शिव का दूसरा नाम क्या है? - shiv ka doosara naam kya hai?

  • शिव का दूसरा नाम क्या है? - shiv ka doosara naam kya hai?

    कोई कहे भोले तो कोई कहे महेश

    आज से भगवान शिव का सबसे पवित्र महीना सावन शुरू हो गया है और अब शिव भक्‍त एक महीने तक सब कुछ भूलकर अपने आराध्‍य देवता की भक्ति में लीन रहेंगे। कोई इन्‍हें भोलेबाबा कहता है तो कोई शिवजी के नाम इनकी पूजा करता है। कहीं यह महेश हैं तो कहीं पशुपतिनाथ। आइए ऐसे ही शिवजी के 10 नाम आपको बताते हैं जिनको जपने से आपकी सभी समस्‍याएं हो जाएंगी दूर…

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    विश्‍वंभर

    भगवान शिव का यह नाम उन्‍हें समूचे संसार के देवता के रूप में स्‍थापित करता है। अगर आपको नौकरी में किसी प्रकार की समस्‍या आ रही है या फिर आपके रोजगार प्राप्ति की दिशा में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तो आप सावन में भगवान शिव के इस नाम का जप करके लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं। ऐसा करने से आपकी रोजगार संबंधी समस्‍या दूर हो जाएगी।

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    महेश

    भगवान शिव का यह नाम महा और ईश से मिलकर बना है। जो उनके दयालु स्‍वभाव को दर्शाता है। कारोबार में आ रही समस्‍याओं को दूर करने के लिए आप भगवान शिव के इस नाम का जप करें तो आपको लाभ प्राप्‍त होगा और आपकी सभी समस्‍याएं दूर हो जाएंगी।

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    आशुतोष

    भगवान शिव का यह रूप मुख्‍य रूप से गृहस्‍थ आश्रम से जुड़े लोगों के लिए है। अगर आपके दांपत्‍य जीवन में किसी प्रकार की कलह चल रही है तो सावन के महीने में भगवान शिव के इस नाम का जप करें तो आपके घर में सभी प्रकार की समस्‍याएं खत्‍म हो जाएंगी और पति-पत्‍नी के आपसी रिश्‍तों में सुधार आएगा।

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    रूद्र नाम के लाभ

    भगवान शिव का यह नाम उनके क्रोधित रूप को दर्शाता है। भगवान के इस नाम का जप आपको दोपहर के बाद करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी संतान का व्‍यवहार आपके प्रति सुधरेगा। रूद्र नाम का जप पूरा करने के बाद अपनी संतान का नाम 11 बार लें।

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    शिवजी बने नटराज

    भगवान शिव के नटराज रूप में हमें उनका नृत्‍य स्‍वरूप नजर आता है। यशकीर्ति पाने के लिए भगवान शिव के इस नाम का जप करें। मान्‍यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव के नटराज रूप को याद करने से सभी प्रकार की विपत्तियां कटती हैं। इससे आपका मान-सम्‍मान बढ़ेगा और यश प्राप्‍त होगा।

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    भोलेबाबा की कृपा

    भगवान शिव का यह रूप बहुत ही भोला होता है। माना जाता है शिवजी का यह रूप भक्‍तों के प्रति बेहद दयालु होता है। जलाभिषेक और बेलपत्र चढ़ाने से ही इस रूप की कृपा मिलती है। जितना ज्यादा शिव के इस नाम का जप करेंगे उतना ही ज्यादा लाभ होगा।

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    शिवजी खोलेंगे मोक्ष का द्वार

    भगवान शिव का यह रूप मोक्ष के द्वार खोलता है। सावन में रोजाना शिवजी का यह नाम जपने से घर में सुख समृद्धि आती है और घर परिवार के धन वैभव में वृद्धि होती है।

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    पशुपतिनाथ

    भगवान शिव का यह रूप मानव के साथ पशुओं की रक्षा करने वाला माना गया है। पशुपतिनाथ को केदारनाथ का आधा भाग माना जाता है। नेपाल की राजधानी काठमांडू में भगवान पशुपतिनाथ का बहुत ही भव्‍य मंदिर स्‍थापित है। यहां का शिवलिंग भी तीन मुख वाला है।

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    कैलाशपति

    कैलाश पर्वत पर ब्रह्मांड के आधिपति भगवान शिव का वास होने की वजह से उन्‍हें कैलाशपति के नाम से भी पूजा जाता है। माता पार्वती के साथ भगवान गणेश का यह रूप पूरे परिवार का कल्‍याण करता है।

शिव के कुल कितने नाम है?

शास्त्रों और पुराणों में भगवान शिव के अनेक नाम है। जिसमें से 108 नामों का विशेष महत्व है।

शंकर भगवान का दूसरा नाम क्या है?

इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है

शिव के 12 नाम कौन कौन से हैं?

राजश्री कासलीवाल.
भगवान शिव के 12 नामों का स्मरण करें। सोमनाथ.
मल्लिकार्जुन महाकालेश्वर.
ओंकारेश्वर वैद्यनाथ.
भीमाशंकर रामेश्वर.
नागेश्वर विश्वनाथ.
त्र्यम्बकेश्वर केदारनाथ.
घृष्णेश्वर ।। इति श्री शिव द्वादशनामावली: सम्पूर्णा।।.

महादेव का पहला नाम क्या है?

तब ब्रह्मा ने शिव का नाम 'रूद्र' रखा जिसका अर्थ होता है 'रोने वाला'। शिव तब भी चुप नहीं हुए। इसलिए ब्रह्मा ने उन्हें दूसरा नाम दिया पर शिव को नाम पसंद नहीं आया और वे फिर भी चुप नहीं हुए। इस तरह शिव को चुप कराने के लिए ब्रह्मा ने 8 नाम दिए और शिव 8 नामों (रूद्र, शर्व, भाव, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव) से जाने गए।