सिंधु नदी कौन से सागर में गिरती है? - sindhu nadee kaun se saagar mein giratee hai?

सिन्धु नदी
River

सिंधु नदी कौन से सागर में गिरती है? - sindhu nadee kaun se saagar mein giratee hai?

पाकिस्तान और भारत में सिंधु नदी बेसिन की सैटेलाइट छवि

देश
सिंधु नदी कौन से सागर में गिरती है? - sindhu nadee kaun se saagar mein giratee hai?
 
Pakistan,
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भारत,
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चीन
राज्य पंजाब
उपनदियाँ
 - बाएँ ज़ांस्कर नदी, सुरु नदी, सुन नदी, झेलम नदी, चिनाब नदी, रावी नदी, ब्यास नदी, सतलज नदी, पानजनाद नदी
 - दाएँ श्योक नदी, हुनजा नदी, गिलगित नदी, स्वात नदी, कुनार नदी, काबुल नदी, कुर्रम नदी, गोमल नदी,, झोब नदी
शहर लेह, स्कार्दु, दासु, बेशम, थाकोट, डेरा इश्माइल खान, सुक्कूर, हैदराबाद
Primary source सेन्गे झांगबो
 - स्थान तिब्बती पठार
Secondary source गर सैंगपो
Source confluence
 - ऊँचाई 4,255 मी. (13,960 फीट)
मुहाना अरब सागर (प्राथमिक), कच्छ का रण (अतिरिक्त)
 - स्थान सिंधु नदी डेल्टा (प्राथमिक), थार रेगिस्तान (अतिरिक्त), पाकिस्तान
 - ऊँचाई 0 मी. (0 फीट)
लंबाई 2,880 कि.मी. (एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह ","। मील)
जलसम्भर 11,65,000 कि.मी.² (4,49,809 वर्ग मील)
प्रवाह for अरब सागर
 - औसत 6,600 मी.³/से. (2,33,077 घन फीट/से.)
 - max 58,000 मी.³/से. (एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह ","। घन फीट/से.)
 - min 1,200 मी.³/से. (एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह ","। घन फीट/से.)

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सिंधु नदी बेसिन का मानचित्र

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पाकिस्तान में बहती सिन्घु

सिन्धु नदी (अंग्रेज़ी: Indus River) एशिया की सबसे लम्बी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (लद्दाख़) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लम्बाई प्रायः 3610(२८८०) किलोमीटर है। यहाँ से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लम्बी नदी और राष्ट्रीय नदी है।

सिन्धु की पाँच उपनदियाँ हैं। इनके नाम हैं: वितस्ता, चन्द्रभागा, ईरावती, विपासा एंव शतद्रु। इनमें शतद्रु सबसे बड़ी उपनदी है। सतलुज/शतद्रु नदी पर बना भाखड़ा-नंगल बांध के द्वारा सिंचाई एंव विद्दुत परियोजना को बहुत सहायता मिली है। इसकी वजह से पंजाब एंव हिमाचल प्रदेश में खेती ने वहां का चेहरा ही बदल दिया है। वितस्ता (झेलम) नदी के किनारे जम्मू व कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित है।

परिचय[संपादित करें]

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सिन्ध नदी (गहरे नीले रंग में)

सिंध नदी उत्तरी भारत की तीन बड़ी नदियों में से एक हैं। इसका उद्गम बृहद् हिमालय में कैलाश से ६२.५ मील उत्तर में सेंगेखबब के स्रोतों में है। अपने उद्गम से निकलकर तिब्बती पठार की चौड़ी घाटी में से होकर, कश्मीर की सीमा को पार कर, दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के रेगिस्तान और सिंचित भूभाग में बहती हुई, कराँची के दक्षिण में अरब सागर में गिरती है। इसकी लंबाई लगभग २,००० मील है। बल्तिस्तान में खाइताशो ग्राम के समीप यह जास्कार श्रेणी को पार करती हुई १०,००० फुट से अधिक गहरे महाखड्ड में, जो संसार के बड़े खड्डों में से एक हैं, बहती है। जहाँ यह गिलगित नदी से मिलती है, वहाँ पर यह वक्र बनाती हुई दक्षिण पश्चिम की ओर झुक जाती है। अटक में यह मैदान में पहुँचकर काबुल नदी से मिलती है। सिंध नदी पहले अपने वर्तमान मुहाने से ७० मील पूर्व में स्थित कच्छ के रन में विलीन हो जाती थी, पर रन के भर जाने से नदी का मुहाना अब पश्चिम की ओर खिसक गया है।

झेलम, चिनाव, रावी, व्यास एवं सतलुज सिंध नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। इनके अतिरिक्त गिलगिट, काबुल, स्वात, कुर्रम, टोची, गोमल, संगर आदि अन्य सहायक नदियाँ हैं। मार्च में हिम के पिघलने के कारण इसमें अचानक भयंकर बाढ़ आ जाती है। बरसात में मानसून के कारण जल का स्तर ऊँचा रहता है। पर सितंबर में जल स्तर नीचा हो जाता है और जाड़े भर नीचा ही रहता है। सतलुज एवं सिंध के संगम के पास सिंध का जल बड़े पैमाने पर सिंचाई के लिए प्रयुक्त होता है। सन्‌ १९३२ में सक्खर में सिंध नदी पर लॉयड बाँध बना है जिसके द्वारा ५० लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जाती है। जहाँ भी सिंध नदी का जल सिंचाई के लिए उपलब्ध है, वहाँ गेहूँ की खेती का स्थान प्रमुख है और इसके अतिरिक्त कपास एवं अन्य अनाजों की भी खेती होती है तथा ढोरों के लिए चरागाह हैं। हैदराबाद (सिंध) के आगे नदी ३,०० वर्ग मील का डेल्टा बनाती है। गाद और नदी के मार्ग परिवर्तन करने के कारण नदी में नौसंचालन खतरनाक है।

सिन्धु घाटी सभ्यता (३३००-१७०० ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी।

इतिहास[संपादित करें]

ऋग्वेद में कई नदियों का वर्णन किया गया है, जिनमें से एक का नाम "सिंधु" है। ऋग्वैदिक "सिंधु" को वर्तमान सिंधु नदी माना जाता है। यह अपने पाठ में १७६ बार, बहुवचन में ९४ बार, और सबसे अधिक बार "नदी" के सामान्य अर्थ में उपयोग किया जाता है। ऋग्वेद में, विशेष रूप से बाद के भजनों में, ईस शब्द का अर्थ विशेष रूप से सिंधु नदी को संदर्भित करने के लिए संकीर्ण है| उदाहरण के लिए : नादिस्तुति सुक्त के भजन में उल्लिखित नदियों की सूची में। ऋग्वैदिक भजन में ब्रम्हपुत्र को छोड़कर, सभी नदियों को स्त्री लिंग में वर्णित किया है।

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहर, जैसे हड़प्पा और मोहन जोदड़ो, लगभग ३३०० ईसा पूर्व के हैं, और प्राचीन विश्व की कुछ सबसे बड़ी मानव बस्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिंधु घाटी सभ्यता पूर्वोत्तर अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत तक फैली हुई है, जो ऊपरी सतलुज पर झेलम नदी के पूर्व से रोपड़ तक जाती है। तटीय बस्तियाँ पाकिस्तान, ईरान सीमा से सटकर आधुनिक गुजरात, भारत में कच्छ तक फैली हुई हैं। उत्तरी अफगानिस्तान में शॉर्टुघई में अमु दरिया पर सिंधु स्थल है, और हिण्डन नदी पर सिंधु स्थल आलमगीरपुर दिल्ली से केवल २८ किमी (१७ मील) की दूरी पर स्थित है। आज तक, १,०५२ से अधिक शहर और बस्तियां पाई गई हैं, मुख्य रूप से घग्गर-हकरा नदी और इसकी सहायक नदियों के सामान्य क्षेत्र में है। बस्तियों में हड़प्पा और मोहन जोदड़ो के प्रमुख शहरी केंद्रों के साथ-साथ लोथल, धोलावीरा, गनेरीवाला और राखीगढ़ी शामिल थे। सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर ८०० से अधिक ज्ञात सिंधु घाटी स्थलों में से केवल ९०-९६ की खोज की गई है। अब सतलुज, हड़प्पा काल में सिंधु की एक सहायक नदी, घग्गर-हकरा नदी में बह गई, जिसके जलक्षेत्र में सिंधु की तुलना में अधिक हड़प्पा स्थल थे।

भूगोल[संपादित करें]

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लेह के पास सिंधु नदी, लद्दाख,भारत

सहायक नदियाँ[संपादित करें]

  • ब्यास नदी
  • चिनाब नदी
  • गार नदी
  • गिलगित नदी
  • गोमल नदी
  • हुनजा नदी
  • झेलम नदी
  • काबुल नदी
  • कुनार नदी
  • कुर्रम नदी
  • पानजनाद नदी
  • रावी नदी
  • श्योक नदी
  • सून नदी
  • सुरू नदी
  • सतलुज नदी
  • स्वात नदी
  • ज़ांस्कर नदी
  • झॉब नदी

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बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • Blankonthemap उत्तरी कश्मीर वेबसाइट
  • उत्तरी क्षेत्रों के विकास गेटवे
  • माउंटेन क्षेत्रों संरक्षण परियोजना
  • सिंधु संधि
  • Baglihar बांध के मुद्दे
  • सिंधु
  • सिंधु वन्यजीव

सिंधु नदी कौन से सागर में मिलती है?

सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लम्बाई प्रायः 3610(२८८०) किलोमीटर है। यहाँ से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है।

सिंधु नदी का दूसरा नाम क्या है?

सिंधु नदी का दूसरा नाम इंडस भी था. इस नदी के किनारे विकसित सभ्यता इंडस वैली सिविलाइजेशन कहलाई. सिंधु नदी का इंडस नाम भारत आए विदेशियों ने रखा. सिंधु सभ्यता के कारण भारत का पुराना नाम सिंधु भी था, जिसे यूनानी में इंडो या इंडस भी कहा जाता था.

सिन्धु नदी भारत में कहाँ से प्रवेश करती है?

सिंधु नदी तिब्बत के मानसरोवर के निकट सानोख्याबाब (सिन-का-बाब) ग्लेशियर से निकलती है। भारत में केन्द्र शासित प्रदेश लेह में प्रवेश करती है।

सिंधु नदी को तिब्बत में क्या नाम से जाना जाता है?

किसी नदी तथा उसकी सहायक नदियों को नदी तंत्र कहा जाता है। - सिंधु नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट तिब्बत में है। पश्चिम की ओर बहती हुई यह नदी भारत में लद्दाख से प्रवेश करती है।