मशीन की खरीद पर 500 रु. के ‘स्थापना व्यय’ को ‘विवध व्यय’ खाते के नाम पक्ष में 50 रु. से लिखा गया। (य) मदन (व्यवसाय का स्वामी) के आवास के 1,400रु. किराया भुगतान को किराया खते के नाम लिखा गया। उपरोक्त अशुद्धियों को सशोधित कीजिए, तथा तलपट में अंतर की राशि ज्ञात करने के लिए उचंती खाता तैयार कीजिए। (उत्तरः तलपट में अंतर- 2,050 रु. अधिक जमा) 22. कोहली के तलपट का मिलान नहीं हुआ यह 16,300 रु. अधिक नाम दर्शाता है। उसने अंतर उचंती खाते में रखा और निम्न अशुद्धियों का पता लगायाः (अ) रजत से प्राप्त 5,000 रु. नकद की खतौनी कमल के नाम पक्ष में 6,000 रु. से कर दी गई। (ब) कर्मचारी को 2,000 रु. के वेतन भुगतान को उसके व्यक्तिगत खाते के नाम पक्ष में 1,200 रु. लिखा गया। (स) व्यवसाय के स्वामी द्वारा निजी प्रयोग हेतु निकाली गई 1,000 रु. के माल को विक्रय खाते के नाम पक्ष में 1,600 रु. लिखा। (द) मशीन पर लगाये गए 3,000 रु. के ह्रास की खतौनी मशीन खाते में 300 रु. से की गई। (य) 10,000 रु. में पुरानी कार के विक्रय को विक्रय खाते जमा पक्ष में 6,000 रु. लिखा गया। (उत्तरः उचंती खाते का योगः 17,700 रु.) 23. यह मानते हुए कि उचंती खाता खोला गया है, निम्न अशुद्धियों को संशोधित करने के लिए रोजनामचा प्रविष्टियाँ दीजिएः (अ) 5,000 रु. के माल का मुफ्त सैंपल के रूप में वितरण का अभिलेखन पुस्तकों में नहीं किया गया। (ब) व्यवसाय के स्वामी द्वारा निजी प्रयोग हेतू निकाली गई 2,000 रु. के माल का अभिलेखन पुस्तकों में नहीं किया गया। (स) देनदार से प्राप्त 6,000 रु. के प्राप्य-विपत्र की खतौनी उसके खाते में नही की गई। (द) विक्रय वापसी बही के 1,200 रु. के योग की खतौनी क्रय वापसी खाते में कर दी गई। (य) रीमा से नकद प्राप्त करने समय उसे प्रदान की गई 700 रु. के बट्टे का अभिलेखन पुस्तकों में 70 रु. कर दिया गया। (उत्तरः तलपट में अंतर 3,600 रु. अधिक नाम) 24. खटाऊ के तलपट का मिलान नहीं हुआ। उसने अंतर को उचंती खाते में रखा और निम्न अशुद्धियों का पता लगायाः (अ) मानस को 16,000 रु. की उधार विक्रय को क्रय बही में 10,000 रु. से अभिलेखित किया गया और वहाँ से इसकी खतौनी मानस के नाम पक्ष में 1,000 रु. से की गई। (ब) नूर से5,000 रु. के फर्नीचर क्रय को क्रय बही में 5,000 रु. से अभिलेखित किया गया और वहाँ से इसकी खतौनी नूर के नाम पक्ष में 2,000 रु. से की गई। (स) राय को वापस किये गए 3,000 रु. के माल को विक्रय बही में 1,000 से अभिलेखित किया गया। (द) मनीष को 2,000 रु. की पुरानी मशीन की विक्रय को विक्रय बही में 1,800 रु. से अभिलेखित किया गया और मनीष के जमा पक्ष में इसकी खतौनी 1,200रु. से की गई। (य) विक्रय वापसी बही के 2,800रु. के योग की खतौनी क्रय खाते में की गई। (उत्तरः तलपट में अंतर - 15,000 रु. अधिक नाम) 25. जॉन के तलपट का मिलान नहीं हुआ। उसने अंतर को उचंती खाते में रखा और निम्न अशुद्धियाँ पता लगाईंः (अ) विक्रय बही में जनवरी माह का योग पृष्ठ संख्या 2से पृष्ठ संख्या 3 में 1,200 रु. के बदले 1,000 रु. आगे ले जाया गया और पृष्ठ संख्या 6का योग पृष्ठ संख्या 7 पर 5,000 के बदले 5,600 आगे ले जाया गया। (ब) मशीन की स्थापना के लिए500 रु. मजदूरी भुगतान की खतौनी मजदूरी खाते में 50 रु. की गई। (स) आर. एंड कं. 10,000 रु. के फर्नीचर की उधार क्रय की प्रविष्टि क्रय बही में 6,000 से की गई तथा वहां से आर एंड कं. को इसकी खतौनी 1,000 रु. से की गई। (द) मोहन को की गई 5,000 रु. की उधार विक्रय को क्रय बही में अभिलिखित किया गया। (य) राम को लौटाई गई 1,000 रु. की वस्तुओं का अभिलेखन विक्रय बही में किया गया (फ) एस एंड कं. से 6,000 रु. के उधार क्रय का अभिलेखन विक्रय बही में किया गया। हालाँकि एस. एंड कं. को सही जमा लिखा गया। (ग) एम एंड कं. से 6,000 रु. की उधार खरीद को विक्रय बही में 2,000 रु. से अभिलेखित किया गया और वहॉं से इसकी खतौनी एम एंड कं. के जमा में 1,000 रु. से की गई। (द) रमन को की गई 4,000 रु. की उधार विक्रय की खतौनी राघवन के जमा पक्ष में 1,000 रु. से कर दी गई। (इ) नूर से प्राप्त 1,600 रु. प्राप्त-विपत्र अनादरित हो गया और इसकी खतौनी ‘भत्ता’ खाते के ताम पक्ष में कर दी गई। (ज) अपनी स्वीकृति (देय-विपत्र) के बदले मणि को किए गए 5,000 रु. के नकद भुगतान को मनु के खाते में नाम लिया गया। (क) 3,000 रु. के पुराने फर्नीचर की विक्रय की खतौनी विक्रय बही में 1,000रु. से कर दी गई। (ल) फर्नीचर पर लगाए गए 800 रु. के ह्रास की खतौनी नहीं की गई। (म) 10,000 रु. की सामग्री का उपयोग और 3,000 रु. की मजदूरी का भुगतान, भवन के निर्माण में हुआ। पुस्तकों में इसकी कोई समायोजन प्रविष्टि नहीं की गई। उपरोक्त अशुद्धियों को संशोधित कीजिए और तलपट में अंतर ज्ञात करने के लिए उचंती खाता तैयार कीजिए। (उत्तरः तलपट में अंतर - 13,850 रु. अधिक ‘जमा’) स्वयं जाँचिए - 1 तलपट का योग 5,17,000 रु. स्वयं जाँचिए - 2 स्वयं जाँचिए - 3 2. आंशिक लोप की अशुद्धि 3. लेख की अशुद्धि 4.लेख की अशुद्धि स्वयं जाँचिए - 4 1.(स) 2. (स) 3. (द) 4. (अ) 6. (ब) 7. (अ) 8. (ब) 9. (ब) 10. (द) तलपट की अशुद्धियां कौन कौन सी होती है?लेख अशुद्धियाँ : इस प्रकार की अशुद्धियाँ लेखापाल की लापरवाही के कारण होती हैं। तलपट तैयार करते हुए ये दिखाई नहीं देती। माना ₹ 10,000 की बिक्री को पुस्तकों में ₹ 100 लिखा गया। दोनों खातों के शेष, (बिक्री खाते का और रोकड़ खाते का) केवल ₹ 100 से प्रभावित होगा और इस प्रकार तलपट के शेष पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
कौन सी अशुद्धियाँ तलपट को प्रभावित नहीं करती है?असमान नाम एवं जमा शेषों को प्रभावित नहीं करतीं । उदाहरण के लिए लेखापाल रोजनामचा में प्रविष्टि के समय या रोजनामचा प्रविष्टि की खाता बही में खतौनी करते समय सही राशि को गलत खाते के नाम पक्ष में लिख सकता है। इस अशुद्धि के कारण दो खातों के शेष अशुद्ध होंगे। लेकिन फिर भी तलपट का मिलान हो जाएगा।
अशुद्धियां कितने प्रकार की होती है उदाहरण सहित समझाइए?अशुद्धियाँ दो प्रकार की हो सकती हैं : (i) जिनके कारण तलपट का मिलान नहीं होता है, (ii) जिनका तलपट के मिलान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
अशुद्धियों से आप क्या समझते हैं?अशुद्धियों से आप क्या समझते हैं
साधारण शब्दों में कहा जाए तो किसी भी कार्य को करने में व उस कार्य के करने के बाद उसमें जो गलतियां पाई जाती हैं अशुद्धियां कहलाती है। उदाहरण – जब हम बचपन में A,B,C,D लिखते थे तो B को उल्टा करके लिख देते थे। यहां B को उल्टा करके लिखना ही अशुद्धि हैं।
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