प्यारे मित्रों, आप सभी को जैंसे पता है कि हमारी भारतीय संस्कृति में समय-समय पर अनेक त्यौहारों का आयोजन किया जाता है। भारतदेश एक ऐंसा देश है जंहा आदर्शरूप में विभिन्न पवित्र त्यौहार मनाये जाते हैं। राम नवमीसे लेकर गंगा दशहरा तक आदि नाना प्रकार के पवित्र त्यौहार इस भारतवर्ष मेंं मनाए जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी त्यौहारों की पीछे बहुत बड़ा विज्ञान एवं प्राचीन इतिहास छिपा हुआ है। Show
जी हाँ! हमारे भारतीय पवित्र त्यौहारों के पीछे एक पवित्रतम इतिहास एवं ज्ञान-विज्ञान छिपा हुआ है। भारत की प्राचीन संस्कृति अत्यन्त पवित्र एवं विज्ञानपूर्ण थी। उसी भारतीय संस्कृति का अनन्यतम अंग एवं भारत का प्राण है- देवों की वाणी सतयुग से चलती हुई मां भारती अर्थात् संस्कृत भाषा है। भारत का आधार संस्कृत ही था और संस्कृत ही है। इसी परम्परा में जब भारतीय संस्कृति में विभिन्न त्यौहार मनाए जाते थे तो , संस्कृत सप्ताह मनाना कोई अतिशयोक्ति और आश्चर्यजनक बात नहीं होती। जी हाँ !शायद आपको पता न हो कि संस्कृत सप्ताह भारतीय संस्कृति का पवित्रतम एवं प्राणभूत त्यौहार/पर्व है। इसी संस्कृत सप्ताह को भारतीय संस्कृत दिवस (Word Sanskrit Day) तथा विश्व संस्कृत दिवस के रूप में भी जाना जाता है। संस्कृत सप्ताहअर्थात् - संस्कृत का पूरा सप्ताह , जो कि 7 दिन तक लगातार हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह संस्कृत का सौभाग्य ही है कि विश्व संस्कृत दिवस या भारतीय संस्कृत दिवस 7 दिनों तक लगातार प्रसन्नता के साथ मनाया जाता है। भारत का परमपवित्र त्यौहार होने के कारण ही आज हम संस्कृत सप्ताह को 7 दिन तक मनाते हैं। संस्कृत सप्ताह के अवसर पर संस्कृत के विद्वान लोग जन-जन में संस्कृत का एक नया संदेश देते हैं। संस्कृत दिवस अथवा संस्कृत सप्ताह के स्वरूप की यदि हम बात करें तो आपने ऊपर पढ ही लिया होगा कि यह संस्कृत की महानता है कि हम संस्कृत के इस पवित्र पर्व को पूरे 7 दिन तक मनाते हैं। जी हाँ! संस्कृत सप्ताह - जैंसा कि नाम से ही ज्ञात होता है - संस्कृत सप्ताह । अर्थात् संस्कृत सप्ताह एक एसा पर्व है जो कि पूरे सप्ताह तक Full week celebration मनाया जाता है। संस्कृत सप्ताह के स्वरूप की अगर बात करें, तो इस त्यौहार में सम्पूर्ण भारत के विद्वान, मनीषी लोग संस्कृत में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करवाते हैं। संस्कृत सप्ताह समारोह तथा विभिन्न संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम इस दौरान आयोजित किए जाते हैं। के साथ संस्कृत भारती, संस्कृत संस्थान जैंसी उच्च संस्थाएं संस्कृत का अप्रतिम स्वरूप सम्पूर्ण समाज के सामने प्रस्तुत करते हैं और सम्पूर्ण जनसमुदाय को संस्कृत भाषा की ओर प्रेरित करते है। भारतीय संस्कृति में संस्कृत सप्ताह का विशेष महत्व है। विभिन्न संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत संस्थान, संस्कृत गुरुकुल आदि अलग-अलग तरीके से संस्कृत सप्ताह का आयोजन करते हैं। इस दौरान विभिन्न संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम भी किए जाते हैं। अंग्रेजी में इसी संस्कृत सप्ताह को Sanskrit Week अथवा Sanskrit Week Celebration के रूप में जानते हैं। यहाँ संस्कृत सप्ताह के बारे में बहुत ही रोचक जानकारी आपके लिए प्रस्तुत की जा रही है। भारतीय संस्कृत दिवस अर्थात् संस्कृत सप्ताह श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। अर्थात् सावन माह की पूर्णिमा के दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है। प्यारे पाठकों, यदि आपको कोई पूछे कि संस्कृतसप्ताह कदा भवति तो आपको देवों की वाणी संस्कृत का प्रयोग करके ही इसका उत्तर देना है और कहना है कि संस्कृतसप्ताह श्रावणपूर्णिमातिथौ भवति। प्यारे मित्रों, विश्व संस्कृत दिवस संस्कृत जगत् में संस्कृत भाषा को बढावा देने के लिए एक स्वर्णिम दिवस है। संस्कृत सप्ताह अथवा संस्कृत दिवस की शुरुआत 1969 ईस्वी में हुई थी। यदि हम बात करें कि संस्कृत सप्ताह क्यों मनाया जाता है तो आपको बता दें कि संस्कृत सप्ताह संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसारार्थ तथा देवों की वाणी संस्कृत भाषा को बढावा देने के लिए मनाया जाता है। हम सभी को मिल बाँटकर संस्कृत दिवस को खूब हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक मास का अपना एक विशिष्ट महत्व है। यदि बात करें हमारे भारतीय महीनों की तो - ये भारतीय महीने अत्यन्त वैज्ञानिक एवं ज्योतिष आधारित हैं। इन सभी भारतीय महीनों का नाम - भारतीय ज्योतिष विज्ञान से लिया गया है। अगर आप ज्योतिष के २७ नक्षत्रों के बारे में जानते होंगे तो निश्चित ही आपको इन भारतीय महीनों का यथार्थ ज्ञान हो जाएगा। जैंसे कि ➡
अगर आप इन नामों को बारीकी से देखें तो ये एक दूसरे से समन्वित हैं जैंसे - पुष्य से पौष आदि। ठीक इसी प्रकार श्रवण नक्षत्र से श्रावण मास एवं श्रावण मास में संस्कृत सप्ताह। श्रावण मास हमारे सभी महीनों में सर्वश्रेष्ठ एवं भगवान शंकर का पवित्रतममहीना है। दूसरी ओर इस मास से ही हमारी प्राचीन संस्कृति में अध्ययन काल प्रारंभ होता था। यह मास प्राचीन भारत की शिक्षा का श्रीगणेश स्वरूप था। अतः श्रावण मास में संस्कृत सप्ताह का पर्व मनाना अत्यन्त उचित ही है। आदिदेव महादेव श्री भोलेनाथ का परम प्रिय मास श्रावण मास भारतीय महीनों में अपना एक विशिष्टातिविशिष्ट स्थान रखता है। इस मास में भगवान शंकर की पूजा, उनका अभिषेक आदि पूर्ण तन्मयता एवं श्रद्धा ,भक्ति, विश्वास के साथ सम्पूर्ण भारत में किया जाता है। भगवान शंकर का यह मास अत्यन्त पवित्र एवं अनेकों सिद्धियों को देने वाला है। एक ओर जंहा भगवान शिव का प्रिय मास है। वहीं दूसरी ओर - इस महीने से हमारी प्राचीन संस्कृति में ऋषि-मुनि गुरुकुलों में शिष्यों का उपनयन संस्कार करते थे! अर्थात् इसी मास के बाद शिष्य अपने नये जीवन में प्रवेश करता था और गुरु के समीप दीक्षा लेकर ज्ञान की प्राप्ति में लग जाता था. यह परम्परा आज भी हमारे भारत में अनवरत रूप से चलती आ रही है। आज भी गुरुकुलों में इस श्रावण मास में नये छात्र आते हैं। एवं उनका उपनयन संस्कार किया जाता है। इससे भी बढकर श्रावण मास की विशेषताओं में से एक अनन्यतम विशेषता है कि इस महीने भारतीय त्यौहारों में से एक श्रेष्ठ त्यौहार - रक्षाबन्धन पर्व भी मनाया जाता। श्रावण मास की इन सब विशेषताओं को देखकर - संस्कृत सप्ताह श्रावण मास में मनाना हम सब के लिए एक अत्यन्त गौरवपूर्ण बात है। संस्कृत सप्ताह का महत्त्व (Sanskrit Week Importance)प्यारे पाठकमित्रों, संस्कृत सप्ताह के विषय में हम बहुत कुछ चर्चा कर चुके हैं। आज संस्कृत सप्ताह की अतन्त आवश्यकता है। संस्कृत भाषा को सारी दुनिया तक पहुँचाने के लिए हमें ऐेसे ही संस्कृत सप्ताहों का निरन्तर आयोजन करते रहना चाहिए। संस्कृत सप्ताह संस्कृत भाषा का एक अभिन्न अंग है। अतः संस्कृत सप्ताह (संस्कृत दिवस) World Sanskrit Day का अत्यधिक महत्त्व है। यदि संस्कृत भाषा को बढावा देना है तो न केवल संस्कृत सप्ताह बल्कि संस्कृत मास का भी आयोजन करना चाहिए, जिससे कि देवोंं की वाणी संस्कृत को एक नई दिशा मिले। वह अपना पूरा स्थान पा सके। संस्कृत सप्ताह को भी खूब हर्ष, उल्लास, सौहार्द, प्रेम के साथ परस्पर मिलजुल कर मनाना चाहिए क्योंकि संस्कृत तो देवों की वाणी है। सभी भाषाओं की जननी है और कहा भी गया है कि- संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम् (ऋग्वेद) अर्थात् हम सब मिलकर एक साथ चलें। अतः इसी भावना के साथ हमें संस्कृत दिवस को मनाना चाहिए और अनेक संस्कृत सप्ताह समारोह आयोजित करने चाहिए। संस्कृत में सप्ताह के नामप्यारे मित्रों, जब हमने संस्कृत सप्ताह के बारें में इतना कुछ जान लिया है और अगर हम संस्कृत में सप्ताह के नाम न बता पाएं तो यह हमारे लिए बहुत विचारणीय होगा। संस्कृत में सप्ताह के दिन आपको जरूर पता होने चाहिए क्योंकि संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य में यदि आपसे कोई कहे कि- संस्कृत में सप्ताह के नाम बताइये तो आपको पता होना चाहिए और संस्कृत भाषा पर गर्व करना चाहिए। यहाँ हम Sanskrit Week Names अर्थात् संस्कृत में सप्ताह के दिनों के नाम प्रस्तुत कर रहे हैं। संस्कृत सप्ताह के दौरान आप कम से कम संस्कृत में ही सप्ताह के दिनों के नामों को गुनगुनाएँ। इससे संस्कृत देववाणी आप पर प्रसन्न होगी। तो आइये, नीचे संस्कृत में सप्ताह के नाम देखें- Sanskrit Week Days Name
इन्हें देखें / क्लिक करें 👇 संस्कृत सप्ताह कब शुरु हुआसंस्कृत सप्ताह की शुरुआत की बात करें तो - सन् 1969से इसकी शुरुआत हुई थी। भारत सरकार ने सन् 1969 में घोषणा की थी संस्कृत दिवस को लेकर , जो कि आगे संस्कृत सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा। यद्यपि संस्कृत दिवस की अगर बात करे तों प्राचीन समय से ही भारत में संस्कृत दिवस श्रावण मास में - उपनयन संस्कार विद्यारंभ आदि के रूप में मनाया जाता था लेकिन सन् 1969 के बाद यह केन्द्र सरकार के द्वारा संस्कृत दिवस के रूप में व्यवहृत होने लगा। तब से लेकर आज तक यह भारतीय संस्कृत दिवस अन्वरत रूप से मनाया जा रहा है। यह केवल भारतीयसंस्कृत दिवस नहीं होना चाहिए अपितु संस्कृतहिताय यह विश्व संस्कृत दिवस के रूप में दुनिया के हर एक कोने में मनाया जाए। ऐंसा हम भारतीयों का दृढलक्ष्य होना चाहिए। संस्कृत सप्ताह दिवस 2022 (Sanskrit Saptah) Sanskrit Day 2022प्यारे मित्रों, क्या आप जानते हैं हर साल की तरह इस साल 2022 में भी संस्कृत सप्ताह एवं विश्व संस्कृत दिवस (World Sanskrit Day) आने वाला है। प्यारे पाठकों, इस वर्ष 2022 में संस्कृत दिवस 12 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस साल 2022 में श्रावण (सावन महीने) की पूर्णिमा तिथि कब से कब तक है- इसका स्टैटिक्स नीचे दिया गया है।
अतः औपचारिक रूप से 11 अगस्त 2022 को भाई बहन का पवित्रतम त्यौहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा है, लेकिन संस्कृत दिवस इस वर्ष 2022 में 12 अगस्त को मनाया जाएगा। हालांकि यह संस्कृत प्रेमियों की अनौपचारिकता के रूप में 11 अगस्त को भी मनाया जा सकता है। इससे पहले 2021 में संस्कृत सप्ताह दिवस 22 अगस्त को मनाया गया था। आप सब इस पावन माँ भारती के पर्व के हर्ष उल्लास के साथ मिल जुलकर मनाएँ। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन ही अर्थात् इस वर्ष 2022 के अनुसार अगस्त महीने में 11तारीख को रक्षाबन्धन के दिन भी यह उत्सव (त्यौहार) मनाया जाएगा। जैंसा कि हर साल मनाया जाता है। हम आशा करते हैं कि Sanskrit Week Celebration 2022 में आप खूब प्रसन्नता से प्यार प्रेम को बाँटते हुए इस त्यौहार को मनाएँगे। इसे भी देखें / क्लिक करें 👇 संस्कृत दिवस पर श्लोक (Sanskrit Week 2021- 2022)प्यारे मित्रों, संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में आप भी यदि संस्कृत सप्ताह समारोह में कहीं भाग लें तो संस्कृत भाषा में जरूर बोलें और संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम के दौरान संस्कृत गीत, संस्कृत श्लोक आदि अवश्य गुनगुनाएँ। इससे माँ भारती देवों की वाणी संस्कृत आप पर अत्यन्त प्रसन्न होगी। नीचे दिए संस्कृत श्लोकों को संस्कृत दिवस के दिन अवश्य गुनगुनाएँ। यहाँ संस्कृत भाषा में एक सुन्दर सा गीत प्रस्तुत किया जा रहा है।
आयान्तु! संस्कृतम् आचरामो वयम्। संस्कृतं संस्कृतं वदामो वयम् भारतीसंस्कृतं नमामो वयम्।। संस्कृतं संस्कृतं वदामो वयम् भारतीसंस्कृतं नमामो वयम्।।१।। संस्कृतस्योत्सवं चरामो वयम् देवभाषासुधां पिबामो वयम् यत्र व्याप्तं हि सर्वं जगत्मौलिकं भारतीसंस्कृतं नमामो वयम्।।२।। शंकरं वासुदेवं नमामो वयम्। जानकीराधिके नताः स्मो वयम् यत्र सर्वं प्रभाभासितं मौक्तिक्तं भारतीसंस्कृतं नमामो वयम् ।।३।। संस्कृतं भूतले गदामो वयम्। संस्कृतस्योत्सवं कीर्तयामो वयम्। संस्कृतं संस्कृतं वदामो वयं भारतीसंस्कृतं नमामो वयम् ४।। गीतम्- रचयिता "श्रीसुतः सन्दीपकोठारिप्रवरः" Sanskrit Song On Sanskrit Week with lyrics Is Embedded Here bellow.👇 If you are singer and want to sing new Sanskrit songs. For that if you want to get our new Sanskrit song lyrics then mail us at- यदि आप एक गायक हैं और उपरोक्त गीत को Record करवा सकते हैं या किसी भी प्रकार का अन्य नया संस्कृत गीत चाहते हैं तो हमें इस मेल एड्रेस पर अभी सन्देश भेजें। संस्कृत सप्ताह का उद्देश्य Sanskrit Week Purposeसंस्कृत भारत की आत्मा है। भारत एक समय में विश्वगुरु के रूप में जाना जाता था। उसके पीछे एक ही कारण था हमारी संस्कृति और संस्कृत भाषा। आज संस्कृत दिवस को मनाने का उद्देश्य यही है कि हम सब पुनः अपने भारत को विश्वगुरु बनाएं एवं अपनी संस्कृत भाषा को जन-जन तक पहुँचाएं. संस्कृत भाषा पुनः अपने वास्तविक स्थान को प्राप्त करे। संस्कृत भाषा को बढावा मिले। आज अगर हम किसी भी देश से पीछे हैं तो उसके पीछे एकमात्र कारण है कि हम अपनी संस्कृति एवं संस्कृत के विज्ञान को भूल रहे हैं। हमारी संस्कृत में निहित - "विश्वस्य हितं संस्कृते निहितम्" ज्ञान-विज्ञान को हम पुनः प्राप्त कर सकें अतः संस्कृत दिवस मनाया जाता है। आपको ये भी पसंद आ सकते हैं 👇👇 संस्कृत सप्ताह सन्देश (Sanskrit Saptah Day 2022 Message)सम्पूर्ण विश्व में विभिन्न देश आज संस्कृत भाषा का जयघोष कर रहे हैं। संस्कृत भाषा में निहित - विज्ञान को लेकर आज सारा संसार विस्मय के सागर में डूब रहा है। ऐंसे समय में हम माँ भारती के उपासकों को अपनी संस्कृत भाषा को आत्मसात् करना चाहिए. इससे भी जरूरी यह है कि हमें संस्कृतभाषा के उन सूत्रों का अपने की जीवन में सहर्ष पालन करना चाहिए, जो हमें-
आप संस्कृत भाषा पढें या न पढें लेकिन देवों की वाणी संस्कृत के उपरोक्त व्यावहारिक सूत्रों को अपने जीवन अवश्य चरितार्थ करें। हम सब को आजीवन संस्कृतमय संस्कारित बनने का एक दृढसंकल्प करना चाहिए, जिससे पुनः हमारा भारत विश्वगुरु के पद को अलंकृत कर सके! हम आशा करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा! हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताएँ। धन्यवादाः। इन्हें देखें / क्लिक करें 👇 संस्कृत सप्ताह का आयोजन कब हुआ था?सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था। तब से संपूर्ण भारत में संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन को इसीलिए चुना गया था कि इसी दिन प्राचीन भारत में शिक्षण सत्र शुरू होता था।
संस्कृत दिवस कब मनाया जाते हैं?विस्तार World Sanskrit Day: आज 12 अगस्त, 2022 की तारीख काफी खास है। आज के दिन को विश्व संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हर साल श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर इस दिवस का आयोजन किया जाता है।
संस्कृत सप्ताह कैसे मनाया जाता है?संस्कृत दिवस भारत में प्रतिवर्ष 'श्रावणी पूर्णिमा' के दिन मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षा बन्धन ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है। ऋषि ही संस्कृत साहित्य के आदि स्रोत हैं, इसलिए श्रावणी पूर्णिमा को "ऋषि पर्व" और "संस्कृत दिवस" के रूप में मनाया जाता है।
कदा आयोजन कब किस दिनांक को मनाया जाता है?कदा आयोजन कब किस दिनांक को मनाया जाता है? इसे सुनेंरोकेंइसका आयोजन 8 मार्च को होता है.
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