Home » Class 9 Hindi » NCERT Solutions for Class IX Kritika Part 1 Hindi Chapter 4 -Maatee vaalee माटी वाली Exercise
: Solution of Questions on page Number : 48 प्रश्न 1: ‘शहरवासी सिर्फ़ माटी वाली को नहीं, उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं।’ आपकी समझ से वे कौन से कारण रहे होंगे जिनके रहते ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे? प्रश्न 2: माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज़्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था? प्रश्न 3: ‘भूख मीठी कि भोजन मीठा’ से क्या अभिप्राय है? प्रश्न 4: ‘पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गई चीज़ों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।’ – मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त
कीजिए। प्रश्न 5: माटी वाली का रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है? प्रश्न 6: आज माटी वाली बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी – इस कथन के आधार पर माटी वाली के हृदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए। प्रश्न 7: ‘गरीब आदमी का शमशान नहीं उजड़ना चाहिए।’ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 8: ‘विस्थापन की समस्या’ पर एक अनुच्छेद लिखिए। भखू मीठी कि भोजन मीठा से क्या अभिप्राय है माटी वाली पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए?प्रश्न 3: 'भूख मीठी कि भोजन मीठा' से क्या अभिप्राय है? उत्तर : इस बात का आशय है जब मनुष्य भूखा होता है तो उस भूख के कारण उसे बासी रोटी भी मीठी लगती है। यदि मनुष्य को भूख न हो तो उसे कुछ भी स्वादिष्ट भोजन या खाने की वस्तु दे दी जाए तो वह उसमें नुक्स निकाल ही देता है।
माटी वाली पाठ के आधार पर बताइए कि वे कौन से कारण रहे होंगे जिनके चलते माटी वाली को सब पहचानते थे?Answer: इसमें मालकिन द्वारा अपने पुरखों की मेहनत के प्रति आदर व सम्मान का भाव व्यक्त किया गया है। वह अपने पुरखों की परिस्थितियों को समझने की पूरी कोशिश करती है कि उन्होंने किन परिस्थितियों में संघर्ष कर घर की ये चीज़ें बनाई है। इसलिए वह उस संघर्ष के प्रति सम्मान भाव रखते हुए उन्हें यूंही बेच देना नहीं चाहती।
माटी वाली कहानी में एक बूढ़ी माटी वाली के माध्यम से लेखक ने किस समस्या को उठाया है और उसका क्या परिणाम हुआ?'माटी वाली' नामक इस पाठ में लेखक ने गरीबों के विस्थापन की समस्या को अत्यंत प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। लेखक ने टिहरी से विस्थापित होने वाले लोगों के दर्द को अत्यंत गहराई से महसूस किया है। माटी वाली के पास न अपनी कोई जमीन थी और न माटाखान का कोई कागज। वह तो गाँव के ठाकुर की जमीन पर झोंपड़ी डालकर रहती है।
माटी वाली कौन थी उसकी समस्या का समाधान कैसे होना चाहिए था?माटी वाली अत्यंत गरीब बूढ़ी हरिजन महिला थी। टिहरी शहर में घर-घर माटी पहुँचाने के अलावा उसकी आजीविका का कोई दूसरा साधन न था। उसके पास खेती के लिए न कोई ज़मीन थी और न रहने के लिए। वह ठाकुर की जमीन पर झोंपड़ी बनाकर रहती थी जिसके लिए उसे बेगार करना पड़ता था।
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