Here we are providing Class 12 Hindi Important Extra Questions and Answers Vitan Chapter 3 अतीत में दबे पाँव . Important Questions for Class 12 Hindi are the best resource for students which helps
in class 12 board exams. प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न
8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. इस कुंड में पक्की ईंटों का जमाव है जिससे पानी रिस न सके और बाहर का गंदा पानी भीतर न जा सके। कुंड के तल और दीवारों पर ईंटों के बीच चूने और चिरोड़ी के गारे का प्रयोग किया गया है। पीछे की दीवारों के साथ दूसरी दीवार खड़ी की गई है जिसमें सफ़ेद डामर का प्रयोग है। कुंड के जल के लिए दोहरे घेरेवाला एक कुआँ है। कुंड से पानी को बाहर निकालने के लिए पक्की ईंटों से बनी हुई नालियाँ हैं जो ढकी हुई हैं। प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. निबंधात्मक प्रश्नोत्तर प्रश्न यही शैली आधुनिक काल में चंडीगढ़ शहर को बसाने में इस्तेमाल की गई है। आपको किसी के घर जाने के लिए मुख्य सड़क से पहले सेक्टर के भीतर दाखिल होना पड़ता है; फिर गली में और फिर घर में प्रवेश किया जा सकता है। घर छोटे भी और बड़े भी हैं। लेकिन सभी घर कतार में खड़े हैं। अधिकतर घरों का आकार तीस गुणा तीस फुट का है। कुछ घर इससे बड़े भी हो सकते हैं। ये सभी घर नियोजित एवं व्यवस्थित थे। नगर में एक बड़ा घर भी है शायद यह घर ‘मुखिया’ का घर रहा होगा। इस घर में दो आँगन और लगभग बीस कमरे रहे होंगे। इस नगर में उपासना केंद्र भी है और ‘रंगरेज़ का कारखाना’ भी। दो मंजिला घरों की संख्या भी काफ़ी है। यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि भूमि तल के मकानों में मजदूर आदि रहते थे और प्रथम तल पर मकान मालिक रहा करते थे। कुछ बड़े घरों में छोटे कमरे भी हैं। इसका अर्थ यह हो सकता है कि शहर की जनसंख्या काफ़ी रही होगी। बड़े घरों के आँगन में चौड़ी सीढ़ियाँ हैं। कुछ घर दो मंजिला तो दिखते हैं परंतु उनपर सीढ़ियों के निशान नहीं हैं शायद ऊपर चढ़ने के लिए लकड़ी की सीढ़ियों का प्रयोग किया जाता होगा जो कालांतर में नष्ट हो गई होंगी।’ छोटे घरों की बस्ती में छोटी या संकरी सीढ़ियाँ हैं। उनके पायदान जरा ऊँचे हैं। ऐसा शायद जगह की कमी के कारण किया गया होगा। इस प्रकार सिंधु सभ्यता एस एक नगर संस्कृति पर आधारित सभ्यता थी। किती प्रश्न 2. काला पड़ गया गेहूँ, ताँबे और काँसे के बरतन, मुहरें, वाद्य, चाक पर बने विशाल मृद-भांड, उनपर काले-भूरे चित्र, दो तीये के आइने, कंघी, मिटी के बरतन, दो पाटन की चक्की, मिट्टी की बैलगाड़ी और दूसरे खिलौने। रंग-बिरंगे पत्थरों के मनकोंवाले हार, चौपड़ की गोटियाँ, कंगन और सोने के कंगन। सोने के कंगन अब शायद चोरी हो गए हैं। इस प्रकार सभ्य समाज का जो साजो-सामान होता है वह सब सिंधु घाटी की सभ्यता में देखने को मिलता है। इस प्रकार सिंधु सभ्यता दुनिया की प्राचीनतम सभ्यताओं में सबसे अनूठी एवं संस्कृति प्रधान सभ्यता है। प्रश्न 3. प्रश्न 4. इन घरों में अभी धड़कती जिंदगियों का अहसास होता है। संस्कृति और सभ्यता से जुड़ा सामान भले ही अजायबघर में रख दिया हो परंतु शहर अभी वहाँ है जहाँ कभी था। अभी भी आप इस शहर की किसी दीवार के साथ पीठ टिकाकर सुस्ता सकते हैं। वे घर अब चाहे खंडहर बन गए हों परंतु जब आप इन घरों की देहरी पर कदम रखते हैं तो आप थोड़े सहम जाते हैं क्योंकि यह भी किसी का घर रहा होगा। जब प्रवेश करते है तो डर लगना स्वाभाविक है। आप किसी रसोई की खिड़की के साथ खड़े होकर उसमें पकते पकवान की गंध ले सकते है। अभी सड़कों के बीच से गुजरती बैलगाड़ियों की रुन-झुन की आवाज़ सुन सकते हैं। ये सभी घर टूटकर खंडहर बन गए है परंतु इनके बीच से गुजरती साँय-सॉय करती हवा आपको कुछ कह जाती है। अब ये सब घर एक बड़ा घर बन गए हैं। सब एक-दूसरे में खुलते हैं। लेखक का मानना है कि “लेकिन घर एक नक्शा ही नहीं होता। हर घर का एक चेहरा और संस्कार होता है। भले ही यह पाँच हजार साल पुराना घर क्यों न हो।” इस प्रकार लेखक इन टूटे-फटे खंडहरों से गजरते हए इन घरों में किसी मानवीय संवेदनाओं का संस्पर्श करते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि टूटे-फूटे खंडहर, सभ्यता और संस्कृति के इतिहास होने के साथ-साथ जीवंत दस्तावेज भी होते हैं। प्रश्न 5. |