संस्कृत में प्रार्थना पत्र कैसे लिखते हैं? - sanskrt mein praarthana patr kaise likhate hain?

Application In Sanskrit For 2 Days Leave: संस्कृत जिसे देव भाषा के रूप मे भी जाना जाता है भारतीय संस्कृति के विरासत का प्रतीक है। संस्कृत भारत व विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषाओ मे से एक है तथा अनेक भाषाओ की जननी संस्कृत ही है। वर्तमान मे संस्कृत देश मे कम बोले जाने वाली भाषा बन गई है परंतु इसके महत्वता से हम सब परिचित है और इसीलिए आज देश के विभिन्न स्कूलो व कालेजो मे इसे विशेष रूप से प्राथमिकता दी जा रही है।

इस आर्टिकल में हम संस्कृत में अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र आपके साथ साझा कर रहे हैं जो कि स्कूल के विध्यार्थियों के साथ ही विभिन्न संस्कृत प्रेमियो के लिए महत्वपूर्ण है।

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संस्कृत में प्रार्थना पत्र कैसे लिखते हैं? - sanskrt mein praarthana patr kaise likhate hain?

Write Two Days Leave Application In Sanskrit (संस्कृत में अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र)

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श्रीमन्‍त: प्राचार्यमहोदया:

शासकीय उत्‍कृष्‍ट उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय:

दमोहनगरम् मध्‍यप्रदेश:

विषय:- अवकाशार्थं प्रार्थनापत्रम् ।

श्रीमन्‍त:

सेवायां सविनयं निवेदनम् इदं यद अहम् अघ अकस्‍माद् ज्‍वरपीडित: अस्मि।  अत एव विद्यालयम् आगन्‍तु सर्वथा असमर्थ: अस्थि। कृपया 09-02-2021 दिनांकात् 10-02-2021 दिनांकपर्यन्‍तं पच्‍चदिवसानाम् अवकाशं यच्‍छन्‍तु इति। सविनियं प्रार्थयामि।

   भवदीय: शिष्‍या:

      (अ, ब, स)

कक्षा दशमी ‘ब” वर्ग:

दिनांक: (08-02-2021)                                                                                                            

Leave Application in Sanskrit for Urgent Work at Home ( घर पर आवश्यक कार्य संस्कृत में अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र)

संस्कृत में प्रार्थना पत्र कैसे लिखते हैं? - sanskrt mein praarthana patr kaise likhate hain?
आवश्यक कार्य संस्कृत में अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र
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प्रार्थना पत्र संस्कृत में कैसे लिखें?

श्रीमन्‍त: सेवायां सविनयं निवेदनम् इदं यद अहम् अघ अकस्‍माद् ज्‍वरपीडित: अस्मि। अत एव विद्यालयम् आगन्‍तु सर्वथा असमर्थ: अस्थि।

संस्कृत में कक्षा कैसे लिखते हैं?

अत: कक्षा' को संस्कृत में कक्षः या कक्ष्या कहते हैं

संस्कृत में निबंध कैसे लिखें?

मम विद्यालयः नगरस्य एकस्मिन् सुरम्ये स्थले स्थितः अस्ति । अत्र अध्यापकानां संख्या सप्तति:, छात्राणां च सहस्रम् वर्तते । शिक्षाक्षेत्रे अस्य ख्याति: अत्याधिका अस्ति ।

संस्कृत में अनुवाद कैसे किया जाता है?

जब हम हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते है, तब कर्ता और क्रिया दोनों ही - एक ही वचन तथा एक ही काल, एक ही पुरुष, एक ही पद के होना चाहिये। यदि कर्ता एक वचन है तो पुरुष भी एक वचन और क्रिया भी एक ही वचन की होगी। इस प्रकार अहम् गच्छामि, दोनों एक वचन है, एक ही पुरुष है उत्तम पुरुष। अपि = भी, च = और, किम् = क्या ।