Show विश्व के कुछ देशों में शिक्षकों (गुरुओं) को विशेष सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। कुछ देशों में छुट्टी रहती है जबकि कुछ देश इस दिन कार्य करते हुए मनाते हैं। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (५ सितंबर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।[1] उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।[2] देश के पहले उप-राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। राधाकृष्णन का निधन चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 को हुआ| देश और उनके शिक्षक दिवस[संपादित करें]
अन्य[संपादित करें]ओमान, सीरिया, मिश्र, लीबिया, कतर, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, टुनिशिया, जार्डन, सउदी अरब, अल्जीरिया, मोरक्को और अन्य इस्लामी देशों में २८ फरवरी को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?हम सब जानते हैं कि हम अपने महान शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher's day) मनाते हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस (International Teachers Day) 5 अक्टूबर को मनाया जाता है.
भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?यह समारोह पूरे देश में लोकप्रिय हो गया और अक्तूबर 15 को आधिकारिक रूप से 1963 में शिक्षक घोषित किया गया था।
5 सितंबर किसकी याद में मनाया जाता है?यह देश के शिक्षकों के सम्मान, सम्मान और सम्मान का दिन है. शिक्षक, विद्वान और दार्शनिक और भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में पूरा देश उत्साह के साथ मनाता आ रहा है.
सबसे पहले शिक्षक दिवस कब मनाया गया था?इसके बाद से ही 5 सितंबर के दिन को टीचर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा। यहां आपको बता दें कि पहली बार भारत में शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था।
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