दूसरी बार राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कब की गई थी - doosaree baar raashtreey aapaatakaal kee ghoshana kab kee gaee thee

तत्कालीन प्रधानंमत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा भारत में 1975 में लगाया गया आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ी घटना है। आज की पीढ़ी आपातकाल के बारे में सुनती जरूर है, लेकिन उस दौर में क्या घटित हुआ, इसका देश और तब की राजनीति पर क्या असर हुआ, इसके बारे में बहुत कम ही पता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार फिर तानाशाही की वापसी की आशंका जताकर इस विषय पर तीखी बहस छेड़ दी है। 

आडवाणी की आशंका को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता क्योंकि 1975 में जब आपातकाल की घोषणा की गई थी तब सत्ता और संगठन के सारे सूत्र श्रीमती इंदिरा गांधी के हाथ में ही थे और आज भी कमोबेश स्थितियां वैसी ही बन रही हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जबकि पार्टी अध्यक्ष पद पर उनके खासमखास अमित शाह हैं। 

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आपातकाल क्या है ? आपातकाल के कारण, आपातकाल के प्रकार और आपातकाल के प्रभाव, भारत में राष्ट्रीय आपातकाल कब कब लगा, भारत में राष्ट्रीय आपातकाल के कारण क्या थे, Emergency – आपातकाल क्यों लगाया जाता है, आपातकाल का अर्थ आदि प्रश्नों के उत्तर यहां दिए गए हैं।

आपातकाल क्या है ? – What is Emergency in hindi

किसी भी लोकतांत्रिक देश में आपातकाल (Emergency) एक ऐसा संविधान है जिसका उपयोग देश की आतंरिक सुरक्षा की भावना से किया जाता है। भारतीय संविधान के भाग 18 में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकाल के प्रावधानों को जगह दी गयी है। आपातकाल की स्तिथि में देश पूर्ण रूप से केंद्र सरकार के नियंत्रण में रहती है। देश में आपातकाल केवल देश के राष्ट्रपति द्वारा ही लागू किया जा सकता है। यदि देश में युद्ध की संभावना होती है तो उस स्तिथि में आपातकाल की घोषणा की जा सकती है। आपातकाल के दौरान केंद्र सरकार के पास असीमित शक्तियां होती है जिसका उपयोग देश के कल्याण एवं सुरक्षा हेतु किया जाता सकता है।

आपातकाल कितने प्रकार के होते है ? – What are the types of emergency?

भारतीय संविधान में कुल 3 प्रकार के आपातकाल को व्यवस्थित किया गया है।

  • राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
  • राष्ट्रपति शासन या राज्य में आपातकाल (अनुच्छेद 356)
  • वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)

  • भारत में राष्ट्रीय आपातकाल कब कब लगा – When was the national emergency imposed in India in hindi
    • 26 अक्टूबर 1962 (पहला राष्ट्रीय आपातकाल)
    • 3 दिसम्बर 1971 (दूसरा राष्ट्रीय आपातकाल)
    • 25 जून 1975 (तीसरा राष्ट्रीय आपातकाल)
  • आपातकाल के कारण – reasons of emergency in hindi
  • आपातकाल के प्रभाव – effects of emergency in hindi
      • आपातकाल से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

भारत में राष्ट्रीय आपातकाल कब कब लगा – When was the national emergency imposed in India in hindi

भारत में अब तक तीन बार राष्ट्रीय आपातकाल लागू किया गया है :-

  • 26 अक्टूबर 1962 (पहला राष्ट्रीय आपातकाल)

भारत में सर्वप्रथम 26 अक्टूबर 1962 से 10 जनवरी 1968 तक भारत-चीन युद्ध के समय अनुच्छेद 352 (1) के अंतर्गत आपातकाल की घोषणा की गयी थी। इस दौरान देश में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया था, जिसके कारण युद्ध जैसे हालात बने हुए थे।

  • 3 दिसम्बर 1971 (दूसरा राष्ट्रीय आपातकाल)

भारत में दूसरी बार आपातकाल 3 दिसंबर 1971 में लागू की गया था जो 17 दिसंबर 1971 को हटा दिया गया। दूसरे आपातकाल के दौरान बांग्लादेश मुक्ति संग्राम छिड़ गया था और पाकिस्तान द्वारा हमलों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के आह्वान पर देश के राष्ट्रपति वी.वी. गिरी द्वारा आपातकाल की घोषणा की गयी थी।

  • 25 जून 1975 (तीसरा राष्ट्रीय आपातकाल)

भारत में तीसरा आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सलाह पर लागू किया गया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह आपातकाल सबसे विवादास्पद एवं अलोकतांत्रिक माना जाता है। इस अवधि के दौरान चुनाव को स्थगित कर दिया गया और देश के नागरिकों के अधिकारों को समाप्त कर मनमानी की गयी।

आपातकाल के कारण – reasons of emergency in hindi

देश की अखंडता, एकता एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए देश के संविधान में कुछ ऐसे प्रावधान बनाये गए हैं जिसके तहत केंद्र सरकार बिना की रोक-टोक के कभी भी देश में आपातकाल को लागू कर सकती है। यदि किसी देश को युद्ध की आशंका होती है तो इस स्तिथि में देश के राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की घोषणा कर दी जाती है। भारत एक संसदीय लोकतंत्र देश है जिसके कारण किसी भी देश से युद्ध करने से पहले संसद में बिल पास कराने की आवश्यकता होती है। परंतु आपातकाल की स्तिथि में देश के संविधान में कुछ ऐसे प्रावधान दिए गए हैं जिससे केंद्र सरकार देश के हित में अपने हिसाब से फैसले लेने में समर्थ हो जाती है।

आपातकाल के प्रभाव – effects of emergency in hindi

  • वित्तीय आपातकाल के दौरान केंद्र के कार्यकारी अधिकार विस्तृत हो जाते हैं जिससे वह देश के किसी भी राज्य को उपयुक्त वित्तीय आदेश जारी कर सकता है।
  • वित्तीय आपातकाल में राज्य कर्मचारियों के लगभग हर वर्ग के व्यक्तियों के वेतन एवं भत्ते में कमी आ जाती है।
  • आपातकाल की स्तिथि में चुनाव को स्थगित कर दिया जाता है एवं नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया जाता है।
  • आपातकाल लागू होने के बाद राज्य की कार्यपालिका शक्ति केंद्र कार्यपालिका शक्ति के अंतर्गत कार्य करती है।
  • आपात उद्घोषणा के लागू होने के पश्चात भारत का संविधान संघात्मक से एकात्मक संविधान हो जाता है।
  • आपातकाल की स्तिथि में राज्यों को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त होती है जिसे राष्ट्रपति स्वयं अपने हिसाब से परिवर्तित भी कर सकता है।
  • आपातकाल में राज्य सरकार की शक्ति को केंद्र सरकार द्वारा कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया जाता है। इस स्तिथि में राज्य विधान मंडल संसद द्वारा पारित विधियों के तहत राज्य सूची के विषय में कानून बना सकते हैं।
  • वित्तीय आपातकाल राज्य की विधायिका द्वारा पारित हुए सभी धन विधेयकों अथवा अन्य वित्तीय बिलों को राष्ट्रपति द्वारा रिज़र्व में रखा जाता है।

आपातकाल से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

भारत में आपातकाल कब कब लगा ? – भारत में राष्ट्रीय आपातकाल अब तक 3 बार घोषित किया जा चुका है – पहला आपातकाल 1962 में (चीन युद्ध के कारण), दूसरा आपातकाल 1971 में (पाकिस्तान युद्ध के कारण), और तीसरा आपातकाल 1975 में (आंतरिक अशांति के कारण) लगाया जा चुका है।

भारत में पहला आपातकाल कब लगा ? – भारत में पहला आपातकाल 1962 में लगा जिसका कारण भारत चीन युद्ध युद्ध था।

भारत में दूसरा राष्ट्रीय आपातकाल कब लगा ? – भारत में दूसरा राष्ट्रीय आपातकाल 1971 में लगा जिसका कारण पाकिस्तान युद्ध था।

भारत में तीसरा राष्ट्रीय आपातकाल कब लगा ? – भारत में तीसरा राष्ट्रीय आपातकाल 1975 में लगा जिसका कारण आंतरिक अशांति थी।

आपातकाल की घोषणा के समय भारत का प्रधानमंत्री कौन था ? – प्रथम आपातकाल की घोषणा के समय भारत का प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और दूसरे एवं तीसरे आपातकाल की घोषणा के समय इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री थीं।

1975 में किस आधार पर आपातकाल की घोषणा की गई थी ? – आंतरिक अशांति को कारण मानकर 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल की घोषणा की गयी थी। जबकि असल कारण था कि 1971 में इंदिरा गांधी के चुनाव को अदालत में चुनौती दी गई थी और ऐसा लग रहा था कि फैसला उनके खिलाफ आया और फैसला उनके खिलाफ आने पर उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ता इसलिए अपने पद पर बने रहने के लिए इंदिरा गांधी द्वारा 1975 का आपातकाल लगाया गया था।

संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राजनारायण ने इंदिरा गांधी के सामने रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें राजनारायण हार गए थे जिसके खिलाफ वह कोर्ट गए और इंदिरा गांधी पर चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों के इस्तेमाल का आरोप लगाया था। जिसके बाद कोर्ट द्वारा इंदिरा गांधी के चुनाव को निरस्त कर दिया गया जिसके फलस्वरूप आक्रोश में आकर इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी।

पढ़ें — भारत में प्रथम महिलाओं की सूची – List of first indian woman in all fields pdf।

भारत में दूसरा राष्ट्रीय आपातकाल कब लगा?

3 दिसम्बर 1971 (दूसरा राष्ट्रीय आपातकाल) भारत में दूसरी बार आपातकाल 3 दिसंबर 1971 में लागू की गया था जो 17 दिसंबर 1971 को हटा दिया गया। दूसरे आपातकाल के दौरान बांग्लादेश मुक्ति संग्राम छिड़ गया था और पाकिस्तान द्वारा हमलों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के आह्वान पर देश के राष्ट्रपति वी. वी.

भारत में अब तक कितनी बार आपातकाल लागू किया गया है?

सही उत्तर तीन बार है। स्वतंत्रता के बाद से भारत में तीन बार आपातकाल की स्थिति घोषित की गई है। 26 अक्टूबर 1962 से 10 जनवरी 1968 के बीच भारत-चीन युद्ध के दौरान आपातकाल लागू किया गया था, यह वह समय था जब "भारत की सुरक्षा" को "बाहरी आक्रमण से खतरा" घोषित किया गया था।

भारत में पहला आपातकाल कब लगा?

25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था।

आपातकाल की घोषणा कब की जाती है?

पहला है राष्ट्रीय आपातकाल अनुच्छेद 352 में इसका जिक्र मिलता है. नेशनल इमरजेंसी तब लागू की जा सकती है जब युद्ध, बाहरी आक्रमण और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो, इसमें आम नागरिकों के सारे अधिकार छीन लिए जाते हैं. नेशनल इमरजेंसी को कैबिनेट की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा लागू कर सकते हैं.