नई दिल्ली: न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव का नाम सुनते ही ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शनिदेव (Shani Dev) हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. खासकर शनि की साढ़ेसाती (Shani Ki Sadhesati) का नाम सुनते ही ऐसा लगता है कि कुछ बुरा होने वाला है और नकारात्मक प्रभाव ही झेलने पड़ेंगे. लेकिन ये गलत धारणा है. शनि की साढ़ेसाती अच्छे और बुरे दोनों तरह के फल दे सकती है. शनि की साढ़ेसाती व्यक्ति को कैसा फल देगी यह व्यक्ति की जन्म कुंडली (Kundli) के योग पर निर्भर करता है. गोचर का शनि जब चंद्र राशि से एक भाव पहले भ्रमण करना शुरू करता है तब व्यक्ति की शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है. Show शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपायशनि की साढ़ेसाती की वजह से जीवन में बदलाव अवश्य होता है और यह बदलाव अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी. लेकिन अगर शनि की साढ़ेसाती से अशुभ परिणाम (Bad Effects) मिलने वाले हों तो ऐसी स्थिति में परेशानियों से बचने के लिए आपको क्या-क्या उपाय करने चाहिए, इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं. ये भी पढ़ें- शनि के इन मंदिरों के दर्शन मात्र से दूर होते हैं साढ़ेसाती के कष्ट 1. हनुमान जी की पूजा करें: शास्त्रों की मानें तो एक बार शनिदेव ने हनुमान जी (Lord Hanuman) को वचन दिया था कि जो भी हनुमान जी की पूजा करेगा उसे शनिदेव कभी परेशान नहीं करेंगे. इसलिए शनि की साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का भी पाठ करें. इसके अलावा सुंदरकांड का पाठ और श्रीहनुमाष्टक का पाठ करने से भी शनि से मिलने वाले कष्ट कम हो जाते हैं. 2. शनि के बीज मंत्र का जाप: शनि की साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए शनि का दान, मंत्र जाप और पूजा करने से भी काफी राहत मिलती है. इसके अलावा शनि के बीज मंत्र- “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:” का जाप और बीज मंत्र के बाद शनि स्तोत्र का पाठ करने से भी लाभ प्राप्त हो सकता है. इसके अलावा शनि की साढ़ेसाती के दौरान शनि मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. ये भी पढ़ें- शनिदेव को प्रसन्न करने के 7 महाउपाय 3. पीपल के वृक्ष के पास दीया जलाएं: अगर किसी व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो तो प्रतिदिन और खासकर शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के पास दीया जलाना काफी फायदेमंद हो सकता है. इससे शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती है और शनि से जुड़े सभी दोष भी खत्म हो जाते हैं. 4. शनिवार को उपवास रखें: शनि से संबंधित दुष्प्रभावों को शांत करने के लिए आप चाहें तो शनिवार के दिन व्रत रखें और शनिदेव की पूजा करके उन्हें नीले रंग का फूल अर्पित करें. साथ ही इस दिन शनि से संबंधित चीजें जैसे- काली उड़द की दाल, काले वस्त्र, तेल, लोहा, काला तिल, आदि का दान करना भी फायदेमंद हो सकता है. धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. VIDEO Shaniwar Ke Upay, Shani Sade Sati, Shani Dhaiya, Upay, Totke, Remedies: पांच राशियों पर वर्तमान में शनि का प्रकोप जारी है. इनमें तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) चल रही है तो दो पर शनि की ढैया (Shani Dhaiya). जिनमें मकर, धनु, कुंभ, मिथुन व तुला शामिल है. आपको बता दें कि शनि की बुरी दृष्टि जिन राशियों पर पड़ती है उनको कई प्रकार के दुखों का सामना करना पड़ता है. वहीं, जिनपर इनकी अच्छी दृष्टि पड़ती है उनके कोई भी कार्य रुकते नहीं है. जीवन में सुख समृद्धि आती है. ऐसे में आइए जानते हैं शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के उपाय.... स्टोरी हाइलाइट्स
न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल प्रदान करते हैं, तो वहीं अन्याय करने वालों को दंड भी देते हैं. यदि शनिदेव क्रोधित हो जाएं तो अच्छे-अच्छों की हालत खराब हो जाती है. हालांकि शनि की कृपा पाने के लिए बहुत से उपाय हैं, लेकिन शनि त्रयोदशी का दिन बेहद खास माना जाता है. आज
रखें व्रत इस तरह करें पूजन ये करें उपाय शनि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त ये भी पढ़ें
साढ़ेसाती को दूर करने के क्या उपाय हैं?शनि की साढ़े साती के उपाय
शनिदेव अपने कर्म के अनुसार फल देते हैं। शनिवार के दिन लोहा, काली उड़द की दाल और तिल या काला कपड़ा दान करना चाहिए। हनुमानजी की पूजा करने से शनिदेव शांत रहते हैं। स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर घर या शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा करें।
शनि की साढ़ेसाती में क्या नहीं करना चाहिए?मांस- मदिरा का सेवन न करें
शनिवार के दिन मांस- मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने वाले लोगों पर शनि का अशुभ प्रभाव पड़ता है।
शनि दोष हटाने के लिए क्या करना चाहिए?शनि दोष को अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, उड़द, सरसों का तेल, जूते-चप्पल आदि का दान करें। शनिवार के दिन मछलियों को आटा खिलाएं। इससे शनिदोष का प्रभाव कम हो जाता है। शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के जड़ में पानी अर्पित करें और शाम के समय तिल या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
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