सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारण क्या थे? - sindhu ghaatee sabhyata ke patan ke kaaran kya the?

Sindhu Ghati Sabhyata Ke Patan Ke Karnnon Ka Varnnan

GkExams on 23-11-2018

सैन्धव सभ्यता अपने काल की विकसित नगरीय सभ्यता थी जो बहुत बड़े भू-भाग में फैली हुई थी। विस्तृत क्षेत्र में पनपी यह सभ्यता अपना कोई चिह्न अथवा स्मृति छोड़े बिना कैसे लुप्त हो गई, यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका प्रत्युत्तर हमारे आज के ज्ञान के आधार पर नहीं दिया जा सकता। केवल अनुमान के आधार पर अलग-अलग विद्वानों ने भिन्न-भिन्न मत प्रस्तुत किये हैं। सामान्यतः किसी भी सभ्यता का पतन एक नहीं अपितु अनेक तथ्यों का परिणाम होता है। जहाँ तक सैन्धव सभ्यता का प्रश्न है, यह सोचना कि इतने विशाल और विविध प्रकार के भौगोलिक क्षेत्र में फैली हुई, दीर्घजीवी, नागरीय सभ्यता का अन्त सर्वत्र किसी एक ही कारण से हुआ हो, सर्वथा अनुपयुक्त होगा। सिंधु सभ्यता के नगर-नियोजन एवं नगर निर्माण में एक ह्रासोन्मुख प्रवृत्ति दिखती है। उदाहरण के लिए पतली विभाजक दीवारों से घरों के आंगन का विभाजन कर दिया गया था। शहर बड़ी तेजी से तंग बस्तियों में बदल रहे थे। विशाल स्नानागार और अन्न भंडार का उपयोग पूर्णत: समाप्त हो गया था। मूर्तियों, लघु मूर्तियों, मनकाओं आदि की संख्या में कमी आई। बहावलपुर क्षेत्र में हाकरा नदी तटों के साथ परिपक्व काल में जहाँ 174 बस्तियाँ थीं, वहाँ उत्तरवर्ती हड़प्पा काल में बस्तियों की संख्या 50 रह गई। जहाँ हड़प्पा, बहावलपुर और मोहनजोदड़ो के त्रिभुज में बस्तियों की संख्या में ह्रास हुआ वहीं गुजरात, पूर्वी पंजाब, हरियाणा और ऊपरी दोआब के दूरस्थ क्षेत्रों में गंगा की बस्तियों की संख्या में वृद्धि हुई। सिंधु सभ्यता के नगरों का पतन स्थूल रूप से लगभग 1800 ई.पू. में हुआ। इस तारीख का समर्थन इस तथ्य से भी होता है कि मेसोपोटामिया साहित्य में 1900 ई.पू. के अंत तक मेलुहा का उल्लेख समाप्त हो गया था।

पतन के कारण

  1. पारिस्थितिक असंतुलन- फेयर सर्विस का मत,
  2. वर्धित शुष्कता और धग्गर का सूख जाना- डी.पी. अग्रवाल, सूद और अमलानन्द घोष का मत,
  3. नदी का मार्ग परिवर्तन- इस विचार के जनक माधोस्वरूप वत्स हैं। डल्स महोदय का मानना है कि धग्गर नदी के मार्ग बदलने का कारण ही कालीबंगा का पतन हुआ है। लेस्ब्रिक का भी यही मानना है।
  4. बाढ़- मोहनजोदड़ो से बाढ़ के चिह्न स्पष्ट होते हैं। मैके महोदय का मानना है कि चाँहुदड़ो भी बाढ़ के कारण समाप्त हुआ, जबकि एस.आर. राव का मानना है कि लोथल एवं भगवतराव में दो बार भीषण बाढ़ आयी।
  5. एक-दूसरे प्रकार का जल प्लावन- मोहनजोदडो, आमरी आदि स्थलों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि सिन्धु सभ्यता में एक दूसरे प्रकार का जल प्लावन भी हुआ है। कुछ स्थलों से रुके जल प्राप्त होते हैं। इस विचार के प्रतिपादक हैं-एम.आर. साहनी। एक अमेरिकी जल वैज्ञानिक आर.एल. राइक्स भी इस मत की पुष्टि करते हैं और यह कहते हैं कि संभवत: भूकंप के कारण ऐसा हुआ।
  6. बाह्य आक्रमण- 1934 में गार्डेन चाइल्ड ने आर्यों के आक्रमण का मुद्दा उठाया और मार्टीमर व्हीलर ने 1946 ई. में इस मत की पुष्टि की। इस मत के पक्ष में निम्नलिखित साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं। बलूचिस्तान के नाल और डाबरकोट आदि क्षेत्रों से अग्निकांड के साक्ष्य मिलते हैं। मोहनजोदड़ो से बच्चे, स्त्रियों और पुरुषों के कंकाल प्राप्त होते हैं। ऋग्वेद में हरियूपिया शब्द प्रयुक्त हुआ है, इसकी पहचान आधुनिक हड़प्पा के रूप में हुई। इन्द्र को पुरंदर अर्थात् किलों को तोड़ने वाला कहा गया है।

प्रशासनिक शिथिलता- जॉन माशल का मत।

जलवायु में हुए परिवर्तन के कारण यह सभ्यता नष्ट हो गई- ऑरेल स्टाइन का यह मत है।

निष्कर्ष- सिन्धु सभ्यता के पतन के लिए कोई एक कारक उत्तरदायी नहीं हैं, वरन् ऐसा कहा जा सकता है कि अलग-अलग स्थल के पतन के लिए अलग-अलग कारक उत्तरदायी रहे होगें।

सम्बन्धित प्रश्न



Comments Deepanshu on 13-08-2022

सिंधु घाटी सभ्यता का पतन का मुख्य कारण क्या था

Sushari jamuda on 07-07-2022

सिन्धु घाटी सभ्यता के पतन कारणों को लिखे

Naina on 28-05-2022

Sindhu ghati sabhyata ke patn ka sanchep me varnan Karen

Manisha on 10-04-2022

Sindu ghati shabayata ke patan ke karan

Hemlata patel on 31-01-2022

सिन्धु सभ्यता के पतन के कारणो का व रण कीजिऐ

Deepak on 15-01-2021

Sindhi ghati sabhyata ke patan k karnnon k bibechna kre?

john on 12-05-2019

Hadappa sabhyata ka vistar

Asif Asif on 19-09-2018

Sindhu ghati ki jal nikas panali



सिंधु घाटी सभ्यता का पतन : सिंधु घाटी सभ्यता का पतन कैसे हुआ या सिंधु घाटी सभ्यता का अंत कैसे हुआ ? सिंधु घाटी सभ्यता का अंत इस सभ्यता के तक़रीबन 1000 हजार साल तक रहने के बाद हुआ। इस सभ्यता का पतन कब और कैसे हुआ इस बारे में विद्वानों के कई मत हैं और कोई भी एक कारण या समय ज्ञात नहीं है।

सिंधु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारणों की समीक्षा करें

सिंधु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारण निम्न हैं —

  • सिंधु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता तक़रीबन 1000 वर्षों तक रही।
  • सिंधु सभ्यता के अन्त के कारणों के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग कई मत हैं,
    जिनमें से प्रमुख मत निम्न हैं —
    → जलवायु परिवर्तन
    → नदियों का जलमार्ग परिवर्तित हो जाना
    → बाढ़
    → आर्यों का आक्रमण
    → भूकम्प
    → सामाजिक ढाँचे में बिखराव आदि

अधिकतर विद्वानो का मत है की इस सभ्यता का पतन बाढ़ के प्रकोप के कारण ही हुआ, हालाँकि सिंधु सभ्यता का विकास नदी घाटी क्षेत्र में ही हुआ था तो इस क्षेत्र में बाढ़ का आना स्वाभाविक था, इसलिए यह तर्कसंगत लगता है कि इस सभ्यता का अंत बाढ़ आने के कारण हुआ हो।

वही कुछ विद्वानो का मत है की केवल बाढ़ आने से इतनी विशाल सभ्यता का पतन नहीं हो सकता है। इसलिए बाढ़ के अलावा और भी कई कारणों जैसे – आग लग जाना, महामारी, बाहरी आक्रमण आदि अन्य कई कारणों से इस सभ्यता के अंत का समर्थन कई विद्वान करते हैं।

सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता के पतन के संबंध में विभिन्न विद्वान और उनकी राय

विद्वान (विचारक)विचार (मान्यता)
स्टुअर्ट, पिगॉट और गॉर्डन-चाइल्ड बाहरी आक्रमण (आर्य द्वारा आक्रमण)
एम.आर साहनी बाढ़ आना (जलप्लावन)
मार्शल, एस.आर राव और मैकी बाढ़
जी.एफ हेल्स घग्गर के बहाव में परिवर्तन के कारण विनाश
के.वी.आर केनेडी महामारी
मार्शल और रायक्स भू-तात्विक परिवर्तन (Tectonic Disturbances)
ऑरेल स्ट्रेन और ए.एन घोष जलवायु में परिवर्तन
वाल्टर फेयरसर्विस वनों की कटाई, संसाधनों की कमी और पारिस्थितिकीय असंतुलन
व्हीलर व्हीलर ने अपनी किताब ‘प्राचीन भारत’ में उल्लेख किया है कि सिंधु सभ्यता का पतन वास्तव में बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन, आर्थिक और राजनीतिक बदलावों के कारण हुआ था।
जॉर्ज डेल्स जॉर्ज डेल्स ने ‘द मिथिकल नरसंहार ऐट मोहन जोदड़ो’ में व्हीलर द्वारा दिए गए घुसपैठ के सिद्धांत को नकारते हुए तर्क दिया है कि पाए गए कंकाल हड़प्पा काल से संबंधित नहीं थे और समाधी या दफ़न करने का तरीका हड़प्पा काल से मिलता नहीं है। अतः इस सभ्यता का पतन नरसंहार के कारण नहीं हुआ है।

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सिंधु सभ्यता के पतन का मुख्य कारण क्या था?

सिन्धु घाटी सभ्यता के अवसान के पीछे विभिन्न तर्क दिये जाते हैं जैसे: आक्रमण, जलवायु परिवर्तन एवं पारिस्थितिक असन्तुलन, बाढ़ तथा भू-तात्विक परिवर्तन, महामारी, आर्थिक कारण आदि। ऐसा लगता है कि इस सभ्यता के पतन का कोई एक कारण नहीं था बल्कि विभिन्न कारणों के मेल से ऐसा हुआ। जो अलग-अलग समय में या एक साथ होने कि सम्भावना है।

सिंधु घाटी की सभ्यता के पतन के क्या कारण थे class 8?

यह विश्वास किया जाता है कि यह सभ्यता गंगा की घाटी तक फैली थी। इसलिए यह केवल सिंधु घाटी सभ्यता भर नहीं उससे बहुत अधिक है। अग्रदूत थी। सिंधु घाटी सभ्यता ने फ़ारस, मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं से संबंध स्थापित किया और व्यापार किया।

हड़प्पा सभ्यता के पतन के क्या क्या कारण है?

इसके पतन के लिए विद्वानों ने कई कारण बताएं हैं, जैसे- बाढ़, आर्यों का आक्रमण, जलवायु परिवर्तन, भू-तात्विक परिवर्तन, व्यापार में गतिरोध, प्रशासनिक शिथिलता, महामारी एवं साधनों का अधिक उपभोग आदि।

सिंधु घाटी के समाप्त होने का क्या कारण माना जाता है?

खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने शोध कर पता लगाया है कि 4350 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह सूखा बताते हुए लिखा है कि सभ्यता खत्म होने की वजह सूखा था जो कुछ साल या दशक नहीं बल्कि पूरे 900 साल चला था।