शनि भगवान को कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है? - shani bhagavaan ko kaun sa prasaad chadhaaya jaata hai?

शनि पूजन में इन बातों का रखेंगे ध्‍यान, तो दंड नहीं मिलेगा वरदान

शनिवार को शनिदेव का दिन कहा जाता है। इस दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजन किया जाता है। ऐसे में इन बातों का खास ख्‍याल रखें।

व्रत करना नहीं अनिवार्य

सबसे पहले तो जान लें कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए जरुरी नहीं है की व्रत ही किया जाए, यदि व्रत करने की सामर्थ्य ना हो तो केवल पूजन से भी उन्‍हें प्रसन्‍न कर सकते है। साल के किसी भी शनिवार से आप उनके व्रत पूजन की शुरुआत कर सकते हैं। हां ये जरूरी है कि उनकी पूजा में कुछ खास बातों का ख्‍याल करना जरूरी है। ऐसा करने पर शनि की दशा और उनका कोप का प्रभाव कम हो जाता है। यदि नीचे लिखी बातों को ध्‍यान में रख कर पूजा करेंगे तो शनि आपके मित्र बन जायेंगे, और दुःखों का जीवन में कोई स्थान नहीं रह जायेगा क्योकि शनिदेव से सुख और शांति का वरदान मिल जायेगा। 

ये ध्‍यान हैं रखने वाली बातें

शनि के व्रत और पूजा को करने के लिए मनुष्य का पवित्र होना अनिवार्य है। इसके लिए सबसे पहले प्रातः ब्रह्म मुहूर्त ने स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा की विधिपूर्वक पूजा करें। उनको लाजवंती का फूल, तिल, तेल, गुड़ आदि अर्पण करें। शनिवार के दिन शनि देव के नाम का तेल का दीपक जलायें और भूल वश किए पापकर्म और जाने अनजाने में किये गए अपराधों के लिए क्षमा मांगे। शनि देव की पूजा करने के बाद राहु-केतु की भी पूजा करनी चाहिए। शनिवार के दिन मंदिर में जाकर पीपल के पेड़ का दिया जलाना चाहिए और उसमे जल देने के बाद सूत्र बांधकर सात बार उसकी परिक्रमा भी करनी चाहिए। संध्या काल में भी शनि देव की दीप जलाकर पूजा करनी चाहिए। भोग लगाने के लिए उडद की दाल की खिचड़ी बनाकर उसका मंदिर में भोग लगाएं और प्रसाद के रूप में ग्रहण भी करें। इस दिन काली चीटियों को गुड़ व आटा डाले। काले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। शनि के प्रकोप को झेल रहे लोगों को शनिवार के दिन 108 तुलसी के पत्तो पर श्री राम चंद्र जी का नाम लिखकर माला बनाये और उसे विष्णु जी को पहनायें। 

शनि भगवान को कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है? - shani bhagavaan ko kaun sa prasaad chadhaaya jaata hai?

दान भी जरूरी 

शनिदेव की पूजा में दान करना भी जरुरी माना जाता है। शनि के प्रकोप को कम करने के लिए शास्त्रो में बताई गयी शनि की वस्तुओ का दान करने से लाभ होता है। शास्त्रो के मुताबिक, उड़द, तेल, तिल, नीलम रत्न, काली गाय, भैंस, काला कम्बल या कपडा, लोहा या इससे बनी वस्तुओ का दान और दक्षिणा किसी योग्‍य व्‍यक्‍ति को देने से शनि देव प्रसन्‍न होते हैं। शनि की पूजा में शुद्ध और पवित्र विचार होना भी अनिवार्य है। व्रत के बाद आहार में दूध, लस्सी, फलों और उनके रस का सेवन करना चाहिए। 

Edited By: Molly Seth

शनि देव को कौन सी मिठाई पसंद है?

- शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही मीठी पुरी का भोग भी लगाएं। - इसके बाद काली तुलसी की माला से ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें। जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी।

शनि मंदिर में क्या चढ़ाना चाहिए?

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें. तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे. वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं.

शनि देव को क्या प्रिय है?

शनिदेव को प्रिय है आक का फूल शनिदेव को आक का फूल बहुत पसंद है. शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर में शनिदेव को चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा शनिवार को गुप्त रूप से उड़द की दाल का दान करना चाहिए.

शनिवार के दिन शनि देव को क्या चढ़ाना चाहिए?

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय - शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए शनिवार के दिन बजरंगबली को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना चाहिए. इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनिदेव के क्रोध से खुद को बचाया जा सकता है.